अवसादी शैल कितने प्रकार के होते हैं? - avasaadee shail kitane prakaar ke hote hain?

अवसादी शैल कितने प्रकार के होते हैं? - avasaadee shail kitane prakaar ke hote hain?

चट्टानों के प्रकार:- चट्टान मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं – आग्नेय, अवसादी एवं कायांतरित। Types of rocks in Hindi Notes for UPSC and PCS.

चट्टान या शैल (रॉक) किसे कहते हैं ?

पृथ्वी की सतह के कठोर भाग को चट्टान या शैल कहते है। इसे उत्पत्ति के आधार पर तीन प्रकार में बाँटा गया है –

  1. आग्नेय चट्टाने (Igneous Rock)
  2. अवसादी चट्टाने (Sedimentary Rock)
  3. कायान्तरित चट्टाने (Metamorphic Rock)

  • चट्टान या शैल के प्रकार
    • 1. आग्नेय चट्टान (Igneous Rock)
    • 2. अवसादी चट्टान (Sedimentary Rock)
    • 3. कायान्तरित चट्टान (Metamorphic Rock)

चट्टान या शैल के प्रकार

इन तीनों का विस्तृत विवरण निम्नवत है-

1. आग्नेय चट्टान (Igneous Rock)

  • आग से बनी चट्टानें यानी ज्वालामुखी से निकले लावा, मैग्मा एवं धूल के कणों के ठंड़ा होने पर जो चट्टाने बनती है वे आग्नेय चट्टाने कहलाती है।
  • इन्हें प्राथमिक या मातृ शैल भी कहा जाता है।
  • इनमें परते एवं जीवाश्म नहीं पाये जाते ।
  • लोहा, निकिल, सोना, तांबा एवं जस्ता जैसे प्रमुख खनिज इसमें पाये जाते है।
  • आर्थिक रूप से सम्पन्न चट्टानें है।
  • आग्नेय चट्टान के उदाहरण – ग्रेनाइट, बेसाल्ट, पेग्माटाइट एवं बिटुमिनस आदि इसके प्रमुख उदाहरण है।

2. अवसादी चट्टान (Sedimentary Rock)

  • अवसादी चट्टानों का निर्माण आग्नेय चट्टान से ही होता है।
  • आग्नेय चट्टाने हवा व पानी की वजह से दूर जाकर जमने लगती है। इसी से अवसादी चट्टानों का निर्माण होता है।
  • आग्नेय चट्टान की परत दर परत जमने से अवसादी चट्टाने बनती है। अतः इन्हें परतदार चट्टाने भी कहा जाता है।
  • इन चट्टानों में जीवाश्म पाये जाते हैं ।
  • खनिज तेल और शैल गैस आदि पाया जाते है।
  • अवसादी चट्टान के उदाहरण – बलवा पत्थर, चूना पत्थर कोयला, डोलोमाइट, सेल चट्टान, संपिड, लिग्नाइट आदि इसके प्रमुख उदाहरण है।

3. कायान्तरित चट्टान (Metamorphic Rock)

  • ताप, दाब एवं रासायनिक क्रियाओं के कारण आग्नेय एवं अवसादी चट्टानों का रूप बदल जाता है। जिसे रूपांतरित या कायान्तरित चट्टान कहा जाता है।
  • ये दो प्रकार की होती हैं –
    • आग्नेय से कायान्तरित चट्टाने
      • ग्रेनाइट (आग्नेय) से नीस (कायान्तरित)
      • बेसाल्ट (आग्नेय) से सिस्ट (कायान्तरित)
    • अवसादी से कायान्तरित
      • बलुआ पत्थर (आग्नेय) से क्वार्टजाइट (कायान्तरित)
      • चूना पत्थर (आग्नेय) से संगमरमर (कायान्तरित)
  • कायान्तरित चट्टान के उदाहरण या रूपांतरित चट्टान के उदाहरण – ग्रेनाइट (आग्नेय) – नीस (कायान्तरित), बेसाल्ट (आग्नेय) – सिस्ट (कायान्तरित), बलुआ पत्थर (आग्नेय) – क्वार्टजाइट (कायान्तरित),चूना पत्थर (आग्नेय) – संगमरमर (कायान्तरित) आदि इसके प्रमुख उदाहरण है।

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एक से अधिक खनिजों से मिलकर शैलों का निर्माण होता है। शैल तीन प्रकार की होती है। (1) आग्नेय (2) अवसादी (3)। कायांतरित आग्नेय। शैलो को प्राथमिक शैले कहा जाता है ये शैल लावा एवं मैग्मा के ठंडे होने से बनती है ये

शैले अपारग्म्य होती हे यानी पानी या तरल पदार्थ इनसे रिस कर अन्दर नही जा सकता। इनमें जीवाश्मों

