बवासीर पर कौन सा तेल लगाना चाहिए? - bavaaseer par kaun sa tel lagaana chaahie?

Piles Treatment: बवासीर की समस्या को दूर करने में आयुर्वेद में मौजूद कुछ तेल आपके बेहद काम आ सकते हैं. ऐसे में जानते हैं कौन से हैं ये तेल, जिनके उपयोग से न केवल दर्द को दूर किया जा सकता है बल्कि सूजन की समस्या से भी राहत मिल सकती है.

बवासीर पर कौन सा तेल लगाना चाहिए? - bavaaseer par kaun sa tel lagaana chaahie?

piles Treatment: जब किसी व्यक्ति को बवासीर की समस्या (Piles) होती है तो उसे काफी दर्दनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है. इस स्थिति से व्यक्ति को मल त्यागने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बता दें कि यह समस्या मोटापे के कारण, खानपान की गड़बड़ी आदि के कारण हो सकती है. ऐसे में समय रहते इलाज जरूरी है. आयुर्वेद में इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ तेल (Ayurveda Oils) मौजूद हैं, जिनके इस्तेमाल से समस्या दूर (Piles Home remedies) हो सकती है, जानते हैं इनके बारे में…

1 – लौंग के तेल के इस्तेमाल से

लौंग एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल से बवासीर की समस्या को दूर किया जा सकता है. ऐसे में आप लौंग की कुछ बूंदों को प्रभावित स्थान पर लगाएं. ऐसा करने से समस्या से राहत मिल सकती है.

2 – पुदीने के तेल के इस्तेमाल से

पुदीना के तेल के इस्तेमाल से भी बवासीर की समस्या को दूर किया जा सकता है. बता दें कि इस तेल की कुछ बूंदें प्रभावित स्थान पर लगाएं. ऐसा करने से न केवल बवासीर को दूर किया जा सकता है बल्कि सूजन को भी दूर किया जा सकता है.

3 – टी ट्री ऑयल के इस्तेमाल से

टी ट्री ऑयल के इस्तेमाल से भी बवासीर की समस्या को दूर किया जा सकता है. बता दें कि इस तेल की कुछ बूंदों का प्रभावित स्थान पर लगाएं. अगर आप चाहें तो टी ट्री ऑयल के साथ नारियल तेल को भी मिक्स करके लगा सकते हैं. ऐसा करने से बवासीर की समस्या से राहत मिल सकती है.

नोट – बवासीर की समस्या को दूर करने में कुछ तेल बेहद उपयोगी हैं. हालांकि इनका इस्तेमाल करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की राय जरूर लें.

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नोट  :- इस लेख में बताये गए नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पहले से ली जा रही कोई भी दवा बंद न करें। असुविधा होने पर इस साइट की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी। 

दालचीनी के तेल का इस्तेमाल करने से बवासीर की परेशानियों को कम किया जा  सकता है। दालचीनी एसेंशियल ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो सूजन से राहत मिल सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि इसका इस्तेमाल सावधानी पूर्वक करने की आवश्यकता होती है। बवासीर की परेशानी होने पर दालचीनी एसेंशियल ऑयल के साथ अन्य वाहक तेल मिक्स कर लें। अब इस तेल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे आपको काफी राहत मिल सकता है।

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2. लौंग एसेंशियल ऑयल

लौंग एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदों का इस्तेमाल करने से बवासीर की परेशानी से राहत पा सकते हैं। यह गुदा और मलाशय में होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में प्रभावी है। लौंग के तेल के अलावा आप लौंग का क्रीम भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपकी स्किन संवेदनशील है, तो प्रभावित हिस्से पर इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करें।

3. पुदीना आवश्यक तेल

पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल आंत्र सिंड्रोम (IBS) के उपचार में प्रभावी होता है। इसलिए कई एक्सपर्ट मिंट एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करने की भी सलाह दे सकते हैं। पेपरमिंट ऑयल का सुखदायक मेन्थॉल घटक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो गुदे के सूजन को कम करने में प्रभावी है। इससे मल त्यागने के दौरान होने वाले दर्द से आराम मिल सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल लगाने से बचना चाहिए। इस तेल का इस्तेमाल करने से पहले इसे अन्य वाहक तेल के साथ मिक्स करके पतला करें। 

बवासीर पर कौन सा तेल लगाना चाहिए? - bavaaseer par kaun sa tel lagaana chaahie?

