बेलपत्र का मुरब्बा खाने से क्या होता है? - belapatr ka murabba khaane se kya hota hai?

बेलपत्र का मुरब्बा खाने से क्या होता है? - belapatr ka murabba khaane se kya hota hai?

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Bael Murabba  

मुख्य बातें

  • कोलेस्ट्रॉल को दूर करने में मददगार

  • कब्ज और अपच की समस्या को दूर करे बेल का मुरब्बा

  • डिहाईड्रेशन की समस्या से बचाएं

Bael Murabba Benefits: गर्मियों के मौसम में बेल का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बेल का सेवन आप जूस और मुरब्बे किसी भी रूप में कर सकते हैं, इससे बेल के गुणों में कोई अंतर नहीं आता। बात करें बेल के मुरब्बे की तो कई गुणों से भरपूर बेल का मुरब्बा गर्मियों में ठंडक का एहसास कराता है। बेल के मुरब्बे को खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे-कब्ज की समस्या, एनीमिया और कोलेस्ट्रॉल को दूर करने में मदद मिलती है। दरअसल, बेल में प्रचुर मात्रा में फाइबर, आयरन, विटामिन सी, विटामिन ए और बीटा कैरोटिन जैसे पोषक तत्व और एंटी-आॉक्सीडेंट्स गुण मौजूद होते हैं। इसलिए बेल का मुरब्बा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। चलिए जानते हैं बेल के मुरब्बे के सेवन के फायदों के बारे में।

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बेल का मुरब्बा खाने के फायदे

पेट संबंधी समस्या को करे दूर
बेल के मुरब्बे में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो कब्ज और एसिडिटी की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होता है। बेल के मुरब्बे के सेवन से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। इसलिए जो लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं, वो रोज सुबह बेल के मुरब्बे का सेवन कर सकते हैं, फायदेमंद रहेगा।

कोलेस्ट्रॉल को दूर करने में मददगार
बेल के मुरब्बे के सेवन से कोलेस्ट्रॉल की समस्या को दूर करने में भी मदद मिलती है। दरअसल, बेल के मुरब्बे में फाइबर के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण भी मौजूद होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार होते हैं।

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लू और हीट स्ट्रोक से बचाएं
गर्मी के मौसम में लू और हीट स्ट्रोक से बचना सबसे बड़ी चुनौती होती है। अक्सर गर्मी के मौसम में लू लगने से डिहाईड्रेशन जैसी खतरनाक समस्या तक हो सकती है। इन समस्याओं से बचने के लिए बेल के मुरब्बे का सेवन काफी फायदेमंद होता है क्योंकि बेल का तासीर ठंडा होता है, जो गर्मी में शरीर को ठंडक पहुंचाता है।

शॉर्ट मैमोरी की समस्या को करे दूर
जिन लोगों को कमजोर याददाश्त की समस्या होती है, उनके लिए भी बेल के मुरब्बे का सेवन काफी फायदेमंद होता है क्योंकि बेल एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुणों से भरपूर होता है, जो तनाव को दूर करने और याददाश्त को बढ़ाने में मददगार होता है।

एनीमिया को करे दूर
आयरन से भरपूर होने की वजह से बेल के मुरब्बे के सेवन से एनीमिया की समस्या दूर होती है। जिन लोगों को एनीमिया यानि कि खून की कमी की समस्या होती है, उनके लिए बेल के मुरब्बे का सेवन काफी फायदेमंद होता है।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

शिवजी की को अर्पित किया जाने वाला बेलपत्र, सिर्फ पूजा मात्र का ही एक साधन नहीं है, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है। क्या आप जानते हैं, बेलपत्र के यह 5 स्वास्थ्य लाभ? अगर नहीं जानते तो आपको जरूर जानना चाहिए...


