भारत देश की एकता को बनाए रखने के लिए आप क्या करेंगे? - bhaarat desh kee ekata ko banae rakhane ke lie aap kya karenge?

प्रस्तावना: भारत एक अनोखा राष्ट्र है, जिसका निर्माण विविध भाषा, संस्कृति, धर्म के तानो बानो, अहिंसा और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित स्वतंत्रता संग्राम तथा सांस्कृतिक विकास के समृद्ध इतिहास द्वारा एकता के सूत्र में बाँध कर हुआ हैं| एक साझा इतिहास के बीच आपसी समझ की भावना ने विविधता में एक विशेष एकता को सक्षम किया है, जो राष्ट्रवाद की एक लौ के रूप में सामने आती है जिसे भविष्य में पोषित और अभिलषित करने की आवश्यकता है।

समय और तकनीक ने संपर्क और संचार के मामले में दूरियों को कम कर दिया है। ऐसे युग में जो गतिशीलता और आगे बढने की सुविधा प्रदान करता है, विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के सामान्य दृष्टि कोण के द्वारा आपसी रिश्तो में मजबूती करना और राष्ट्र-निर्माण महत्वपूर्ण है। आपसी समझ और विश्वास भारत की ताकत की नींव है और भारत के सभी नागरिकों को सांस्कृतिक रूप से एकीकृत महसूस करना चाहिए।

31 अक्टूबर, 2015 को आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाने की कल्पना की गई थी जिसके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के संप्रदायों के बीच एक निरंतर और संरचित सांस्कृतिक संबंध बनाये जा सके। माननीय प्रधानमंत्री ने यह प्रतिपादित किया कि सांस्कृतिक विविधता एक खुशी है जिसे विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच पारस्परिक संपर्क और पारस्परिकता के माध्यम से मनाया जाना चाहिए ताकि देश भर में समझ की एक सामान्य भावना प्रतिध्वनित हो। देश के प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश का एक वर्ष के लिए किसी अन्य राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के साथ जोड़ा बनाया जाएगा, इस दौरान वे भाषा, साहित्य, भोजन, त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पर्यटन आदि क्षेत्रों में एक दूसरे के साथ जुडेगे| भागीदार राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश आपस में एक दूसरे को सास्कृतिक रूप से अंगीकृत करेंगे।

भारत में सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को एक पूरे वर्ष के लिए जोड़ो में निर्धारित किया गया हैं ।जोड़े गए राज्य / केंद्र शासित प्रदेश एक दूसरे के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे, जो विभिन्न गतिविधियों को पूरे वर्ष भर करेंगे। प्रत्येक जोड़े के लिए एक गतिविधि कैलेंडर आपसी परामर्श के माध्यम से तैयार किया जाएगा, जिससे आपसी जुड़ाव की एक साल की लंबी प्रक्रिया का मार्गप्रशस्त होगा। सांस्कृतिक स्तर पर राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के प्रत्येक जोड़े की आबादी के विभिन्न क्षेत्रों के बीच इस तरह की बातचीत, लोगों के बीच समझ और प्रशंसा की भावना पैदा करेगी और आपसी संबंध बनाएगी, जिससे राष्ट्र एकता की भावना में समृधि हासिल होगी।

एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए राज्यों की भागीदारी : देखें (सोमवार, 20 जनवरी, 2020 - 10:30 बजे) - (758 केबी)

स्कूलों में "एक भारत श्रेष्ठ भारत" कार्यक्रम के तहत संचालित होने वाली गतिविधियों के लिए दिशानिर्देश : देखें (मंगलवार, 21 जनवरी, 2020 - 6:30 बजे) - (1.76 एमबी)

एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत स्कूलों के लिए प्रस्तावित कैलेंडर : देखें (बुधवार, 30 सितंबर, 2020 - 14:38) - (633 केबी)

एक भारतश्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) पर पत्र/पत्राचार: देखें

नोडल अधिकारियों की सूची: देखें

सांस्कृतिक विविधता में एकता - पुस्तिका : देखें (मंगलवार, 14 जनवरी, 2020 - 6:30 बजे) - (42.9 केबी)

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Anekta Mein Ekta Essay in Hindi