के अवशेष भी नही मिलते। ग्रेनाइट, गैब्रो बेसाल्ट आदि इसके उदाहरण है।

हमारी पृथ्वी विभिन्न प्रकार के तत्वों से बनी है ये तत्व भूपर्पटी पर अलग-अलग ही नहीं मिलते वरन् दूसरे तत्वों के साथ मिलकर विभिन्न पदार्थों का भी निर्माण करते है।  तत्वों के आपस में संयोजन से विभिन्न प्रकार के खनिजों का निर्माण होता हे इन खनिजों का निर्माण मूलतः: मैग्मा के ठंडे होने से होता है।  पृथ्वी का ऊपरी भाग शैल से बना है। एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर शैल बनती है साधरण मिट्टी से लेकर कठोर चट्टानों तक को शैल कहते है।

शैल के प्रकार

ये शैले मुख्यत: तीन प्रकार की होती है :-

  1. आग्नेय शैल 
  2. अवसादी शैल 
  3. रूपान्तरिंत शैल

1. आग्नेय शैल

आग्नेय शैल जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस शैल की उत्पत्ति अग्नि से हुई होगी इसी आधार पर इसका नाम आग्नेय शैल रखा गया है यह अति तप्त चट्टानी तरल पदार्थ जिसे मैग्मा कहते है, के ठंडे होने से बनती है भूगर्भ में 40 किलोमीटर तक ही यह मैग्मा पदार्थ पाया जाता है अत: आग्नेय शैल का निर्माण इन्ही गहराईयों तक संभव है. जब मैग्मा धरातल पर निकलता है. तो उसे लावा के नाम से जाना जाता है. यही पिघला हुआ मैग्मा जब भूगर्भ या सतह पर ठंडा होता है तो वह आग्नेय शैल का निर्माण करता हैं आग्नेय शैल को मूल शैल से के नाम से जाना जाता हैं क्योंकि आग्नेय शैल से ही अन्य सभी शैलों का निर्माण हुआ है आग्नेय शैल का 95 प्रतिशत भाग भू-गर्भ के 16 किलोमीटर की मोटाई तक पाया जाता है।

अवसादी शैल कितने प्रकार के होते हैं? - avasaadee shail kitane prakaar ke hote hain?
आग्नेय शैल 

आग्नेय शैल का वर्गीकरण निम्नानुसार किया जाता है।

    1. पातालीय आग्नेय शैल- भूगर्भ के अंदर जब बहुत गहराई पर मैग्मा बहुत धीरे-धीरे ठंडा होता है और जमकर कठोर हो जाता है तो इन्हें पातालीय आग्नेय शैल कहा जाता है ग्रेनाइट तथा गैब्रो इस शैल के उदाहरण है।
    2. मध्यवर्ती आग्नेय शैल- यह पातालीय आग्नेय शैल की अपेक्षा कम गहराई पर मैग्मा के ठंडे होने पर बनती है। जब मैग्मा जल वाष्प तथा अन्य गैसों से उत्प्रेरित होकर ऊपर की ओर धरातल पर आने का प्रयास करता है तो मार्ग पर मिलने वाली खड़ी या आड़ी शैलों की संधियों के रिक्त स्थलों में मैग्मा भर जाता है और कुछ समय बाद यही मैग्मा शीतल होकर शैलों का रूप धारण कर लेता है इसी प्रकार से बनी सभी शैल मध्यवर्ती आग्नेय शैल कहलाती है लम्बवत् खड़ी शैल को डाइक तथा क्षैतिज रूप में मैग्मा के ठंडे होने से बनी शैल को सिल के नाम से पुकारते हैं।
    3. ज्वालामुखी आग्नेय शैल- जब धरातल पर तरल मैग्मा पहुँचता है, तो उसका गैसीय अंश वायुमंडल में चला जाता है। तथा शेष पदार्थ धरातल पर फैल जाता है गैसविहीन यह पदार्थ लावा कहलाता है धरातन पर इस लावा के जमने से तथा ठंडा होने के फलस्वरूप जिन शैल का निर्माण होता है उसे ज्वालामुखी आग्नेय शैल के नाम से पुकारते है। धरातल पर यह लावा शीघ्रता से ठंडा हो जाता है अत: इस शैल में रवे नही बनते है अगर बनते भी है तो रवे अत्यन्त बारीक होते हैं जैसे बेसाल्ट, रायोलाइट आदि।

      2. अवसादी शैल

      नदियों, पवनों, हिमानियों आदि के द्वारा निक्षेपित पदार्थो से निर्मित शैल अवशादी शैल कहलाती है। इनके तीन वर्गीकरण निम्नलिखित है :-

      1. यांत्रिक रूप से निर्मित :- जैसे बालुकाश्म, चूना प्रस्तर शैल आदि।
      2. कार्बनिक रूप से निर्मित :- खड़िया, कोयला।
      3. रासायनिक रूप से निर्मित :- पोटाश, हेलाइट आदि।

