हजरत मोहम्मद की कितनी बीवियां थी? - hajarat mohammad kee kitanee beeviyaan thee?

देशभर में 21 नवंबर 2018 बुधवार यानि कि आज र्इद-ए-मीलाद-उन-नबी का त्योहार मनाया जा रहा है. इस्लाम धर्म का यह एक मुख्य त्योहार है. अरबी भाषा में इसका शाब्दिक अर्थ है 'जन्म' और 'मीलाद-उन-नबी' का तात्पर्य है 'हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन'.

  • News18HindiLast Updated :November 21, 2018, 12:33 IST

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हजरत मोहम्मद की कितनी बीवियां थी? - hajarat mohammad kee kitanee beeviyaan thee?

सभी पैगंबर मुहम्मद का नाम जानते हैं. वे तब से आज तक इस्लाम के सबसे प्रमुख लोगों में से एक हैं. लेकिन ज्यादातर लोग पैगंबर मुहम्मद के बारे में कुछ खास बातें नहीं जानते. लेस्ली हेजलटन नाम की लेखिका ने पैगंबर मुहम्मद के जीवन पर एक किताब लिखी है. जिसका नाम 'द फर्स्ट मुस्लिम' है. इसमें वे उनके जीवन के कई ऐसे तथ्यों की जानकारी देती हैं, जिनके बारे में कम लोग जानते हैं. ऐसे ही कुछ तथ्य हैं -

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हजरत मोहम्मद की कितनी बीवियां थी? - hajarat mohammad kee kitanee beeviyaan thee?

उनके पिता की मौत उनके जन्म से पहले ही हो गई थी. इसके बाद उन्हें शुरुआती 5 सालों के लिए पालन पोषण बेदू जनजाति के लोगों ने किया. जब वे अपनी मां के पास मक्का आए तो एक ही साल के अंदर वे भी चल बसीं. 6 साल की उम्र में अनाथ होने के बाद वे आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हो चुके थे. दमस्क में वे एक ऊंट की देखभाल करने वाले लड़के के तौर पर काम करते थे.

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हदीस के मुताबिक माना जाता रहा है कि खदीजा से पैगंबर मुहम्मद की शादी के फैसले में विधवा विवाह और बड़ी उम्र की महिला से भी शादी की जा सकती है, यह संदेश छिपा हुआ था. जबकि कम लोग जानते हैं कि पहली शादी उन्होंने प्यार के लिए की थी. जब पैगंबर मुहम्मद ने एक 40 साल की विधवा से शादी की, उनकी उम्र 25 साल थी. उन्हीं ने आगे बढ़कर शादी का प्रस्ताव रखा था. कई विद्वान मानते हैं कि खदीजा एक अमीर विधवा थी लेकिन शुरुआती साक्ष्य बताते हैं कि आपसी प्रेम और सम्मान के चलते यह शादी की गई थी. अपने बाद के जीवन में की गईं नौ शादियों में से ज्यादातर पैगंबर मुहम्मद ने सामाजिक संदेश देने के लिए की थीं.

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पैगंबर बनने के वक्त उनके मन में संदेह और दुख था. वे कुरान के अवतरित होने के वक्त डरे हुए थे. ऐसा उनके साथ मक्का के बाहर एक पहाड़ पर सन् 610 में हुआ था. वे उस वक्त 40 साल के थे. खुद उनके ही शब्दों में यह दर्द इतना ज्यादा था कि मुझे लगा, 'मैं मर रहा हूं.' उन्हें ऐसा भ्रम हो रहा था कि जैसे उन्हें कुछ हो रहा है. उन्हें यह भी डर था कि क्या मैं पैगंबर बनने लायक हूं!