1 बुखार होने पर बेल की पत्तियों के काढ़े का सेवन लाभप्रद है। यदि मधुमक्खी, बर्र अथवा ततैया के काटने पर जलन होती है। ऐसी स्थिति में काटे गए स्थान पर बेलपत्र का रस लगाने से राहत मिलती है।

बेल का नाम सुनते ही सबसे पहले हमें इसके जूस की याद आती है। गर्मियों में सड़क किनारे और बाजार में जूस के ठेलों पर इस फल का जूस तेजी से बिकना शुरू हो जाता है। इस फल को हम जूस के रूप में ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और इसे सामान्य रूप से खाया भी जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बेल के फायदे के बारे में ही बताएंगे। इसके प्रयोग से कई स्वास्थ्य समस्याओं का हल चुटकियों में घर बैठे दूर हो सकता है। इस लेख में आपको बेल के गुण और बेल के नुकसान की भी जानकारी मिलेगी। बेल फल के सेवन से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।

लेख विस्तार से पढ़ें

आइए, सबसे पहले बेल के बारे में जानते हैं।

विषय सूची

  • बेल क्या है? – What is Bael in Hindi
  • बेल के फायदे – Benefits of Bael (wood apple) in Hindi
  • बेल के पौष्टिक तत्व – Bael (wood apple) Nutritional Value in Hindi
  • बेल का उपयोग – How to Use Bael in Hindi
  • बेल के नुकसान – Side Effects of Bael in Hindi

बेल क्या है? – What is Bael in Hindi

बेल एक प्रकार का फल होता है। इसका कच्चा फल हरे रंग की एक सख्त परत से ढका होता है। वहीं, यह पकने के बाद पीले रंग का हो जाता है और इसकी बाहरी परत सख्त रहती है। इसका वैज्ञानिक नाम एगेल मार्मेलोस (Aegle Marmelos) है। इसे अंग्रेजी भाषा में वुड एप्पल और बिल्व के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर और दक्षिण भारत में इसके जूस का सेवन गर्मियों में बड़े पैमाने पर होता है। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए और जूस की ठंडी तासीर होने के कारण, इसका उत्पादन व्यावसायिक तौर पर भी किया जाने लगा है।

आगे है जरूरी जानकारियां

लेख के इस भाग में आपको बताया जा रहा है कि इसके सेवन से आपको कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।

बेल के सेवन से निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं में फायदा मिल सकता है-

1. सिरदर्द में

कुछ मामलों में अगर सिरदर्द का इलाज समय रहते न किया जाए, तो घातक परिणाम का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बेल का सेवन इसके जोखिम से आपको बचा सकता है। बेल में विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है (1) और विटामिन-सी का सेवन माइग्रेन (सिरदर्द की एक स्थिति) के रोगियों में न्यूरोजेनिक सूजन को ठीक करने के काम कर सकता है (2)।

2. पीलिया में

पीलिया होने का एक कारण लीवर में सूजन होना माना जाता है (3)। पीलिया से बचने के लिए भी बेल फल के फायदे देखे गए हैं। वैसे तो पारंपरिक तौर पर बहुत पहले से ही पीलिया के इलाज के लिए बेल का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं, इस पर किए गए वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि बेल के फल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो लीवर में होने वाली सूजन को कम कर पीलिया के उपचार में मदद कर सकते हैं (4)।

3. कॉलरा में

कॉलरा एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो दस्त का कारण बन जाता है (5)। इससे बचने के लिए बेल फल का सेवन फायदा पहुंचा सकता है। दरअसल, बेल फल में एंटी-डायरिया गतिविधि पाई जाती है। अगर इसके जूस का सेवन किया जाए, तो बेल फल की एंटीडायरियल गतिविधि कॉलरा की समस्या के दौरान होने वाली डायरिया की शिकायत को कम करने में प्रभावी असर दिखा सकती है (4)।

4. आंखों के स्वास्थ्य में

स्वस्थ आंखों के जरिए ही हम अपने आसपास की खूबसूरती को देख पाते हैं। आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेल फल खाना फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि बेल फल में विटामिन-ए की मात्रा पाई जाती है (4)। विटामिन-ए का सेवन आंखों की रोशनी को बेहतर करने में मदद कर सकता है (6)।

