Home » class 8 Hindi » NCERT Solutions for Class VIII Vasant Part 3 Hindi Chapter 1 -Dhvani Show ध्वनि Exercise : Solution of Questions on page Number : 02 प्रश्न 1: कवि को ऐसा विश्वास
क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा? प्रश्न 2: फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है? प्रश्न 3: कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है? प्रश्न 1: कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़कर बताइए कि इनमें किस ऋतु का वर्णन है। प्रश्न 2: स्वप्न भरे कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा-भरा करना चाहता है। फूलों-पौधों के लिए आप क्या-क्या करना चाहेंगे? प्रश्न 1: बसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए। प्रश्न 2: वसंत ऋतु में आने वाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्योहार पर निबंध लिखिए। प्रश्न 3: “ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता
है”- इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं? लिखिए। Exercise : Solution of Questions on page Number : 03 प्रश्न 1: ‘हरे-हरे’, ‘पुष्प-पुष्प’ में एक शब्द की एक ही अर्थ में पुनरावृत्ति हुई है। कविता के ‘हरे-हरे ये पात’ वाक्यांश में
‘हरे-हरे’ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ ‘पात’ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है। ऐसा प्रयोग भी होता है जब कर्ता या विशेष्य एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में; जैसे- वह लंबी-चौड़ी बातें करने लगा। कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है-”तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है।” जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है। एक शब्द ‘बेर’ का दो अर्थों मे प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया। इसे यमक अलंकार कहा जाता है। कभी-कभी उच्चारण
की समानता से शब्दों की पुनरावृत्ति का आभास होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते हैं; जैसे- मन का मनका। प्रश्न 2: ‘कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात’ फूलों को अंदर तक विकसित करने के लिए कवि कौन कौन सा प्रयास करता है?फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है? उत्तर:- फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उन्हें कलियों की स्थिति से निकालकर खिले फूल बनाना चाहता है। कवि का मानना है कि उसके जीवन में वसंत आया हुआ है। इसलिए वह कलियों को हाथों के वासंती स्पर्श से खिला देगा।
फूल को कवि से क्या शिकायत है?फूल को कवि से क्या शिकायत है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: इस कविता में कवि कहता है कि हमे कड़ी मेहनत और तपस्या का फल अवश्य मिलता है। हमें परिश्रम करते रहना चाहिए। पौधों पर खिले हुए फूल उनकी कष्ट सहकार की हुई तपस्या के फल को दर्शाता है जिन्होंने क्यारी की शोभा बढ़ायी और अपनी सुगंध से सबको आकर्षित किया।
कवि ने वसंत ऋतु को धन्य क्यों माना है?प्रश्न- कवि ने वसंत ऋतु को धन्य क्यों माना? उत्तर- कवि ने वसंत ऋतु को धन्य माना क्योंकि उनके अनुसार फूलों को खिलाने और महकाने का सारा श्रेय वसंत ऋतु को ही जाता है।
कवि पुष्पों से तंद्रा आलस्य को हटाने के लिए क्या करना चाहते हैं?प्रश्न 3 : कवि पुष्पों तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है? उत्तर : कवि अपने हाथों के सुधा स्पर्श से पुष्पों की नींद व आलस्य मिटाकर उन्हैं चुस्त, प्राणवान, आभामय व पुष्पित करना चाहता है। ऐसा करने का उसका उद्देश्य है कि धरा पर जरा भी आलस्य, प्रमाद, निराशा व मायूसी का निशान तक न रहे।
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