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International Women’s Day 2021 Date (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है): 1975 में, अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष को मान्यता प्राप्त हुई। इस दिन पहली बार संगठन में महिला दिवस मनाया गया था।International Women’s Day 2021 Date: हर साल 8 मार्च को दुनिया भर में इंटरनैशनल विमेंस डे मनाया जाता है। साल 1908 में इस दिन को पहली बार सेलिब्रेट किया गया था। राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ये दिन मनाया जाता है। साथ ही, इस दिन लोगों को लैंगिक समानता व महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरुक भी किया जाता है। सन् 1996 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को एक खास थीम के साथ मनाना शुरू किया। इसी साल से विमेंस डे को आधारिक मान्यता मिली। इस बार क्या है विमेंस डे का थीम: साल 2021 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम इंटरनैशनल विमेंस डे डॉट कॉम के मुताबिक ‘Choose To Challenge’ है। बता दें कि विमेंस डे का पहला थीम अतीत का जश्न, भविष्य की योजना था। कैसे हुई विमेंस डे मनाने की शुरुआत: 1908 में 15000 महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में बेहतर, काम की अवधि कम करने और मताधिकार पाने के लिए मार्च किया था। तब 1909 में अमेरिका के सोशलिस्ट पार्ची ने वहां 28 फरवरी को महिला दिवस मनाना शुरू किया। उसके करीब साल भर बाद क्लारा जेटकिन नामक महिला ने विश्व भर में महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया था। 8 मार्च को क्यों मनाया जाता है?: पहले विश्वयुद्ध में करीब 2 मिलियन रूसी सैनिकों के मारे जाने के बाद 1917 में फरवरी माह के आखिरी रविवार को रूसी महिलाओं ने ब्रेड और पीस नाम से 4 दिनों तक स्ट्राइक किया। जुलियन कैलेंडर जो उस वक्त रूस में इस्तेमाल होता था, उसके अनुसार ये दिन 23 फरवरी का था। जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक 8 मार्च, तभी से विमेंस डे हर साल 8 मार्च को मनाया जाने लगा। भारत में इसलिए भी है खास: महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिए दुनिया भर में इस दिन को मनाया जाता है। पर भारत में इस दिन को अधिक खास इसलिए भी माना जाता है क्योंकि समाज भले ही कितना भी जागरुक हो गया हो मगर आज भी एक तबका ऐसा है जहां पुरानी रूढ़िवादी धारणाओं को अहमियत दी जाती है। एक तरफ जहां महिलाएं घर के साथ ऑफिस भी चलाती हैं। वहीं, दूसरी ओर कहीं-कहीं घर के फैसले लेने तक इजाजत नहीं है और न ही पढ़ाई करने की। हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर लोग उन महिलाओं को शुभकामनाएं भेजते हैं, जिनका उनके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है. इसके साथ ही लोग महिलाओं के त्याग और परिश्रम के लिए इस खास दिन उनके प्रति सम्मान की भावना भी दिखाते हैं. सोशल मीडिया के चलन के बाद से इस दिन को काफी महत्व मिलने लगा है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं कि आखिर इस खास दिन को मनाया क्यों जाता है और इसकी शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई? अगर आप भी नहीं जानते अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day)से जुड़ी खास बातें तो आइए जानते हैं:
1. कब और कहां से शुरू हुआ महिला दिवस?Youtube8 मार्च को महिलाओं के लिए विशेष माना जाने वाला यह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उन महिलाओं के सम्मान में मनाना शुरू किया गया, जिन्होंने पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अपने अधिकारों की मांग करते हुए एक बड़ा आंदोलन किया. इस विशेष दिन की नींव 1908 में तब रखी गई जब न्यूयॉर्क की 15 हज़ार महिलाओं ने एक साथ मिल कर आंदोलन किया. इन महिलाओं से समय से ज़्यादा काम लिया जाता था. आंदोलनरत महिलाओं ने मांग रखी थी कि उनके प्रतिदिन के काम के घंटों में कम किए जाए. इसके अलावा महिलाओं ने वोट देने का अधिकार भी मांगा. कहते हैं यह पहला मौका था जब इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई थी. परिणाम स्वरूप एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया. 2. एक राष्ट्रीय आयोजन अंतरराष्ट्रीय कैसे बना?TOIमहिलाओं के इस आंदोलन के बाद सबसे पहले अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने राष्ट्रीय महिला दिवस मनाना शुरू किया, लेकिन इस राष्ट्रीय आयोजन को पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1911 में मनाया गया. इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय बनाने का विचार सबसे पहले क्लारा जेटकिन नामक महिला को आया. 1910 में कोपेनहेगन में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वर्किंग वीमेन में क्लारा ने पहली बार यह विचार दुनिया के सामने रखा. क्लारा के इस सुझाव को समर्थन मिला उन 100 महिलाओं का जो 17 देशों की प्रतिनिधि के रूप में इस कांफ्रेंस का हिस्सा बनने आई थीं. क्लारा के इस सुझाव को मंज़ूरी मिली तथा 1911 में राष्ट्रीय महिला दिवस को ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड जैसे देशों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में बदल दिया. 