एमी का मतलब क्या होता है? - emee ka matalab kya hota hai?

मनुष्य को आर्थिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए बैंक या धन उपलब्ध करने वाली संस्था के द्वारा लोन प्रदान किया जाता है | इस लोन का उपयोग वह अपनी आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए करता है | इसके बाद वह बैंक को उसका धन वापस कर देता है | बैंक अपना धन ईएमआई के रूप में प्राप्त करता है |

एमी का मतलब क्या होता है? - emee ka matalab kya hota hai?

इसलिए यदि आप बैंक से लोन लेना चाहते है, तो आपको ईएमआई के विषय में पूरी जानकारी होनी आवश्यक है | आपकी सहायता के लिए इस पेज पर EMI Full Form in Hindi , EMI Ka Kya Matlab Hota Hai , ईएमआई का पूरा नाम, के विषय में बताया जा रहा है |

SLR, CRR FULL FORM IN HINDI

Table of Contents

    • ईएमआई का फुल फॉर्म
  • EMI Ka Kya Matlab Hota Hai
    • ईएमआई का पूरा नाम
  • ईएमआई की गणना कैसे की जाती है ?
    • फ्लैट ब्याज दर
    • ईएमआई(EMI )
    • घटता शेष ब्याज दर
    • ईएमआई के अन्य फुल फॉर्म

ईएमआई का फुल फॉर्म

ईएमआई का फुल फॉर्म “Equated Monthly Installment” होता है, हिंदी में इसे “समान मासिक क़िस्त” के नाम से जाना जाता है | इसके नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि यह प्रतिमाह धन प्रदान करने के विषय में जानकारी प्रदान कर रहा है | सरल शब्दों में इसे मासिक क़िस्त कहा जा सकता है | मासिक क़िस्त प्रतिमाह अनिवार्य रूप से दिया जाने वाला धन है |

EMI Ka Kya Matlab Hota Hai

जब हमे कोई प्रोडक्ट खरीदना होता है, इसके लिए हम बैंक से लोन लेते है | इसके बाद बैंक द्वारा दिए गए लोन को वापस लिया जाता है | यह धन हम ईएमआई के रूप में देते है, इसमें प्रतिमाह एक निश्चित राशि तय कर दी जाती है, यह राशि हमे प्रतिमाह बैंक को देनी होती है | इसे ही ईएमआई कहा जाता है | इस प्रकार से बैंक द्वारा दिए गए धन को चुकाया जाता है |

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ईएमआई का पूरा नाम

ईएमआई का पूरा नाम Equated Monthly Installment होता है | इसके द्वारा बैंक या फिर किसी भी फाइनेंसियल इंस्टीटूशन्स से लोन के रूप में ली गयी धन राशि को वापसी करने की सुविधा प्रदान की जाती है | इसके लिए बैंक की ओर से आपके लिए एक धन राशि निर्धारित कर दी जाती है | इसके साथ ही लोन चुकाने के लिए बैंक के द्वारा समय सीमा का निर्धारण कर दिया जाता है | आपको उसी समय सीमा में बैंक का सारा लोन चुकाना होता है |

ईएमआई के रूप में आपको बैंक को एक राशि देनी होती है जिसमें मूल धन और ब्याज दोनों ही सम्मिलित होते है | इस राशि को चुकाने के लिए अवधि का निर्धारण कर दिया जाता है | यदि इस अवधि में ब्याज दर बढ़ जाती है तो आपकी समय सीमा भी बढ़ जाती है | इसका अर्थ होता है, कि हमे लोन चुकाने के अधिक समय प्राप्त हो जाता है |

ईएमआई की गणना कैसे की जाती है ?

