Kriya in Hindi Grammar (क्रिया) – Kriya ki Paribhasha, Kriya ke bhed, Karm ke aadhar par kriya ke bhed – Sakarmak Kriya or Akarmak Kriya, Rachna ke aadhar par kriya ke bhed Show
Kriya in Hindi Grammar
परिभषा – जिस शब्द से किसी कार्य के करने या होने का बोध हो, उन्हें क्रिया कहते हैं | जैसे – बच्चे खेल रहे हैं। धातु- क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है। धातु के साथ “ना” प्रत्यय जोड़कर क्रिया का सामान्य रूप बनता है। जैसे – लिख + ना = लिखना क्रिया के भेद (Kriya ke bhed in Hindi Grammar) / क्रिया के कितने प्रकार होते हैं
कर्म के आधार पर क्रिया के भेद (Karm ke aadhar par kriya ke bhed)1. सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) सकर्मक क्रिया क्या है / सकर्मक क्रिया की परिभाषाजिस क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- भावना कहानी पड़ती है। सकर्मक क्रिया की पहचान क्रिया के साथ क्या, किसे, किसको शब्द लगाकर प्रश्न करने पर यदि उत्तर की प्राप्ति होती है तो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- पुलिस ने चोर को पीटा। नेहा पुस्तक पढ़ रही है। सकर्मक क्रिया के भेद (Sakarmak Kriya ke bhed) / सकर्मक क्रिया के कितने भेद होते हैं 1. एककर्मक क्रिया 1. एककर्मक क्रिया – जिस क्रिया का एक कर्म हो, उसे एककर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे – मोहन ने साइकिल चलाई। 2. द्विकर्मक क्रिया – जिस क्रिया में दो कर्म हो उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे – नीरजा ने विवेक को पुस्तक दी। अकर्मक क्रियाजिस क्रिया के साथ कर्म नहीं होता है तथा क्रिया का प्रभाव सिर्फ़ कर्ता पर पड़ता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं| अर्थात – बिना कर्म के → जिस क्रिया का फल सीधा कर्ता पर पड़ता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं जैसे – ममता हंस रही है। अकर्मक क्रिया की पहचान क्रिया से पहले ‘क्या’, किसे, किसको शब्द लगाकर प्रश्न करने पर यदि नहीं मिलता तो क्रिया अकर्मक होती है। → प्रश्न करने पर यदि उत्तर… “कर्ता” की प्राप्ति होती है तो भी क्रिया अकर्मक होती है। जैसे- बच्चा सो गया। रचना के आधार पर (Rachna ke aadhar par kriya ke bhed)संरचना की दृष्टि से क्रिया के निम्नलिखित पांच भेद हैं। 1. सामान्य क्रिया सामान्य क्रियाजिस वाक्य में एक क्रिया होती है उसे सामान्य क्रिया कहते हैं। जैसे- सीता ने रोटी खाई। संयुक्त क्रियाजब दो या दो से अधिक क्रियाएँ मिलकर किसी पूर्ण क्रिया को बनाती हैं, तब वे संयुक्त क्रियाएँ कहलाती हैं। जैसे- माताजी ने प्रसाद बांट दिया। नामधातु क्रियासंज्ञा, सर्वनाम और विशेषण शब्दों से बनने वाली क्रियाओं को नामधातु क्रिया कहते हैं | जैसे- संज्ञा शब्दों से बनी क्रियाएं- सर्वनाम शब्दों से बनी क्रियाएं- रंग= रंगना विशेषण शब्दों से बनी क्रियाएं- गर्म= गर्माना प्रेरणार्थक क्रियाजहाँ कर्ता कार्य को स्वयं न करके, किसी दूसरे से करवाता है, वहाँ प्रेरणार्थक क्रिया होती है | प्रेरणार्थक क्रिया के दो रूप हैं। 1. प्रथम प्रेरणार्थक 1. प्रथम प्रेरणार्थक – जब कर्ता स्वयं प्रेरक बनकर अन्य किसी को कार्य करने की प्रेरणा देता है उसे प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे – मैं आपको कहानी सुनाऊंगी। 2. द्वितीय प्रेरणार्थक – जब कर्ता स्वयं कार्य में सम्मिलित न होकर अन्य किसी से कार्य करवाता है उसे द्वितीय प्रेरणार्थक कहते हैं। जैसे – माताजी नौकर से सफाई करवाती है। पूर्वकालिक क्रियाकिसी भी वाक्य में मुख्य क्रिया से पहले वाली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है | Summary: क्रिया के कितने भेद होते हैं? ( kriya ke kitne bhed hote hain )क्रिया के भेद (कर्म के आधार पर)
क्रिया के भेद (रचना के आधार पर)
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