चेहरे पर सनस्क्रीन का उपयोग कैसे करें? - chehare par sanaskreen ka upayog kaise karen?

गर्मी का मौसम आ चुका है और गर्मी लगातार बढ़ रही है। इस मौसम में घर से बाहर निकलने का मन नहीं करता है लेकिन ऐसा संभव नहीं है। अगर हम घर से बाहर कहीं जा रहे हैं तो अपनी स्किन की सुरक्षा का ध्यान रखना ही पड़ेगा। इसके लिए हम सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। सनस्क्रीन का उपयोग हमारी स्किन को धूप की हानिकारक किरणों से बचाता है। स्किन पर सनस्क्रीन लगाने से स्किन डल, ड्राई और डैमेज होने जैसी कई समस्याओं से बच जाती है। सिर्फ सनस्क्रीन लगा लेने से स्किन की सुरक्षा नहीं होती है, इसके लिए हमें सनस्क्रीन के उपयोग करने से जुड़ी कुछ गलतियों से भी बचना पड़ता है। आइए जानते हैं कि हमें किन गलतियों से सावधान रहने की जरूरत होती है।

1- सही समय का ध्यान न रखना
अक्सर लोग घर से निकलते समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। जब भी धूप में कहीं बाहर जाने का प्लान है तो घर से निकलने के 10 से 15 पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से स्कीन पर सनस्क्रीन को अपना काम करने का पर्याप्त समय मिल जाता है और यह आपकी स्कीन की धूप से अच्छी तरह से सुरक्षा करता है।

2- सिर्फ एक बार लगाना
हम लोग सोचते हैं कि दिन में एक बार सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना ही पर्याप्त है। यदि आप ऐसा कर रहे हैं तो यह गलत है। सनस्क्रीन को दो से तीन घंटे बाद दोबारा लगाना चाहिए। इस बात हो हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि स्विमिंग और ड्राइविंग के बाद सनस्क्रीन का स्किन पर इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

3- सिर्फ धूप में इस्तेमाल करना
अधिकतर लोगों का मानना होता है कि सनस्क्रीन सिर्फ धूप में हमारी स्किन की सुरक्षा करती है। इस गलती को न करें और चाहे कोई भी मौमस हो आप घर से निकलने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। सनस्क्रीन हर मौसम में हमारी स्किन की सुरक्षा करती है।

4- डार्क स्किन पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करना
डार्क स्किन वाले लोग सोचते हैं कि उन्हें सनस्क्रीन के उपयोग करने की जरूरत ही नहीं है। जबकि ऐसा नहीं है, क्योंकि सनस्क्रीन स्किन टोन को डार्क होने से नहीं बचाता है, बल्कि सनस्क्रीन धूप की हाानिकारक किरणों से स्किन से सुरक्षा करता है। इसलिए कोई भी स्कीन टोन पर धूप में निकलते समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।

5- एसपीएफ का ध्यान न रखना
सनस्क्रीन खरीदते समय एसपीएफ (SPF) पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं। एसपीएफ सूर्य की किरणों से बचाव का एक मानक शब्द है। यह एक रेटिंग फैक्टर है जो बताता है कि कोई सनस्क्रीन या सनब्लॉक आपको किस स्तर तक बचाव देता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी को एक घंटा धूप में रहने से सनबर्न होता है तो एसपीएफ 15 उसे 15 घंटे धूप में रहने की आजादी देगा, मतलब सनबर्न होने में 15 गुना ज्यादा समय लगेगा। मगर ऐसा तभी हो सकता है जब इन पूरे 15 घंटों में धूप का असर एक सा हो।

अक्सर लोग सनस्क्रीन लगाना जरूरी नहीं समझते हैं, जबकि सनस्क्रीन लगाना बेहद जरूरी होता है। सूरज की किरणों से निकलने वाली यू.वी.ए. और यू.वी.बी. किरणें हमारी त्वचा को सीधा नुकसान पहुंचाती हैं। इन किरणों में 95 प्रतिशत यू.वी.ए. तथा शेष 5 प्रतिशत यू.वी.बी. होता है। इन्हीं किरणों के कारण समय से पहले त्वचा ढीली पड़ने लगती है और उम्र भी काफी अधिक दिखने लगती है। इसके अलावा स्किन कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की आशंका भी बनी रहती है। साथ ही यू.वी.बी. किरणों से सनबर्न और मोतियाबिंद जैसी बीमारी होने का खतरा भी होता है। हम सनस्क्रीन लोशन के बारे में या तो जानते नहीं हैं या फिर गलत जानते हैं, यही वजह है कि अपने लिए सही सनस्क्रीन का चुनाव करना कई लोगों के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। सबसे अच्छा सनस्क्रीन लोशन लिस्ट

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सनस्क्रीन के प्रकार – Types of Sunscreen

त्वचा पर कैसे करें सनस्क्रीन का इस्तेमाल – How to Use Sunscreen on Face in Hindi

स्किन टाइप के अनुसार कैसे करें सनस्क्रीन का चुनाव 

एक्सपायर्ड सनस्क्रीन का पता कैसे करें?

