Question 1. Show Answer: (d) जैनेंद्र कुमार Question 2. Answer: (d) और गरमी कम हो जाती है और आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है Question 3. Question 4. Answer: (d) अपने धन/दौलत का Question 5. Answer: (c) गुलाब की टहनी पर Question 6. Answer: (a) लाल (1) समय भी उनके पास काफ़ी है। शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती है और आसमान कई रंग का हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठते हैं और प्रकृति की छटा निहारते हैं। इनमें मानो उसके मन को तृप्ति मिलती है। मित्र हुए तो उनसे विनोद-चर्चा करते हैं, नहीं तो पास रखे हुए फर्शी हुक्के की सटक को मुँह में दिए खयाल ही खयाल में संध्या को स्वप्न की भाँति गुज़ार देते हैं। Question 1. Answer: (b) काफ़ी है Question 2. Answer: (c) आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है Question 3. Answer: (b) कोठी के बाहर चबूतरे पर तखत डलवाकर Question 4. Answer: (c) प्राकृतिक सौंदर्य देखने Question 5. Answer: (c) चिड़िया की बच्ची-जैनेंद्र कुमार Question 6. Answer: (c) हँसी-मजाक के साथ (2) उस दिन संध्या समय उनके देखते-देखते सामने की गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी। चिड़िया बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी और गुलाबी होते-होते किनारों पर जरा-जरा नीली पड़ गई थी। पंख ऊपर से चमकदार स्याह थे। उसका नन्हा-सा सिर तो बहुत प्यारा लगता था और शरीर पर चित्र-विचित्र चित्रकारी थी। चिड़िया को मानो माधवदास की सत्ता का कुछ पता नहीं था और मानो तनिक देर का आराम भी उसे नहीं चाहिए था। कभी पर हिलाती थी, कभी फुदकती थी। वह खूब खुश मालूम होती थी। अपनी नन्ही-सी चोंच से प्यारी-प्यारी आवाज़ निकाल रही थी। Question 1. Answer: (d) गुलाब की डाली पर Question 2. Answer: (a) लाल Question 3. Answer: (c) उपर्युक्त दोनों Question 4. Answer: (d) उपर्युक्त सभी Question 5. Answer: (a) जातिवाचक संज्ञा (3) माधवदास, “चिड़िया तू निरी अनजान है। मुझ खुश करेगी तो तुझे मालामाल कर सकता हूँ।” Question 1. Answer: (a) माधवदास चिड़िया से Question 2. Answer: (b) नासमझ Question 3. Answer: (b) नहीं Question 4. Answer: (a) माँ के पास जाना चाहती है Question 5. Answer: (b) चिड़िया उसके पास रह जाए (4) चिड़िया “वह सोना क्या चीज़ होती है?” Question 1. Answer: (c) सोना Question 2. Answer: (b) सोने की कीमत Question 3. Answer: (b) दुनिया के हाल के बारे में Question 4. Answer: (d) उपर्युक्त सभी Question 5. Answer: (c) अभिशाप (5) इतने में चिड़िया को बोध हुआ कि जैसे एक कठोर स्पर्श उसके देह को छू गया। वह चीख देकर चिचियाई और एकदम उड़ी। नौकर के फैले हुए पंजे में वह आकर भी नहीं आ सकी। तब वह उड़ती हुई एक साँस में माँ के पास गई और माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी, “ओ माँ, ओ माँ!” Question 1. Answer: (c) डर के कारण Question 2. Answer: (d) उपर्युक्त सभी Question 3. Answer: (c) माधवदास के नौकर Question 4. Answer: (c) कठोर स्पर्श का Question 5. Answer: (c) माँ की गोद में (6) माधवदास ने अपनी संगमरमर की अपनी कोठी बनवाई है। उसके सामने बहुत सुहावना बगीचा भी लगवाया है। उनको कला से बहुत प्रेम है। धन की कमी नहीं है और कोई व्यसन छू नहीं गया है। सुंदर अभिरुचि के आदमी हैं। फूल-पौधे, रकाबियों से हौज़ों में लगे फव्वारों में उछलता हुआ पानी उन्हें बहुत अच्छा लगता है। समय भी उनके पास काफ़ी है। शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती है और आसमान कई रंग का हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठते हैं और प्रकृति की छटा निहारते हैं। Question 1. Answer: माधवदास ने कोठी बनवायी थी, जो संगमरमर से बनी थी। उसके सामने सुहावने सुंदर बगीचे का निर्माण करवाया था। बगीचे में फूल-पौधे व हौज़ों में लगे फव्वारों में उछलता पानी अपनी ओर आकर्षित करता था। Question 2. Answer: माधवदास कला-प्रेमी थे। सुंदर अभिरुचि के व्यक्ति थे। प्रकृति की सुंदरता उन्हें बहुत आकर्षित करती थी। वे एक धनी व्यक्ति थे और उनमें कोई बुरी लत नहीं थी। Question 3. Answer: माधवदास संध्या के समय कोठी के बाहर-चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे एक गलीचे पर बैठते थे और प्रकृति की छटा निहारते थे। Question 4. Answer: रोज संध्या के समय जब दिन में गरमी ढल जाती है और आसमान में कई रंग हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवाकर मसनद के सहारे वह गलीचे पर घंटों बैठते थे। इस बात से पता चलता है कि माधवदास के पास समय काफ़ी था। Question 5. Answer: माधवदास को प्रकृति-सौंदर्य को निहारने में तृप्ति मिलती थी। (7) माधवदास को वह चिड़िया बड़ी मनमानी लगी। उसकी स्वच्छंदता बड़ी प्यारी जान पड़ती थी। कुछ देर तक वह उस चिड़िया का इस डाल से उस डाल थिरकना देखते रहे। इस समय वह अपना बहुत-कुछ भूल गए। उन्होंने उस चिड़िया से कहा, “आओ, तुम बड़ी अच्छी आईं। यह बगीचा तुम लोगों के बिना सूना लगता है। सुनो चिड़िया तुम खुशी से यह समझो कि यह बगीचा मैंने तुम्हारे लिए ही बनवाया है। तुम बेखटके यहाँ आया करो।” Question 1. Answer: माधवदास चिड़िया की ओर आकर्षित इसलिए हुए कि चिड़िया को स्वच्छंदता से एक डाल से दूसरी डाल पर थिरकते देखकर मंत्रमुग्ध हो गाए। Question 2. Answer: उन्होंने चिड़िया से कहा कि बिना किसी डर के यहाँ आया करो। Question 3. Answer: माधवदास ने चिड़िया से इसलिए कहा, क्योंकि उन्हें चिड़िया भा गई थी, उसका फुदकना व चहकना उनके मन को आकर्षित करने वाला था तथा चिड़िया के आने से बगीचे में बहार आ गई थी। Question 4. Answer: माधवदास चिड़िया से चाहता था कि वह यहीं हमेशा के लिए बगीचे में रह जाए। Question 5. Answer: माधवदास अकेलापन इसिलए महसूस करता था क्योंकि वे अकेले रहते थे। (8) माधवदास, “चिड़िया, तू निरी
अनजान है। मुझे खुश करेगी तो तुझे मालामाल कर सकता हूँ।” Question 1. Answer: माधवदास चिड़िया को निरी अनजान इसलिए कह रहे थे, क्योंकि वह माधवदास की संपन्नता नहीं समझ पा रही थी। Question 2. Answer: चिड़िया यह नहीं जानती की सामनेवाला व्यक्ति सेठ है। वह सेठ को भी नहीं जानती। Question 3. Answer: चिड़िया ने कहा कि उसकी माँ उसे बहुत प्यार करती है और वह उसका इंतजार करती है। Question
4. Answer: चिड़िया की राह उसकी माँ देखती है। Question 5. Answer: राह देखने का अर्थ होता है-इंतज़ार करना। (9) चिड़िया ने कहा, “सेठ मुझे डर लगता है। माँ मेरी दूर है। रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी।” Question 1. Answer: चिड़िया ने माधवदास से कहा-सेठ मुझे डर लगता है। माँ मेरी दूर है। रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी। Question 2. Answer: चिड़िया को बोध हुआ कि किसी का कठोर स्पर्श उसके शरीर को छू रहा है। Question 3. Answer: चिड़िया को पकड़ने की कोशिश सेठ माधवदास का नौकर कर रहा था। Question 4. Answer: चिड़िया उड़ते हुए अपने माँ की गोद में पहुंची। Question 5. Answer: चिड़िया डर के मारे सुबक रही थी? प्रश्न अभ्यास कहानी से प्रश्न 1.
(अ) वह ख्याल ही ख्याल में संध्या को स्वप्न की भाँति गुज़ार देता था। प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. कहानी से आगे प्रश्न 1.
प्रश्न 2. अनुमान और कल्पना आपने गौर किया होगा कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँएँ अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। प्रकृति की इस अद्भुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दों में लिखिए। भाषा की बात प्रश्न 1. प्रश्न 2. चिड़िया का माधव दास के बगीचे में आने का मकसद क्या था?Answer: माधवदास ने चिड़िया से इसलिए कहा, क्योंकि उन्हें चिड़िया भा गई थी, उसका फुदकना व चहकना उनके मन को आकर्षित करने वाला था तथा चिड़िया के आने से बगीचे में बहार आ गई थी। माधवदास चिड़िया से क्या चाहता था? Answer: माधवदास चिड़िया से चाहता था कि वह यहीं हमेशा के लिए बगीचे में रह जाए।
माधवदास ने चिड़िया को बगीचे में ही रुकने को क्यों कहा?उत्तर : माधवदास हर तरह से सुखी था लेकिन वह अपनी कोठी में अकेला रहने के कारण उदास रहता था। इसलिए| वह चाहता था कि वह चिड़िया की सुन्दर बच्ची उसके बगीचे में रह जाए जिससे वह उसे अनेक प्रलोभन देता था। इसी दृष्टि से वह उसे बार-बार कहता है कि बगीचा तुम्हारा ही है।
माधव दास ने चिड़िया से क्या कहा था?सेठ माधवदास ने चिड़िया से कहा कि वह घोंसले में जा कर क्या करेगी। वहाँ तो केवल उसकी माँ है और माँ का महत्त्व क्या है। वे कहना चाह रहे थे कि उनके बाहर के बगीचे के सामने उसकी माँ का महत्त्व नहीं है।
चिड़िया ने भयभीत होकर माधवदास से क्या कहा?Solution : चिड़िया ने भयभीत होकर माधवदास से कहा था कि | "मैं थक कर यहाँ बैठ गयी थी। मैं अभी चली जाऊँगी, | मुझे माफ कर देना।"
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