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विद्युत उत्पादन में अग्रणी राज्य होगा ओड़िशा : विद्युत मंत्रीझारसुगुड़ा : वर्तमान समय में केवल ओड़िशा ही नहीं समग्र देश में बिजली संकट है। जहां अन्य राज्यों में 5-6 घंटा प्रति दिन बिजली की कटौती होती है। वहीं ओड़िशा राज्य में मात्र 3-4 घंटा ही बिजली की कटौती होती है। जिस प्रकार से लगातार बिजली का उपयोग बढ़ रहा है व शक्ति का विनियोग जिस प्रकार से बढ़ रहा है। उससे बिजली का संकट होना स्वाभाविक है। राज्य में पावर प्लांट की स्थापना के लिए 29 निजी कंपनियों ने राज्य सरकार से एमओयू साइन किया है और वर्ष 2012 के जून माह तक डीएमआर व इन्डवराथ कंपनी के प्रकल्प उत्पादन क्षम होंगे। जल विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में समस्या लगी हुई है। फिर भी ओड़िशा आगामी दो वर्ष में फिर एक बार शक्ति के क्षेत्र में अधिक शक्ति उत्पादन करने वाला राज्य बनेगा। यह बात राज्य के ऊर्जा मंत्री आतनु सव्यसाची नायक ने झारसुगुड़ा स्थित सर्किट हाउस में एक मुलाकात में कही। यहां पत्रकारों से बात करते हुए विभिन्न प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में जल विद्युत उत्पादन का कार्य जल भंडार में जल संकट के कारण से प्रभावित हो रहा है। प्रतिदिन राज्य में 3-4 सौ मेगावाट बिजली शक्ति की कमी दिखाई पड़ रही है। इसी क्रम में एनटीपीसी भी कोयला संकट के कारण विद्युत शक्ति भी 4-6 मेगावाट कम उत्पादन हो रहा है। इसी बीच बनहरपाली स्थित ओपीजीसी के प्रस्तावित तीसरी यूनिट व चौथी यूनिट के लिये निविदा की प्रतिक्रिया आरंभ हुई है। और कोल ब्लाक उपलब्ध कराने की समस्या भी राज्य सरकार के प्रयास से दूर हो चुकी है। उक्त दोनों यूनिट के आरंभ हो जाने से उड़ीसा विद्युत शक्ति के क्षेत्र में स्वावलंबी हो जाएगा की बात मंत्री ने कही। बीजू ग्राम्य ज्योति योजना, बीजू शहर अंचल विद्युतीकरण योजना झारसुगुड़ा जिला में गत वर्ष 2009-10 के अनुदान का 80 प्रतिशत विनियोग कर चुका है। वहीं आगामी फरवरी के अंत तक वर्ष 2010-11, व 2011-12 का भी कार्य शेष होगा की बात मंत्री ने आशा प्रकट करते हुए कही। राजीव गांधी शहर अंचल विद्युतीकरण योजना में एक भी रुपये जिला में खर्च नहीं होने की बात पूछने पर मंत्री ने कहा कि गत वर्ष के अंत में उक्त योजना कार्यकारी हुई थी। इसी लिए इसके अनुदान विनियोग में मथंरता देखी जा रही है। लो-वोल्टेज की समस्या से मुक्ति के लिए शहर अंचल में सिस्टम अपग्रेडेसन की दिशा में तुरंत पदक्षेप उठाने का निर्देश उन्होंने दिया। बैठक में अतिरिक्त जिलाधीश रविन्द्र मिश्रा, बेस्को के एक्जयूटिव इंजीनियर डेविड एक्का, अतिरिक्त पीडी मेरी लाकड़ा सहित अन्य जिलास्तरीय अधिकारी शामिल थे। मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर Peddia is an Online Hindi Question and Answer Website, That Helps You To Prepare India's All States Board Exams Like BSEB, UP Board, RBSE, HPBOSE, MPBSE, CBSE & Other General Competitive Exams. If You Have Any Query/Suggestion Regarding This Website or Post, Please Contact Us On : [email protected] भारत के प्रमुख जल विद्युत् केन्द्रों की सूचीऊर्जा आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक आवश्यक इनपुट हैl भारत दुनिया में पनबिजली का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक देश है l भारत में बिजली के विकास की शुरूआत 19वीं सदी के उत्तरार्ध में हुई थी जब 1897 में दार्जिलिंग में विद्युत आपूर्ति की शुरूआत हुई थी l इसके बाद 1902 में कर्नाटक के शिवसमुद्रम में एक जल विद्युत केन्द्र की स्थापना की गई थीl यहां हम भारत में स्थित जल विद्युत् केन्द्रों की सूची दे रहे हैं जो पाठकों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने में काफी मददगार होगा l