सनस्क्रीन को स्टोर कैसे करें? – How to Store Sunscreen in Hindi?

जानिए त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना क्यों जरूरी है – Importance of Sunscreen in Hindi

कॉस्मेटोलॉजिस्ट और वैदिक सूत्र वेलनेस सेंटर की फांउडर डायरेक्टर डॉ. अनु जायसवाल से जानिए सनस्क्रीन के बारे में वो सबकुछ, जो आपको पता होना बेहद ज़रूरी है। रूखी त्वचा के लिए सनस्क्रीन लोशन 

चेहरे पर सनस्क्रीन का उपयोग कैसे करें? - chehare par sanaskreen ka upayog kaise karen?

ऑयली स्किन को धूप से बचाने के लिए बेस्ट हैं ये सनस्क्रीन

सनस्क्रीन के प्रकार – Types of Sunscreen

चेहरे पर सनस्क्रीन का उपयोग कैसे करें? - chehare par sanaskreen ka upayog kaise karen?

आमतौर पर तीन तरह के सनस्क्रीन चलन में हैं, फिजिकल सनस्क्रीन, केमिकल सनस्क्रीन और हर्बल सनस्क्रीन। फिजिकल सनस्क्रीन का अधिकतम एसपीएफ 20 होता है, जिसमें केमिकल्स बेहद कम होते हैं, वहीं केमिकल सनस्क्रीन का एसपीएफ 20 से ज्यादा होता है। भारत में अल्ट्रावाॅयलेट किरणों का स्तर ज्यादा खतरनाक नहीं है इसलिए यहां फिजिकल सनस्क्रीन का इस्तेमाल ज्यादा होता है। केमिकल सनस्क्रीन में टाइटेनियम डाई ऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड पाए जाते हैं, जो कि सूरज से निकलने वाली नुकसानदायक किरणों से हमारी रक्षा करते हैं। इन सबसे हटकर है हर्बल सनस्क्रीन। इसमें पुदीना, लैवेंडर ऑयल, एवोकैडो ऑयल, शिया बटर, एलोवेरा, रसबेरी, तिल का तेल, ग्लिसरीन और नींबू जैसी कई हर्बल चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता है।

त्वचा पर कैसे करें सनस्क्रीन का इस्तेमाल – How to use Sunscreen on Face in Hindi

चेहरे पर सनस्क्रीन का उपयोग कैसे करें? - chehare par sanaskreen ka upayog kaise karen?

सनस्क्रीन लगाएं पर कम से कम 20 मिनट पहले

आप घर से निकल रही हैं और इन यूवी किरणों से बचना चाहती हैं तो झट से सनस्क्रीन लगा लिया, यह गलत है। सनस्क्रीन लोशन को घर से निकलने से कम से कम 20 मिनट पहले लगाना चाहिए। ध्यान रखें कि दिन में एक बार सनस्क्रीन लगाकर भी दिन भर की छुट्टी नहीं हो सकती है। सनस्क्रीन लोशन को हर दो घंटे में लगाया जाना चाहिए।

सनस्क्रीन लगाने में कंजूसी न करें

हल्का- सा सनस्क्रीन लोशन हाथ में लिया और उसे दोनों बांहों में लगा लिया, ऐसे नहीं चलेगा। अगर आप सच में चाहती हैं कि इसका असर हो तो सनस्क्रीन को सही मात्रा में लगाएं।

कोई भी सनस्क्रीन सुरक्षा की 100% गारंटी नहीं देता है

सनस्क्रीन लोशन एक केमिकल बेस है, कोई दिव्य कवच नहीं इसलिए विज्ञापनों के चक्कर में पड़े बिना सनस्क्रीन का  इस्तेमाल करें। सनस्क्रीन क्रीम से आपको 50% से लेकर 97% तक की सुरक्षा मिल सकती है।

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सनस्क्रीन में वॉटरप्रूफ जैसा कुछ भी नहीं है

कोई भी सनस्क्रीन वाॅटरप्रूफ नहीं होती है इसलिए अगर आप स्विमिंग करके निकलती हैं या ऐसे ही चेहरे पर पानी डालती हैं तो उसके बाद सनस्क्रीन लगाना न भूलें।

