नींबू से पथरी का इलाज कैसे किया जाता है? - neemboo se patharee ka ilaaj kaise kiya jaata hai?

नींबू से पथरी का इलाज कैसे किया जाता है? - neemboo se patharee ka ilaaj kaise kiya jaata hai?

Lemonade For Kidney Stones: किडनी की पथरी में नींबू का सेवन करने से राहत मिल सकती है.

खास बातें

  • किडनी की पथरी में नींबू पानी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
  • किडनी की पथरी में होने वाले दर्द से राहत देगा नींबू पानी.
  • यहां जानें किडनी के पथरी के लक्षण और नींबू पानी के फायदे.

Lemonade For Kidney Stones: किडनी की पथरी में नींबू (Lemon) का सेवन करने से राहत मिल सकती है. पथरी होना आजकल एक आम समस्या हो गई है. किडनी की पथरी के लिए नींबू पानी (Lemon Water For Kidney Stone)  सेवन काफी कारगर साबित हो सकता है. गलत खान-पान और जरूरत से कम पानी पीना किडनी की पथरी (Kidney Stone) का अहम कारण है. किडनी में स्टोन यानी पथरी की कई वजहों से हो सकती है जैसे कि गलत लाइफस्टाइल, खाने की गलत आदतें या फिर साफ पानी और साफ चीजें न खाना. नींबू पानी को किडनी स्टोन के घरेलू उपायों (Home Remedies For kidney Stone) में शामिल किया जाता है. अगर किसी को पथरी की समस्या है तो एक नींबू का ये नुस्खा जरूर जान लेना चाहिए. कई लोगों में पथरी बनती है और बिना ज्यादा परेशानी के निकल भी जाती है लेकिन अगर पथरी बड़ी हो जाए तो यूरीन (Urine) के रास्ते में रुकावट पैदा करने लगती है.

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ऐसे में यूरीन के रास्ते में असहनीय दर्द होता है. इस समस्या से बचने के लिए मिल रहे छोटे-छोटे संकेतो को पहचानना बहुत जरूरी है. साथ ही किडनी स्टोन के कारण (Causes Of kidney Stone) क्या होते हैं और इसके उपाय (Kidney Stone Remedy) क्या हैं. इसको जानना भी काफी जरूरी है. 

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किडनी स्टोन के लक्षण | Symptoms Of Kidney Stone


- उल्टी या उल्टी करने की चाह

- पेशाब करने पर जलन का एहसास

- पीठ में या पेट के पास असहनीय दर्द

- दर्द जो बार-बार बढ़ता-घटता रहता है. 

सुबह की कब्‍ज से हैं परेशान, तो रात को सोने से पहले करें इस एक चीज का सेवन, जल्द मिलेगी राहत!

नींबू से पथरी का इलाज कैसे किया जाता है? - neemboo se patharee ka ilaaj kaise kiya jaata hai?
Kidney Stone: किडनी स्टोन में नींबू का पानी फायदेमंद हो सकता है

किडनी की पथरी में नींबू पानी है फायदेमंद | Lemonade Is Beneficial In Kidney Stones

- नींबू के रस में काफी उच्च मात्रा में सिट्रिक एसिड होता है जिसके प्रभाव से किडनी में मौजूद कैल्शियम और ऑक्ज़ालेट की पथरी घुल जाती है. नींबू के रस से पथरी बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है. यह पानी के अलावा एक अन्य पेय हो जाता है, जो आपकी दिन की पेय पदार्थों की खुराक बढ़ाता है. शरीर में जितना पानी मौजूद होगा उतना प्राकृतिक रूप से- शरीर के दूषित पदार्थ निकल जाएंगे. इसकी वजह से छोटी पथरी शरीर से यूरीन के जरिये बाहर आ सकती हैं.

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- पथरी के दर्द से राहत पाने में नींबू का पानी एक नेचुरल इलाज हो सकता है. नींबू में विटामिन सी, थायामिन, रिबोफ़्लिविन, पैंटोथेनीक एसिड, आयरन और मैग्नीशियम का एक अद्भुत मिश्रण पाया जाता है. इसके अलावा इसमें फाइबर, विटामिन बी 6, कैल्शियम, पोटेशियम और तांबा, साथ ही फोलेट और पोटेशियम होते हैं. टेंजी का स्वाद इसमें मौजूद एसिटिक एसिड से जैसे तत्व पाए जाते है. नींबू के रस में काफी उच्च मात्रा में सिट्रिक एसिड होता है जिसके प्रभाव से किडनी में मौजूद कैल्शियम और ऑक्ज़ालेट की पथरी घुल जाती है.

