भौतिक परिवर्तन में क्या क्या बदलते हैं? - bhautik parivartan mein kya kya badalate hain?

आज हम लोग इस लेख में जानेंगे कि भौतिक परिवर्तन एवं रासायनिक परिवर्तन में अंतर कौन-कौन से हैं, साथी साथ  जानेंगे कि भौतिक परिवर्तन के गुण कौन से हैं तथा रासायनिक परिवर्तन के गुण कौन से हैं। तो चलिए हम लोग भौतिक परिवर्तन एवं रासायनिक परिवर्तन में अंतर को जानने से पहले हम लोग यह जानते हैं कि भौतिक परिवर्तन एवं रासायनिक परिवर्तन कहते किसको हैं।

भौतिक परिवर्तन किसे कहते हैं?

पदार्थों का ऐसा परिवर्तन जिसमें पदार्थ के गुण कुछ समय के लिए बदल जाते हैं परंतु उनकी बनावट और भार में कोई परिवर्तन नहीं होता है उसे भौतिक परिवर्तन कहते हैं।

दूसरे शब्दों में, भौतिक परिवर्तन की परिभाषा 

पदार्थ का वैसा परिवर्तन जिसमें परिवर्तन के बाद पुनः पहले वाले अवस्था में पदार्थों का परिवर्तन किया जा सकता हो इस प्रकार का परिवर्तन भौतिक परिवर्तन कहलाता है।

उदाहरण :जल की अवस्था में परिवर्तन, लोहे का चुंबकीय होना, विद्युत बल्ब का ताप दीप्ति होना इत्यादि।

रासायनिक परिवर्तन की परिभाषा

पदार्थों का पैसा परिवर्तन जीने में नए पदार्थ बन जाते हैं, पदार्थों के गुण अस्थाई रूप से बदलते हैं उसे रासायनिक परिवर्तन कहते हैं। जैसे :- दूध से दही बनाना, जल का विद्युत अपघटन, मैग्नीशियम के तार का जलना है इत्यादि।

भौतिक परिवर्तन एवं रासायनिक परिवर्तन में अंतर

रासायनिक परिवर्तन के गुण

  • रसायनिक परिवर्तन के फसल को बने नए पदार्थ के गुण मूल पदार्थ के गुणों से भिन्न होते हैं।
  • इस प्रकार के परिवर्तन में पदार्थ का मूल गुण परिवर्तित हो जाता है।
  • रासायनिक परिवर्तन स्थाई होते हैं। प्रक्रिया का कारण हटने के बाद विवाह उत्क्रमित नहीं होता है।
  • रासायनिक परिवर्तन में उस्मा निकलती है तथा अवशोषित होती है।
  • इस प्रकार के परिवर्तन के फल स्वरुप तत्व एवं यौगिकों के द्वारा नए पदार्थ बनते हैं उसका गुण प्रारंभिक अवस्था से भिन्न होता है।
  • रसायनिक परिवर्तन के बाद पदार्थ को उत्पाद कहते हैं।
  • इस प्रकार के परिवर्तन के दौरान भाग लेने वाले पदार्थ को अभिकारक या प्रतिकारक का कहते हैं।
  • रासायनिक परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया भी कहा जा सकता है।
  • रासायनिक अभिक्रिया वास्तविक रूप में जब घटित होती है,तो इन्हें एक सांकेतिक रूप में निरूपित किया जाता है इसे रासायनिक समीकरण कहा जाता है।

भौतिक परिवर्तन एवं रासायनिक परिवर्तन में अंतर

भौतिक परिवर्तन

रासायनिक परिवर्तन

भौतिक परिवर्तन में पदार्थ के केवल भौतिक गुण रंग, अवस्था आदि बदलते हैं। रासायनिक परिवर्तन में पदार्थ का गुण रंग अवस्था बिल्कुल अलग हो जाता है।
इस प्रकार के परिवर्तन में नए पदार्थ का निर्माण नहीं होता है। इस प्रकार के परिवर्तन में नए पदार्थ का निर्माण होता है।
भौतिक परिवर्तन में पदार्थ के भार में अंतर नहीं आता है। रासायनिक परिवर्तन के फल स्वरुप पदार्थ के भार में अंतर आ जाता है।
भौतिक परिवर्तन अस्थायी है। रासायनिक परिवर्तन स्थायी है।
इसमें परिवर्तन का कारण हटने पर पदार्थों पर व्यवस्था में आ जाता है। इसमें परिवर्तन के कारण हटने पर भी पदार्थ पूर्व अवस्था में नहीं आता है।

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आज हम लोग इस लेख में पदार्थ में होने वाले भौतिक परिवर्तन के बारे में अध्ययन करेंगे। हम लोग पढ़ेंगे की भौतिक परिवर्तन क्या है, भौतिक के गुण क्या है तथा भौतिक परिवर्तन की परिभाषा क्या है? तो चलिए हम लोग जानते हैं कि भौतिक परिवर्तन किसे कहते हैं?

