आसियान के मुख्य उद्देश्य क्या हैं? - aasiyaan ke mukhy uddeshy kya hain?

आसियान के मुख्य उद्देश्य क्या हैं? - aasiyaan ke mukhy uddeshy kya hain?
आसियान के गठन एवं आसियान का उद्देश्य

  • आसियान के गठन एवं उद्देश्य
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आसियान के गठन एवं उद्देश्य

‘एसियन’ या ‘आसियान’ का पूरा नाम ‘दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्र संघ’ (Association of South-East Asian Nations-ASEAN) है। यह इण्डोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन्स, सिंगापुर तथा तथा थाईलैण्ड का एक प्रादेशिक संगठन है। 1967 को बैंकाक में एक सन्धि-पत्र पर हस्ताक्षर कर इसके निर्माण की औपचारिक घोषणा की। बाद ब्रूनेई भी इसका सदस्य बना प्रारम्भ में वियतनाम, लाओस, कम्बोडिया तथा म्यांमार को प्रेक्षक 1984 में का दर्जा प्रदान किया गया था। 1995 में वियतनाम को तथा 30 अप्रैल, 1999 को कम्बोडिया को पूर्ण सदस्यता प्रदान कर दी गई। इसके साथ ही आसियान की सदस्य संख्या अब 10 हो गई है। आसियान के मौजूदा 10 सदस्य राष्ट्रों में इण्डोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन्स, सिंगापुर, थाईलैण्ड, ब्रूनेई, वियतनाम, म्यांमार एवं कम्बोडिया सम्मिलित हैं। आसियान देशों ने भारत को अपना आंशिक सहयोगी बना लिया है। 24 जुलाई, 1996 को भारत को आसियान का पूर्ण संवाद सहभागी बना लिया गया है। वर्तमान में भारत, चीन जापान और दक्षिण कोरिया इसक शिखर स्तर के हिस्सेदार हैं। भारत और चीन के अलावा अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और जापान आसियान के पूर्ण ‘डायलॉग साझेदार हैं।

आसियान का केन्द्रीय सचिवालय जकार्ता (इण्डोनेशिया) में है और उसका अध्यक्ष महासचिव होता है। महासचिव का पद प्रति दो वर्ष के लिए प्रत्येक देश को जाता है और देश के चुनाव का आधार अकारादि क्रम है। सचिवालय के ब्यूरो निदेशकों तथा अन्य पदों की भर्ती तीन वर्ष बाद होती है।.

आसियान के शिखर सम्मेलन सार्क की भाँति अधिक नहीं हुए हैं। पहला शिखर सम्मेलन 1976 में, दूसरा 1977 में तीसरा एक दशक बाद 1987 में, चौथा जनवरी, 1992 में, पाँचवां दिसम्बर, 1995 में थाइलैण्ड की राजधानी बैंकाक में, छठा दिसम्बर, 1998 में हनोई में, सातवां नवम्बर 2001 में बादर मेरी बेगावन (ब्रूनेई) में तथा नौवा शिखर सम्मेलन 7-8 अक्टूबर, 2003 को बाली (इण्डोनेशिया) में सम्पन्न हुआ। आसियान का 20वाँ शिखर सम्मेलन अप्रैल 2012 में कम्बोडिया की राजधानी नामपेन्ह में हुआ। विदेश मंत्रियों की बैठक प्रतिवर्ष अवश्य होती रही हैं।

आसियान का उद्देश्य

आसियान के दसों सदस्य राष्ट्रों में विभिन्न भाषा, धर्म, संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन, वाले लोग निवास करते हैं, इन देशों की औपनिवेशिक विरासत, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, राजनीति, आर्थिक एवं सामाजिक जीवन मूल्यों में भिन्नता है तथापि उनमें कतिपय चुनौतियों सामना करने की साझी समझ भी है। इन देशों के सम्मुख जनसंख्या विस्फोट, निर्धनता, आर्थिक शोषण, असुरक्षा आदि की समान चुनौतियाँ हैं जिन्होंने इन्हें क्षेत्रीय सहयोग के मार्ग पर चलने के लिए विवश कर दिया है।

आसियान के निर्माण का प्रमुख उद्देश्य द.पू. एशिया में आर्थिक प्रगति को त्वरित करना और उसके आर्थिक दायित्व को बनाये रखना है। मोटे तौर पर इसके निर्माण का उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों में राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक, तकनीकी, वैज्ञानिक, प्रशासनिक आदि क्षेत्रों में परस्पर सहायता करना तथा सामूहिक सहयोग से विभिन्न साझी समस्याओं का हल ढूंढ़ना है जो इसके निर्माण के समय आसियान घोषणा में स्पष्ट रूप से लिखित हैं। इसका ध्येय इस क्षेत्र में एक साझा बाजार तैयार करना और सदस्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना है। 14 दिसम्बर, 1987 को आसियान का तीसरा शिखर सम्मेलन मनीला में हुआ। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अन्त में आसियान देशों ने आपसी व्यापार बढ़ाने हेतु चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये।

आसियान क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग पर बल देने वाला संगठन है, इसका स्वरूप कदापि सैनिक नहीं है। सदस्य राष्ट्र ‘सामूहिक सुरक्षा’ जैसी किसी कठोर एवं अनिवार्य शर्त से बंधे हुए नहीं हैं। यह किसी महाशक्ति से प्रोत्साहित, प्रवर्तित एवं सम्बद्ध नहीं है। इसकी सदस्यता उन सभी दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के लिए खुली है जो इसके लक्ष्यों से सहमत हैं।

  • दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) अथवा सार्क के संगठन, उद्देश्य एवं सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  • सार्क का भविष्य या दक्षेस का भविष्य पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  • आसियान के कार्य एवं भूमिका की विवेचना कीजिए।
  • भारत एवं आसियान के मध्य संबंधों की विवेचना करो।

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आसियान के मुख्य उद्देश्य क्या है?

क्षेत्रीय शान्ति व स्थिरता को प्रोत्साहित करना। क्षेत्र में सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना। सांझे हितों में परस्पर सहायता व सहयोग की भावना को बढ़ाना।

आसियान का मतलब क्या होता है?

आसियान (ASEAN) का पूरा नाम Association of Southeast Asian Nations है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन एक क्षेत्रीय संगठन है जो एशिया-प्रशांत के उपनिवेशी राष्ट्रों के बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये स्थापित किया गया था।

आसियान के कार्य क्या है?

आसियान के कार्यों का क्षेत्र काफी व्यापक है। यह आज समस्त राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, तकनीकी तथा प्रशासनिक क्षेत्रों में कार्यरत है। इसके सदस्य देश अपनी वैयक्तिक कार्य-प्रणालियों को क्षेत्रीय संगठन द्वारा सुलझाने के लिए प्रस्तुत करते हैं।

आसियान आर्थिक समुदाय का उद्देश्य क्या है?

आसियान आर्थिक समुदाय-आसियान आर्थिक समुदाय का उद्देश्य आसियान देशों का साझा बाजार और उत्पादन आधार तैयार करना तथा इस इलाके में सामाजिक और आर्थिक विकास में सहायता करना है। यह संगठन इस क्षेत्र के देशों के आर्थिक विवादों को निपटाने के लिए बनी मौजूदा व्यवस्था को भी सुधारता है।