अस्वीकरण: यहां दी गई सामग्री या सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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नींबू से पथरी का इलाज कैसे किया जाता है? - neemboo se patharee ka ilaaj kaise kiya jaata hai?
बदली जीवनशैली और खानपान में बदलाव ने कई बीमारियां इजात की हैं जिनमें पथरी भी एक है।

लखनऊ। कई बार अचानक से पेट में दर्द को रवि कुमार (26) टाल देते थे लेकिन जब ये दर्द बढऩे लगा और उन्होनें डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उनके किडनी में पथरी है। धीरे धीरे दवा से इसे खत्म किया गया।

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रवि कुमार बताते हैं, ''मैं हॉस्टल में रहता था और खाना भी बाहर खाता था, साफ पानी भी नहीं मिलता था इसलिए मुझे स्टोन हो गया। डॉक्टरों ने यही कारण बताया फिर लगातार चार महीने के इलाज के बाद सही हुआ है।"

बदलती जीवनशैली और खानपान में बदलाव ने कई बीमारियां इजात की हैं जिनमें पथरी भी एक है। ये ज्यादातर किडनी, मूत्राशय, मूत्र नलिका में होती है। इसके इलाज एलोपैथी, होमोपैथी और आयुर्वेद में अलग अलग हैं-

बचाव

इसके बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए ताकि गुर्दे में नियमित पानी पहुंचें और कोशिकाओं को भी पानी की कमी न होने पाए, जिन लोगों को एक बार पथरी हो चुकी हो उन्हें दोबारा यह समस्या हो सकती है। ऐसे लोगों को पालक, टमाटर, आलू, चाय, चावल, नमक आदि बचकर खाना चाहिए।

लक्षण

किसी भी भाग में पथरी होती है तो पेशाब करने में दिक्कत आती है। पेशाब रूक-रूक कर होती है कभी कभी पेशाब के साथ खून भी आता है। पेट में दर्द, लगातार कब्ज या दस्त होना।

पथरी के कारण

शरीर में अंत:स्त्रावी ग्रंथियों के असंतुलन के कारण कई बार पेशाब में कैल्शियम जमा हो जाता है। अगर पेशाब के साथ कैल्शियम निकल जाता है तो ठीक है वरना गुर्दे में जमा होकर पथरी बना देता है। कैल्शियम के जमा होने के कारण भोजन में ज्यादा कैल्शियम होना है। पथरी किसी भी उम्र में हो सकती है, कई बार आनुवांशिक कारणों से पथरी होती है। खान पान में असंतुलन भी पथरी का कारण बनती है।

एलोपैथी में इलाज

लखनऊ के यूरोलॉजिस्ट डॉ संजीव प्रसाद बताते हैं, ''एलोपैथ में स्टोन का इलाज केवल काटपीट कर निकालना यानि सर्जरी है। समय से अगर पथरी नहीं निकाली गई तो वो अंग जहां स्टोन है वो पूरी तरह से खराब हो जाता है और उसे भी निकालना पड़ता है। इसमें मरीज को मैदे की चीजें, शराब, तम्बाकू और रेड मीट तो बिल्कुल जहर है, जितना मोटा अनाज खाएं और पानी पिए बेहतर होगा।

होम्योपैथी

लखनऊ के अलीगंज निवासी कविता सिंह (43) बताती हैं, ''मेरे पथरी था और अचानक से बहुत तेज दर्द उठता था। डॉक्टर जब तक इंजेक्शन नहीं देते थे आराम नहीं होता था। हमेशा डर लगा रहता था क्योंकि दर्द बहुत भयानक होता था। फिर होम्योपैथिक दवा लेनी शुरू की तीन महीने में मुझे आराम मिला, अब दर्द नहीं होता।" होम्योपैथ में पथरी का इलाज बताते हुए डॉ अविनाश श्रीवास्तव बताते हैं, ''होम्योपैथी दवा से डेढ़ से दो महीने मे ही पथरी टूट कर निकल जाती है। इन दवाओं का साइड इफेक्ट नहीं है।

आयुर्वेदिक इलाज

किडनी, मूत्राशय, मूत्र नलिका आदि में पथरी का होना या बनना कोई नया या अनजाना रोग नहीं है लेकिन अब तक इसके इलाज के लिए कोई चुनौतीपूर्ण और सटीक उत्पाद का बाजार में ना होना दुखद है। पथरी मुख्यत: कैल्सियम फास्फेट, कैल्सियम ओक्सालेट, यूरिक एसिड और मैग्नेशियम अमोनियम फास्फेट जैसे रसायनों के क्रिस्टल्स के जमाव के कारण होती है। ज्यादातर जमीन में पाए जाने वाले कठोर पानी और ज्यादा मिनरल्स युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से पथरी होने की संभावनांए बढ़ जाती है।