5. डायरिया और कब्ज की स्थिति में

अगर डायरिया का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। डायरिया की स्थिति में पतले दस्त होते हैं (7)। बेल फल में एंटी-डायरिया गुण पाए जाते हैं जो न केवल डायरिया की चपेट में आने से बचाते हैं, बल्कि इससे होने वाले जोखिम से भी सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं (4)।

वहीं, कब्ज की समस्या में भी बेल का सेवन फायदा पहुंचा सकता है, क्योंकि इसमें क्रूड फाइबर की मात्रा पाई जाती है (1)। क्रूड फाइबर पाचन में मदद करने के साथ कब्ज की समस्या को दूर करने में भी काम आ आ सकता है (8)।

6. बवासीर के इलाज के लिए

बवासीर की स्थिति में मलाशय के आसपास वाली नसों में सूजन आ जाती है और दर्द बना रहता है। बवासीर होने की मुख्य वजह में कब्ज की समस्या और लो फाइबर डाइट भी शामिल हैं (9)। जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि कब्ज का इलाज करने और अच्छे फाइबर स्रोत के लिए बेल फल का सेवन किया जा सकता है। यह बवासीर से होने वाले जोखिम को कम कर सकता है (1), (8)।

7. एनीमिया की स्थिति में

एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। इसका सबसे आम कारण है शरीर में आयरन की कमी (10)। वहीं, बेल के गूदे को खाकर आयरन की पूर्ति की जा सकती है, क्योंकि बेल फल में आयरन की मात्रा पाई जाती है, जो एनीमिया को ठीक करने में मदद कर सकता है (1)।

8. मधुमेह की समस्या में

मधुमेह का इलाज और इससे होने वाले जोखिम से बचने के लिए भी बेल फल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पर हुए वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, बेल में एंटी-डायबिटिक गुण पाया जाता है, जो मधुमेह और इसके जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है (4)।

9. हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बेल फल का सेवन फायदा पहुंचा सकता है। दरअसल, ऐसा इसलिए मुमकिन हो सकता है, क्योंकि बेल को कार्डियोप्रोटेक्टिव का एक बढ़िया स्रोत माना जाता है (4)। कार्डियोप्रोटेक्टिव एजेंट की तरह सक्रिय रूप से कार्य करते हुए यह हृदय को कई बीमारियों से बचाए रखने में काम आ सकता है। इस स्थिति में बेल फल के गूदे को खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

10. उल्टी की स्थिति में

उल्टी की समस्या से अगर कोई परेशान है, तो उसे बेल की जड़ के काढ़े का सेवन कराया जा सकता है। यह उल्टी की स्थिति में काफी मदद कर सकता है। दरअसल, बेल की जड़ के काढ़े में एंटीबायोटिक क्रिया पाई जाती है, जो मतली और उल्टी के उपचार में लाभदायक हो सकती है (11)। हालांकि, बेल फल का सेवन किस प्रकार उल्टी से राहत दिला सकता है, इस पर अभी वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

11. गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने के लिए

गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने के लिए लोग तरह-तरह के घरेलू उपाय अपनाते होंगे, जबकि बेल का सेवन इस मामले में भी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, बेल फल में प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं (12)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने में मदद कर सकते हैं (13)।

12. टीबी रोग के लिए

टीबी रोग से बचने के लिए भी बेल फल के फायदे देखे जा सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च में पाया गया है कि बेल फल में एंटी-माइक्रोबियल क्रिया पाई जाती है। अध्ययन में यह भी बताया गया कि टीबी रोग के लिए यह क्रिया प्रभावी रूप से कार्य करते हुए एम ट्यूबरकुलोसिस (M. Tuberculosis – टीबी रोग के जिम्मेदार बैक्टीरिया) की वजह से होने वाले दुष्प्रभाव को कम कर सकती है (14)।

