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BSSC CGL (Check your Preparation) - Mini Live Test 50 Questions 200 Marks 45 Mins Last updated on Dec 8, 2022 BPSC 67th Mains Application Dates have been extended till 10th December 2022 with a late fee incurred. The BPSC Mains Exam will be taking place on 29th, 30th, and 31st December 2022. The BPSC 68th Exam Notification has been released for 281 posts and candidates can apply for the BPSC 68h Prelims from 25th November 2022 to 20th December 2022. The BPSC Prelims Result for the 67th Schedule released on 17th November 2022 along with this BPSC 67th Prelims Final Answer Key has also been released. The candidates will be selected on the basis of their performance in prelims, mains, and personality tests. A total of 802 candidates will be recruited through the BPSC Exam 67th schedule. वर्ष 1946 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एटली ने भारत में एक तीन सदस्यीय उच्च-स्तरीय शिष्टमंडल भेजने की घोषणा की। इस शिष्टमंडल में ब्रिटिश कैबिनेट के तीन सदस्य- लार्ड पैथिक लारेंस (भारत सचिव), सर स्टेफर्ड क्रिप्स (व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष) तथा ए.वी. अलेक्जेंडर (एडमिरैलिटी के प्रथम लार्ड या नौसेना मंत्री) थे। इस मिशन को विशिष्ट अधिकार दिये गये थे तथा इसका कार्य भारत को शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिये, उपायों एवं संभावनाओं को तलाशना था।
करना
मिशन ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के प्रतिनिधियों के बातचीत की। मिशन ने सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए हिंदु-मुस्लिम के बीच सत्ता साझेदारी की योजना बनाई। उधर, कांग्रेस पार्टी ने अंग्रेजों के चले जाने पर मुस्लिम नेताओं और मुस्लिम जनता से स्वयं बातचीत कर उन्हें निर्णय लेने के लिए राजी करना चाहते थे। अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के नेता जिन्ना भारत के साथ रहना चाहते थे लेकिन वह संविधान में मुसलमानों को विशेष राजनीतिक संरक्षण की गारंटी भी चाहते थे। मुस्लिम लीग ने तर्क दिया की अंग्रेजों के चले जाने के बाद भारत हिंदू राष्ट्र में बदल जाएगा। मुस्लिम लीग के इस तर्क का अंग्रेजों ने समर्थन किया। आरंभिक बातचीत के बाद मिशन ने 16 मई 1946 को नई सरकार के गठन का प्रस्ताव रखा।संविधान सभा में 389 सीटें रखी गई। जिसमें से 292 ब्रिटिश प्रांत के प्रतिनिधि, 4 कमिश्नर एवं 93 देशी रियायतें थी। बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]Four chief commissionerate state 1- Delhi 2- ajmer-marwad 3-kurg 4-british Baluchistan इनमें से कौन कैबिनेट मिशन का सदस्य नहीं था?| इनमें से कौन कैबिनेट मिशन का सदस्य नहीं था? Please scroll down to see the correct answer and solution guide. Right Answer is: BSOLUTIONआर्चीबाल्ड वेवेल सही नहीं है।
Related Questions1946 Ka Cabinet Mission Teen Mantriyon Se Gathit Tha . NimnLikhit Me Se Kaun Iska Sadasya Nahi Tha -सम्बन्धित प्रश्नComments Bikram kumar on 18-08-2022 Cabinate mission ka sadys nahi hai Anjeet Kumar on 03-02-2022 1946 का कैविनेट मिशन तीन मंत्रियो से गठित था निम्नलिखित में से कौन इसका सदस्य नही है Shivendra kumar on 12-05-2019 Rupya namak phla Sikka kisne jari kiya आप यहाँ पर 1946 gk, कैबिनेट question answers, तीन general knowledge, मंत्रियों सामान्य ज्ञान, गठित questions in hindi, इसका notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं। निम्नलिकित में से कौन कैबिनेट मिशन का सदस्य नहीं है?सही जवाब है वेवेल । वेवेल कैबिनेट मिशन का सदस्य नहीं था।
कैबिनेट मिशन के सदस्य कौन थे ?`?वर्ष 1946 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एटली ने भारत में एक तीन सदस्यीय उच्च-स्तरीय शिष्टमंडल भेजने की घोषणा की। इस शिष्टमंडल में ब्रिटिश कैबिनेट के तीन सदस्य- लार्ड पैथिक लारेंस (भारत सचिव), सर स्टेफर्ड क्रिप्स (व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष) तथा ए. वी. अलेक्जेंडर (एडमिरैलिटी के प्रथम लार्ड या नौसेना मंत्री) थे।
कैबिनेट मिशन का नाम कैसे पड़ा इसके सदस्य कौन थे?वी. अलेक्जेंडर और भारत सचिव लॉर्ड पैथिक लोरेंस शामिल थे। पैथिक लोरेंस को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। भारत आने वाली तीन सदस्यों की इस समिति को ही इतिहास में 'कैबिनेट मिशन' के नाम से जाना जाता है।
कैबिनेट मिशन के आगमन के समय भारत का वायसराय कौन था?लार्ड लिनलिथगो 1936 से 1944 तक भारत के वायसराय थे।
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