Show औपनिवेशिक मद्रास में शहरी और ग्रामीण तत्व किस हद तक घुल-मिल गए थे?
औपनिवेशिक शहरों में रिकॉर्ड्स सँभाल कर क्यों रखे जाते थे? औपनिवेशिक शहरों में रिकॉर्ड्स संभाल कर रखने के निम्नलिखित कारण थे:
औपनिवेशिक संदर्भ में शहरीकरण के रुझानों को समझने के लिए जनगणना संबंधी आकंड़े किस हद तक उपयोगी होते हैं। औपनिवेशिक संदर्भ में शहरीकरण के रुझानों को समझने के लिए जनसंख्या के आकंड़े बहुत उपयोगी सिद्ध होते हैं:
प्रमुख भारतीय व्यापारियों ने औपनिवेशिक शहरों में खुद को किस तरह स्थापित किया? प्रमुख भारतीय व्यापारी काफ़ी धनी थे। साथ ही वे पढ़े-लिखे भी थे। वे चाहते थे कि वे भी अंग्रेज़ों के समान 'व्हाइट टाउन' जैसे साफ़-सुथरे इलाकों में ही रहें और उन्हें भी समाज में उचित सम्मान प्राप्त हो। इन उद्देश्य से उन्होंने निम्नलिखित कदम उठाए:
''व्हाइट'' और ''ब्लैक'' टाउन शब्दों का क्या महत्व था?'व्हाइट'' और ''ब्लैक'' टाउन शब्दों का महत्व:
ब्लैकटाउन में कितने लोग रहते थे?रेलवे के आने से स्टेशन के चारों ओर एक शहर का निर्माण हुआ। 1862 में एक डाकघर और 1877 में एक स्कूल खोला गया था। 1906 में, ब्लैकटाउन के शायर का गठन किया गया था और 1930 में, शहर में बिजली की शुरुआत की गई थी। 1933 में जनसंख्या तब लगभग 13,000 थी।
ब्लैक टाउन में कैसे लोग रहते थे?मद्रास जैसे बड़े नगरों में स्थित 'ब्लैक टाउन्स' में कौन रहता था? उत्तर ब्लैक टाउन्स में भारतीय व्यापारी, शिल्पकार, औद्योगिक मजदूर एवं अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर तथा कर्मचारी रहा करते थे।
ब्लैक टाउन से आप क्या समझते हैं?जॉर्ज टाउन चेन्नई का एक क्षेत्र है। इसे ब्रिटिश काल में ब्लैक टाउन भी कहा गया है। ब्रिटिश स्थापन के बाद इसे जॉर्ज टाउन कहा जाने लगा, क्योंकि उन्होंने यहां फोर्ट सेंट जॉर्ज बनवाया था।
वाइट और ब्लैक टाउन में क्या अंतर है?''व्हाइट'' और ''ब्लैक'' टाउन शब्द नगर संरचना में नस्ली भेदभाव के प्रतीक थे। अंग्रेज़ गोरी चमड़ी के होते थे इसलिए उन्हें व्हाइट (White) कहा जाता था, जबकि भारतीय को काले (Black) लोग कहा जाता था।
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