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शुरूआत में उन्होंने भी शांतिपूर्ण विरोधों का तरीका अपनाया था. मक्का के अमीरों के बीच व्याप्त भ्रष्टाचार और घमंड को उनके संदेशों से प्रेरणा पाकर लोगों ने चुनौती देनी शुरू कर दी. मक्का उस दौरान समृद्ध शहर था. मुहम्मद ने अमीरों के बारे में ऐसी-ऐसी बातें जनता के सामने रखीं कि जनता अमीरों के खिलाफ हो उठी. जिससे अमीर भड़क गए. मुहम्मद सुधार चाहते थे लेकिन अमीरों ने इसे उनके खिलाफ भड़की एक चिंगारी के तौर पर देखा.

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पहले-पहल वे शांति के समर्थक ही थे. मक्का में खुद पर और अपने समर्थकों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ उन्होंने पहले 12 सालों तक बिल्कुल शांतिपूर्ण विरोध का तरीका चुना. लेकिन उनपर और उनके समर्थकों पर अत्याचार लगातार बढ़ते गए. 622 में वे इतने बढ़ गए कि उन्हें मक्का छोड़कर 200 मील दूर स्थित मदीना जाना पड़ा. इसके बाद मक्का से उनकी तीन लड़ाईयां हुईं. इसके बाद मक्का ने उनको एक समझौते के तहत स्वीकारते हुए आत्मसमर्पण कर दिया. उनको वापस भी बुलाया. इन आठ सालों में वे मदीना के ही हो गए थे. उन्होंने कहा कि वे मदीना में ही रहेंगे.

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उन्होंने अपने और विरोधियों के बीच की खाई को पाटने के लिए यह बात स्वीकार कर ली थी कि विरोधियों के रीति-रिवाज और भगवान भी पवित्र हैं लेकिन अल्लाह सबसे ऊपर है. लेकिन बाद में उन्हें यह समझ आया कि वे ऐसा करके अपने ही आदर्शों के साथ धोखा कर रहे हैं क्योंकि अल्लाह का कोई भी साथी नहीं हो सकता है. ऐसे वक्त में उनके पास अपनी यह गलती सरेआम स्वीकार कर पाने का साहस था और उन्होंने इसे लोगों के सामने स्वीकार भी किया.

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हजरत मोहम्मद की कितनी बीवियां थी? - hajarat mohammad kee kitanee beeviyaan thee?

जीवन के आखिरी में वे बुरी तरह बीमार थे. वे बिना अपना उत्तराधिकारी घोषित किए ही चल बसे थे. कोई बेटा जीवित न होने के चलते किसी को उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया जा सका. जिसके बाद से 'एक अल्लाह, एक जैसे लोगों' के एकता के नारे को मानने वाले धर्म में आज भी शिया और सुन्नी का बंटवारा बना हुआ है.

First Published: November 21, 2018, 10:15 IST

मोहम्मद पैगंबर ने कितनी बीवियां थी?

आख़िरकार उन्होंने दो शादियां कीं. उनके पहले पति का निधन हो गया और माना जाता है कि दूसरे पति से उन्होंने ख़ुद अलग होने का फ़ैसला किया था.

नबी की बीवी का नाम क्या था?

सही बुखारी (हदीस) के मुताबिक, हमारे नबी से निकाह के वक्त हज़रत आएशा (रजि.) की उम्र 6 साल थी और नबी की उम्र 53 साल की थी मगर उनकी रुख्सती 9 साल की उम्र में तब हुई जब वह शारीरिक रूप से बालिग हो गईं और रुखसती का यह पैगाम उनकी मां ने ही भिजवाया था. इस समय भारत से फरार चल रहे इस्लामी विद्वान डॉ.

क्या नबी ने 6 साल के बच्चे से शादी की?

हदीस की किताबों में निर्धारित शब्दों में यह रिवायत मौजूद है कि पैग़म्बर मुहम्मद का निकाह "हज़रत आयशा" से 6 वर्ष की आयु में हुआ,और 9 वर्ष की आयु में रुख़्सती हुई। परंतु बहुत से इतिहासिक तथ्य इसका समर्थन नहीं करते ।

नबी के कितने बच्चे थे?

मुहम्मद.