हमारे देश की ख़ास बात ये है कि इतनी विभिन्नता होते हुए भी एकता है और लोग साथ मिलकर सभी त्योहार बहुत धूमधाम से मनाते हैं. आइए जानते हैं भारत के कुछ प्रमुख और रोचक Harvest Festivals के बारे में. Show 1. मकर संक्रांतिहमारे देश में मंकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व है, जिसे हर वर्ष जनवरी महीने में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. कहते हैं कि इस दिन पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है. वहीं परंपराओं के अनुसार, इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. बता दें कि ये त्योहार सिर्फ़ भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल में भी बहुत उत्साह के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. 2. बैसाखीअप्रैल के महीने में मनाया जाने वाला ये त्योहार काफ़ी रंग बिरंगा है. बैसाखी रबी की फ़सल पक जाने पर मनाई जाती है, इसलिए इसे कृषि पर्व भी कहा जाता है. 3. लोहड़ीपारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्यौहार है. ये त्यौहार पौष माह के अंतिम दिन को सूरज डूबने के बाद मनाया जाता है. लोहड़ी पर लोग आग के चारों ओर बैठते हैं और इस दौरान लावा, मूंगफली आदि खाकर काफ़ी हर्ष से इस पर्व को मनाते हैं. 4. लद्दाख फ़ेस्टिवलसितंबर महीने में मनाए जाने वाले इस महोत्सव के दौरान, लोगों को लद्दाख की सदियों पुरानी संस्कृति, सभ्यता, परंपराओं और जनजातीय जीवनशैली की बेहद ख़़ूबसूरत झलक देखने को मिलती है. स्थानीय लोग कारगिल ज़िला प्रशासन मिलकर इस त्योहार को आयोजन करते हैं. 5. वसंत पंचमीवसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. इस ख़ास पर्व पर लोग देशवासी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर, उल्लास के साथ त्योहार मनाते हैं. परंपरा के मुताबिक, इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनकर, मां सरस्वती को पीले फूल भी अर्पित करते हैं. 6. भोगाली बिहूअसम अपने कई रंगारंग त्योहारों को लेकर महशूर है, उनमें से एक भोगाली बिहू भी है. ये असम का मुख्य पर्व है. इस त्योहार को लोग फ़सल की बुबाई का प्रतीक भी मानते हैं और इसी के साथ यहां के लोगों के लिए नये साल की शुरुआत होती है. 7. नवाखाईनए पैदावार से बने पकवानों का भगवान को भोग लगाकर पश्चिम ओडिशा के लोग धूम-धाम से नवाखाई का त्योहार मनाते हैं. इसके साथ लोग धरती मां से अगले साल के लिए अच्छी फसल की कामना भी जाती है. 8. गुड़ी पड़वागुड़ी पड़वा महाराष्ट्र के प्रमुख त्योहार है. गोवा और मराठी लोग बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह के साथ इस त्योहार का जश्न मनाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार गुड़ी पड़वा नए साल का पहला दिन होता है. इस मौके पर नीम की पत्तियां और दातून खाने का रिवाज़ है. 9. ओणमओणम केरल का सबसे बड़ा त्योहार है. इस ख़ास त्योहार पर सभी केरलवासी अपने घरों को फूलों से सजा और कई अलग-अलग तरह के पकवान बना, त्योहार का जश्न मनाते हैं. 10. पोंगलपोंगल तमिलनाडु का विषेश पर्व है, जो मकर संक्रांति के मौके पर मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है और उत्तरायण होता है. इसी वजह से लोग इसे उत्तरायण पर्व भी कहते हैं. पोंगल भी एक कृषि फ़ेस्टिवल है. 11. उगड़ीकर्नाटका में हिंदू नव वर्ष को उगड़ी त्योहार के नाम से मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान ब्रह्मा ने संसार की रचना की थी. साथ ही इस दिन एक नए सीज़न की शुरुआत भी होती है. फसलों के त्योहार को क्या बोलते हैं?पोंगल, बिहू, लोहड़ी, खिचड़ी, मकर संक्रांति जैसे त्योहार इस मौसम में तैयार होने वाली अच्छी फसल की खुशी में मनाए जाते हैं। फसल से जुड़े बाकी सारे त्योहारों की तरह ये त्योहार भी खाने के इर्द - गिर्द घूमते हैं।
भारत में फसलों का त्योहार कब मनाया जाता है?कब मनाया जाता है – मार्च-अप्रैल में। केरल में विशु का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है , मलयाली नव वर्ष के रुप में केरल के लोग इस त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण और विष्णु की पूजा करने का अपना एक अलग महत्व है। यह एक कृषि त्योहार है।
फसलों के त्योहार कौन कौन से महीने में मनाए जाते हैं?ओणम :- यह केरल का एक 10 दिवसीय त्योहार है जो कि सितम्बर माह में राजा महाबली के स्वागत में मनाया जाता है | मान्यतानुसार ओणम पर्व के 10वें या अंतिम दिन अर्थात थिरुओणम के दिन राजा महाबली अपनी समस्त प्रजा से मिलने के लिए आते हैं जिसकी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है।
त्योहार का क्या महत्व है?सभी त्यौहार और पर्व बड़ी श्रद्धा विश्वास के साथ मनाये जाते हैं, जिनमें किसी न किसी उद्देश्य की भावना अवश्य छिपी रहीत है। चाहे पापों का प्रायश्चित हो, धार्मिक सामाजिक स्नेह, बन्धन की कामना, सुखी जीवन व सौभाग्य की कामना, सुखी जीवन व सौभाग्य की कामना हो, सम्पूर्ण अकांक्षायें इन पर्वों में विद्यमान हैं।
|