अगर आप ऊंचाई पर जा रही हों तो

ऊंचाई पर जा रही हैं तो सनस्क्रीन की मात्रा बढ़ा दें क्योंकि वहां से सूरज की किरणें आपके और भी करीब होंगी। शरीर के उन हिस्सों पर भी सनस्क्रीन लगाएं, जिन्हें आप अमूमन इग्नोर करती हैं, जैसे- पैरों की उंगलियां।

स्किन टाइप के अनुसार कैसे करें सनस्क्रीन का चुनाव 

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सेंसिटिव स्किन

ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि सेंसिटिव स्किन पर सनस्क्रीन लगाने से आंखों और चेहरे पर हल्‍की जलन महसूस होने लगती है। दरअसल कई सनस्‍क्रीन क्रीम्स में ऐसे केमिकल्‍स पाए जाते हैं, जो कि एलर्जी, खुजली और सूजन पैदा कर सकते हैं। सनस्‍क्रीन लगाने से कई लोगों की त्‍वचा रूखी पड़ जाती है और अगर आप के चेहरे पर एक्‍ने की समस्या है तो यह सनस्‍क्रीन उसे और भी बुरा बना सकती है।  जिन लोगों की त्‍वचा संवेदनशील है, उन्हें  सनस्क्रीन रैशेज़ भी दे सकती है। अगर आप की त्‍वचा संवेदनशील है तो क्रीम खरीदने से पहले स्‍किन एक्‍सपर्ट से सलाह ज़रूर लें। आप चाहें तो घरेलू हर्बल सनस्क्रीन का भी इस्तेमाल कर सकती हैं क्योंकि हर्बल और प्राकृतिक रूप से बनी हुई सनस्‍क्रीन का इस्‍तेमाल करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

डार्क स्किन टोन

डार्क स्किन टोन में सनबर्न होने के बजाय सनटैन होने की आशंका ज्यादा रहती है। हालांकि तेज धूप के प्रभाव में आने पर सनबर्न भी हो सकता है। ऐसी स्किन टोन वालों को कम से कम 50 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाना चाहिए। इसे रोज़ाना इस्तेमाल करने पर आपको सूरज की यूवी किरणों से पूरी तरह सुरक्षा मिलेगी। सनस्क्रीन खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें टाइटेनियम न मिला हो क्योंकि इससे आपकी स्किन सफेद दिखने लगेगी।

ड्राई स्किन

ऑयली स्किन के मुकाबले ड्राई स्किन के ज्यादा टैन होने की आशंका रहती है। इसके अलावा ड्राई स्किन पर सनस्क्रीन लगाने से त्वचा पर सफेद पैच भी बन जाते हैं, जो दिखने में ज्यादा भद्दे लगते हैं। चेहरे पर इस तरह के पैच कोई भी पसंद नहीं करेगा। इसलिए ड्राई स्किन वाले जब भी अपने लिए सनस्क्रीन का चुनाव करें तो थोड़े क्रीमी टेक्सचर वाली हाइड्रेटिंग सनस्क्रीन ही खरीदें। इससे आपकी स्किन पर व्हाइट पैच नहीं पड़ेंगे।

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ऑयली स्किन

ऑयली स्किन को सूरज की यूवी किरणों से बचाने के लिए इस स्किन टाइप वाले लोगों को जेल बेस्ड या हल्के मैट फिनिश वाले सनस्क्रीन चुनने चाहिए। आपकी त्वचा ऑयली है इसलिए कुछ घंटों बाद ही सनस्क्रीन पसीने में आसानी से घुल जाती है। आपको अपने सनस्क्रीन से अधिकतम सुरक्षा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आपको स्वेट- प्रूफ सनस्क्रीन का चयन करना चाहिए और हर 3 घंटे में इसे लगाना चाहिए।

उपयोग में लाएं घरेलू हर्बल सनस्क्रीन – Herbal Sunscreen

चेहरे पर सनस्क्रीन का उपयोग कैसे करें? - chehare par sanaskreen ka upayog kaise karen?

