विषयसूची गणित सीखने का सही क्रम क्या है?इसे सुनेंरोकेंगणित सीखने का एक निश्चित क्रम है। पहले ठोस वस्तुओं के साथ काम, चित्रों के साथ काम और बाद में संकोश तथा प्रतीकों के साथ काम करना आवश्यक है। प्रारम्भिक कक्षाओं में छोटे बच्चों के सन्दर्भ में यह क्रम विशेष उपयोगी है ठोस वस्तुओं से अवधारणाओं को समझने में मदद मिलती है। सीखने के अनुभव शुरू करने से पहले शिक्षक को क्या करना चाहिए?प्रश्न (28) : सीखने के अनुभव शुरू करने से पहले शिक्षक को क्या करना चाहिए?
आपके विज़न को हासिल करने में पाठ्यपुस्तकों की क्या भूमिका है? इसे सुनेंरोकेंइन पाठ्यपुस्तकों से छात्र भाषा के उपयोग और शब्दावली की दृष्टि से कई बातें सीख सकते हैं, और वे आपकी शिक्षण प्रक्रिया के लिए एक बड़े संसाधन बन सकते हैं। इन संसाधनों का उपयोग करते हुए सावधानी से नियोजित पाठ आपके छात्रों के आलोचनात्मक विचार कौशल को विकसित करने में सहायता कर सकते हैं। सीखने सिखाने की विधि में एकल कार्य की क्या भूमिका है? इसे सुनेंरोकेंसंभवतः आपने अपनी डायरी शुरू कर भी ली है। इस इकाई में आप अकेले काम कर सकते हैं, लेकिन यदि आप अपने सीखने की चर्चा किसी अन्य विद्यालय प्रमुख के साथ कर सकें तो आप और भी अधिक सीखेंगे। यह आपका कोई सहकर्मी, जिसके साथ आप पहले से सहयोग करते आए हैं, या कोई व्यक्ति हो सकता है जिसके साथ आप नए संबंध का निर्माण कर सकते हैं। दुनिया का सबसे लंबा गणित का सवाल कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंदुनिया का सबसे लंबा गणित का सवाल कौनसा है, इसे सिद्ध करने में कितना समय लगा? – Quora. दुनिया का सबसे लंबा गणित का सवाल कौनसा है, इसे सिद्ध करने में कितना समय लगा? यूनिवर्सल में पढ़ें गये एक विवरण के अनुसार दुनिया का सबसे लंबा गणित का सवाल लगभग 1500 पेज का था जिसे 100 गणितज्ञों द्वारा 30 वर्षों में हर किया जा सका था। आप पाठ्य पुस्तक के बारे में क्या सोचते हैं पाठ्य पुस्तक के महत्व का वर्णन करते हैं?इसे सुनेंरोकेंपाठ्य-पुस्तकं शिक्षक को कक्षा-स्तर के अनुसार शिक्षण कार्य करने का बोध कराती हैं। पाठ्य-पुस्तक-में विषय-वस्तु को तार्किक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है. जिससे छात्रों के लिए विषय-वस्तु सरल एवं सुगम हो जाती है। पाठ्य-पुस्तक कक्षा-शिक्षण की अनेक कमियों को भी दूर करती है। अधिगम के लिए पाठ्यपुस्तक क्यों महत्वपूर्ण है? इसे सुनेंरोकेंपाठ्यपुस्तक के माध्यम से ही स्वीकृत ज्ञान सम्प्रेषित हुआ – एक ऐसा ज्ञान जो शिक्षक के लिए बच्चों को देना आवश्यक था। इसके लिए शिक्षक का प्रशिक्षण आरम्भ हुआ। पाठ्यपुस्तक को पढ़ाना व उसके जरिए एक प्रकार का मानक स्थापित करना, औपनिवेशिक व्यवस्था में संभव हुआ और ये व्यवस्था काफी टिकाऊ सिद्ध हुई।” सीखने का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंगणित सीखने की प्रक्रिया में अभिप्रेरणा का बहुत बड़ा महत्वपूर्ण होता है। और वहां गणित मैं ज्यादा ध्यान से पड़ता है, जिस के कारण बालक में नए कौशल और उत्साह की बढ़ोतरी होती हैं। और उस बालक में बौद्धिक विकास बहुत जल्दी विकसित होने लगता है। सीखने की प्रक्रिया का क्रम क्या है?इसे सुनेंरोकेंरुचि + ध्यान+ परिस्तिथि + सहयोग + पूरा समय = सीखना । गणित सीखने में अ भा चि प्र की क्या आवश्यकता है उदाहरण द्वारा समझाएं?इसे सुनेंरोकेंअ-भा-चि–प्र क्या इस शीर्षक ने आपको चक्कर में डाल दिया? इसी तरह बच्चे भी ऐसे नये प्रतीकों को समझ नहीं पाते जो पूरी तरह समझाए बिना उन पर थोप दिए जाते हैं। बच्चों में गणित की समझ बनाने के लिए आपको उन्हें सावधानी से बनाए गए क्रम में सीखने के अनुभव देने होंगे। कुछ भी और सीखने की तरह ही गणित सीखना भी एक निरंतर प्रक्रिया है। गणित शिक्षण में अधिगम स्रोत की क्या उपयोगिता है? इसे सुनेंरोकेंये अधिगम संसाधन : अधिगम प्रक्रिया में पूर्ण सक्रिय भागीदारी में सहायक हैं क्योंकि अधिगम संसाधन विद्यार्थियों में प्रेरणा देने तथा बनाए रखने हेतु शक्तिशाली उपकरण हैं। विषय की अवधारणाओं को प्रभावी रूप से स्पष्ट करने में विद्यार्थियों की सहायता करते हैं क्योंकि ये शाब्दिक अनुदेशों को वास्तविक अनुभवों से जोड़ते हैं। विषयसूची