सभी प्रकार की ईएमआई तीन कारकों पर निर्भर करती है, यह कारक इस प्रकार है-

  • Interest Rate: बैंक या फाइनेंसियल इंस्टीटूशन्स के द्वारा तय की गयी ब्याज की दर
  • Loan Amount: लोन ली गई राशि
  • Tenure of the Loan: ब्याज सहित संपूर्ण ऋण चुकाने की समय सीमा

एनईएफटी (NEFT) का फुल फॉर्म

फ्लैट ब्याज दर

फ्लैट ब्याज दर में ब्याज की गणना पूरे मूल ऋण पर की जाती है | इसमें इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाता है कि प्रत्येक ईएमआई के साथ मूल राशि कम हो रही है | उदाहरण- यदि आप एक कार खरीदना चाहते है और उसके लिए आपको 3 लाख की आवश्यकता है इसके लिए आप बैंक से लोन लेते है, तो इस पर एक फ्लैट ब्याज दर 12% पर आपको 3 लाख की धनराशि को 3 वर्ष में चुकाना है तो इसकी ईएमआई की गणना इस प्रकार से की जा सकती है |

  • Principal Amount -300,000
  • Flat Rate of Interest: 12%
  • Total Duration: 3 Years

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ईएमआई(EMI )

मूल राशि को 36 महीनों से विभाजित किया जायेगा + 12% मूल राशि को 12 महीनों से विभाजित किया जायेगा = 8333 + 3000 = 11.333 रुपये |

ब्याज फ्लैट दर सामान्य रूप से कार ऋण और दोपहिया ऋण जैसे अल्पकालिक ऋण पर लागू किया जाता है |

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घटता शेष ब्याज दर

यदि बची हुई ब्याज दर कम होती है, तो ब्याज राशि हर महीने परिवर्तित होती रहती है | यह इसलिए होता है क्योंकि पहले महीने की ब्याज की गणना पूरे मूल ऋण पर की जा चुकी है | इसके बाद बचे हुए महीनों में ब्याज की गणना बकाया ऋण राशि पर की जाती है, कम ब्याज राशि का सूत्र इस प्रकार है-

What is EMI? How EMI works. ? आज हम आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे यह जानकारी आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगी और इस जानकारी के बारे में जानने कि आप शायद कई दिनों से कोशिश भी कर रहे होंगे और कुछ जानकारी आपको प्राप्त नहीं हुई होगी लेकिन आपको अच्छे से जानकारी नहीं मिल पाई होगी तो आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे की EMI क्या होती है. क्योंकि आप भी बैंक या आपने क्रेडिट कार्ड से होम लोन, पर्सनल लोन, बिजनेस लोन या एजुकेशन लोन या इसके अलावा किसी भी तरह का कोई भी लोन लिया है. या आपने लोन लेने की सोची भी होगी.या आपके परिवार में किसी ने लेने की सोची होगी तो उस समय आपको EMI के आकलन के बारे में पता होना बहुत ही जरूरी है.

क्योंकि जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं. तो बैंक अपने पैसे यह माई के द्वारा ही वापस लेता है और आजकल तो ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी EMI का ऑप्शन उपलब्ध करा रही है. जैसे Amazon, Flipkart इन कंपनियों के ऊपर भी आप EMI के साथ किसी भी तरह का सामान खरीद सकते हैं यहां पर भी आप यह माई के साथ पेमेंट कर सकते हैं.तो आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि यह माई क्या होती है. और यह कैसे काम करती है. तो आप इस जानकारी को अच्छी तरह से और ध्यान से पढ़ें. ताकि जब भी आप बैंक से लोन ले तो आपको किसी भी तरह की दिक्कत ना हो और अपनी  EMI के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सके. तो आप इस जानकारी को अच्छी तरह से पढ़ें. तो देखिये

Table of Contents

  • EMI क्या होती है
  • EMI कैसे काम करती है
  • EMI का आकलन कैसे करें
  • मासिक किस्त भरने के कितने तरीके हैं.

