Ans :- लड़के को बचने के लिए बुढ़िया माँ ने बावली होकर ओझा को बुला लाई। झड़ना – फूँकना हुआ। नागदेव की पूजा हुई। पूजा के लिए दान – दक्षिणा चाहिए। घर में जो कुछ आटा और अनाज था , दान – दक्षिणा में उठ गया। Show (4) लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाज कैसे लगाया? (5) इस पाठ का शीर्षक ‘दुःख का अधिकार ‘ कहाँ तक सार्थक है? स्पष्ट कीजिए। (ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए – (1) जैसे वायु की लहरें कटी हुई पतंग को सहसा भूमि पर नहीं गिर जाने देती उसी तरह खास परिस्थितियों में हमारी पोशाक हमें झुक सकने से रोके रहती है। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2 दुःख का अधिकार is part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2 दुःख का अधिकार. BoardCBSETextbookNCERTClassClass 9SubjectHindi SparshChapterChapter 2Chapter Nameदुःख का अधिकारNumber of Questions Solved46CategoryNCERT SolutionsNCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2 दुःख का अधिकारपाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास मौखिक निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. लिखित प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. (ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. (ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. भाषा-अध्ययन प्रश्न 1. प्रश्न 2. उत्तर- प्रश्न 3. प्रश्न 4. निर्वाह करना- बुढिया का बेटा भगवान डेढ़ बीघा जमीन पर सब्जियाँ उगाता था और उन्हें बेचकर अपना निर्वाह किया करता था। कोई चारा न हो- घर में अनाज का एक भी दाना न होने के कारण बुढ़िया के सामने कोई चारा नहीं रह गया था जिससे वह अपनी भूखी व बीमार बहू को कुछ दे सके। वह खरबूजे बेचने को विवश थी। शोक से द्रवित होना- संवेदनशील व्यक्ति दूसरों को दुखी देखकर प्रसन्न नहीं हो सकता। वह दुखी व्यक्ति के दुख के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए शोक से द्रवित हो जाता है। प्रश्न 5. उत्तर- (क) छन्नी-ककना- पुराने जमाने में गरीब स्त्रियाँ ही छन्नी-ककनी पहनती थीं। अढ़ाई मास- मक्के की यह प्रजाति अढाई मास में तैयार हो जाती है। पास-पड़ोस- व्यक्ति पर उसके पास-पड़ोस का असर अवश्य पड़ता है। दुअन्नी-चवन्नी- कभी दुअन्नी-चवन्नी भी अपनी कीमत रखते थे, पर आज वे चलन में नहीं हैं। मुँह अँधेरे- किसान मुँह अँधेरे खेत में चले जाते हैं। झाड़ना-फेंकना- ओझा का झाड़ना-फेंकना भी भगवान के काम न आया। (ख) फफक-फफककर- मेले में माँ-बाप से बिछड़ा बच्चा फफक-फफककर रो रहा था। प्रश्न 6. योग्यता विस्तार प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. अन्य पाठेतर हल प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. इस सूतक में उसके हाथ से खरबूजे खरीदने और खाने से उनका धर्म भ्रष्ट हो सकता था। प्रश्न 3. बुढ़िया को खरबूजे बेचते देख लोग किन-किन विशेषणों का प्रयोग कर रहे थे? उनका ऐसा कहना कितना उचित था? प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. More Resources for CBSE Class 9
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भगवाना क्या कार्य करता था?भगवाना शहर के पास डेढ़ बीघा जमीन पर हरी तरकारियाँ तथा खरबूजे उगाया करता था। वह रोज ही उन्हें सब्जी मंडी या फुटपाथ पर बैठकर बेचा करता था। इस प्रकार वह कछिआरी करके अपने परिवार का निर्वाह करता था।
4 उस स्त्री के लड़के की मृत्यु का कारण क्या था?Question 4: उस स्त्री के लड़के की मृत्यु का कारण क्या था? उत्तर: उस स्त्री के लड़के की मृत्यु साँप के डसने के कारण हुई थी। Question 5: बुढ़िया को कोई भी उधार क्यों नहीं देता? उत्तर: बुढ़िया के घर का इकलौता कमाऊ सदस्य अब इस दुनिया में नहीं था, इसलिए उसे कोई भी उधार नहीं दे रहा था।
भगवाना की मृत्यु कैसे हुई थी?खेत की गीली मेड़ की तरावट में एक साँप विश्राम कर रहा था। भगवाना उसे देख न पाया और उसका पैर साँप पर पड़ गया। साँप ने उसे डॅस लिया। साँप का जहर उतारने के लिए ओझा को बुलवाया गया, पर विष के असर से उसका शरीर काला पड़ता गया और उसकी मृत्यु हो गई।
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