20 साल पुरानी बवासीर का इलाज - 20 saal puraanee bavaaseer ka ilaaj

बवासीर (Piles or Hemorrhoids) एक गंभीर समस्या है जिससे आजकल बहुत लोग परेशान हैं। यह गुदा में होने वाली एक समस्या है जिसमें अक्सर अंदर और बाहर की नसों में सूजन हो जाती है। बवासीर होने पर मल त्याग करना कठिन हो जाता है और जब ज्यादा जोर लगाया जाता है, तो इन नसों पर दबाव बनता है जिससे खून आ सकता है और गंभीर दर्द हो सकता है।

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बवासीर का सबसे बड़ा कारण कब्ज है, जो गलत खान-पान या सुस्त जीवनशैली की वजह से हो सकता है। बवासीर दो तरह की होती है आंतरिक और बाहरी। आंतरिक बवासीर में गुदा के अंदर नसें फूल जाती है और जोर लगाए जाने पर उनमें खून आ सकता है। बाहरी बवासीर में गुदा के बाहर मस्से बन जाते हैं जिससे मल त्याग करना कठिन और दर्दनाक बन जाता है।

अगर बवासीर के इलाज (Piles Treatment) की बात करें, तो एक्सपर्ट फाइबर और पानी से भरपूर चीजों के सेवन की सलाह देते हैं। ऐसा माना जाता है कि हेल्दी डाइट लेकर और फिजिकल एक्टिविटी में शामिल होकर इससे निपटा जा सकता है। जर्नल ऑफ फार्मेसी एंड टेक्नोलॉजी पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बवासीर के इलाज के लिए कुछ जड़ी बूटियां भी हैं, जो आपके लिए कारगर साबित हो सकती हैं।

(फोटो साभार: istock by getty images)

तिल के बीज और तेल खत्म करेगा बवासीर

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इसका वैज्ञानिक नाम सेसमम इंडिकम है। इसके पौधे उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह बढ़ते हैं। अध्ययन के अनुसार, यह खूनी बवासीर में उपयोगी हो सकते हैं। इसके लिए इसे पीसकर मक्खन के साथ लिया जाना चाहिए। इसके अलावा आप 60 ग्राम बीजों को अच्छी तरह चबाकर खा सकते हैं। बाहरी बवासीर पर तिल का तेल लगाने से आराम मिलता है।

खूनी बवासीर का रामबाण इलाज जामुन का पेड़

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इसका वैज्ञानिक नाम सायजीजियम क्यूमिनी है। जामुन एक बड़ा सदाबहार पेड़ है जिस पर गहरे बैंगनी काले रंग के फल आते हैं। जामुन का मीठा-खट्टा स्वाद होता है। इसके फल को मौसम में 2-3 महीने तक नमक के साथ लेना चाहिए। हर मौसम में इस फल का सेवन करने से बवासीर से खून बहने से बचा जा सकता है। ताजे फल को शहद के साथ लेने से भी लाभ होता है।

बवासीर के लिए नीम

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अध्ययन के अनुसार, बवासीर के मरीजों के लिए नीम फायदेमंद हो सकता है। बाजार में नीम का तेल भी मिलता है, जो बवासीर में असरदार है। इस तेल को दिन में दो बार प्रभावित जगह पर लगाने से दर्द और खुजली कम हो जाती है, जिससे समस्या के बढ़ने की संभावना कम हो जाती है और साथ ही राहत मिलती है।

बवासीर का घरेलू इलाज है-एलोवेरा

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अध्ययन के अनुसार, इसका उपयोग आंतरिक और बाहरी दोनों बवासीर में किया जाता है। इसे सीधे गुदा पर लगाया जा सकता है या एलोवेरा का रस (दिन में तीन बार 1 कप) भी लिया जा सकता है। यह उपचार में तेजी लाने, खुजली और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह रक्तस्राव को रोकने में भी मदद करता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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New Delhi : बवासीर बहुत ही खतरनाक समस्या है जिसे पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है। बवासीर रोग हो जाने पर हमारे गुदा के पास मस्से निकलने लगते हैं जिससे जख्म हो जाया करता है। यह बेहद असह्य पीड़ा का वाहक भी है। अगर ज्यादा लंबा खिंच जाये तो रोगी एनिमिक हो जाता है। उसे तमाम तरह के अन्य रोग भी घेर लेते हैं। रोगी की स्थिति कमजोर हो जाती है। उसके कई महत्वपूर्ण अंगों पर भी इसका असर पड़ता है। वैसे पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि अमरूद खाने से भी पाइल्स में मदद मिलती है।

In this age of WhatsApp and internet many videos or infomercials float around claiming that coconut oil can cure piles. Can coconut oil really cure #piles? Find out. https://t.co/MXyBE8llM3#DrMaranM #Constipation #GastroChennai #Gastroenterologist #SpringfieldWellnessCentre pic.twitter.com/A5FcN7MTSg