EMI क्या होती है

सबसे पहले हम आपको बताते हैं. कि EMI क्या होती है. EMI की फुलफॉर्म होती है. Equated Monthly Installment  और हिंदी में इसका मतलब होता है. मासिक किस्त यदि आप किसी भी तरह की लोन को चुकाने के लिए हम मासिक किस्तों का इस्तेमाल करते हैं. उसको EMI कहा जाता है. जितना लोन आप लेते हैं. उस की कुल राशी को मूलधन कहा जाता है. और उसके ऊपर दिए जाने वाले अतिरिक्त राशि को ब्याज कहा जाता है. और इसके बारे में तो आप सभी जानते होंगे कि मूलधन क्या होता है. और ब्याज क्या होता है. आज के समय में लगभग सभी लोग लोन को ज्यादा महत्व देते हैं. क्योंकि लोन लेने से आपको किसी भी तरह की दूसरी दिक्कत नहीं होती. और यदि आप किसी अपने रिश्तेदार या दोस्त से पैसे उधार लेते हैं.

तो उसके कारण आपको बाद में दिक्कत भी हो सकती है. लेकिन यदि आप बैंक से लोन के पैसे लेते हैं. तो आपको लोन में एक साथ पूरे पैसे मिल जाते हैं. तो आप को जब लोन चुकाना होता है. तो आपको एक साथ सारे पैसे नहीं देने पड़ते हैं. इसलिए बैंक आपको किसी भी तरह की दिक्कत ना पहुंचाने के लिए EMI यानी मासिक किस्त भरने के विकल्प देता है. जिसके तहत आप अपने लोन के पूरे पैसों को आसानी से किस्तों के साथ चुका सकते हैं. और जब अगर आप किसी दूसरे आदमी से पैसे लेते हैं. तो आपको ब्याज भी ज्यादा देना पड़ता है. और वह आदमी आपसे एक साथ ही पूरे पैसे ले लेगा. और आपको किसी भी तरह की मासिक किस्त का विकल्प नहीं देता है. कि अगर आप किसी भी तरह का बैंक से लोन लेते हैं. उस लोन को हर महीने मासिक किस्त के साथ चुकाते हैं. तो वही EMI होती है. जब आप बैंक के लिए हुए लोन को वापस करते हैं. तो उसकी ली हुई कुल राशि के साथ आपको कुछ अलग से पैसे भी देने पड़ते हैं. जिसे हम ब्याज कहते हैं. और ब्याज की राशि भी मासिक किस्त के साथ ही जोड़ दी जाती है.

EMI कैसे काम करती है

जैसा की हमने आपको पर बताया EMI क्या होती है. अब आपको यह तो पता चल गया होगा कि EMI क्या होती है. जब हम लोन के लिए हुए पैसों को मासिक किस्तों के साथ वापस करते हैं. उसे EMI कहते हैं. तो अब हम आपको बताएंगे कि EMI किस तरह से काम करती है. आपने जो भी लोन बैंक से लिया हुआ होता है. उसके पैसों को टाइम के हिसाब से बांट दिया जाता है. और साथ ही उसके साथ लगने वाले ब्याज को भी टाइम के साथ ही बांट दिया जाता है. और उस ब्याज को भी मासिक किस्तों के साथ ही आपको वापस करना पड़ता है. जैसे कि मान लीजिए अगर आपने 1 साल के लिए ₹100000 लोन लिया है.और इसमें मान लीजिए बैंक के 10% आपसे ब्याज ले रहा है. तो उस समय आपको 1 महीने में 8792 रुपए किस देनी पड़ेगी.और इसमें आपको ₹8333 मूल धनराशि और इसके साथ 458 रुपए आपको ब्याज के देने पड़ेंगे आपको मासिक किस्त ब्याज के साथ ही देनी पड़ेगी.