2011 में इस विशेष दिन की शताब्दी मनाई गई तथा इस साल दुनिया महिला दिवस की 110वीं वर्षगांठ मना रही है. बता दें कि इस दिवस को आधिकारिक तौर पर मनाने की घोषणा 1975 में तब की गई जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे मनाना शुरू किया. 3. कब और कैसे मनाया जाता है महिला दिवस?TOIभले ही क्लारा के दिए हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के सुझाव को मंज़ूरी मिल गई थी लेकिन इसके बाद भी यह बात स्पष्ट नहीं हुई थी कि इस आयोजन को हर साल किस दिन मनाया जाएगा. यह वर्ष 1917 था जब रूसी महिलाओं के एक आंदोलन ने यहां की सत्ता में बड़ा उलट फेर कर दिया. यह आंदोलन यहां की महिलाओं द्वारा रोटी और शांति की मांग के लिए किया जा रहा था. चार दिन चले इस विरोध प्रदर्शन के बाद महिलाओं की जीत हुई तथा तत्कालीन रूसी ज़ार को सत्ता छोड़नी पड़ी. इसके साथ ही यहां की महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी मिला. बता दें कि जिस दिन रूसी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जूलियन कैलेंडर के मुताबिक वह तारीख थी 23 फरवरी और दिन था रविवार. वहीं ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक़ यह तारीख 8 मार्च थी. इस तरह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाने लगा. 1996 से यह विशेष दिन हर साल एक नए थीम के आधार पर मनाया जाता है. इस साल संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार इस आयोजन के लिए एक थीम निर्धारित किया थी, जो थी 'अतीत का जश्न मनाओ, भविष्य की योजना बनाओ. ’ इस तरह 2021 में भी यह विशेष दिन एक थीम पर आधारित है और यह थीम है ‘चूज़ टू चैलेंज'. 4. महिला दिवस के लिए कौन से रंग हैं खास?BCCL1908 में ब्रिटेन की वीमेंस सोशल एंड पॉलिटिकल यूनियन (डब्ल्यूएसपीयू) ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के लिए तीन रंग चुने. यह रंग थे बैंगनी, हरा और सफेद. इन तीनों रंगों का अलग अलग महत्त्व है. जैसे कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कैंपेन के अनुसार हरा रंग उम्मीद को दर्शाता है, बैंगनी रंग प्रतीक है न्याय और गरिमा का और सफेद रंग दर्शाता है शुद्धता को. यह दिन महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है. समाज, राजनीति तथा अर्थशास्त्र में महिलाओं की पहुंच कितनी बढ़ी है, इस बात के लिए मनाया जाता है ये खास दिन. इसके अलावा इस दिन दुनिया को महिलाओं के साथ होने वाली असमानताओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है. हर देश में इस दिवस को मनाने के अलग अलग तरीके हैं. आज के दिन कई देशों में अवकाश रहता है. वहीं रूस में इन दिनों फूलों की बिक्री बढ़ जाती है. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद रोम से शुरू हुए चलन के बाद इटली में इस दिन लोग एक दूसरे को छुई-मुई का फूल देते हैं. वहीं अमेरिका में 'मार्च' को महिला इतिहास का महीना माना जाता है. भारत सहित अन्य देशों में इस दिन लोग अपने जीवन में महत्व रखने वाली महिलाओं को शुभकामना संदेश भेजते हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब से मनाना प्रारंभ हुआ?इसका शताब्दी आयोजन 2011 में मनाया गया था, इस लिहाज़ से 2021 में दुनिया 110वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाएगी. हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसे मनाने की शुरुआत 1975 में तब हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने इस आयोजन को मनाना शुरू किया.
राष्ट्रीय महिला दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 13 फरवरी के दिन मनाया जाता है। यह 8 मार्च को मनाए जाने वाले महिला दिवस से अलग है क्योंकि उस दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस होता है और 13 फरवरी को भारत का महिला दिवस होता है। राष्ट्रीय महिला दिवस सरोजिनी नायडू को समर्पित है। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?International Women's Day: 08 मार्च क्यों है खास? अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की मनाने का विचार एक मजदूर आंदोलन से उत्पन्न हुआ था. साल 1908 में जब 15 हज़ार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में रैली निकाली थी जिसकी मांग थी नौकरी के घंटे कम करना, काम के हिसाब से वेतन देना और साथ ही मतदान का भी अधिकार.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को क्यों मनाया जाता है?8 मार्च को क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस? अमेरिका में महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर मार्च निकाला था। जिसके बाद अगले साल सोशलिस्ट पार्टी ने इसी दिन महिला दिवस मनाने की घोषणा कर दी। वहीं 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल शुरू की थी।
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