बाजार में मिलने वाली हर्बल सनस्क्रीन में कई प्राकृतिक चीज़ें होती हैं जिन्हें फॉलो करके आप भी हर्बल सनस्‍क्रीन बना सकती हैं। इसे लगाने से धूप से तो सुरक्षा होगी ही, साथ में आपकी त्‍वचा पर ग्‍लो भी आ जाएगा, जैसे वॉटर प्रूफ सनस्‍क्रीन, एलोवेरा सनस्‍क्रीन, शिया बटर सनस्‍क्रीन, सनस्‍क्रीन ऑयल, कुकंबर ग्लिसरीन सनस्क्रीन लोशन आदि।

एलोवेरा सनस्‍क्रीन

इसे बनाने के लिए आधा कप एलोवेरा जेल, 20 बूंदें रसबेरी सीड ऑयल, 5 चम्मच नारियल का तेल, 3 विटामिन ई कैप्सूल्स और 5 बूंदें लैवेंडर ऑयल को अच्छी तरह से मिलाकर एक बोतल में रख लें और बाहर धूप में जाने से पहले इसे लगा लें। इससे आपकी त्वचा धूप में भी सुरक्षित रहेगी।

शिया बटर सनस्‍क्रीन

यह सनस्‍क्रीन एक क्रीम की तरह लगाई जाएगी। इसके लिए आपको आधा कप शिया बटर, 1/3 कप नारियल तेल, कैरट सीड ऑयल की 15 बूंदें और 2 चम्‍मच जिंक ऑक्‍साइड चाहिए। पिघले हुए नारियल तेल को शिया बटर में मिलाकर चलाती रहें। अब इसमें बाकी की चीज़ें मिक्‍स करें, जब ये क्रीमी टेक्‍सचर में आ जाए, तब इसे ठंडा करके इस्तेमाल करें। अगर आपकी त्‍वचा पर घाव, स्‍क्रैच या सनबर्न है तो अपनी सनस्‍क्रीन में जिंक ऑक्‍साइड न मिलाएं।

एक्सपायर्ड सनस्क्रीन का पता कैसे करें?

चेहरे पर सनस्क्रीन का उपयोग कैसे करें? - chehare par sanaskreen ka upayog kaise karen?

कई लोगों का मानना होता है कि सनस्क्रीन एक्सपायर हो भी जाए तो क्या, फिलहाल काम चलाने के लिए तो उसे लगा ही सकते हैं। यह धारणा गलत है क्योंकि एक्सपायर्ड सनस्क्रीन आपको कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि अगर आपके पास मिनरल सनस्क्रीन है और वो एक्सपायर हो गया है तो आप दो- तीन महीने तक उसे इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादा नहीं। मिनरल सनस्क्रीन में मौजूद इंग्रीडिएंट्स टाइटेनियम डाई ऑक्साइड या जिंक ऑक्साइड युक्त केमिकल सनस्क्रीन के मुकाबले जल्दी खराब नहीं होते हैं। वहीं घरेलू सनस्क्रीन दो से चार महीने तक आराम से चलता है और इसके इस्तेमाल से आपको कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा।

तीन साल तक इस्तेमाल कर सकते हैं सनस्क्रीन

एफडीए के नियमों के अनुसार, कोई भी सनस्क्रीन कम से कम तीन साल तक प्रभावी रहती है। अगर आपको सनस्क्रीन की एक्सपायरी डेट नहीं पता है या ब्रांड ने बोतल पर इसकी एक्सपायरी डेट नहीं लिखी है तो तीन साल के बाद सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से  यह एसपीएफ सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी। एक्सपायरी डेट के बाद  इस्तेमाल करने से आपको सनबर्न, एजिंग व स्किन एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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ब्रांड की वेबसाइट देखें

एक्सपायरी डेट बोतल, कैप या पैकेजिंग पर कहीं भी हो सकती है। अगर आपको इन सब जगहों में से कहीं भी वह डेट नहीं मिल रही है तो ब्रांड की वेबसाइट देखकर प्रोडक्ट की सामान्य जानकारी जांचें या फिर प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट जानने के लिए आप ब्रांड के कस्टमर केयर से भी कॉन्टैक्ट कर सकते हैं । अगर फिर भी कुछ पता नहीं चल पा रहा हो तो सनस्क्रीन खरीदने के महीने और वर्ष को कहीं नोट कर लें। उस महीने और वर्ष से कम से कम तीन साल बाद सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बंद कर दें।

स्मेल पर ध्यान दें

अगर कुछ समय बाद आपको लगता है कि आपके सनस्क्रीन लोशन की स्मेल सामान्य नहीं है तो हो सकता है कि आपका सनस्क्रीन आउट ऑफ डेट हो चुका है और अब इसे बदलने की जरूरत है। किसी भी मामले में अगर आपके प्रोडक्ट में से अच्छी स्मेल नहीं आती है तो उसे इस्तेमाल करना तुरंत बंद कर दें।

टेक्सचर पर ध्यान दें

आपने एक्सपायरी डेट चेक कर ली है लेकिन फिर भी प्रोडक्ट में से बदबू आ रही है तो संभावना है कि उसका टेक्सचर बदल चुका है। इसके लिए आप अपने हाथ में थोड़ा सा सनस्क्रीन लें और इसे रगड़कर इसकी स्थिरता को टेस्ट करें। अगर यह बहता हुआ दिखता है या इसमें क्रीम और पानी अलग- अलग हो रहे हैं तो यह आपकी त्वचा के लिए उपयुक्त नहीं है। सनस्क्रीन में होने वाले किसी भी बदलाव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

सनस्क्रीन को स्टोर कैसे करें? – How to Store Sunscreen in Hindi?

