22 अगस्त 2022 का पंचांग क्या है? - 22 agast 2022 ka panchaang kya hai?

भाद्रपद मास (Bhadrapada 2022) के कृष्णपक्ष की एकादशी (Ekadashi) तिथि पर किसी कार्य के लिए कौन सा समय शुभ और कौन सा समय अशुभ साबित हो सकता है, इसे विस्तार से जानने के लिए जरूर देखें 22 अगस्त 2022, सोमवार का पंचांग (Monday Panchang).

Aaj ka Panchang 22 August 2022:हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त आदि को देखकर किया जाता है. इन सभी चीजों के बारे में पता लगाने के लिए पंचांग (Panchang) की आवश्यकता पड़ती है. जिसके माध्यम से आप आने वाले दिनों के शुभ एवं अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हें. आइए पंचांग के पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण के साथ राहुकाल, दिशाशूल (Dishashool), भद्रा (Bhadra), पंचक (Panchank), प्रमुख पर्व आदि की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं.

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भद्रा और राहुकाल का समय

पंचांग के अनुसार किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य के लिए भद्रा और राहुकाल को बहुत ज्यादा अशुभ माना गया है। मान्यता है कि इसमें काम करने पर तमाम तरह की बाधाएं आती हैं। पंचांग के अनुसार आज सोमवार को भद्रा पूर्वाह्न 03:35 बजे तक रहेगी, जबकि राहुकाल का समय प्रात:काल 07:31 से 09:09 बजे तक रहेगा। ऐसे में इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचें।

किधर रहेगा दिशाशूल

पंचांग के अनुसार किसी भी शुभ या महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए भद्रा और राहुकाल के साथ शुभ-अशुभ दिशा का भी विचार किया जाता है। पंचांंग के अनुसार सोमवार के दिन पूर्व दिशा में दिशाशूल होता है, ऐसे में इस दिशा में विशेष कार्य को करने से बचना चाहिए और यदि बहुत जरूरी हो तो घर से निकलते समय दर्पण देखकर यात्रा करना चाहिए।

22 अगस्त 2022 का पंचांग

(देश की राजधानी दिल्ली के समय पर आधारित)

विक्रम संवत – 2079, राक्षस

शक सम्वत – 1944, शुभकृत्

दिन (Day)सोमवारअयन (Ayana)दक्षिणायनऋतु (Ritu)वर्षामास (Month)भाद्रपद मासपक्ष (Paksha)कृष्ण पक्षतिथि (Tithi)एकादशीनक्षत्र (Nakshatra)मृगशिरा प्रात:काल 07:41 बजे तक तदुपरांत आर्द्रायोग (Yoga)वज्र रात्रि 11:41 बजे तक तदुपरांत सिद्धिकरण (Karana)बव सायंकाल 04:51 बजे तक तदुपरांत बालवसूर्योदय (Sunrise)प्रात: 05:54 बजेसूर्यास्त (Sunset)सायं 06:54 बजेचंद्रमा (Moon)मिथुन राशि मेंराहु काल (Rahu Kaal Ka Samay)प्रात:काल 07:31 से 09:09 बजे तकयमगण्ड (Yamganada)प्रात:काल 10:46 से दोपहर 12:24 बजे तकगुलिक (Gulik)दोपहर 02:01 से 03:39 बजे तकअभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurt)प्रात:काल 11:58 से दोपहर 12:50 बजे तकदिशाशूल (Disha Shool)पूर्व दिशा मेंभद्रा (Bhadra)पूर्वाह्न 03:35 बजे तकपंचक (Pnachak)—

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Aaj Ka Panchang 22 August 2022: आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि और सोमवार का दिन है। एकादशी तिथि आज का पूरा दिन रहेगी। आज रात 11 बजकर 41 मिनट तक व्रज योग रहेगा। साथ ही आज सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र लग जायेगा। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए सोमवार का पंचांग,राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय। 

शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि - आज का पूरा दिन रहेगी।
  • व्रज योग - आज रात 11 बजकर 41 मिनट तक
  • मृगशिरा नक्षत्र  - आज सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक

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राहुकाल

  • दिल्ली- शाम 05:17 से शाम 06:55 तक 
  • मुंबई-  शाम 05:27 से शाम 07:02 तक 
  • चंडीगढ़ - शाम 05:20 से शाम 06:58 तक 
  • लखनऊ - शाम 05:01 से शाम 06:38 तक 
  • भोपाल- शाम 05:12 से शाम 06:48 तक 
  • कोलकाता- शाम 04:27 से शाम 06:03 तक 
  • अहमदाबाद-  शाम 05:31 से शाम 07:07 तक 
  • चेन्नई- शाम 04:53 से शाम 06:26 तक

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सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

  • सूर्योदय - सूर्योदय- सुबह 5:53 बजे 
  • सूर्यास्त - सूर्यास्त- शाम 6:53 बजे

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)

