NCERT Solutions for Class 8th: पाठ 5 - चिट्ठियों की अनूठी दुनिया हिंदी वसंत भाग- III- अरविन्द कुमार सिंहपृष्ठ संख्या: 27 Show प्रश्न अभ्यास पाठ से 1. पत्र जैसा संतोष फ़ोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता? उत्तर पत्रों का अपना अलग महत्व है। पत्रों द्वारा हम अपने मनोभावों को खुलकर व्यक्त कर सकते हैं लेकिन फ़ोन, एसएमएस द्वारा केवल कामकाजी बातों को संक्षिप्त रूप से व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों को हम अपने सगे-सम्बंधियों की धरोहर के रूप में सहेज कर रख सकते हैं। परन्तु फ़ोन या एस.एम.एस को हम सहेज कर नहीं रख सकते हैं। पत्रों से आत्मीयता झलकती है। इन्हें अनुसंधान का विषय भी बनाया जा सकता है। ये कई किताबों का आधार हैं। 2. पत्र को खत, कागद, उत्तरम्, जाबू, लेख, कडिद, पाती, चिट्ठी इत्यादि कहा जाता है। इन शब्दों से संबंधित भाषाओं के नाम बताइए।
3. पत्र लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हुए? लिखिए। उत्तर पत्र लेखन की कला को विकसित करने के लिए स्कूली पाठयक्रमों में पत्र लेखन का विषय भी शामिल किया गया। केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य कई देशों में भी प्रयास किए गए। विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का कार्यक्रम सन् 1972 से शुरू किया गया। 4. पत्र धरोहर हो सकते हैं लेकिन एसएमएस क्यों नहीं? तर्क सहित अपना विचार लिखिए। उत्तर पत्र लिखित रूप में होते हैं। पत्रों को लोग सहेजकर रखते हैं परन्तु एसएमएस को जल्द ही भुला दिया जाता है। एसएमएस को मोबाइल में सहेज कर रखने की क्षमता ज़्यादा समय तक नहीं होती है। परन्तु पत्रों के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं होती है। हम जितने चाहे उतने पत्रों को धरोहर के रूप में समेट कर रख सकते हैं। दुनिया के तमाम संग्रहालयों में जानी-मानी हस्तियों के पत्रों का अनूठा संकलन भी है। पत्र देश, काल, समाज को जानने का असली
साधन है। उत्तर प्रत्येक वस्तु का अपना एक अलग महत्व होता है। उसी प्रकार आज तकनीकी की दुनिया में भी चिट्ठियों की जगह कोई नहीं ले सकता है। पत्र लेखन एक साहित्यिक कला है परन्तु फेक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल जैसे तकनीकी माध्यम केवल काम-काज के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं। आज ये आवश्यकताओं में आते हैं फिर भी ये पत्र का स्थान नहीं ले सकते हैं। पाठ से आगे 1. किसी के लिए बिना टिकट सादे लिफ़ाफ़े पर सही पता लिखकर पत्र बैरंग भेजने पर कौन-सी कठिनाई आ सकती है? पता कीजिए। उत्तर सही पता न लिखकर पत्र भेजने पर पत्र को पाने वाले व्यक्ति को टिकट की धनराशि जुर्माने के रूप में देनी होगी तभी उसे पत्र दिया जाएगा अन्यथा पत्र वापस चला जाएगा। पृष्ठ संख्या: 28 2. पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है, कैसे? उत्तर पिन कोड का पूरा रूप है पोस्टल इंडेक्स नंबर। यह 6 अंको का होता है। हर एक का खास स्थानीय अर्थ होता है, जैसे − 1. राज्य, 2. उपक्षेत्र 3. संबंधित डाकघर। पहला अंक राज्य, 2, 3 अंक उपक्षेत्र, 4, 5, 6 अंक डाकघर का होता है। इसके साथ व्यक्ति का नाम और नंबर आदि भी लिखना पड़ता है। पिन कोड किसी खास क्षेत्र को संबोधित करता है कि यह पत्र किस राज्य के किस क्षेत्र का है। इसके अंको में शहर का संकेत होता है। इसीलिए पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है। 