फेफड़ा हमारे सरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग होता है इसके बिना जीवन संभव नही है. जीवित रहने के लिए सांस लेना बहुत हो जरूरी होता है और सांस लेने के लिए हमारे फेफड़ों का स्वस्थ होना बहुत ही जरूरी है.लेकिन दोस्तों दूषित वातावरण के साथ साथ दूषित खाना भी हमारे फेफड़ों का दुश्मन बना हुआ है. जब भी हमारे फेफड़ों को किसी प्रकार का रोग हो जाता है, तो उसकी हमें भारी कीमत चुकानी पडती है. फेफड़े हमारी छाती में स्पंज की तरह शंकु के आकार की जोड़ी होती है.यह असंख्य वायुकोषों में बंटी हुई होती है. यह हमारी श्वास प्रणाली का बहुत ही अहम हिस्सा है. हमारे बाएं फेफड़े का आकार छोटा होता है, क्योंकि हमारा ह्रदय बाएं ओर होता है, बाएं फेफड़े में दो लोब्स होते हैं जबकि दाएं फेफड़े में तीन लोब्स होते हैं. हमारे फेफड़े पतले आवरण के साथ ढके हुए होते हैं. जिसे हम या प्लुरा कहते हैं जो हमारे फेफड़ों की सांस लेने और सांस छोड़ने में मदद करता है. फेफड़े का कार्य- फेफड़े में सूजन का आना- फेफड़े में पानी की परेशानी- कैंसर की समस्या- टीबी की परेशानी- दमा भी है फेफड़े की बीमारी- 2 people found this helpful फेफड़े हमारे शरीर के मुख्य अंग होते हैं, जो हमारे जीवन में एक अहम रोल अदा करते हैं। क्योंकि जीवित रहने के लिए सांस लेना बहुत हो जरूरी होता है और सांस लेने के लिए हमारे फेफड़ों का स्वस्थ होना बहुत ही जरूरी है, लेकिन दूषित वातावरण के साथ साथ दूषित खाना भी हमारे फेफड़ों का दुश्मन बना हुआ है। जब भी हमारे फेफड़ों को किसी प्रकार का रोग हो जाता है, तो उसकी हमें भारी कीमत चुकानी पडती है। फेफड़े की सरंचनाफेफड़े हमारी छाती में स्पंज की तरह शंकु के आकार की जोड़ी होती है। यह असंख्य वायुकोषों में बंटी हुई होती है। यह हमारी श्वास प्रणाली का बहुत ही अहम हिस्सा है। हमारे बाएं फेफड़े का आकार छोटा होता है, क्योंकि हमारा ह्रदय बाएं ओर होता है, बाएं फेफड़े में दो लोब्स होते हैं जबकि दाएं फेफड़े में तीन लोब्स होते हैं। हमारे फेफड़े पतले आवरण के साथ ढके हुए होते हैं। जिसे हम या प्लुरा कहते हैं जो हमारे फेफड़ों की सांस लेने और सांस छोड़ने में मदद करता है । फेफड़ों का कार्यफेफड़ों का कार्य हमारे रक्त का शुद्धिकरण करना होता है। फेफड़े में एक पल्मोनरी शिरा ह्रदय से अशुद्ध रक्त को लेकर आती है। फेफड़ों के द्वारा इस रक्त का शुद्धिकरण होता है। हमारे रक्त में ऑक्सीजन का मिश्रण होता है। फेफड़ों का कार्य सांस और रक्त के बीच गैसों का आदान-प्रदान करना होता है। फेफड़ों के द्वारा वातावरण से ऑक्सीजन लेकर रक्त परिसंचरण में प्रवाहित होती है, और रक्त से कार्बनडाई ऑक्साइड निकालकर वातावरण में छोड़ी जाती है। श्वास नली दो भागों में विभाजित होकर दाएं फेफड़े में प्रवेश करती है। प्रत्येक फेफडो के अंदर ब्रांक्स ट्यूबो में माध्यमिक ब्रांकाई में विभाजित हो जाता है और यह आगे विभाजित होकर ब्रांकिओल्स बनाते हैं। इसके अंत में एयरबैग होता है जिसे अल्वेओली कहते हैं। यह अल्वेओली हमारे रक्त कोशिकाएं से गुजर कर ऑक्सीजन का आदान प्रदान करती है । फेफड़ों के रोगजब भी हम अपने फेफड़ों का सही से ध्यान नहीं रखते या फिर हम अधिक मात्रा में धुम्रपान करते हैं तो इसका असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है। इसके साथ हमारे फेफड़ों में रोग होने का मुख्य कारण प्रदूषण भी है। हमारे फेफड़ों को कई रोगों का सामना करना पड़ता है जैसे कि…
फेफड़ों में सूजन दमा जो भी दमा से पीड़ित रोगी होते हैं उसकी आवाज से सिटी बजने की आवाज सुनाई देती है, दमा से पीड़ित लोगों के चेहरे ऑक्सीजन के अभाव के कारण पीला पड़ जाता है । जब भी दमा से पीड़ित रोगियों को खांसी होती है, तो वो सुखी खांसी होती है जितना भी वो चाहे बलगम निकालने की कोशिश करें, बलगम बाहर नहीं निकलती। फेफड़ों में पानी ब्रोंकाइटिस इस रोग में रोगी को सुखी खांसी, सांस लेने में कष्ट, छाती के बगल में दर्द, गाढ़ा कफ निकलना और आवाज भारी होना, गले से घर्र-घर्र की आवाज आना आदि शामिल है। फेफड़ों में कैंसर टीबी डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है। You may also like |