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इसके निम्नलिखित नियम हैं जैसे कि दैनिक पंचांग की बेहतर समझ के लिए इससे अच्छी तरह से वाकिफ होना चाहिए। यह विभिन्न ज्योतिषीय घटनाओं के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है और किसी भी तरह से आपको कुछ भी नया शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त समय खोजने में मदद करता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त - हिंदू कैलेंडर में सूर्योदय से अगले सूर्यादय तक की अवधि को एक दिन माना जाता है। अतः, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ज्योतिष में बहुत महत्व रखता है। सभी प्रमुख निर्णय सूर्य और चंद्रमा की स्थिति पर विचार करने के बाद ही लिए जाते हैं।

चंद्रोदय और चन्द्रास्त - अनुकूल समय का निर्धारण करने के लिए चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय हिंदू कैलेंडर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शक संवत - शक संवत भारतीय आधिकारिक नागरिक कैलेंडर है, जिसे 78 ईस्वी में स्थापित किया गया था।

अमांत माह - हिंदू कैलेंडर, में जो चंद्र महीना अमावस्या के दिन समाप्त होता है, उसे अमांत माह के रूप में जाना जाता है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा कुछ ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं।

पूर्णिमांत माह - हिंदू कैलेंडर में चंद्र महीना पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है उसे पूर्णिमांत माह के रूप में जाना जाता है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं जो इस हिंदू कैलेंडर का पालन करते हैं।

सूर्य राशि और चंद्र राशि - सूर्य चिह्न, राशि के आधार पर किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है और यह उसके जन्म के समय एक मूल राशि के राशि चक्र में सूर्य की स्थिति से निर्धारित होता है। चंद्र चिन्ह से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के भावनात्मक पहलू का पता चलता है, और यह उसके जन्म के समय मूल राशि के चार्ट में राशि चक्र की स्थिति से निर्धारित होता है।

पक्ष - तिथि को दो हिस्सों में बांटा गया है। प्रत्येक ‘आधे’ भाग को एक पक्ष के रूप में जाना जाता है। इसके दो पक्ष हैं, जैसेः शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

शुभ समय / अच्छा समय

अभिजीत नक्षत्र - जब भगवान ब्रह्मा मकर राशि में स्थित होते हैं, तो इसे अभिजीत नक्षत्र के रूप में जाना जाता है। नए कार्यों को करने और नई खरीदारी करने के लिए यह सबसे शुभ अवधियों में से एक माना जाता है।

अमृत ​​कालम् - यह अन्नप्राशन संस्कार और अन्य हिंदू अनुष्ठानों को करने का समय है। यह बहुत ही शुभ समय माना जाता है।

गुलिकई कालम् - गुलिका मंडा के बेटे उर्फ ​​शनि थे। इस समय को गुलिकई कालम् के नाम से जाना जाता है। इस अवधि के दौरान किसी भी कार्य की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है अतः इससे बचना चाहिए।

यमगंडा - यह एक अशुभ अवधि है, और किसी भी सफल और समृद्ध उद्यम के कार्य के लिए यह समयावधि वर्जित है।

दुर मुहूर्तम - यह दिन में एक बार सूर्यास्त से पहले एक बार आता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले इस समय से बचना चाहिए

व्रज्याम कालम् - व्रज्याम या विशघटिका वह समय है जो वर्तमान दिन से शुरू होता है और आने वाले दिन से पहले समाप्त होता है। इसे सौम्य काल नहीं माना जाता है।

राहु कालम् - राहु की अवधि किसी भी कार्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। किसी भी नई पहल के लिए राहु के प्रभाव से पूरी तरह बचा जाना चाहिए।

22 अगस्त 2022 को क्या है?

22 अगस्त 2022 का पंचांग: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष एकादशी है.

22 अगस्त 2022 को कौन सा नक्षत्र है?

22 August 2022 Monday: 22 अगस्त 2022, दिन- सोमवार, भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, एकादशी तिथि, मृगशिरा नक्षत्र 7.41 बजे तक फिर आर्द्रा नक्षत्र रहेगा. चंद्रमा मिथुन राशि में प्रवेश करेगा और भगवान सूर्य सिंह राश‍ि में व‍िराजमान हैं.

अगस्त में पंचांग कब से हैं?

तिथि
चतुर्थी
15:23 तक
योग
शुक्ल
22:47 तक
सूर्योदय
05:59
सूर्यास्त
18:42
चंद्रमा
तुला
12:03 तक
Aaj Ka Panchang 31 August 2022: आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समयwww.amarujala.com › astrology › aaj-ka-panchang-tithi-today-31-august-2...null

अगस्त का पंचांग क्या है?

30 अगस्त 2022 का पंचांग: आज सूर्य सिंह राशि में संचरण करेंगे चन्द्रमा कन्या में संचरण करेंगे.