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध एवं संपन्न संस्कृति है जिसकी मूल पहचान अनेकता में एकता (Anekta Me Ekta) है।

हमारे देश में अलग-अलग जाति और धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, जिनके खान-पान, पहनावा और बोली, परंपरा-रीति-रिवाजों आदि में काफी अंतर है, लेकिन फिर भी यहां सभी लोग मिलजुल कर प्रेम और भाईचारे के साथ रहते हैं, और यही भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग बनाता है।

भारत की आजादी से पहले अंग्रेजों ने भारत में फूट डालो, राज करो नीति भी अपनाई, ताकि भारतीय एकता कमजोर पड़ जाए, लेकिन विदेशी ताकतों का भारतीय एकता और अखंडता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

बाबजूद इसके सभी भारतीयों ने एकजुट होकर देश को आजाद करवाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, और अपने देश को आजाद करवाने में सफल हुए, जो कि अपने आप अद्धितीय है।

और इस तरह अनेता में एकता की शक्ति का भारत देश सबसे बड़ी मिसाल है। वहीं एकता के महत्व को समझाने के लिए कई बार स्कूल-कॉलेजों में छात्रों को “अनेकता में एकता” के विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में इस विषय पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

भारत देश की एकता को बनाए रखने के लिए आप क्या करेंगे? - bhaarat desh kee ekata ko banae rakhane ke lie aap kya karenge?

अनेकता में एकता पर निबंध – Anekta Mein Ekta Essay in Hindi

प्रस्तावना-

हमारा देश भारत विश्व में सर्वश्रेष्ठ है, अनेकता में एकता ही इसकी अखंड पहचान है जो इसे विश्व के अन्य देशों से अलग बनाती है क्योंकि अन्य देशों में भारत की तरह अलग-अलग मजहब और धर्म को मानने वाले लोग एकजुट होकर इस तरह प्रेम, भाईचारे और सद्भाव से नहीं रहते हैं।

इसलिए भारतीय संस्कृति की मिसाल विश्व भर में दी जाती है। यहां अलग-अलग धर्मों के रहने वाले लोगों के त्योहार, रीति-रिवाज, पहनावा, बोली आदि में काफी विविधिता होने के बाबजूद भी सभी मजहब के लोग अपने-अपने तरीके से रहते हैं और अपनी परंपरा और रीति-रिवाजों के साथ अपने त्योहार मनाते हैं।

भारत एक ऐसा देश है, जहां दीपावली और ईद में जितनी रौनक रहती है, उतनी ही रौनक क्रिसमस औऱ गुरु पर्व में भी देखने को मिलती है। भले ही सभी धर्मों के अपने-अपने सिद्धांत हो, लेकिन यहां रहने वाले सभी धर्म के लोगों का सिर्फ एक ही लक्ष्य भगवान की प्राप्ति है।

अनेकता में एकता ही भारत की पहचान:

भारत में “अनेकता में एकता” इसकी मूल पहचान है और यह भारतीय संस्कृति और परंपरा को सबसे अलग एवं समृद्ध बनाने में मद्द करती है। हमारा देश भारत अनेकता में एकता की मिसाल है क्योंकि भारत ही एक ऐसा देश है जो इस अवधारणा को बेहतरीन तरीके से साबित करता है।

सही मायने में अनेकता में एकता ही भारत की अखंड शक्ति और मजबूती है, जो भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ाती है और इसकी एक अलग पहचान बनाती हैं।

भारत में कई अलग-अलग प्रांत हैं, जिसमें रहने वाले सभी लोगों की भाषा, जाति, धर्म, परंपरा, पहनावा आदि में काफी अंतर है जो कि (बंगाली, राजस्थानी, मारवाड़ी, पंजाबी, तमिलीयन, महाराष्ट्रीयन) आदि के रुपो में जाने जाते हैं, जो अपने आप को भारतीय कहते हैं और यही भारत में अनेकता में एकता को दर्शाता है।

भारत के लोगों की सोच, उनका आचरण, व्यवहार, चरित्र, उनके मानवीय गुण, आपसी प्रेम, संस्कार, कर्म आदि भारत की विविधता को एकता को बनाए रखने में मद्द करते हैं।

भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्म के लोग आपस में प्रेम, भाईचारे और सद्भाव के साथ रहते हैं और एक-दूसरे के मजहब, धर्म, परंपरा और भाषा का आदर करते हैं, एक – दूसरे को प्यार से अपनाते हैं, यही भारत की सबसे बड़ी विशेषता है, जो कि अपने आप में अद्धितीय और अनूठी है।

अनेकता में एकता का महत्व – Anekta Mein Ekta Ka Mahatva

देश की आजादी से पहले जब भारत, अंग्रेजों का गुलाम था और अंग्रजों के अत्याचारों और असहनीय पीड़ा को सह रहा था, उस दौरान सभी भारतीयों के अंदर स्वतंत्रता पाने की इच्छा जागृत हुई और फिर आजादी पाने के लिए काफी सालों तक संघर्ष की लड़ाई लड़ी।

इस लड़ाई में सभी भारतीयों ने एकता को अपना सबसे बड़ा हथियार मानकर जिस तरह अंग्रेजों को भारत से खदेड़ कर बाहर फेंका और स्वाधीनता हासिल की, इसे अनेकता में एकता के महत्व का पता लगाया जा सकता है।

  • अनेकता में एकता बुरी से बुरी परिस्थिति से उभरने में मद्द करता है।
  • इससे लोगों के अंदर एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना विकसित होती है और लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं।
  • आपसी रिश्तों और भावनाओं को और अधिक मजबूती मिलती है, इससे जीवन शैली, कार्यकुशलता, और उत्पादकता में सुधार आता है और देश के विकास को बल मिलता है।
  • “विविधता में एकता” से लोगों को टीम वर्क करने में मद्द मिलती है और उनके अंदर आत्मविश्वास एवं मनोबल बढ़ता है।
  • विविधता में एकता से ही लोगों को एक – दूसरे के साथ प्रेम भाव से रहने में मद्द मिलती है और मुश्किलों से लड़ने की हिम्मत मिलती है।
  • विविधिता में एकता से आपसी रिश्तों में सुधार आता है।
  • विविधता में एकता ही भारतीय संस्कृति की अखंडता एवं प्रभुता को बनाए हुए है।

उपसंहार

जिस तरह बाग में अलग-अलग तरह के सुंदर और आर्कषक फूल होते हैं, लेकिन सभी का काम वातावरण को सुगन्धित करना होता है, उसी तरह भारत में रहने वाले सभी लोग अलग-अलग हैं, लेकिन सभी की भावना और आत्मा एक है।

इसलिए हम सब एक है और यही हमारे देश की असली पहचान है। वहीं हम सभी को इस पहचान को बरकरार रखने में इसकी अखंडता के महत्व को समझना चाहिए और अपना सहयोग करना चाहिए।

अनेकता में एकता पर निबंध – Anekta Mein Ekta Essay

प्रस्तावना-

अलग-अलग असामानताओं के बाद भी अखंडता का अस्तित्व ही विविधिता में एकता का अर्थ है। और भारत देश इसका सर्वोत्तम उदाहरण है, सिर्फ भारत देश में ही अलग-अलग धर्म, जाति, समुदाय आदि के लोगों के अलग-अलग आर्कषक रंग देखने को मिलते हैं, जो अपने आप में अद्धितीय और अनुपम है।

जाति-धर्म की असामानता के बाद भी हम सब एक हैं:

हमारा भाऱत देश, एक ऐसा देश है, जहां हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, पारसी समेत कई अलग-अलग मजहब और धर्म को मानने वाले लोग आपस में प्रेम और भाईचारे के साथ रहते हैं।

जिनकी रीति-रिवाज, परपंरा, संस्कृति, दर्शन-शास्त्र एक दूसरे से भिन्न है, लेकिन सभी के मजहब का एक ही उद्देश्य ईश्वर की प्राप्ति और किसी को कष्ट नहीं पहुंचाना है।

खान-पान अलग होने के बाद भी हम सब एक हैं:

