विषयसूची इसे सुनेंरोकें1707 ई. में साहू मुगलों की जेल से छूटकर मराठा राज्य का राजा बना था। उसके शासन के दौरान पेशवा की शक्ति में तेजी के साथ वृद्धि हुई और मराठा सम्राट नाम मात्र का शासक रह गया। 1702 ई. 18वीं शताब्दी कब से कब तक थी?इसे सुनेंरोकें18 वीं सदी के 1 जनवरी, 1701 (से चली MDCCI 31 दिसंबर, 1800 (करने के लिए) MDCCC )। अठारहवीं शताब्दी के दौरान, प्रबुद्धता की सोच के तत्व अमेरिकी , फ्रांसीसी और हाईटियन क्रांतियों में परिणत हुए । सदी के दौरान, दास व्यापार और मानव तस्करी का वैश्विक स्तर पर विस्तार हुआ। बीसवीं सदी के उत्तरार्ध का एक अद्भुत अविष्कार क्या है?इसे सुनेंरोकेंई-मेल की एक अवधारणा थी इंटरनेट का आविष्कार पूरे विश्व में जाना जाता है, और कुछ वर्षों में हजारों लोगों द्वारा इसका उपयोग किया गया था बीसवीं शताब्दी के अंत तक, बीस लाख पहले ही थे। 19वीं शताब्दी कब से शुरू हुई? 1 जनवरी 1801उन्नीसवीं शताब्दी / शुरू होने की तारीख 18 वीं शताब्दी में कितने आविष्कार दर्ज किए गए थे? इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है।…18 शताब्दी
18 वीं सदी में क्या हुआ था?इसे सुनेंरोकें18वीं शताब्दी में भारत में दो महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुए, जिन्होंने सता के ढांचे को पूरी तरह बदल दिया तथा बहुत से महत्त्वपूर्ण सामाजिक तथा आर्थिक परिवर्तनों की शुरूआत की। पहला शताब्दी के पूर्वार्द्ध में मुगल साम्राज्य से क्षेत्रीय शक्तियों में सत्ता हस्तांतरण तथा दूसरा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में आए परिवर्तन। 18 वीं शताब्दी का मतलब क्या होता है?इसे सुनेंरोकें18 शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। बीसवीं सदी को किसका युग कहा जाता है?इसे सुनेंरोकेंग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ – २००० तक चली थी। 21वीं सदी का मतलब क्या है? इसे सुनेंरोकें२१वीं शताब्दी ऍनो डोमिनो या आम युग की वर्तमान शताब्दी हैं, ग्रेगोरी कालदर्शक के अनुसार। इसका प्रारम्भ जनवरी १, २००१ को हुआ और दिसम्बर ३१, २१०० पर अंत होगा। ग्रेगरी पंचांग के अनुसार ईसा की इक्कीसवीं शताब्दी १ जनवरी २००१ से ३१ दिसम्बर २१०० तक मानी जाती हैं। मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
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देशPublished: November 20, 2021 06:00 AM Tipu Sultan Birthday18वीं शताब्दी का महान शासक टीपू सुल्तान, जिसने अंग्रेजों को भारत से निकालने का प्रयत्न किया20 नवंबर, आज टीपू सुल्तान का जन्मदिन है। उनका जन्म 20 नवंबर 1750 में कर्नाटक के देवनाहल्ली में हुआ था। बहुत कम लोग जानते है कि उनका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था। वहीं उनके पिता का नाम हैदर अली और माँ का फकरुन्निसाँ था। उनके पिता मैसूर साम्राज्य के एक सैनिक थे लेकिन अपनी ताकत के बल पर वो 1761 में मैसूर के शासक बने। टीपू सुल्तान को इतिहास न केवल एक योग्य शासक और योद्धा के तौर पर देखता है बल्कि वो विद्वान भी था। टीपू सुल्तान की वीरता से प्रभवित होकर उनके पिता हैदर अली ने ही उन्हें शेर-ए-मैसूर के खिताब से नवाजा था। 