पाप का ब्रह्मास्त्र कौन सा है? - paap ka brahmaastr kaun sa hai?

विषयसूची

  • 1 पाप का ब्रह्मास्त्र क्या है *?
  • 2 पाप का दूसरा हथियार कौनसा है *?
  • 3 पाप के चार शस्त्र कौनसे है?
  • 4 पाप के चार हथियार कौन से हैं?
  • 5 पाप के चार हथियार पाठ में अंतिम हथियार कौन सा है?

पाप का ब्रह्मास्त्र क्या है *?

इसे सुनेंरोकें➲ उपेक्षा, निंदा और श्रद्धा ⏩ कन्हैयालाल मिश्र द्वारा रचित ‘पाप के चार हथियार’ पाठ के अनुसार पाप के चार हथियार यानि ब्रह्मास्त्र हैं। वे है श्रद्धा, निंदा उपेक्षा और हत्या।

पाप के कितने शस्त्र है?

इसे सुनेंरोकेंजिन पापों का वे विरोध करते हैं, उनके समानांतर अनुक्रम में सात गुण; विनम्रता, दान, दया, धैर्य, संयम, मिताहार और श्रम हैं।

पाप का दूसरा हथियार कौनसा है *?

इसे सुनेंरोकेंइससे सुधारक समाज को पाप, अन्याय, भ्रष्टाचार और अत्याचार जैसी बुराइयों से मुक्ति दिलाने में सफल हो सकता था। लोगों को सुधारक की उपेक्षा, निंदा अथवा उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने के बजाय उनके अभियान में अपना पूरा सहयोग देना चाहिए। तभी समाज से ये बुराइयाँ दूर हो सकती हैं।

पापों के विरुद्ध विद्रोह का झंडा कौन बुलंद करता है?

इसे सुनेंरोकेंसुधारक पापो के विरुद्ध विद्रोह का झंडा बुलंद करता है तो पाप और उसका प्रतिनिधि पापी समाज उसकी उपेक्षा करता है, उसकी ओर ध्यान नहीं देता और कभी-कभी कुछ सुन भी लेता है तो सुनकर हंस देता है जैसे वह किसी पागल की बडबड हो, पलाप हो । इन क्षणों में पाप का नारा होता है, “अरे, छोडो इसे और अपना काम करो।” है।

पाप के चार शस्त्र कौनसे है?

इसे सुनेंरोकेंचार हथियार सबसे कारगर बताए गए हैं- उपेक्षा, निंदा, हत्या और श्रद्धा। हजारी प्रसाद द्विवेदी इन्हें पाप के चार हथियार कहते हैं।

पाप के कितने हथियार हैं?

इसे सुनेंरोकें’पाप के चार हथियार’ पाठ में लेखक कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ ने एक ज्वलंत समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है। संसार में चारों ओर पाप, अन्याय और अत्याचार व्याप्त है, फिर भी कोई संत, महात्मा, अवतार, पैगंबर या सुधारक इससे मुक्ति का मार्ग बताता है, तो लोग उसकी बातों पर ध्यान नहीं देते और उसकी अवहेलना करते हैं।

पाप के चार हथियार कौन से हैं?

चुनिंदा शेर कविता कौन से काव्य प्रकार की कविता है?

इसे सुनेंरोकेंचुनिंदा शेर स्वाध्याय | Chuninda sher kavita | चुनिंदा शेर भावार्थ [ 12th कृती और स्वाध्याय ] कवि परिचय ः कैलाश सेंगर जी का जन्म १६ फरवरी १९54 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ । सहज-सरल हिंदुस्तानी भाषा में लिखी आपकी रचनाएँ सामान्य आदमी की जिंदगी में घुली वेदना, प्रश्न, भावना और उसकी धड़कन को व्यक्त करती हैं ।

पाप के चार हथियार पाठ में अंतिम हथियार कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंसंसार में चारों ओर पाप, अन्याय और अत्याचार व्याप्त है, फिर भी कोई संत, महात्मा, अवतार, पैगंबर या सुधारक इससे मुक्ति का मार्ग बताता है, तो लोग उसकी बातों पर ध्यान नहीं देते और उसकी अवहेलना करते हैं। उसकी निंदा करते हैं। इतना ही नहीं, इस प्रकार के कई सुधारकों को तो अपनी जान तक गँवा देनी पड़ी है।

पाप के चार हथियार पाठ के लेखक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंपाप के चार हथियार पाठ के लेखक कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर के अनुसार इस पाठ के द्वारा कहते हैं। कि इस संसार में चारों और पाप अन्याय अत्याचार एवं अंधकार व्याप्त है, उन्होंने हमारे समाज में चल रही समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है।

‘पाप के चार हथियार’ पाठ का संदेश लिखिए।

'पाप के चार हथियार' पाठ में लेखक कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' ने एक ज्वलंत समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है। संसार में चारों ओर पाप, अन्याय और अत्याचार व्याप्त है, फिर भी कोई संत, महात्मा, अवतार, पैगंबर या सुधारक इससे मुक्ति का मार्ग बताता है, तो लोग उसकी बातों पर ध्यान नहीं देते और उसकी अवहेलना करते हैं। उसकी निंदा करते हैं। इतना ही नहीं, इस प्रकार के कई सुधारकों को तो अपनी जान तक गँवा देनी पड़ी है। लेकिन यही लोग सुधारकों, महात्माओं की मृत्यु के पश्चात उनके स्मारक और मंदिर बनाते हैं और उनके विचारों और कार्यों का गुणगान करते नहीं थकते। जो लोग सुधारक के जीवित रहते उसकी बातों को अनसुना करते रहे, उसकी निंदा करते रहे और उसकी जान के दुश्मन बने रहे, उसकी मृत्यु के पश्चात उन्हीं लोगों के मन में उसके लिए श्रद्धा की भावना उमड़ पड़ती है और वे उसके स्मारक और मंदिर बनाने लगते हैं।
इस प्रकार लेखक ने 'पाप के चार हथियार के द्वारा यह संदेश दिया है कि सुधारकों और महात्माओं के जीते जी उनके विचारों पर ध्यान देने और उन पर अमल करने से ही समस्याओं का समाधान होता है, न कि स्मारक और मंदिर बनाने से।

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Short Note

कृति पूर्ण कीजिए:

पाप के चार हथियार ये हैं -

(१) ____________

(२) ____________

(३) ____________

(4) ____________

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Solution

(१) उपेक्षा
(२) निंदा
(३) हत्या
(४) श्रद्धा

Concept: गद्य (Prose) (12th Standard)

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Chapter 6: पाप के चार हथि यार - आकलन [Page 34]

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APPEARS IN

Balbharati Hindi - Yuvakbharati 12th Standard HSC Maharashtra State Board

Chapter 6 पाप के चार हथि यार
आकलन | Q 1 | Page 34

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