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करकं क्षीरसंपूर्णा तोयपूर्णमयापि वा। ददामि रत्नसंयुक्तं चिरंजीवतु मे पतिः॥ इति मन्त्रेण करकान्प्रदद्याद्विजसत्तमे। सुवासिनीभ्यो दद्याच्च आदद्यात्ताभ्य एववा।। एवं व्रतंया कुरूते नारी सौभाग्य काम्यया। सौभाग्यं पुत्रपौत्रादि लभते सुस्थिरां श्रियम्।। चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं / चंद्रमा को अरग देने का मंत्र – करवा चौथ तथा संकट चतुर्थी या पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अरग देने का नियम हैं. इसके अलावा भी आप अपनी इच्छा अनुसार चंद्रमा को अरग दे सकते हैं. चंद्रमा को अरग देने से मनुष्य के जीवन में काफी लाभ होते हैं. करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अरग देने से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता हैं. संकट चतुर्थी आदि दिनों में चंद्रमा को अरग देने से दीर्धायु तथा संतान की प्राप्ति होती हैं. ऐसे काफी अन्य लाभ चंद्रमा को अरग देने से मिलते हैं. लेकिन काफी लोगो को यह नहीं पता होता है. की चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलना हैं. अगर आपको भी नहीं पता है. तो हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं तथा चंद्रमा को अरग कैसे देते हैं. इसके अलावा चंद्रमा को अरग देने का मंत्र तथा चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदे भी बताने वाले हैं. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. Table of Contents
चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं / चंद्रमा को अरग देने का मंत्रचंद्रमा को अरग देते समय कुछ मंत्र बोलने होते हैं. जिन मंत्रो के बारे में काफी कम लोग जानते होगे. हमने चंद्रमा को अरग देने के कुछ मंत्र नीचे बताए हैं. चंद्रमा को अरग देने का मंत्र
यह मंत्र आप करवा चौथ व्रत के दिन चंद्रमा को अरग देते समय बोल सकते हैं. इसके अलावा आप जब भी चंद्रमा को अरग दे. इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं. चंद्रमा को अरग देने के यह बहुत ही प्रभावशाली मंत्र माने जाते हैं. सूर्य को अर्घ्य देने का मंत्र, तरीका, फायदे, समय / सूर्य को अर्घ्य क्यों देते हैं चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदेऐसा माना जाता है की चांदी के पात्र में थोडा सा जल और दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से मनुष्य को अपने जीवन में काफी लाभ मिलते हैं. संध्या समय चंद्रमा को अर्घ्य देने का नियम हैं. नाभि ठीक करने का मंत्र तथा शाबर मंत्र / धरन ठीक करने का मंत्र इस समय चंद्रमा को अर्घ्य देने से हमारे मन में आ रही नकारात्मक विचारो से हमें मुक्ति मिलती हैं. इसके अलावा चंद्रमा को अर्घ्य देने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्र की स्थिति मजबूत बनती हैं. संकट चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से संतान सुख प्राप्त होता हैं. तथा हमारा दुर्भाग्य भाग्य में परिवर्तन हो जाता हैं. संकट चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने से धन, सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती हैं. तथा जातक की आर्थिक परेशानी दूर होती हैं. पूजा कब नहीं करनी चाहिए | सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए चंद्रमा को अरग कैसे देते हैंचंद्रमा को अरग देने की विधि हमने नीचे बताई हैं.
चांदी का चंद्रमा पहनने के लाभ / चांदी की अंगूठी महिलाओं के लिए पहनने के लाभ निष्कर्षदोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं तथा चंद्रमा को अरग कैसे देते हैं. इसके अलावा चंद्रमा को अरग देने का मंत्र तथा चंद्रमा को अर्घ्य देने के फायदे भी आपको बताए हैं. हम उम्मीद करते है. की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है. तो आगे जरुर शेयर करे. दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह चंद्रमा को अरग देते समय क्या बोलते हैं आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद चांद को अरग देते समय क्या कहते हैं?चंद्रदेव को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जप करना चाहिए। अर्घ्य देते समय इस मंत्र के जप करने से घर में सुख व शांति आती है। गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते। गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥
चंद्रमा को अर्घ्य कैसे दिया जाता है?जानिए पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं.... पूर्णिमा की रात चंद्र उदय के बाद चांदी के लोटे से चंद्र को दूध और जल का अर्घ्य अर्पित करें। ... . पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। ... . पूर्णिमा पर चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को कच्चे दूध में मिश्री और चावल मिलाकर अर्घ्य अर्पित करें।. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें।. करवा चौथ में चंद्रमा को अरग कैसे देते हैं?इस तरह दें चंद्रमा को अर्घ्य | Karwa Chauth Arghya Vidhi
चांद निकलने पर छलनी में एक आटे का दीपक जला लें और उत्तर पश्चिम दिशा में मुख कर चंद्रदेव को एक करवे से अर्घ्य दें. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय "ज्योत्सनापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्यं मे प्रतिग्रह्यताम". ये मंत्र बोलें.
चन्द्रमा की पूजा कैसे की जाती है?ऊँ ऎं क्लीं सोमाय नम: । ऊँ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नम: । चंद्र पूजा से आपके आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा आपको हानि नहीं पहुंचा सकती। चंद्र पूजा की मदद से महिलाओं की मासिक धर्म की समस्याओं का निवारण होता हैं।
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