— Dr Maran (@drmaran) March 5, 2018

बवासीर के प्रकार : बवासीर को दो भागों में बांटा गया है। एक बाहर का बवासीर एक अंदरूनी बवासीर। अगर पेशाब करते वक्त पेशाब के साथ खून निकलता है तो इसे खूनी बवासीर का दर्जा दिया गया है। बाहरी बवासीर : इस बवासीर में रोगी के गुदा के बाहर मस्से निकल आते हैं। अक्सर इन मस्सों से खुजली उत्पन्न होती है जिसे खुजलाने पर वहां से खून भी निकलने लगता है।
अंदर का बवासीर : अंदरूनी बवासीर में मस्सों की जगह गुदा के भीतर होती है। जब व्यक्ति टॉयलेट करता है तो इन मस्सों में तेज दर्द होता है और टॉयलेट के माध्यम से खून निकलने लगता है। इससे रक्त नलिका में सूजन की समस्या भी होने लगती है जिससे हर वक़्त दर्द बना रहता है।

Self-care guidelines for preventive health measures-
1. Apply sesame oil/coconut oil in both the nostrils in morning and evening.
2. Take 1 tablespoon sesame/coconut oil in mouth. Do not drink, swish in the mouth for 2-3 minutes & spit it off.#पतंजलि_की_सेवा #Patanjali pic.twitter.com/GoKNJpfB2y

— Patanjali Ayurved (@PypAyurved) June 14, 2020

बवासीर का रामबाण इलाज : आज हम आपको बवासीर का 1 घरेलू रामबाण नुस्खा बताएंगे जिससे 48 घंटों के अंदर बवासीर का खात्मा हो जाएगा। इसके लिए हमें गाय के दूध की दही और एक नारियल चाहिए। इस नुस्खे को बनाने के लिए सबसे पहले नारियल की जटाओं को जलाकर उसकी राख को किसी स्वच्छ कांच की शीशी में पैक कर दें। सुबह के समय पेट साफ करके इस नुस्खे को प्रयोग में लाना है। इसके लिए एक कटोरी में थोड़ी सी दही लेकर उसमें 5 से 6 ग्राम नारियल का भस्म डालकर अच्छी तरह से मिलाएं और इसका सेवन करें। इस दवा का सेवन कर लेने के बाद पूरे दिन आपको किसी भी तरह की चीज का सेवन नहीं करना है।

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— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) January 19, 2017

इस दवा का सेवन आपको दिन में तीन बार करना है। सुबह, दोपहर और बिस्तर में जाने से पहले। अगर आपको भूख सहन नहीं हो रही है तो, आप दही खा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि, दही के अलावा किसी भी चीज का सेवन ना करें। इस दवा को 48 घंटों तक प्रयोग में लाएं आपको जल्द ही इस रोग से छुटकारा पा लेने की सूचना मिलेगी।

20 साल पुरानी बवासीर कैसे ठीक करें?

Piles home treatment: पुरानी से पुरानी बवासीर का शर्तिया इलाज कर सकती हैं घर-घर में मिलने वाली ये 4 जड़ी बूटियां.
तिल के बीज और तेल खत्म करेगा बवासीर इसका वैज्ञानिक नाम सेसमम इंडिकम है। ... .
खूनी बवासीर का रामबाण इलाज जामुन का पेड़ इसका वैज्ञानिक नाम सायजीजियम क्यूमिनी है। ... .
बवासीर के लिए नीम ... .
बवासीर का घरेलू इलाज है-एलोवेरा.

बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करना चाहिए?

अगर आप नियमित रूप से देसी घी का सेवन करते हैं तो कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए देसी घी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और बवासीर वाली जगह पर नियमित तौर पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या गायब हो जाएगी.

बवासीर का कौन सा पौधा होता है?

आयुर्वेद में इन जड़ी-बूटियों के माध्यम से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर भी किया जाता है. आज हम बात कर रहे हैं बवासीर की समस्या (Piles Problem) की. जब किसी व्यक्ति को बवासीर की समस्या होती है तो एनस के बाहरी और अंदरूनी हिस्से में एक मस्सा बन जाता है. इस मस्से में काफी दर्द और सूजन रहती है.

बार बार बवासीर होने का कारण क्या है?

जो लोग अधिक मिर्च मसाले से बना हुआ खाना खाते हैं, उन्हें ये बीमारी होने का काफी ज्यादा खतरा होता है। जो लोग काफी ज्यादा समय तक खड़े रहते हैं और जो लोग काफी ज्यादा भारी वजन उठाते हैं उन्हें भी बवासीर होने का खतरा बना रहता है। वहीं, बवासीर होने का एक कारण कब्ज भी है क्योंकि कब्ज में मल सूखा व कठोर होता है।