मध्य प्रदेश में मिट्टी तेल का रेट क्या है? - madhy pradesh mein mittee tel ka ret kya hai?

चलिये देखते है Kerosene Oil Rate क्या है और मिट्टी का तेल किस काम आता है. केरोसिन आयल का उपयोग मुख्य रुप से लाइट चलाने और घरों में स्टोव के जरिये खाना पकाने के लिए किया जाता था. लेकिन अब पिछले कुछ सालों से इस काम के लिए इसका इस्तेमाल काफी मात्रा में कम हुआ है.

परन्तु इसके अलावा भी मिट्टी के तेल का उपयोग इंधन के रूप में किया जाता है. तथा रॉकेट लॉन्च आदि में भी इस तेल का इस्तेमाल किया जाता है.

Kerosene Oil Rate

केरोसिन आयल का रेट करीब 60 रुपए प्रति लीटर है. आज भी बहुत से लोग केरोसिन तेल से चूल्हा जलाकर खाना आदि पकाते है. और जहाँ अभी तक इलेक्ट्रिसिटी नहीं पहुँच पाई है वहां पर इसी तेल से लाइट जलाई जाती है.

तो इस आर्टिकल में आपको पता चल गया होगा की Kerosene Oil Rate कितना है और इस तेल का उपयोग कहाँ कहाँ किया जाता है. काफी लोग मिट्टी के तेल को दर्द वाली जगह पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल करते है.

Kerosene Oil- खबर तो यह है कि केरोसीन अब भी चलन से बाहर नहीं हुआ है. कई राज्य अभी भी केंद्र सरकार से केरोसीन मांगते हैं और लोग भी इसे इस्तेमाल करते हैं. केंद्र केरोसीन पर सब्सिडी को बंद कर चुका है

Kerosene Oil-केरोसिन यानी मिट्टी के तेल का शायद नई पीढ़ी के कई लोगों ने नाम भी न सुना हो. आपको लगता होगा कि अब इसका इस्तेमाल कौन करता है. आपने शायद ही इसे कहीं बिकता हुआ देखा होगा. हम में से ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि केरोसिन तो कब का सिस्टम से बाहर हो चुका है, लेकिन, ऐसा नहीं है. केरोसिन अभी भी चलन से बाहर नहीं हुआ है. कई राज्य अभी भी केंद्र से केरोसिन मांगते हैं और लोग भी इसे इस्तेमाल करते हैं. केंद्र केरोसिन पर सब्सिडी को बंद कर चुका है.हालांकि, पिछले फिस्कल में केंद्र ने इस पर 2,677 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी.

केरोसिन की बिक्री पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम यानी PDS के तहत अभी भी होती है. सितंबर से दिसंबर तिमाही के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने 44.74 करोड़ लीटर केरोसिन का आवंटन राज्यों को किया है. केरोसिन मांगने के मामले में पश्चिम बंगाल सबसे आगे रहा, जबकि बिहार दूसरे नंबर पर है. राज्यों का कहना है कि लोग केरोसिन की मांग कर रहे हैं. आपको बता दें कि केरोसीन (मिट्टी का तेल) एक तरल खनिज है जिसका मुख्य उपयोग दीप, स्टोव को जलाने में होता है.

पिछले साल फरवरी तक सब्सिडी को खत्म कर दिया गया था. चार साल के भीतर सभी कीमतों में 23.8 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई.

मुंबई में 15.02 रुपए प्रति लीटर से लेकर 36.12 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ोतरी हुई. इसके बाद, बेंचमार्क अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों के साथ पीडीएस की दरों ने मासिक रूप से संशोधित किया है.

मई 2020 में दरें गिरकर 13.96 रुपये प्रति लीटर हो गई, लेकिन तब से दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर 30.12 रुपए प्रति लीटर हो गई है. जनवरी में अंतिम मूल्य वृद्धि में, दरों में 3.87 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई.

क्या है सरकार की चिंता

केरोसिन के लिए अभी भी डिमांड होना एक तरह से चिंता की भी बात है. वजह ये है कि केरोसिन के बड़े तौर पर खाना बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. दूसरी ओर, सरकार गांव-देहातों में भी क्लीन एनर्जी यानी LPG सिलेंडर के इस्तेमाल को बढ़ाने पर पूरा जोर दे रही है.

