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भाषा की विशेषताएँ और प्रकृति( 1 ) भाषा पैतृक सम्पत्ति नहीं है
( 2 ) भाषा अर्जित संपत्ति है-
( 3 ) भाषा अध्यंत सामाजिक वस्तु है
( 4 ) भाषा परंपरा है, व्यक्ति उसका अर्जन कर सकता है उसे उत्पन्न नहीं कर सकता-
(5) भाषा का अर्जन अनुकरण द्वारा होता है-
(6) भाषा चिरपरिवर्तनशील है-
( 7 ) भाषा का कोई अंतिम स्वरूप नहीं है
( 8 ) प्रत्येक भाषा की एक भौगोलिक सीमा होती है
( 9 ) प्रत्येक भाषा की एक ऐतिहासिक सीमा होती है-
( 10 ) प्रत्येक भाषा की अपनी अलग संरचना होती है-
( 11 ) भाषा की धारा स्वभावतः कठिनता से सरलता की ओर जाती है
भाषा पानी की धारा है जो स्वभावतः ऊँचाई (कठिनाई) के नीचे (सरलता) की ओर जाती है। ( 12 ) भाषा स्थूलता से सूक्ष्मता और अप्रौढ़ता से प्रौढ़ता की ओर जाती है
( 13 ) भाषा संयोगावस्था से वियोगावस्था की ओर जाती है
( 14 ) हर भाषा का स्पष्टतः या अस्पष्टतः एक मानक रूप होता है-
भाषा प्रयुक्ति की विशेषता क्या है?भाषा प्रयुक्ति में भाषा का स्वरूप विषय नियंत्रित करता है इसलिए विषय से संबंधित शब्दावली अभिव्यक्तियां तथा विषयानुरूप वाक्य संरचना होती है। हिंदी प्रयुक्तियों में भाषा का एक विशेष स्वरुप वन एक विषय के संदर्भ में एक शब्द का एक ही अर्थ होता है।
भाषा प्रयुक्ति का क्या अर्थ है स्पष्ट कीजिए?भाषाविज्ञान में भाषा प्रयुक्ति (register) किसी भाषा की वह भाषिका (variety, lect) होती है जो किसी विशेष सामाजिक परिस्थिति, सामाजिक वर्ग या लक्ष्य के लिए प्रयोग हो।
भाषा प्रयुक्ति के कितने प्रकार है?"एनाकाटीर् एनसाइक्लोपीडिया' के अनुसार चीनी भाषा के बाद संसार में प्रयुक्त होने वाली सबसे बड़ी भाषा हिंदी है। हिंदी के बाद क्रमशः स्पेनिश, अंग्रेजी, अरबी, रूसी और फ्रांसीसी भाषाओं का स्थान आता है।
प्रयुक्ति के चार आधार कौन से हैं?उत्तर:क) साहित्यिक प्रयुक्ति। (ख) वाणिज्यिक प्रयुक्ति। (ग) कार्यालयी प्रयुक्ति। (घ) राजभाषा प्रयुक्ति।
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