13. बाल झड़ने की समस्या में

बेल के फायदे बाल झड़ने की समस्या को भी ठीक कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि आयरन और जिंक की कमी से बाल झड़ने की समस्या होती है (15)। ये दोनों पोषक तत्व बेल फल में पाए जाते हैं (1)। इनके सेवन से बालों के झड़ने की समस्या को रोका जा सकता है। बेल चूर्ण के फायदे बालों के झड़ने की समस्या को दूर करने में कारगर हो सकते हैं।

14. सूजन से राहत पाने के लिए

कभी-कभी अज्ञात कारणों से या चोट लगने के कारण हमारे शरीर के किसी अंग में सूजन आ जाती है। इससे आराम पाने के लिए बेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, बेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं और ये गुण सूजन को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकते हैं (4)।

15. विटिलिगो (Vitiligo)

विटिलिगो त्वचा से जुड़ी ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों में त्वचा अपना रंग खो देती है (16)। इस समस्या से कई लोग पीड़ित हैं। वहीं, बेल को औषधीय वृक्षों की श्रेणी में गिना जाता है। यही कारण है कि बेल के जूस का सेवन विटिलिगो से पीड़ित लोगों के इलाज में काम आ सकता है (17)।

नोट – बेल फल में ऐसा कौन-सा गुण पाया जाता है, जिसके सेवन से विटिलिगो की समस्या ठीक हो जाती है, इस पर अभी सटीक वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है। इसलिए, इस स्थिति में इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

16. रूसी से बचने के लिए

रूसी की समस्या से बचने के लिए बेल का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, बालों में रूसी की समस्या को ठीक करने के लिए जिंक जैसे पोषक तत्व आवश्यक माना जाता है (18)। वहीं, बेल में जिंक की मात्रा पाई जाती है, जिसके सेवन से बालों की रूसी की समस्या को खत्म किया जा सकता है (1)।

17. त्वचा के लिए

त्वचा के लिए बेल के तमाम फायदे देखे जा सकते हैं। एक रिसर्च पेपर में इस बात का जिक्र मिलता है कि बेल के रस को त्वचा पर लगाने से त्वचा पर हुए इन्फेक्शन में मदद मिल सकती है (19)। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि त्वचा पर बेल का रस लगाने से त्वचा पर होने वाले संक्रमण की समस्या को दूर किया जा सकता है।

पढ़ना जारी रखें

बेल के गुण से होने वाले स्वास्थ्य फायदों को जानने के बाद, आइए अब जानते हैं कि इनमें कौन-कौन से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।

बेल के पौष्टिक तत्व – Bael (wood apple) Nutritional Value in Hindi

बेल के खाने योग्य 64% हिस्से के पोषक तत्वों के बारे में आपको नीचे दी गई तालिका के माध्यम से बताया जा रहा है (20)।

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
ऊर्जा 137 k.cal
मॉइस्चर 61.5gm
प्रोटीन 1.8gm
फैट 0.3
मिनरल 1.7gm
फाइबर 2.9gm
कार्बोहाइड्रेट 31.8gm
कैल्शियम 85.00mg
फास्फोरस 50mg
पोटैशियम 600mg
विटामिन-सी 8mg

उपयोग पढ़ें

आइए अब लेख के इस भाग में जानते हैं कि बेल का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।

बेल का उपयोग – How to Use Bael in Hindi

बेल का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है-

  • बेल के गूदे से जूस बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है।
  • पके हुए बेल के गूदे को खाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • बेल फल का शरबत बनाकर सेवन किया जा सकता है। खासतौर पर, गर्मियों के मौसम में बेल के शरबत से शरीर को ठंडक और ऊर्जा मिलती है।
  • बेल का मुरब्बा खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

कब खाएं: बेल को दिनभर में किसी भी समय खा सकते हैं। हालांकि, इसका उपयोग दोपहर में ज्यादा किया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका सेवन गर्मियों में ही करना फायदेमंद होता है।

कितना खाएं: एक बार में आप बेल की 100 ग्राम मात्रा का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, इसके सेवन से जुड़ी हुई सही जानकारी के लिए एक बार आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।