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में टीपू एक ऐसा महान शासक था जिसने अंग्रेजों को भारत से निकालने का प्रयत्न किया। अपने पिता हैदर अली के पश्चात 1782 में टीपू सुल्तान मैसूर की गद्दी पर बैठा। अपने पिता की तरह ही वह भी अत्याधिक महत्वाकाँक्षी कुशल सेनापति और चतुर कूटनीतिज्ञ थे यही कारण था कि वह हमेशा अपने पिता की पराजय का बदला अंग्रेजों से लेना चाहते थे, अंग्रेज उनसे काफी भयभीत रहते थे। टीपू सुल्तान की आकृति में अंग्रेजों को नेपोलियन की तस्वीर दिखाई पड़ती थी। टीपू सुल्तान अनेक भाषाओं का ज्ञाता थे। उन्होंने अपने पिता के समय में ही उन्होंने प्रशासनिक सैनिक तथा युद्ध विधा लेनी प्रारंभ कर दी थी परंतु उनका सबसे बड़ा अवगुण जो उनकी पराजय का कारण बना वह फ्रांसिसियों पर बहुत अधिक निर्भरता और भरोसा। टीपू सुल्तान अपने पिता के समान ही निरंकुश और स्वन्त्रताचारी थे लेकिन फिर भी प्रजा की तकलीफों का उन्हें काफी ध्यान रहता था। अत: उनके शासन काल में किसान प्रसन्न थे। वह कट्टर व धर्मान्त मुस्लमान थे। उनके चरित्र के सम्बन्ध में विद्वानों ने काफी मतभेद है। टीपू सुल्तान को दुनिया का पहला मिसाइल मैन माना जाता है। बीबीसी की एक खबर के मुताबिक, लंदन के मशहूर साइंस म्यूजियम में टीपू सुल्तान के रॉकेट रखे हुए हैं। इन रॉकेटों को 18वीं सदी के अन्त में अंग्रेज अपने साथ लेते गए थे। टीपू द्वारा कई युद्धों में हारने के बाद एवं निजाम ने अंग्रेजों से सन्धि कर ली थी। ऐसी स्थिति में टीपू ने भी अंग्रेजों से संधि का प्रस्ताव दिया। वैसे अंग्रेजों को भी टीपू की शक्ति का अहसास हो चुका था इसलिए छिपे मन से वे भी संधि चाहते थे। दोनों पक्षों में वार्ता मार्च, 1784 में हुई और इसी के फलस्वरूप ‘मंगलौर की सन्धि’ सम्पन्न हुई। टीपू ने 18 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के विरुद्ध पहला युद्ध जीता था। ‘पालक्काड किला’, ‘टीपू का किला’ नाम से भी प्रसिद्ध है। यह पालक्काड टाउन के मध्य भाग में स्थित है। इसका निर्माण 1766 में किया गया था। यह किला भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण के अन्तर्गत संरक्षित स्मारक है। टीपू सुल्तान खुद को नागरिक टीपू कहा करता था। 19वीं सदी में ब्रिटिश सरकार के एक अधिकारी और लेखक विलियम लोगान ने अपनी किताब ‘मालाबार मैनुअल’ में लिखा है कि टीपू सुल्तान ने किस प्रकार अपने 30 हजार सैनिकों के दल के साथ कालीकट में तबाही मचाई थी। टीपू सुल्तान हाथी पर सवार था और उसके पीछे उसकी विशाल सेना चल रही थी। पुरुषों और महिलाओं को सरेआम फाँसी दी गई। उनके बच्चों को भी उन्हीं के साथ फाँसी पर लटकाया गया। सारे इतिहास को खंगालने से साफ़ पता चलता की टीपू एक इस्लामिक धर्मांध शासक था जिसकी तलवार पर ही लिखा था की “मालिक मेरी सहायता कर की मैं काफ़िरों का सफाया कर दूँ” कुर्ग के 80 हजार लोगों को या तो मार डाला गया या उन्हें बलपूर्वक मुसलमान बना दिया गया! 4 मई 1799 को 48 वर्ष की आयु में कर्नाटक के श्रीरंगपट्टना में टीपू सुल्तान की बहुत धूर्तता से अंग्रेजों द्वारा हत्या कर दी गयी। हत्या के बाद उनकी तलवार अंग्रेज अपने साथ ब्रिटेन ले गए। टीपू की मृत्यू के बाद सारा राज्य अंग्रेजों के हाथ आ गया था। 18 वीं सदी का आउटस्टैंडिंग शासक कौन था?तथा अवध में जो घनिष्ठ संबंध था, वह अलीवर्दी ख़ान के शासन काल (1740 - 1756) में बंगाल में भी स्पष्ट दिखाई दिया।
18 वीं शताब्दी के मध्य में मुगल साम्राज्य के पतन के क्या कारण थे?1707 ई० में औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात मुगल साम्राज्य का पतन आरंभ हो गया। 1739 ई० एवं 1747 ई० में क्रमश: नादिरशाह 811 18वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य के एवं अहमद शाह अब्दाली के आक्रमणों ने पतन के बाद स्वतंत्र हुए राज्य मुगलों की केंद्रीय सत्ता को कमजोर कर दिया।
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