हर्बल आचार्य दीपक आचार्य बताते हैं

गिलोय

गिलोय को गुड़ूची के नाम से भी जाना जाता है। वनों में पायी जाने वाली इस बेल को पथरी और पथरी से जुड़े अन्य विकारों के इलाज के लिए जबरदस्त माना गया है। पेशाब करते समय यदि जलन महसूस हो तो गिलोय के तने का चूर्ण 10 ग्राम आंवला के फ लों का चूर्ण 10 ग्राम सोंठ चूर्ण 5 ग्राम गोखरु के बीजों का चूर्ण 3 ग्राम और अश्वगंधा की जड़ों का चूर्ण 5 ग्राम लिया जाए और इसे 100 उस पानी में उबाला जाए, प्राप्त काढ़े को रोगी को दिन में एक बार प्रतिदिन एक माह तक दिया जाना चाहिए।

पुनर्नवा

खरपतवार समझे जाने वाला यह पौधा किडनी में पथरी के लिए एक महत्वपूर्ण पौधा है। पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार पथरी की वजह से कमर और पेट में दर्द होने पर पुनर्नवा,कचूर और अदरक की समान मात्रा लेकर रोगी को खिलाना चाहिए, दर्द में तुरंत आराम मिलता है।

बड़ा नींबू या कागज़ी नींबू

इसका एक गिलास रस तैयार कर सुबह सुबह खाली पेट पी लिया जाए, पांच मिमी के आकार तक की पथरी घुलकर निकल आने का दावा ग्रामीण अंचलों के जानकार करते हैं।

आंवला

पेशाब करते समय जलन या कम पेशाब होने की शिकायत हो तो आंवले से बेहतर उपचार कोई और नहीं। आंवले के फ लों का रस, शक्कर और घी का मिश्रण अतिकारगर होता है। हर्बल जानकार भुमका आंवले के रस के साथ, इलायची के दानों को मिलाते है और हल्का गर्म करके पीने की सलाह देते हैं, इनके अनुसार उल्टियां, चक्कर या पेट दर्द जैसी समस्याओं में यह राहत देता ही है। दारू, हल्दी और आंवले के फलों का चूर्ण समान मात्रा में लेने से पेशाब संबंधित समस्याओं में गजब का फायदा होता है।

अश्वगंधा

अश्वगंधा की जड़ों का गुनगुना रस पीने से पथरी का दर्द कम होता है। अश्वगंधा की जड़ों का रस और आंवला के फ लों का रस समान मात्रा में आधा आधा कप लिया जाए तो मूत्राशय और मूत्र मार्ग में पेशाब करते समय जलन की शिकायत खत्म हो जाती है और माना जाता है कि यह पथरी को गलाकर पेशाब मार्ग से बाहर भी निकाल फेंकता है। अच्छे परिणामों के लिए इस नुस्खे का इस्तेमाल कम से कम दो माह तक किया जाना चाहिए।

सौंफ

सौंफ की चाय को पथरी के इलाज के लिए एक कारगर उपाय माना जाता है। सौंफ की चाय बनाने के लिए आधा चम्मच सौंफ के बीजों को कुचल लिया जाए और दो कप पानी में पांच मिनट तक उबाला जाए, जब यह गुनगुना हो जाए तो इसे पी लिया जाना चाहिए। ऐसा प्रत्येक दिन दो से तीन बार किया जाए तो पेट दर्द और किडनी के दर्द में राहत मिलती है। सौंफ की जड़ों का रस 25 मिली दिन में दो बार लेने से पेशाब से जुड़ी समस्याओं में तेजी से राहत मिलती है।

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नींबू से पथरी कैसे निकलती है?

चूंकि, नींबू में साइट्रेट की अधिक मात्रा होती है, इसलिए यह नए पत्थर नहीं बनने देता है। वहीं इसे पीने से पेशाब का उत्पदान बढ़ जाता है, जिससे पथरी धीरे-धीरे पेशाब नली के माध्यम से बाहर निकल जाती है।

पथरी को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करना चाहिए?

अश्वगंधा की जड़ों का गुनगुना रस पीने से पथरी का दर्द कम होता है। अश्वगंधा की जड़ों का रस और आंवला के फ लों का रस समान मात्रा में आधा आधा कप लिया जाए तो मूत्राशय और मूत्र मार्ग में पेशाब करते समय जलन की शिकायत खत्म हो जाती है और माना जाता है कि यह पथरी को गलाकर पेशाब मार्ग से बाहर भी निकाल फेंकता है।

पथरी कैसे गलती है?

गुर्दे की पथरी कैसे बनते हैं? जब मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और सिस्टीन जैसे कुछ पदार्थों का कंसंट्रेशन बढ़ने लगता है, तो वे क्रिस्टल बनाने लगते हैं जो गुर्दे से जुड़ने लगते हैं और धीरे-धीरे आकार में बढ़ कर पथरी का रूप लेने लगते हैं।

पथरी के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

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