ऊर्जा आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक आवश्यक इनपुट हैl भारत दुनिया में पनबिजली का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक देश हैl भारत में बिजली के विकास की शुरूआत 19वीं सदी के उत्तरार्ध में हुई थी जब 1897 में दार्जिलिंग में विद्युत आपूर्ति की शुरूआत हुई थीl इसके बाद 1902 में कर्नाटक के शिवसमुद्रम में एक जल विद्युत केन्द्र की स्थापना की गई थीl यहां हम भारत में स्थित जल विद्युत् केन्द्रों की सूची दे रहे हैं जो पाठकों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने में काफी मददगार होगा. भारत के प्रमुख जल विद्युत् केन्द्रों की सूची1. टिहरी बांधसंचालक: टी.एच.डी.सी लिमिटेड, उत्तराखंड स्थान: उत्तराखंड 2. कोयना जलविद्युत परियोजनासंचालक: महागेंको, महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड स्थान: महाराष्ट्र 3. श्रीशैलमसंचालक: अपगेंको (APGENCO) स्थान: आंध्र प्रदेश 4. नाथपा झाकीरीसंचालक: सतलुज जल विद्युत निगम स्थान: हिमाचल प्रदेश 5. सरदार सरोवर बांधसंचालक: सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड स्थान: नवग्राम, गुजरात भारत में रेलवे उत्पादन इकाइयों की सूची 6. भाखड़ा नंगल बांध (गोविंद सागर)संचालक: भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड स्थान: सतलज नदी, बिलासपुर - हिमाचल प्रदेश 7. चमेरा Iसंचालक: एन.एच.पी.सी लिमिटेड स्थान: हिमाचल प्रदेश 8. शारावथी परियोजनासंचालक: कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड स्थान: कर्नाटक 9. इंदिरा सागर बांधसंचालक: नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण स्थान: मध्य प्रदेश भारत में रेलवे उत्पादन इकाइयों की सूची 10. कर्कम वांग्टा पनबिजली संयंत्रसंचालक: जेपी समूह स्थान: हिमाचल प्रदेश 11. देहरा (पांडोह) पावर प्रोजेक्ट संचालक: भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड स्थान: हिमाचल प्रदेश 12. नागार्जुन सागर बांध गुंटूरसंचालक: आंध्र प्रदेश पावर जनरेशन निगम लिमिटेड स्थान: आंध्र प्रदेश भारत में रेलवे उत्पादन इकाइयों की सूची 13. पुरुलिया पाससंचालक: पश्चिम बंगाल विद्युत वितरण कंपनी स्थान: पश्चिम बंगाल 14. इडुक्कीसंचालक: केरल राज्य विद्युत बोर्ड स्थान: केरल 15. सलाल I & IIसंचालक: एन.एच.पी.सी लिमिटेड स्थान: जम्मू और कश्मीर भारत में रेलवे उत्पादन इकाइयों की सूची 16. ऊपरी इंद्रवतीसंचालक: ओडिशा हाइड्रो पावर कॉर्पोरेशन स्थान: उड़ीसा 17. रंजीत सागर बांधसंचालक: पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड स्थान: पंजाब 18. ओंकारेश्वरसंचालक: नर्मदा हाइड्रोइलेक्ट्रिक विकास निगम स्थान: मध्य प्रदेश 19. बेलीमेला बांधसंचालक: ओडिशा हाइड्रो पावर कॉर्पोरेशन स्थान: उड़ीसा 20. तीस्ता बांधसंचालक: एन.एच.पी.सी लिमिटेड स्थान: सिक्किम उपरोक्त भारत में स्थित जल विद्युत् केन्द्रों की सूची पाठकों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने में काफी मददगार होगा l भारत में कृषि से सम्बंधित क्रांतियाँ जल विद्युत उत्पादन में प्रथम राज्य कौन सा है?कोयला आधारित विद्युत स्टेशन. भारत का सबसे बड़ा जल विद्युत संयंत्र कौन सा है?टिहरी जलविद्युत शक्ति संयंत्र देश की सबसे ऊंची जलविद्युत परियोजना है, और टेरी डैम भारत का सबसे ऊंचा जलविद्युत संयंत्र भी है। श्रीशैलम हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन भारत की तीसरी सबसे बड़ी निर्माण परियोजना है।
भारत के प्रमुख जल विद्युत केंद्र कौन कौन से हैं?भारत के प्रमुख जल विद्युत् केन्द्रों की सूची. टिहरी बांध. कोयना जलविद्युत परियोजना. श्रीशैलम. नाथपा झाकीरी. सरदार सरोवर बांध. शारावथी परियोजना. इंदिरा सागर बांध. कर्कम वांग्टा पनबिजली संयंत्र. देश की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना कौन सी है?Bharat Ki Sabse Badi Jal Vidyut Pariyojana
कोयना हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट भारत में सबसे बड़ा पूर्ण पनबिजली विद्युत संयंत्र है। यह कोयना नदी, महाराष्ट्र के सबसे बड़े बांध सहित चार बांधों के साथ एक जटिल परियोजना है, इसलिए इसका नाम Koyna Hydroelectric Project है। परियोजना स्थल पाटण के पास सतारा जिले में है।
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