4. टी ट्री एसेंशियल ऑयल

टी ट्री ऑयल बैक्टीरिया को खत्म करने का गुण रखता है। यह सूजन को कम करता है। साथ ही बवासीर की अन्य परेशानी से राहत दिला सकता है। संवेदनशील स्किन वाले लोग भी टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, इस तेल को जोजोबा तेल या नारियल के तेल के साथ मिक्स करके ही अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह ऑयल ऑइंटमेंट की तरह बवासीर की परेशानी में कार्य करता है।

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5. लोबान एसेंशियल ऑयल

लोबान तेल बवासीर की परेशानी में होने वाले दर्द और सूजन का इलाज करने में प्रभावी है। प्राचीन काल से ही इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। लोबान न केवल सूजन को कम करता है, बल्कि यह जीवाणुओं को मारने में भी असरदार होता है। इसमें संक्रमण और दर्द निवारक गुण होता है। लोबान एसेंशियल ऑयल को वाहक तेल, जैसे नारियल या जोजोबा तेल के साथ पतला करके आप इसे अपने प्रभावित स्थान पर लगा सकते हैं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।

बवासीर की परेशानी होने पर आप आयुर्वेद के इन खास तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैँ। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपकी परेशानी ज्यादा बढ़ रही है, तो एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

4 इरमेदादि तेल : यह तेल दांत के रोगों में खास तौर से लाभदायक। मसूढ़ों के रोग, मुंह से दुर्गंध आना, जीभ, तालू व होठों के रोगों में भी यह बेहद लाभप्रद है। मुख के रोगों में इसे मुंह में भरना या दिन में तीन-चार बार तीली से लगाना चाहिए।


5 काशीसादि तेल : यह तेल नासूर शोधक तथा रोपण है। इसके लगाने से बवासीर के मस्से नष्ट हो जाते हैं साथ ही यह नाड़ी नासूर एवं दूषित नासूर के उपचार हेतु लाभकारी है। बवासीर होने पर दिन में तीन-चार बार संबंधित स्थान पर लगाना अथवा रूई भिगोकर रखना लाभदायक है।

बवासीर के मस्सों पर कौन सा तेल लगाना चाहिए?

-सुबह-शाम मस्सों पर सरसों का तेल लगाएं। 4 - 5 दिन में ही मस्से सूखने लगेंगे, 10 दिन में ही बवासीर में काफी आराम मिलेगा। आप नीम के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

बवासीर के मस्सों को जड़ से खत्म कैसे करें?

बवासीर के मस्सों को हटाने के उपाय में आक के पत्ते और सहजन के पत्ते का मलहम बना कर लगाने से मस्सों से छुटकारा मिलता है। नीम का तेल और हल्दी कड़वी तोरई के रस में मिला कर मस्सों पर लगाये। नियमित रूप से इश रामबाण उपाय को करने पर मलद्वार के मस्से जड़ से खत्म हो जाते है।

बवासीर का पक्का इलाज कौन सा है?

कांकायन वटी अदरक, पिप्पली जड़ी बूटियों और हरीतकी को मिलाकर बनाया जाता है। बवासीर से पीड़ित होने पर गुदा के आस-पास की नसों में खून जमने लगता है। नियमित रूप से इस दवा का सेवन करने से गुदा की नसों में खून का जमाव ठीक होने के साथ साथ बवासीर के कारण उत्पन्न दर्द और सूजन भी दूर हो जाता है।