जब किसी चालक को आवेशित किया जाता है, तो इसके लिए हमे कुछ कार्य करना पड़ता है। यही कार्य चालक में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है जिसे आवेशित चालक की ऊर्जा कहते है। Show Solution : आवेशित चालक की स्थितिज ऊर्जा – किसी चालक को आवेशित करने में किया गया कार्य ही उस चालक की स्थितिज ऊर्जा कहलाती है। Solution : जब किसी चालक को आवेशित किया जाता है, तो इसके लिए हमे कुछ कार्य करना पड़ता है। यही कार्य चालक में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है जिसे आवेशित चालक की ऊर्जा कहते है। Solution : प्रत्येक चालक को आवेशित करने में कुछ कार्य करना पड़ता है। यह कार्य चालक में वैद्युत स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित रहता है। इसे ही आवेशित चालक की ऊर्जा कहते हैं । आवेशित चालक की स्थितिज ऊर्जा क्या होती है?Solution : आवेशित चालक की स्थितिज ऊर्जा – किसी चालक को आवेशित करने में किया गया कार्य ही उस चालक की स्थितिज ऊर्जा कहलाती है। <br> व्यंजक – माना कि चालक की धारिता C है। जब इस चालक पर कोई आवेश नहीं है तब इसका विभव `V_(1) = 0` है। परन्तु जब इस पर Q आवेश पहुँचा दिया जाता है।
आवेशित चालक की ऊर्जा कितनी होती है?किसी आवेशित चालक की स्थितिज ऊर्जा के लिए व्यंजक U = 1/2 CV2 अथवा 1/2 q2/C प्राप्त कीजिए जहाँ C चालक की धारिता q चालक पर आवेशं तथा V उसका विभव है।
आवेशित चालक क्या है?Solution : प्रत्येक चालक को आवेशित करने में कुछ कार्य करना पड़ता है। यह कार्य चालक में वैद्युत स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित रहता है। इसे ही आवेशित चालक की ऊर्जा कहते हैं । <br> व्यंजक-मानलो किसी चालक की धारिता C है।
संधारित्र की स्थितिज ऊर्जा क्या है?(electric potential energy of capacitor) संधारित की विद्युत स्थितिज ऊर्जा (U) : किसी संधारित्र को आवेशित करते समय विभिन्न आवेशो द्वारा किया गया कुल कार्य संधारित्र की विद्युत स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित रहता है। माना संधारित्र को dq आवेश देने में संपन्न कार्य dW है।
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