पढ़ना जारी रखें

आइए, अब बेल खाने के नुकसान के बारे में भी आपको जानकारी देते हैं।

बेल के नुकसान – Side Effects of Bael in Hindi

बेल खाने से निम्नलिखित नुकसान देखने को मिल सकते हैं-

  • बेल खाते समय इसके बीज को निकाल लें, नहीं तो इसके बीज गले में फंस सकते हैं।
  • बेल में शुगर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन टाइप 2 डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर का कारण भी बन सकता है (1), (21)। इसलिए, इसके अधिक सेवन से बचें।
  • बेल में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए अधिक फास्फोरस नुकसान पहुंचा सकता है (1), (22)।
  • बेल में कैल्शियम की मात्रा भी पाई जाती है, जिसका अधिक सेवन किडनी स्टोन का कारण बन सकता है (1), (23)
  • बेल का पत्ता खाने के नुकसान सेहत के लिए हो सकते हैं।
  • अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से बेल के शरबत के नुकसान भी हो सकते हैं।

आपने इस लेख में पढ़ा कि कैसे जूस के रूप में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले बेल को हम विभिन्न रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह न केवल हमारी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को कम करता है, बल्कि उनसे होने वाले खतरे से भी बचाता है। उम्मीद है यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा, इस तरह की अन्य जानकारी पाने के लिए जुड़े रहे सटीलेक्रेज के साथ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या रोजाना बेल का सेवन किया जा सकता है ?

दिन में एक कप बेल के जूस का सेवन किया जा सकता है (24)।

क्या बेल को कच्चा खाया जा सकता है?

हां, बेल के गूदे को कच्चा खाया जा सकता है।

क्या बेल का सेवन लिवर के लिए अच्छा माना जाता है?

हां, बेल का सेवन लिवर के लिए अच्छा माना जा सकता है(25)।

क्या खाली पेट बेल के जूस का उपयोग कर सकते हैं?

हां, डॉक्टर की सलाह पर खाली पेट बेल के जूस का सेवन कर सकते हैं(26)।

क्या किडनी की समस्या में बेल फायदेमंद है?

हां, किडनी की समस्या के लिए बेल फायदेमंद है(25)।

संदर्भ (Sources) :

और पढ़े:

  • स्‍ट्रॉबेरी के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान
  • रामबुतान के 11 अद्भुत स्वास्थ्य लाभ
  • अंजीर के 21 फायदे, उपयोग और नुकसान
  • खुबानी के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान
  • संतरे के 17 फायदे, उपयोग और नुकसान
  • शहतूत के फायदे, उपयोग और नुकसान

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  • Author

बेल का मुरब्बा कब खाना चाहिए?

बेल के मुरब्बे का नियमित सेवन पेट के रोगों के खिलाफ लड़ने में प्रभावी भूमिका अदा करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। वहीं जिन लोगों को पेट में गैस और कब्ज की समस्या रहती है उन्हें बेल का मुरब्बा हर रोज सुबह नास्ते में जरूर लेना चाहिए।

बेलगिरी का मुरब्बा खाने से क्या फायदा होता है?

बेल का मुरब्बा भी विटामिन सी, कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसी वजह से सेहत के लिए ये काफी फायदेमंद होता है. बेल का मुरब्बा खाने से इम्यूनिटी तो बढ़ती ही है, साथ ही पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है. जिससे अपच और कब्ज़ जैसी दिक्कतों से निजात मिलती है.

बेल खाने का सही समय क्या है?

कब खाएं: बेल को दिनभर में किसी भी समय खा सकते हैं। हालांकि, इसका उपयोग दोपहर में ज्यादा किया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका सेवन गर्मियों में ही करना फायदेमंद होता है।

बेल पत्थर खाने से क्या होता है?

डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल और दिल से संबंधित बीमारियों को सही करने में बेल पत्र का सेवन बहुत फायदेमंद साबित होता है. बेल का फल पेट साफ करने के लिए जबर्दस्त फॉर्मूला है. इसमें लैक्सेटिव प्रोपर्टीज होती हैं जो डाइजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त रखती हैं. बेलपत्र में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं.