BELC - 15th Day Show
Noun - संज्ञा - An Overview Noun Number - Singular-Plural - एकवचन-बहुवचन
List of Singular and Plural Nouns हमने एकवचन संज्ञा और बहुवचन संज्ञा की एक सूची दी है। सूची से आप देखेंगे कि एकवचन संज्ञा से बहुवचन संज्ञा शब्द के बाद में 's या es या ves' लगाकर बनती है। आप यह भी देखेंगे कि कुछ एकवचन शब्दों के बहुवचन शब्द काफी भिन्न होते हैं। यह अभ्यास से समझ में आने लगता है। We have given below a list of singular nouns and plural nouns. From the list you will observe that some singular nouns are formed to plural nouns by (1) Adding
's' after the word, (2) Adding 'es' after the word, and (3) Removing 'f or fe or y' and adding 'ies' after the word
Page Links : See ⇩ >> Current Page ⇨ BELC-Course 15th Day-P5 >> Next Page
► Links of Basic English Learning Course (BELC) Lessons... Click here to open & hide Links. All Rights are reserved. Singular and Plural in Hind – एकवचन और बहुवचन: इस लेख में हम वचन की परिभाषा, उनके भेद और नियमों को उदहारण सहित जानेंगे। शब्द के जिस रूप से एक या एक से अधिक का बोध होता है, उसे हिन्दी व्याकरण में ‘वचन’ कहते है। दूसरे शब्दों में – संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते है। वचन का शब्दिक अर्थ ‘संख्यावचन’ होता है। ‘संख्यावचन’ को ही वचन कहते हैं। वचन का एक अर्थ ‘कहना’ भी होता है। संज्ञा के जिस
रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु के एक से अधिक होने का या एक होने का पता चले उसे वचन कहते हैं। अथार्त संज्ञा के जिस रूप से संख्या का बोध हो उसे वचन कहते हैं। जैसे – इन वाक्यों में ‘लड़की’ शब्द एक होने का तथा ‘लड़कियाँ’ शब्द एक से अधिक होने का बोध करा रही हैं। अतः स्पष्ट है कि ‘लड़की’ शब्द एकवचन का है और ‘लड़कियाँ’ शब्द बहुवचन का हैं।
Top Related – Learn Hindi Grammar संज्ञा के जिस रूप से एक व्यक्ति या एक वस्तु होने का ज्ञान हो, उसे एकवचन कहते है। शब्द के जिस रूप से एक से अधिक व्यक्ति या वस्तु होने का ज्ञान हो, उसे बहुवचन कहते है। Top 1. आदरणीय या सम्मानीय
व्यक्तियों के लिए बहुवचन का ही प्रयोग होता है। 2. संबंध दर्शाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को एकवचन और बहुवचन में समान रूप से प्रयोग किया जाता है। 3. द्रव्य की सुचना देने वाली द्र्व्यसूचक
संज्ञाओं का प्रयोग केवल एकवचन में ही होता है। 4. वचन के कुछ शब्दों का प्रयोग हमेशा ही बहुवचन में किया जाता है। 5. वचन में पुल्लिंग के ईकारांत, उकारांत और ऊकारांत शब्दों का प्रयोग दोनों वचनों में समान रूप से किया जाता है। 6. कभी कभी कुछ लोग बडप्पन दिखाने के लिए वह और मैं की जगह पर वे और हम का प्रयोग करते हैं। 7. कभी-कभी अच्छा व्यवहार करने के लिए तुम की जगह पर आप का प्रयोग किया जाता है। 8. दोनों
वचनों में जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग किया जाता है। 9. धातुओं की जाति बताने वाली संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन में ही होता है। 10. गुण वाचक और
भाववाचक दोनों संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन और बहुवचन दोनों में ही किया जाता है। 11. सिर्फ एकवचन में हर, प्रत्येक और हर-एक का प्रयोग होता है। 12. समूहवाचक संज्ञा का
प्रयोग केवल एकवचन में ही किया जाता है। 13. ज्यादा समूहों का बोध करने के लिए समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग बहुवचन में किया जाता है। 14. एक से ज्यादा अवयवों का प्रयोग बहुवचन में होता है
लेकिन एकवचन में उनके आगे एक लगा दिया जाता है। 15. करणकारक के शब्द जैसे – जाडा, गर्मी, भूख, प्यास आदि को बहुवचन में ही प्रयोग किया जाता है। 16. कभी-कभी कुछ एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ गुण, लोग, जन, समूह, वृन्द, दल, गण, जाति शब्दों को बहुवचन में प्रयोग किया जाता है। Top Related 1. जब आकारान्त के पुल्लिंग शब्दों में आ की जगह पर ए लगा दिया जाता है। 2. जब अकारांत के स्त्रीलिंग शब्दों में अ की जगह पर ऐं लगा दिया जाता है। 3. जब आकारान्त के स्त्रीलिंग शब्दों में आ की जगह पर ऍ कर दिया जाता है। 4. जब स्त्रीलिंग के शब्दों में या की जगह पर याँ लगा दिया जाता है। 5. जब इकारांत और ईकारांत के स्त्रीलिंग शब्दों याँ लगाकर ई को इ कर दिया जाता है। 6. जब उ, ऊ, आ, अ, इ, ई और औ की जगह पर ऍ कर दिया जाता है और ऊ को उ में बदल दिया जाता है। 7. जब दल,
वृंद, वर्ग, जन लोग, गण आदि शब्दों को जोड़ा जाता है। 8. जब एकवचन और बहुवचन दोनों में शब्द एक समान होते हैं। 9. जब शब्दों को दो
बार प्रयोग किया जाता है। Related – Shabdo ki Ashudhiya विभक्तियों से युक्त होने पर शब्दों के बहुवचन का रूप बनाने में लिंग के कारण कोई
परिवर्तन नहीं होता। (1) अकारान्त, आकारान्त (संस्कृत-शब्दों को छोड़कर) तथा एकारान्त संज्ञाओं में अन्तिम ‘अ’, ‘आ’ या ‘ए’ के स्थान पर बहुवचन बनाने में ‘ओं’ कर दिया जाता है। (2) संस्कृत की आकारान्त तथा संस्कृत-हिन्दी की सभी उकारान्त, ऊकारान्त, अकारान्त, औकारान्त संज्ञाओं को बहुवचन का रूप
देने के लिए अन्त में ‘ओं’ जोड़ना पड़ता है। उकारान्त शब्दों में ‘ओं’ जोड़ने के पूर्व ‘ऊ’ को ‘उ’ कर दिया जाता है। (3) सभी इकारान्त और ईकारान्त संज्ञाओं का बहुवचन बनाने के लिए अन्त में ‘यों’ जोड़ा जाता है। ‘इकारान्त’ शब्दों में ‘यों’ जोड़ने के पहले ‘ई’ का इ’ कर दिया जाता है। Related – Arth vichaar in Hindi 1. पुल्लिंग संज्ञा के आकारान्त को एकारान्त कर बहुवचन बनाया जाता है। 2. पुल्लिग आकारान्त शब्दों के अतिरिक्त अन्य मात्राओं से अन्त होने वाले शब्दों के रूप दोनों वचनों में एक समान रहते हैं। 3. आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में ‘एँ’ जोड़ने से बहुवचन बनता है। 4. अकारान्त
स्त्रीलिंग संज्ञा के बहुवचन शब्द में आगत अंतिम अ को ये कर देने से बनता है। 5. दीर्घ या ह्रस्व इकारान्त संज्ञाओं को ह्रस्व इकारान्त कर उनके अन्त में याँ जोड़ देने से Related –
Anusvaar 6. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में ‘या’आता है, ‘या’पर चन्द्रबिन्दु लगाकर बहुवचन बनाया जाता है। जैसे – 7. ह्रस्व या दीर्घ ऊकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओं को ह्रस्व उकारान्त बनाकर अन्त में ‘एँ’ लगाने से बहुवचन का निर्माण होता
है। Related – Tenses in Hindi 8. कुछ शब्द समष्टि मूलक होते हैं। जैसे- गण, कुल, वृन्द, समूह, वर्ग, लोग, जन, मण्डल दल, ग्राम, मण्डली आदि। ये शब्द विशेषतः वहाँ जोड़े जाते हैं, जहाँ दोनों वचनों में पुल्लिंग अथवा स्त्रीलिंग में एक ही रूप होते हैं। Top जैसे – अनु. क्र. एकवचन बहुवचन 1. पुस्तक पुस्तकें 2. बात बातें 3. बहन बहनें 4. आँख आँखें 5. कलम कलमें 6. गाय गायें 7. बांह बांहें 8. भैंस भैंसें 9. रात रातें 10. पत्रिका पत्रिकाएँ 11. माला मालाएँ 12. माता माताएँ 13. कन्या कन्याएँ 14. महिला महिलाएँ 15. कथा कथाएँ 16. अध्यापिका अध्यापिकाएँ 17. सेना सेनाएँ 18. लता लताएँ 19. भुजा भुजाएँ 20. शाखा शाखाएँ 21. पत्ता पत्ते 22. लड़का लड़के 23. छाता छाते 24. रूपया रूपये 25. बेटा बेटे 26. कमरा कमरे 27. जूता जूते 28. बस्ता बस्ते 29. घोड़ा घोड़े 30. पक्का पक्के 31. बच्चा बच्चे 32. कपड़ा कपड़े 33. रास्ता रास्ते 34. तारा तारे 35. लड़की लड़कियाँ 36. जाति जातियाँ 37. चींटी चीटियाँ 38. पत्ती पत्तियाँ 39. मिठाई मिठाइयाँ 40. नदी नदियाँ 41. चाबी चाबियाँ 42. थाली थालियाँ 43. लकड़ी लकड़ियाँ 44. रीति रीतियाँ 45. सखी सखियाँ 46. टोपी टोपियाँ 47. तिथि तिथियाँ 48. नारी नारियाँ 49. सीढ़ी सीढ़ियाँ 50. गुड़िया गुड़ियाँ 51. डिबिया डिबियाँ 52. बुढ़िया बुढ़ियाँ 53. बिंदिया बिंदियाँ 54. चिड़िया चिड़ियाँ 55. चुहिया चुहियाँ 56. पुड़िया पुड़ियाँ 57. ऋतु ऋतुएँ 58. गौ गौएँ 59. धातु धातुएँ 60. वस्तु वस्तुएँ 61. बहू बहुएँ 62. धेनु धेनुएँ 63. पक्षी पक्षीवृंद 64. अध्यापक अध्यापकगण 65. सज्जन सज्जनलोग 66. मज़दूर मज़दूरवर्ग 67. गुरु गुरुजन 68. व्यापारी व्यापारीगण 69. छात्र छात्रगण 70. प्रजा प्रजाजन 71. कवि कविगण 72. विद्यार्थी विद्यार्थीगण 73. अमीर अमीरलोग 74. मित्र मित्रवर्ग 75. जूता जूते 76. झाड़ी झाड़ियाँ 77. झील झीलें 78. झूला झूले 79. टाँग टाँगें 80. टुकड़ी टुकड़ियाँ 81. टोपी टोपियाँ 82. डाल डालें 83. डिबिया डिबियाँ 84. डोली डोलियाँ 85. ढेला ढेले 86. तंत्रिका तंत्रिकाएँ 87. तरु तरुओं 88. तलवार तलवारें 89. तारा तारे 90. ताला ताले 91. ताली तालियाँ 92. तितली तितलियाँ 93. तिथि तिथियाँ 94. तोता तोते 95. त्रुटी त्रुटियाँ 96. थाली थालियाँ 97. दरवाजा दरवाजे 98. दलित दलित समाज 99. दवा दवाएँ 100. दवाई दवाइयाँ 101. शेरनी शेरनियाँ 102. श्रोता श्रोतागण 103. संतरा संतरे 104. सखी सखियाँ 105. सड़क सड़कें 106. सपेरा सपेरे 107. सब्जी सब्जियाँ 108. सभा सभाएँ 109. समिति समितियाँ 110. समुद्र समुद्र 111. सहेली सहेलियाँ 112. साइकिल साइकिलें 113. साड़ी साड़ियाँ 114. साथी साथियों 115. सीमा सीमाएँ 116. सुई सुइयाँ 117. सुधी सुधिजन 118. सेना सेनाएँ 118. सेना सेनादल 119. स्त्री स्त्रियाँ 120. हथियार हथियार 121. हाथी हाथीगण 122. शिक्षिका शिक्षिकाएँ 123. शिला शिलाएँ 124. शीशा शीशे 125. शेर शेर 126. मित्र मित्रजन 127. मित्र मित्रवर्ग 128. मुद्रा मुद्राएँ 129. मुर्गा मुर्गे 130. मुर्गी मुर्गियाँ 131. मेज मेजें 132. मेला मेले 133. मैदान मैदान 134. मोर मोर 135. यात्रा यात्राएँ 136. राजा राजा 137. रात रातें 138. रानी रानियाँ 139. राशी राशियाँ 140. बादल बादल 141. बालक बालकगण 142. बिंदिया बिंदियाँ 143. बिल्ली बिल्लियाँ 144. बुढिया बुढियाँ 145. बेटा बेटे 146. भक्त भक्तगण 147. भाई भाई 148. भाला भाले 149. भुजा भुजाएँ 150. भेड़ भेड़ें 151. भेड़िया भेड़ियाँ 152. मक्खी मक्खियाँ 153. मछली मछलियाँ 154. मटका मटके 155. कर्मचारी कर्मचारीवर्ग 156. अबला अबलाएँ 157. आप आपलोग 158. आशा आशाएँ 159. इरादा इरादे 160. उँगली उँगलियाँ 161. औज़ार औज़ार 162. काला काले 163. कान कान 164. कामना कामनाएँ 165. कार कारें 166. कला कलाएँ 167. कली कलियाँ 168. कविता कविताएँ 169. कुतिया कुतियाँ 170. कुत्ता कुत्ते 171. कुरता कुरते 172. कुर्सी कुर्सियाँ 173. केला केले 174. कोठरी कोठरियाँ 175. क्यारी क्यारियाँ 176. खंभा खंभे 177. खटिया खटियाँ 178. खिड़की खिड़कियाँ 179. खिलाड़ी खिलाड़ी 180. खुरपी खुरपियाँ 181. गऊ गउएँ 182. गति गतियाँ 183. गधा गधे 184. गन्ना गन्ने 185. गुड़िया गुड़ियाँ 186. गेंद गेंदे 187. गोला गोले 188. घंटा घंटे 189. घटना घटनाएँ 190. घड़ी घड़ियाँ 191. घर घर 192. घोंसला घोंसले 193. घोड़ा घोड़े 194. चना चने 195. चप्पल चप्पलें 196. चश्मा चश्मे 197. चाचा चाचा 198. चादर चादरे 199. चीता चीते 200. चुटिया चुटियाँ उत्तर : शब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं। प्रश्न 2 – वचन के कितने भेद हैं? उत्तर : हिंदी में वचन के दो भेद माने गए हैं : (क) एकवचन (ख) बहुवचन प्रश्न 3 – एकवचन को परिभाषित कीजिए। उत्तर
: शब्द के जिस रूप से किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी या पदार्थ के एक होने का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे : कपड़ा, स्त्री, बकरी, पुस्तक, कीड़ा, पत्ता, पंखा आदि। प्रश्न 4 – बहुवचन किसे कहते हैं ? उत्तर : शब्द के जिस रूप से अनेक वस्तुओं, अनेक व्यक्तियों, अनेक प्राणियों तथा अनेक पदार्थों के होने का बोध हो, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे : लड़के, घोड़े, साड़ियाँ, नदियाँ, सड़कें आदि। प्रश्न 5 – वचन की
पहचान किससे की जा सकती है? उत्तर : वचन की पहचान संज्ञा, सर्वनाम या क्रिया से हो जाती है, जैसे : (क) घोड़ा दौड़ रहा है। – घोड़े दौड़ रहे हैं। (ख) मैं पढ़ रहा हूँ। – हम पढ़ रहे हैं। (ग) यहाँ पत्ता है। – यहाँ पत्ते हैं। (घ) वह खाना खा रहा है। – वे खाना खा रहे हैं। (ड़) बालक खेल रहा है। – बालक खेल रहे हैं। (च) मोर नाच रहा है। – मोर नाच रहे
हैं। प्रश्न 1 – शब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध हो उसे क्या कहते हैं? (क) संख्याबोधक (ख) वचन (ग) गिनती (घ) संख्यावाचक उत्तर : (ख) वचन प्रश्न 2 – वचन के कितने भेद हैं? (क) दो (ख) तीन (ग) चार (घ)
पाँच उत्तर : (क) दो प्रश्न 3 – आँख शब्द का बहुवचन शब्द है – (क) आँख (ख) आँखें (ग) आँखों (घ) अँखियाँ उत्तर : (ख) आँखें प्रश्न 4 – सम्मान – आदर प्रकट करने के लिए एकवचन से बहुवचन बनाने का क्या नियम है ? (क) क्रिया परिवर्तन (ख) एकवचन क्रिया लगाना (ग) बहुवचन क्रिया
लगाना (घ) शब्द को बहुवचन बनाना उत्तर : (ग) बहुवचन क्रिया लगाना प्रश्न 5 – अभिमान, बड़प्पन और अधिकार जताने के लिए प्रायः “मैं” के स्थान पर क्या प्रयोग करते हैं? (क) अहम् (ख) सब (ग) तुम (घ) हम उत्तर : (घ) हम प्रश्न 6 – आँसू, दर्शन, केश, रोग, प्राण, होश, लोग आदि कुछ शब्दों का प्रयोग सदैव ———- में
होता है (क) एकवचन (ख) बहुवचन (ग) दोनों में (घ) इन में से कोई नहीं उत्तर : (ख) बहुवचन प्रश्न 7 – धातुओं का बोध कराने वाली जातिवाचक संज्ञाएँ ———— में ही प्रयुक्त होती हैं। (क) एकवचन (ख) बहुवचन (ग) दोनों में (घ) इन में से कोई नहीं उत्तर
: (क) एकवचन प्रश्न 8 – सेना, जाति, जनता, दल, वर्ग ———— में प्रयुक्त होते हैं। (क) एकवचन (ख) बहुवचन (ग) दोनों में (घ) इन में से कोई नहीं उत्तर : (क) एकवचन प्रश्न 9 – शब्द-युग्म को बहुवचन बनाते समय दोनों शब्दों के वचन में से किसका वचन-परिवर्तन होगा। (क) दोनों शब्दों का (ख) केवल
प्रथम शब्द का (ग) केवल अंतिम शब्द का (घ) किसी का भी नहीं उत्तर : (ग) केवल अंतिम शब्द का प्रश्न 10 – “बहू” शब्द का बहुवचन क्या होगा ? (क) बहूएँ (ख) बहुएँ (ग) बहएँ (घ) बहिएँ उत्तर : (ख) बहुएँ Recommended Read More…. एकवचन को इंग्लिश में क्या कहेंगे?singular {adj.}
एकवचन और बहुवचन को क्या कहते हैं?हिन्दी में वचन दो होते हैं-
शब्द के जिस रूप से एक ही वस्तु का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे-लड़का, गाय, सिपाही, बच्चा, कपड़ा, माता, माला, पुस्तक, स्त्री, टोपी बंदर, मोर आदि। शब्द के जिस रूप से अनेकता का बोध हो उसे बहुवचन कहते हैं।
Plural को हिंदी में क्या कहते हैं?संज्ञाओं का बहुवचन आमतौर पर संज्ञा द्वारा प्रतिनिधित्व की गई डिफ़ॉल्ट मात्रा जो आम तौर पर एक होता है, के अलावा मात्रा को इंगित करता है। आमतौर पर, इसलिए, बहुवचन का उपयोग दो या दो से अधिक चीज़ों को दर्शाने के लिए किया जाता है।
एकवचन से बहुवचन कैसे बनाया जाता है?वचन के प्रकार
(1)एकवचन :- संज्ञा के जिस रूप से एक व्यक्ति या एक वस्तु होने का ज्ञान हो, उसे एकवचन कहते है। जैसे- स्त्री, घोड़ा, नदी, रुपया, लड़का, गाय, सिपाही, बच्चा, कपड़ा, माता, माला, पुस्तक, टोपी, बंदर, मोर आदि। (2)बहुवचन :-शब्द के जिस रूप से एक से अधिक व्यक्ति या वस्तु होने का ज्ञान हो, उसे बहुवचन कहते है।
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