भौतिक परिवर्तन किसे कहते हैं?

पदार्थों का ऐसा परिवर्तन जिसमें पदार्थ के गुण कुछ समय के लिए बदल जाते हैं परंतु उनकी बनावट और भार में कोई परिवर्तन नहीं होता है उसे भौतिक परिवर्तन कहते हैं।

दूसरे शब्दों में, भौतिक परिवर्तन की परिभाषा 

पदार्थ का वैसा परिवर्तन जिसमें परिवर्तन के बाद पुनः पहले वाले अवस्था में पदार्थों का परिवर्तन किया जा सकता हो इस प्रकार का परिवर्तन भौतिक परिवर्तन कहलाता है।

उदाहरण :जल की अवस्था में परिवर्तन, लोहे का चुंबकीय होना, विद्युत बल्ब का ताप दीप्ति होना इत्यादि।

भौतिक परिवर्तन किसे कहते हैं?

भौतिक परिवर्तन के गुण

  • भौतिक परिवर्तन के फल स्वरुप नया पदार्थ नहीं बनता है।
  • इस प्रकार के परिवर्तन में पदार्थों की रासायनिक प्रकृति नहीं बदलती है अर्थात मूल पदार्थ के विशिष्ट गुणों में परिवर्तन नहीं होता है।
  • भौतिक परिवर्तन अस्थाई होता है। प्रक्रिया तभी तक चलती है जब तक प्रक्रिया का कारण उपस्थित रहता है। कारण के हटने पर प्रक्रिया रुक जाती है।
  • पदार्थ के भौतिक परिवर्तन के बाद पुनः पदार्थ के पहले वाले अवस्था में बदला जा सकता है।
  • भौतिक परिवर्तन के बाद प्राप्त नए पदार्थ को सरल विधियों की सहायता से अपने प्रारंभिक रूप में बदला जा सकता है।
  • पदार्थ के भौतिक परिवर्तन के दौरान प्राय: ताप अथवा दाम में परिवर्तन किया जाता है।

आज हम लोग इस लेख में पदार्थ में होने वाले भौतिक परिवर्तन के बारे में अध्ययन किया। हमलोग पढ़ा कि भौतिक परिवर्तन क्या है, भौतिक के गुण क्या है तथा भौतिक परिवर्तन की परिभाषा क्या है? तो चलिए हम लोग जानते हैं कि भौतिक परिवर्तन किसे कहते हैं?

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भौतिक परिवर्तन में क्या क्या बदलता है?

पदार्थ के आकार, आमाप ( साइज़), रंग और अवस्था जैसे गुण उसके भौतिक गुण कहलाते हैं । वह परिवर्तन, जिसमें किसी पदार्थ के भौतिक गुणों में परिवर्तन हो जाता है, भौतिक परिवर्तन कहलाता है। भौतिक परिवर्तन सामान्यतः उत्क्रमणीय होता है। ऐसे परिवर्तन में कोई नया पदार्थ नहीं बनता है।

भौतिक परिवर्तन के 5 उदाहरण क्या है?

भौतिक परिवर्तनों के कुछ सामान्य उदाहरण हैं: पिघलना, जमना, संघनित करना, टूटना, कुचलना, काटना और झुकना

भौतिक परिवर्तन के 3 उदाहरण क्या हैं

भौतिक परिवर्तनों में एक अवस्था से दूसरी अवस्था में संक्रमण शामिल है, जैसे ठोस से तरल या तरल से गैस में। काटना, झुकना, घुलना, जमना, उबालना और पिघलना कुछ ऐसी प्रक्रियाएँ हैं जो शारीरिक परिवर्तन पैदा करती हैं।

भौतिक परिवर्तन क्या है एक उदाहरण दें?

पदार्थ में होने वाला वह परिवर्तन जिसमें केवल उसकी भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है तथा उसके रासायनिक गुण व अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होता है। भौतिक परिवर्तन कहलाता है। जैसे - शक्कर का पानी में घुलना, कांच का टुटना, पानी का जमना आदि। भौतिक परिवर्तन से पदार्थ के रंग, रूप, आकार, परिमाप में ही परिवर्तन होता है।