गणित सीखने में अ भा चि प्र की क्या आवश्यकता है उदाहरण द्वारा समझाएं?इसे सुनेंरोकेंअ-भा-चि–प्र क्या इस शीर्षक ने आपको चक्कर में डाल दिया? इसी तरह बच्चे भी ऐसे नये प्रतीकों को समझ नहीं पाते जो पूरी तरह समझाए बिना उन पर थोप दिए जाते हैं। बच्चों में गणित की समझ बनाने के लिए आपको उन्हें सावधानी से बनाए गए क्रम में सीखने के अनुभव देने होंगे। कुछ भी और सीखने की तरह ही गणित सीखना भी एक निरंतर प्रक्रिया है। आपकी समझ में बच्चों के परिवेश और ज्ञान कौशल से जुड़ने के क्या लाभ हो सकते हैं? इसे सुनेंरोकेंबच्चे स्कूल की शुरुआत अपने घर में और सुमदाय में दूसरों के संपर्क से प्राप्त विचारों, भाषाओं, ज्ञान, कौशलों और अवधारणाओं के साथ करते हैं। बच्चे जब उनके सतत विकास के लिए मुख्य संसाधनों के रूप में उनकी भाषायी और सांस्कृतिक क्षमताओं की पहचान कर लेते हैं, तो स्कूल में उनकी औपचारिक शिक्षा और भी ज्यादा प्रभावी हो जाएगी। गणित सीखने सिखाने की प्रक्रिया में बच्चों के अनुभव को महत्व दिया जाना क्यों आवश्यक है? इसे सुनेंरोकेंबच्चे गणित को ऐसा विषय मानें जिस ज्ञान के लिए आवश्यक होती है) पर दिए जाने पर वे बात कर सकते हैं, जिससे संप्रेषण वाले ज़ोर को कम करना चाहिए, ताकि एक हो सकता है, आपस में जिस पर चर्चा वृहत्तर पाठ्यचर्या तैयार हो पाए, जिसमें वे कर सकते हैं और जिस पर साथ-साथ विषय ज़्यादा हों जो बुनियादी बातों से शुरू होते काम कर सकते हैं। खेल प्रशिक्षण से आप क्या समझते हैं?इसे सुनेंरोकेंखेल प्रशिक्षण खेल की तैयारी की एक विशेष प्रक्रिया है सुधार के उद्देश्य से वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित व्यक्ति और विभिन्न खेल गतिविधियों में उच्च प्रदर्शन क्षमता बनाए रखना। यह एक विशेष प्रकार का प्रशिक्षण है जो किसी दिए गए खेल में प्रदर्शन करने के लिए फिटनेस और क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है। गणित के सिद्धांत क्या है? इसे सुनेंरोकेंगणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। निर्माणवाद पर रचनावाद क्या है? इसे सुनेंरोकेंनिर्माणवाद छात्र-केंद्रित, खोज सीखने की वकालत करता है जहां छात्र अधिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए जो वे पहले से जानते हैं उसका उपयोग करते हैं। मनोविज्ञान के रचनावादी सिद्धांतों से हम सीखने को ज्ञान के प्रसारण के बजाय पुनर्निर्माण के रूप में देखते हैं। तथ्यात्मक ज्ञान से क्या है इसकी विशेषताएं लिखिए?इसे सुनेंरोकेंतथ्यात्मक ज्ञान में सत्य सत्य की संभावना :- तथ्यात्मक अधिगम के प्रमुख विशेषता यह है कि यह ज्ञान सत्य भी हो सकता है और असत्य भी अनेक प्रकार के सिद्धांत एवं नियमों का प्रतिपादन विद्वानों द्वारा अपने प्रयोग के आधार पर किया जाता है। इस प्रकार तथ्यात्मक ज्ञान सत्य भी हो सकता है और असत्य भी। गणित सीखने की प्रक्रिया में सीखने वाले की क्या भूमिका है? इसे सुनेंरोकेंरूचि लेकर और गतिविधियों की मदद से कक्षा में काम किया जाय तो गणित सीखना सिखाना एक मनोरंजक काम बन जाता है। इससे बच्चों में कई क्षमताएं विकसित होती हैं। बच्चों में क्रमबद्धता की समझ पैदा होती है। तर्क व सोचने की क्षमता बढ़ती है। गणित सीखने की प्रक्रिया में शिक्षक का क्या महत्व है? इसे सुनेंरोकेंवह जानता है कि शिक्षार्थी की समझ में सुधार के लिए गणित पढ़ा रहा है, और इससे उसे शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं के अनुसार अपनी पढ़ाने की योजना बनाने में मदत मिलती है। इसके अलावा, शिक्षक की यह धारणा कि बच्चे गणित कैसे सीखते हैं, शिक्षण और मूल्यांकन की योजना पर भी प्रभाव डालती है। गणित शिक्षण में अधिगम स्रोत की क्या उपयोगिता है?