3. ऐसा क्यों होता था कि महात्मा गांधी को दुनिया भर से पत्र 'महात्मा गांधी-इंडिया' पता लिखकर आते थे? उत्तर महात्मा गांधी अपने समय के सर्वाधिक लोकप्रिय व्यक्ति थे। वे ज्यादातर देश भ्रमण पर थे इसलिए पत्र लिखने वाला इंडिया लिखकर पत्र भेजता था। गाँधी जी देश के किस भाग में रह रहे हैं यह देशवासियो को पता रहता था। अत: उनको पत्र अवश्य मिल जाता था। भाषा की बात 1. किसी प्रयोजन विशेष से संबंधित शब्दों के साथ पत्र शब्द जोड़ने से कुछ नए शब्द बनते हैं, जैस-प्रशस्ति पत्र, समाचार पत्र। आप भी पत्र के योग से बननेवाले दस शब्द लिखिए। उत्तर (i) साहित्यिक पत्र पृष्ठ संख्या: 29 2.'व्यापारिक' शब्द व्यापार के साथ 'इक' प्रत्यय के योग से बना है। इक प्रत्यय के योग से बनने वाले शब्दों को अपनी पाठ्यपुस्तक से खोजकर लिखिए। उत्तर (i) व्यवसायिक 3. दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं; जैसे- रवीन्द्र = रवि + इन्द्र। इस संधि में इ + इ = ई हुई है। इसे दीर्घ संधि कहते हैं। दीर्घ स्वर संधि के और उदाहरण खोजकर लिखिए। मुख्य रूप से स्वर संधियाँ चार प्रकार की मानी गई हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि और यण। ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, आ आए तो ये आपस में मिलकर क्रमशः दीर्घ आ, ई, ऊ हो जाते हैं, इसी कारण इस संधि को दीर्घ संधि कहते हैं; जैसे- संग्रह + आलय = संग्रहालय, महा + आत्मा = महात्मा। उत्तर (i) विद्यालय = विद्या + आलय (आ + आ) पाठ में वापिस जाएँ चिट्ठियों की अनूठी दुनिया पाठ का उद्देश्य क्या है?चिट्ठियों की अनूठी दुनिया पाठ प्रवेश
लोग डाकिया का इंतजार करते थे और चिट्ठियों को सहेज कर रखते थे। अपने प्रियों जानों कि चिट्ठियों को सहेज कर रखना और पुरानी यादों को फिर ताजा करना बहुत ही सरल था। लेखक ने चिट्ठियों की महत्वता के बारे में बताया है कि पहले किस तरह की चिट्ठियां होती थीं।
चिट्ठियों की अनूठी दुनिया के पाठ के लेखक कौन है?चिट्ठियों की अनूठी दुनिया पाठ का सार (सारांश) 'चिट्ठियों की अनूठी दुनिया' नामक निबंध के लेखक अरविंद कुमार सिंह हैं। इस निबंध में लेखक ने पत्रों के महत्त्व, उनकी उपयोगिता, तथा पत्रों से होने वाले लाभ का वर्णन बहुत ही सरल शैली में किया है। निबंध की भाषा भी सहज एवं प्रवाहपूर्ण है।
चिट्ठियों की अनूठी दुनिया है कैसे?चिट्ठियों की दुनिया अनूठी अर्थात् निराली है। वर्तमान में भी संदेश भेजने का सर्वोत्तम साधन पत्रों को ही माना जाता है। भले ही फोन, एस. एम.एस., फैक्स, ई-मेल आदि ने संचार के साधनों में अपना विशेष स्थान बनाया है लेकिन पत्र के महत्त्व को कम नहीं कर सके।
चिट्ठियों की अनूठी दुनिया पाठ के आधार पर बताईये की महात्मा गाँधी के पत्रों पर कहाँ का पता लिखा होता था *?Answer:. |