वहीं उज्जवला योजना जैसी बेहद महत्वाकांक्षी योजना चलाई गई है. इसमें परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाता है, लेकिन, ऐसा जान पड़ रहा है कि लोगों ने इसके कनेक्शन तो लिए हैं, लेकिन महंगे सिलेंडर के चलते वे इसकी रीफिलिंग नहीं करा रहे हैं और ऐसे में वे केरोसिन का इस्तेमाल खाना बनाने में कर रहे हैं.

इससे ये भी पता चल रहा है कि लोगों की कमाई और कामकाज अभी भी पटरी पर नहीं लौटा है और वे सिलेंडर खरीदारी की हैसियत में नहीं हैं. यानी ये सरकार के लिए एक बड़े सिरदर्द से कम नहीं है और उसे अपनी नीतियों में इस बात को ध्यान में रखना होगा.

सार्वजनिक वितरण प्रणाली का नया सिस्टम एक अप्रैल से क्रियान्वित किए जाने की तैयारी खाद्य विभाग ने पूरी कर ली है। अभी तक बीपीएल व अंत्योदय उपभोक्ताओं को 22 रुपए लीटर के रेट से केरोसिन राशन की दुकानों से मिल रहा है। तीन महीने बाद केरोसिन का वितरण उचित मूल्य की दुकानों से बंद हो जाएगा। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले उपभोक्ता, प्राथमिक परिवारों सहित अंत्योदय कार्डधारियों को केरोसिन बाजार से 50 रुपए लीटर खरीदना होगा।

ऐसे दो लाख सात हजार पांच सौ तिरेपन उपभोक्ताओं के बैंक खाते में सरकार 28 रुपए लीटर के मान से सब्सिडी का भुगतान करेगी। उल्लेखनीय है कि सिस्टम के मुताबिक बीपीएल कार्डधारी को दो लीटर व अंत्योदय उपभोक्ता को चार लीटर केरोसिन राशन की दुकानों से दियाजा रहा है।

ग्राम पंचायत भिंगीड़ार के उचित मूल्य दुकान संचालक द्वारा 27 रुपए का मिटटी तेल हितग्राहियों को 40 रुपए की दर से बेचा जा रहा है। जब इसकी जानकारी हितग्राहियों को लगी तो हितग्राहियों ने विक्रेता से इस संबंध में बात की।  विक्रेता ने हितग्राहियों को अधिकारियों को खर्चा देने की बात कहते हुए अधिक राशि लेना बताया। इसके बाद हितग्राहियों ने इसकी शिकायत पखांजूर एसडीएम से करते हुए दुकान संचालक पर कार्रवाई की मांग की है। ग्राम भिंगीडार में उचित मूल्य की दुकान का संचालन ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। समस्त राशन कार्डधारियों को मिट्टी तेल 40 रुपए लीटर की दर से बेचा जा रहा है। जबकि शासन द्वारा मिटटी तेल का मूल्य 27 रूपए निर्धारित किया गया है। ग्रामीण भुवन मंडल, नरोत्तम मंडल, हिरदास सरदार, हरिचांद बघेल, प्रताप जैन आदि ने बताया सेल्समैन द्वारा न सिर्फ मिट्टी तेल का अधिक रेट लिया जाता है, साथ ही तौल में कम सामान दिया जाता है। 

कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू 
खाद्य निरीक्षक पखांजूर जतिन देवांगन ने बताया कि दुकानदार ने मिट्टी तेल 40 की दर में बेचा है। उसे नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

मिट्टी के तेल का सरकारी रेट क्या है?

केरोसिन आयल का रेट करीब 60 रुपए प्रति लीटर है.

मध्यप्रदेश में केरोसिन कितने रुपए लीटर है?

28 सब्सिडी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे उपभोक्ताओं को केरोसिन अब बाजार से 50 रुपए लीटर के रेट से खरीदना होगा। केरोसिन लेने वाले उपभोक्ता को केन्द्र सरकार 28 रुपए लीटर के रेट से सब्सिडी का भुगतान करेगी।

मिट्टी के तेल का खुदरा बाजार मूल्य क्या है?

इसके बाद मिट्टी तेल का नया मूल्य निर्धारण कर दिया गया है। अब उपभोक्ताओं को 14.20 प्रति लीटर से लेकर 14.70 प्रति लीटर में मिलेगा।

केरोसिन क्या रेट?

एक लीटर केरोसिन की क्या है कीमत यहां एक लीटर केरोसिन के लिए 84.54 रुपये चुकाने पड़ेंगे।