इसे सुनेंरोकेंये अधिगम संसाधन : अधिगम प्रक्रिया में पूर्ण सक्रिय भागीदारी में सहायक हैं क्योंकि अधिगम संसाधन विद्यार्थियों में प्रेरणा देने तथा बनाए रखने हेतु शक्तिशाली उपकरण हैं। विषय की अवधारणाओं को प्रभावी रूप से स्पष्ट करने में विद्यार्थियों की सहायता करते हैं क्योंकि ये शाब्दिक अनुदेशों को वास्तविक अनुभवों से जोड़ते हैं। लिखित तथा मौखिक कौशलों के विकास के लिए आप क्या क्या प्रयास तथा सुधार करेंगे? 1 संघटन और लिप्यंतरण (composition and transcription) अपने लिए एक गतिविधि में लेखन की दोनों मुख्य प्रक्रियाओं संघटन और लिप्यंतरण के बारे में विचार के साथ शुरुआत करे छात्रों में निबंध लेखन के विकास हेतु शिक्षक को क्या उपाय करने चाहिए? इसे सुनेंरोकेंलेखन कला को विकसित करने के लिए जब शिक्षक के रूप में चर्चा करें, तो उस पक्ष को वार्तालाप के सन्दर्भ में देखना चाहिए। बच्चे जब पहली बार स्कूल जाते हैं, तो उनमें भी बातचीत की कला होती है, जो उनके परिवेश से मिलती है। यहाँ परिवेश का अर्थ जिस वातावरण से आता है या जिससे मिलता है (माता-पिता, भाई-बहन, मित्र, रिश्तेदार इत्यादि)। मौखिक भाषा का विकास क्यों महत्वपूर्ण है?इसे सुनेंरोकेंMaukhik Bhasha ka Mahatv वार्तालाप द्वारा मनुष्य आत्माभिव्यक्ति में निपुणता प्राप्त करता है. व्यावहारिक जीवन में भी सफलता प्राप्त करने के लिए मौखिक भाषा अनिवार्य है. मौखिक भाषा कक्षा में सजीवता तथा रूचि उत्पन्न करता है. भाषा कला में निपुण होने से पूर्व वार्तालाप में दक्षता प्राप्त करना आवश्यक है. गणित के शिक्षण और सीखने में भाषा की क्या भूमिका है?गणित शिक्षण में अध्यापक गणितीय संकल्पनाओं की जानकारी देने के लिए और विचारों को स्पष्ट करने के लिए साधारण बोल-चाल की भाषा प्रयोग करता है। भाषा अनुभव को यथाक्रम अन्तस्थ करने में सहायक होती है जिससे अन्ततोगत्वा प्रत्यक्ष साकार अनुभव की पुनरावृत्ति किए बिना कल्पना शक्ति से क्रिया करने की क्षमता उत्पन्न होती है।
गणित सीखने की प्रक्रिया में सीखने वाली की क्या भूमिका है?गणित के शिक्षक को अपने प्रयासो द्वारा विद्यार्थियों को अनुसंधान (खोज) एवं नवीन चिंतन की ओर प्रेरित करे. (3.) गणित के अध्यापक को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि उसका अध्यापन का ढंग ऐसा हो जिससे भावी गणितज्ञ तैयार हो सके और हमारी तकनीकी व गणित सम्बन्धी विकास में अपना योगदान दे सकें.
गणित सीखने सिखाने की प्रक्रिया में बच्चों के अनुभव को महत्व दिया जाना क्यों आवश्यक है?गणित का सीखना-सिखाना गणित शिक्षा बच्चों के आंतरिक संसाधनों को विकसित करती है और उन्हें समाज में मननशील व्यक्ति बनाती है। मॉड्यूल के उद्देश्य: शिक्षार्थी के अनुकूल प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रारंभिक स्तर पर गणितीय दक्षताएं विकसित करना
विद्यार्थियों के अनुभव का उपयोग गणित सीखने सिखाने की प्रक्रिया में आप कैसे करेंगे?गणित सीखने का एक निश्चित क्रम है। पहले ठोस वस्तुओं के साथ काम, चित्रों के साथ काम और बाद में संकोश तथा प्रतीकों के साथ काम करना आवश्यक है। प्रारम्भिक कक्षाओं में छोटे बच्चों के सन्दर्भ में यह क्रम विशेष उपयोगी है ठोस वस्तुओं से अवधारणाओं को समझने में मदद मिलती है। बच्चा स्वयं कुछ करते हुए अनुभव करता है।
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