भारत जैसी विविधता विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलती है, यहां जितने तरह के लोग उतने ही तरह का खान-पान है। यहां अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग धर्म के लोग अपने त्योहारों में पारंपरिक पकवान बनाते हैं और एक-दूसरे को खिलाकर खुशियां मनाते हैं।

वेशभूषा अलग होने के बाद भी हम सब भारतीय एक हैं:

यहां अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग तरीके का पहनावा है, जो लोगों को अपनी तरफ आर्कषित करता है। वहीं भारतीय परिधान को लेकर सभी के मन में एक अदब और सम्मान है।

विविध तरीके की बोली होने के बाबजूद भी हम सब भारतीय एक हैं:

हमारे देश भारत में हिन्दी, इंग्लिश, उर्दू, पंजाबी, उडि़या, तमिल,तेलुगू, गुजराती, कन्नड़, असमिया, मराठी, मलयालयम आदि भाषाएं बोली जाती हैं। इन सभी भाषाओं के माध्यम से लोग अपनी भावों को एक-दूसरे के साथ सांझा करते है, लेकिन भावना सबकी एक ही है, इसलिए हम सभी भारतीय एक है, क्योंकि हम सभी की भावना और आत्मा एक है।

अलग-अलग प्रांतों की अलग-अलग रीति-रिवाज होने के बाद भी हम सब एक हैं:

हमारे भारत देश में पंजाब, उड़ीसा, हरियाणा, पंजबा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, आंध्रप्रदेश समेत अलग-अलग 29 राज्य है। ये सब एक दूसरे से हर तरीके से अलग होते हुए भी एक है, जो कि भारत में विविधता में एकता को दर्शाते हैं।

निष्कर्ष

जहां अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति को विश्व में सबसे अलग और समृद्ध बनाती हैं, वहीं आजकल कुछ भ्रष्टाचारी राजनेता, वोट बैंक के लालच में जाति, धर्म और संप्रदाय आदि की राजनीति कर भारतीय एकता की शक्ति को कमजोर बना रहे हैं, जो कि निंदनीय हैं।

भारतीय समाज में संपत्ति के लालच में भाई-भाई की हत्या कर रहा है और महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में इजाफा हो रहा है, जो कि भारतीय संस्कृति की छवि को पूरे विश्व में धूमिल कर रहा है, इस तरह के विकार को हमें दूर करने की जरूरत है, और यह तभी संभव है जब हम सब एकजुट होकर इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

एकता बनाने के लिए क्या करना चाहिए?

एक देश में रह रहे लोगों के बीच एकता की शक्ति के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिये 'राष्ट्रीय एकीकरण' एक तरीका है। अलग संस्कृति, नस्ल, जाति और धर्म के लोगों के बीच समानता लाने के द्वारा राष्ट्रीय एकीकरण की जरूरत के बारे में ये लोगों को जागरूक बनाता है।

राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए हमें क्या क्या करना चाहिए?

(11) राष्ट्रीय एकता के लिए यह आवश्यक है कि एक सही भाषा नीति बनाई जाय, सभी भाषाओं को प्रोत्साहित किया जाये। (12) न्याय व्यवस्था में निष्पक्षता और ईमानदारी स्थापित की जाये। (13) सबके लिए समान कानूनों की व्यवस्था की जाये। जाति व धर्म के नाम पर अलग-अलग कानूनों को समाप्त किया जाये।

राष्ट्रीय एकता के लिए क्या आवश्यक है?

नागरिकों में आत्म-त्याग की भावना का विकास करके अपने राष्ट्र के लिए हर प्रकार का बलिदान करने की भावना विकसित करने के लिए राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता है. वर्ग-भेद को समाप्त करने, शोषण का अंत करने, आर्थिक असमानता को दूर करने तथा राष्ट्र की औद्योगिक प्रगति की राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता है.

राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए हमें क्या करना चाहिए?

हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जिसमें विभिन्न धर्म, भाषा, वस्त्र, भोजन आदि शामिल हैं। भारत में राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए, विविधता का सम्मान करना चाहिए। ये कुछ नहीं सिर्फ लोगों की मानसिकता हैं। हम सोचते हैं जिस तरीके से हमारा समाज चाहता है हम इस तरीके से सोंचे और कार्य करें।