          3. रूपान्तरित या कार्यान्तरित शैल

          कायांतरित शैल क्या है अंग्रेजी के मेटामॉरफिक शब्द Meta अर्थात् परिवर्तन Morpha अर्थात् रूप शब्द से मिलकर बना है जिसका मतलब परतदार शैल एवं आग्नेय शैल में परिवर्तन के फलस्वरूप रूपान्तरित शैल के निर्माण से है दाब तथा ताप के प्रभाव से आग्नेय शैलों तथा अवसादी शैलों की काया या रूप एवं उनके सामान्य लक्षण परिवर्तित हो जाते है इसलिए इस शैलों को रूपान्तरित शैल के नाम से जाना जाता है यह रूपान्तरण दो विधियों से होता हैं।

          1. तापीय कार्यान्तरण
          2. क्षेत्रीय रूपातरंण अथवा गतिक रूपातरंण
          मूल शैल रूपान्तरित स्वरूप
          1. चूना पत्थर संगमरमर
          2. बलुआ पत्थर क्वार्टजाइट
          3. शैल स्लेट
          4. कोयला हीरा
          5. गे्रनाइट नीस
          6. स्लेट फाइलाइट
          7. गब्रो सर्पेन्टाइन
          8. लिग्नाइट कोयला एन्थ्रासाइट कोयला

          शैल का आर्थिक महत्व

          मनुष्य द्वारा समय-समय पर तकनीकी विकास और खनिजों का विविध उपयोग करता रहा हैं वैज्ञानिक व तकनीकी ज्ञान के कारण मानव की सुख सुविधाओं के लिए शैलों और खनिजों की उपयोगिता बढ़ती गई शैलों का महत्व हैं-

          1. मृदा - शैलों से प्राप्त होती हैें जो कि मानव के लिए भोजन उत्पादित करती है साथ ही उधोग धंधो के लिए कच्चा माल उत्पादित करती हैं, 
          2. भवन निर्माणकारी सामग्री - प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से भवन निर्माण के लिए ग्रेनाइट, नीस, बलुआ पत्थर संगमरमर और स्लेट आदि प्रयोग होता हैं । 
          3. खनिजो के स्रोत - धात्विक खनिज विभिन्न प्रकार की शैलों में पायें जातें हैं जैसे सोना प्लॉटीनम चांदी तांबा आदि । 
          4. कच्चामाल - विभिन्न प्रकारो के खनिजों का उपयोग विभिन्न प्रकार के कच्चे मालो के लिए किया जाता हैं जैसे सीमेंट उद्योग व चूना भट्टियों में विभिन्न प्रकार के शैलों एवं खनिजों का उपयोग किया जाता हैं। 
          5. ईधन - इर्ंधन के रूप में कोयला पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस महत्वपूर्ण खनिजों के रूप जाने जाते हैं। जो कि विभिन्न शैलों से प्राप्त होते हैं। 
          6. मूल्यवान पत्थर - हीरा, पन्ना, नीलम जैसे मूल्यवान पत्थर भी हमें शैलों से प्राप्त होता हैं। 
          7. उवर्रक - उवर्रक की प्राप्ति भी शैलो से होती है दुनिया के कुछ भागों में

          अवसादी शैल कितने प्रकार की होती हैं?

          अवसादी (सेडिमेंट्री) शैल एवं कायांतरित (मेटामोरफ़िक) शैल। द्रवित मैग्मा ठंडा होकर ठोस हो जाता है। इस प्रकार बने शैल को आग्नेय शैल कहते हैं। इन्हें प्राथमिक शैल भी कहते हैं | आग्नेय शैल दो प्रकार की होती हैं : अंतर्भेदी शैल एवं बर्हि भेदी शैल

          अवसादी शैल कौन कौन सी होती है?

          (2) अवसादी चट्टानें (Sedimentary rock) जैसे- बलुआ पत्थर, चूना-पत्थर, स्लेट, कांग्लोमरेट, नमक की चट्टान और शेलखरी आदि. (a)अवसादी चट्टानें परतदार होती हैं. (b)इनमें वनस्पति और जीव-जन्तुओं का जीवाश्म पाया जाता है. (c)इन चट्टानों में लौह अयस्क, फास्फेट, कोयला और सीमेन्ट बनाने की चट्टान पायी जाती है.

          अवसादी शैल के उदाहरण क्या है?

          कोयला, ऐल्यूमिनियम का अयस्क - बाक्साइट, लोहे का अयस्क - लैटेराइट, नमक, जिप्सम, फास्फेट, मैगनेसाइट, सीमेंट का अयस्क, चूने का पत्थर, इत्यादि कई महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ अवसाद शैलों में उपलब्ध होते है।

          अवसादी शैल का मतलब क्या है?

          अपक्षय एवं अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा मौलिक चट्टानों के विघटन, वियोजन और टूटने से परिवहन तथा किसी स्थान पर जमाव के परिणामस्वरुप उनके अवसादों से निर्मित शैल को अवसादी शैल (sedimentary rock) कहा जाता हैं।