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भारत में शिशु मृत्यु दर प्रवृत्तियाँ जनसंख्या अनुमान[संपादित करें]ऐसा अनुमान है कि विश्व के सबसे जनाकुल राष्ट्र के रूप में भारत चीन को 2030 तक लाँघ लेगा। भारत की जनसंख्या वृद्धि ने इन चिन्ताओं को जन्म दिया है कि इससे व्यापक बेरोज़गारी और राजनीतिक अस्थिरता फैलेंगी।[5][6] ध्यान रखें कि ये अनुमान, भविष्य की प्रजनन और मृत्यु दरों के बारे में कल्पनाएँ करते हैं, जो घटनास्वरूप सही नहीं भी हो सकते हैं। प्रजनन दर भी क्षेत्रानुसार भिन्न-भिन्न हैं; कुछ राष्ट्रीय औसत से ऊपर हैं तो कुछ नीचे। स्रोत:[7]
2020 अनुमान[संपादित करें]दशलक्षों में (उदाहरण: 361 = 361,000,000) स्रोत:[8]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]साँचा:Divcol
सरकार[संपादित करें]
सूचियाँ[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
1947 में भारत की जनसंख्या कितनी है?1947 में अविभाजित भारत की जनसंख्या लगभग 390 मिलियन (39 करोड़) थी। विभाजन के बाद, भारत में 330 मिलियन लोग रह गये, पश्चिम पाकिस्तान में 30 मिलियन और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में 30 मिलियन लोग थे।
आज से 100 साल पहले भारत की जनसंख्या कितनी थी?बीती सदी की शुरुआत यानी 1901 में भारत की आबादी 23 करोड़ थी और यह सदी जब खत्म हुई तो वर्ष 2000 में तो हमने 1 अरब का आंकड़ा पार कर लिया। यानी 100 सालों में 77 करोड़ की बढ़ोतरी। यहां जानना दिलचस्प होगा कि 1801 में भारत (उस जमाने के भारत में अब के पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल थे) की कुल आबादी 20 करोड़ से कम थी।
1965 में भारत की आबादी कितनी थी?2022 में, भारत की जनसंख्या कितनी है?. 1971 में भारत की आबादी कितनी थी?इसमें भारत की जनसंख्या 547,949,809 थी।
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