चेहरे पर सनस्क्रीन का उपयोग कैसे करें? - chehare par sanaskreen ka upayog kaise karen?

चाहे वह आम सनस्क्रीन हो या हर्बल सनस्क्रीन, वह आपकी त्वचा की रक्षा करता है लेकिन आपको उसे अच्छी तरह से स्टोर करने का तरीका भी पता होना चाहिए। आपको सनस्क्रीन को स्टोर करने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सनस्क्रीन की बोतल को सीधे धूप के संपर्क में न रखें। ऐसी स्थिति में आपका सनस्क्रीन फॉर्म्युला खराब हो जाएगा। हो सके तो सनस्क्रीन को किसी ठंडी जगह पर स्टोर करके रखें। ठंडी जगह से मतलब रेफ्रिजरेटर बिल्कुल नहीं है। आप इसे किसी ठंडे कमरे या किसी ऐसी ठंडी जगह पर रखें, जहां धूप न आती हो। सनस्क्रीन को हमेशा किसी सूखी जगह पर स्टोर करें। बाथरूम या रसोई में सिंक के पास तो बिल्कुल भी ना रखें। यहां मौजूद नमी आपके सनस्क्रीन को खराब कर सकती है और इसमें बैक्टीरिया बढ़ा सकती है, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सनस्क्रीन की जरूरत सांवली रंगत वाले लोगों से ज्यादा गोरी रंगत वालों को होती है। गोरी रंगत वाले लोगों के अंदर मेलनिन की कमी होती है और सूरज की किरणें उनको ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं। मेलनिन एक ऐसा पदार्थ है, जो त्वचा के अंदर रहता है और सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने का काम करता है।

(आपके लिए खुशखबरी! POPxo शॉप आपके लिए लेकर आए हैं आकर्षक लैपटॉप कवर, कॉफी मग, बैग्स और होम डेकोर प्रोडक्ट्स और वो भी आपके बजट में! तो फिर देर किस बात की, शुरू कीजिए शॉपिंग हमारे साथ।)

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सनस्क्रीन लगाने से पहले फेस पर क्या लगाएं?

Skin Care Tips: मॉइस्चराइज पहले लगाना चाहिए या सनस्क्रीन?.
अपना चेहरा साफ करें. ... .
अपना चेहरा साफ करने के बाद आप चाहें तो टोनर या एसेंस का इस्तेमाल कर सकती हैं..
आप दोनों को छोड़ सकते हैं और केवल सीरम लगा सकते हैं..
मॉइस्चराइजर लगाएं..
फिर सनस्क्रीन लगाएं..

सनस्क्रीन कब और कैसे लगाया जाता है?

बाहर निकलने से कुछ देर पहले लगाएं सनस्क्रीन लेकिन आपको बता दें त्वचा सनस्क्रीन को आब्जॉर्ब करने में 10 से 15 मिनट का समय लेती है. जिसके बाद ही सनस्क्रीन सूरज से यूवी प्रोटेक्शन देना शुरू करती है. इसलिए घर से निकलने के 10-15 मिनट पहले ही सनस्क्रीन लगा लें.

क्या रात को सनस्क्रीन लगा सकते हैं?

*यदि आप कोई भी डर्मा प्रोसीजर करवाते है, तो आपको सनस्क्रीन और नाइट क्रीम लगाना बहुत जरूरी है। घर से बाहर निकलने पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। वहीं रात में सोते समय नाइट क्रीम को जरूर लगाएं। *सनस्क्रीन कम से कम एसपीएफ 40 वाला होना चाहिए।

सनस्क्रीन लगाने के बाद क्या लगाएं?

सनस्क्रीन लगाने के आधे घंटे बाद आप धूप के संपर्क में आएं। ... .
अल्ट्रा वायलट रेज से बचजने के लिए आपको रोजाना सनस्क्रनी लगाना चाहिए और इसका एसपीएफ किसी भी हालत में 30 और पीए++से कम नहीं होना चाहिए। ... .
यूवी किरणों से सुरक्षा के लिए आप सनस्क्रीन या सनब्लॉक कुछ भी यूज कर सकते हैं।.