EMI का आकलन कैसे करें

EM का आकलन करने के लिए सबसे पहले आपको अपने ब्राउज़र में एक वेबसाइट ओपन करनी है. जिसका नाम है. EMI calculator.net इस वेबसाइट को आप अपने ब्राउज़र में ओपन करें और इस वेबसाइट को आप अपने मोबाइल और कंप्यूटर दोनों में ओपन कर सकते हैं. और इस को ओपन करते ही आपके सामने यह EMI calculator.net की वेबसाइट आपके सामने खुल जाती है.और इसके ऊपर आपको 3 ऑप्शन दिखाई देंगे. होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन और आप जिस तरह का लोन ले रहे हैं. उसको यहां से सेलेक्ट करें और उसको सेलेक्ट करने के बाद जैसे कि मान लीजिए आप पर्सनल लोन ले रहे हैं. और आप उसकी EMI का आकलन करना चाहते हैं. तो आप को सबसे पहले अपने लोन की राशि डालनी है. कि आप कितनी कितनी राशि लोन से लेना चाहते हैं. या अपने लोन से ली है.

नीचे आपको डालना है कि बैंक आपसे कितनी ब्याज दर ले रहा है. फिर उसके बाद आपको जैसे कि मान लीजिए आप को 10% ब्याज पर ₹500000 मिल रहे हैं. नीचे आपको डालना है कि आपको लोन कितने समय के लिए चाहिए उस लोन के समय को नीचे भरना है. और फिर नीचे आप कि EMI का कैलकुलेशन आपको दिखाई देगा यानी एमी की गणना आपको दिखाई देगी यानी आपके लोन की EMI या मासिक किस्त ₹16134 होगी उसके नीचे आपको ब्याज दिखाई देगा. यानी आप की कुल लोन के पैसों के ऊपर कितना ब्याज है तो जैसा कि आपने ऊपर ₹5,00,000 भरा था और 10% ब्याज दर पर आपको लोन लेना था तो बयान ₹80809 आपको देना होगा. जैसा कि मैंने आपको ऊपर भी बताया था आपके ब्याज के सभी पैसे टाइम के हिसाब से आपकी मासिक किस्त में जोड़ दिए जाते हैं तो आप की कुल पैसे 5,80,809 रुपए हुए तो इस तरह से आपकी लोन की ईएमआई का पता लगा सकते हैं. 

मासिक किस्त भरने के कितने तरीके हैं.

मासिक किस्त के भुगतान को आप दो तरह से कर सकते हैं.पहला होता है इंटरनेट के द्वारा ऑनलाइन भुगतान करने का और दूसरा तरीका ऑफलाइन का होता है.  EMI के ऑनलाइन भुगतान के लिए आपको लोन लेते समय ही साइन की हुई चेक या फिर अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की पूरी जानकारी देनी होती है. फिर उसके बाद हर महीने आपके खाते से अपने आप ही पैसे काट लिए जाते हैं और यदि आप मासिक किस्त के भुगतान का ऑफलाइन तरीका चुनते हैं. तो उसके लिए आपको बैंक में जाकर अपनी किस्त के पैसों का भुगतान करना होता है.

आज हमने आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही बढ़िया जानकारी बताई है. हमने आपको इस पोस्ट में बताया कि ईएमआई क्या होती है इसका क्या मतलब होता है और यह कैसे इस्तेमाल की जाती है. और ईएमआई से जुड़े कुछ दूसरे सवालों के बारे में भी बताया तो यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह पोस्ट पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.

एमी का मतलब क्या होता है हिंदी में?

एमी नाम का अर्थ "अमृत" होता है।

एमी कैसे बनाते हैं?

EMI यानी Equated Monthly Installments इसे हिंदी में समेकित मासिक किस्त कहते हैं। यह एक निश्चित धनराशि होती है, जो आपके द्वारा बैंक को हर महीने एक निश्चित तारीख पर भुगतान की जाती है। ऐसा भी नहीं है कि एक धनराशि ऐसे ही बैंक या कंपनी को जमा की जाती है।