कैसे सजाएं चौरा, जब करना हो तुलसी पूजन, पढ़ें 20 जरूरी बातें Show परम पवित्र तुलसी का घर में होना शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। हर तरह से मंगल का आशीष देने वाली तुलसी को देवउठनी एकादशी के दिन प्रसन्न किया जाता है। जानिए कैसे सजाएं तुलसी चौरा, जब करना हो तुलसी पूजन, पढ़ें 20 जरूरी बातें : 1 -तुलसी के पौधे के चारों तरफ स्तंभ बनाएं। 3 -रंगोली से अष्टदल कमल बनाएं। 4 -शंख,चक्र और गाय के पैर बनाएं। 5 -तुलसी के साथ आंवले का गमला लगाएं। 6 -तुलसी का पंचोपचार सर्वांग पूजा करें। 7 -दशाक्षरी मंत्र से तुलसी का आवाहन करें। 8 -तुलसी का दशाक्षरी मंत्र-श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृन्दावन्यै स्वाहा। 9 -घी का दीप और धूप दिखाएं। 10-सिंदूर,रोली,चंदन और नैवेद्य चढ़ाएं। 11-तुलसी को वस्त्र अंलकार से सुशोभित करें। 12 -फिर लक्ष्मी अष्टोत्र या दामोदर अष्टोत्र पढ़ें। 13 -तुलसी के चारों ओर दीपदान करें। 14-एकादशी के दिन श्रीहरि को तुलसी चढ़ाने का फल दस हज़ार गोदान के बराबर है। 15 -जिन दंपत्तियों के यहां संतान न हो वो तुलसी नामाष्टक पढ़ें 16 -तुलसी नामाष्टक के पाठ से न सिर्फ शीघ्र विवाह होता है बल्कि बिछुड़े संबंधी भी करीब आते हैं। 17-नए घर में तुलसी का पौधा, श्रीहरि नारायण का चित्र या प्रतिमा और जल भरा कलश लेकर प्रवेश करने से नए घर में संपत्ति की कमी नहीं होती। 18 -गुरुवार को श्यामा तुलसी का पौधा पीले कपड़े में बांधकर, ऑफिस या दुकान में रखें। ऐसा करने से कारोबार बढ़ेगा और नौकरी में प्रमोशन होगा। देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः । नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये ।। ॐ श्री तुलस्यै विद्महे। विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्।। तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।। 20 - 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें।
भगवान शिव की पूजा के लिए एकादशी तिथि को शास्त्रों में सबसे उत्तम माना गया है। साल में कुल 24 एकादशी होती हैं और इनमें सर्वाधिक शुभफलदायी निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने वाले को अन्य 23 एकादशियों का व्रत करने के बराबर पुण्य मिलता है। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह एकादशी 21 जून को पड़ रही है। इस दिन कुछ लोग निर्जला व्रत भी करते हैं तो वहीं कुछ लोग इस दिन एक पहर फलाहार करते हैं। भगवान विष्णु को तुलसी अतिप्रिय हैं तो इसलिए निर्जला एकादशी के दिन तुलसीजी की पूजा करना जरूरी माना गया है। ऐसा करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है परलोक में भी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। आइए आपको बताते हैं इस दिन कैसे करें तुलसी की पूजा और क्या है महत्व। निर्जला एकादशी पर क्या दान करें ? जानिए ये खास बातें निर्जला एकादशी पर तुलसी की पूजा का महत्वहिंदू धर्म का अनुसरण करने वाले सभी घरों में तुलसी का पौधा लगाने की परंपरा है। इसके धार्मिक महत्व के साथ ही कई औषधीय गुण भी माने जाते हैं। वैसे तो सभी एकादशी पर तुलसी की पूजा करने का खास महत्व होता है, लेकिन निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) पर एक तुलसी पूजा करना जरूरी माना जाता है। जो लोग व्रत करते हैं उनके लिए भी और जो व्रत नहीं करते हैं, उनके लिए शाम के वक्त तुलसी पूजन करना जरूरी माना जाता है। शास्त्रों में तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है और तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर में देवी-देवताओं का वास होता है। निर्जला एकादशी पर ऐसे करें तुलसी की पूजानिर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें और विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। उसके बाद तुलसी के पौधे में थोड़ा सा गंगाजल डालें और उसके बाद थोड़ा सा कच्चा दूध चढ़ाएं। सुहागिन महिलाएं मां तुलसी को श्रृंगार का सभी सामान चढ़ा सकती हैं। इसके तुलसी के नीचे दीपक जलाएं और हल्दी व सिंदूर चढ़ाएं। उसके बाद मां लक्ष्मी की आरती करें और कुछ मिष्ठान का भोग लगाएं। जानिए क्यों खास है इस बार का गंगा दशहरा, धनवृद्धि के ये उपाय दे सकते हैं मनचाहा फल इस मंत्र का करें जपतुलसी की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र – महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते। निर्जला एकादशी में क्या खाएं क्या नहीं, जानिए ये 10 नियम Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें एकादशी के दिन तुलसी की पूजा कैसे करें?निर्जला एकादशी पर तुलसी की पूजा का महत्व
जो लोग व्रत करते हैं उनके लिए भी और जो व्रत नहीं करते हैं, उनके लिए शाम के वक्त तुलसी पूजन करना जरूरी माना जाता है। शास्त्रों में तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है और तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।
क्या एकादशी को तुलसी की पूजा करनी चाहिए?एकादशी तिथि पर तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मान्यता के अनुसार माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरुप शालिग्राम के साथ हुआ है. इसी वजह से देवउठानी एकादशी के दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम के विवाह का आयोजन काफी धूमधाम के साथ करवाया जाता है.
एकादशी के दिन क्या तुलसी में जल चढ़ाना चाहिए?एकादशी पर इसलिए वर्जित माना जाता है तुलसी पर जल चढ़ाना
एकादशी तिथि पर तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मान्यता के अनुसार माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरुप शालिग्राम के साथ हुआ है.
तुलसी में दीपक कब जलाना चाहिए?बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है इसलिए इस दिन श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए तुलसी की पूजा की जाती है। गुरुवार को स्नान के बाद तुलसी की जड़ को कच्चे दूध से सींचना चाहिए। इसके अलावा शाम के वक्त तुलसी के पेड़े का घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से तुलसी माता प्रसन्न होती है।
|