हरित क्रांति क्या है इसके लाभ और हानि लिखिए? - harit kraanti kya hai isake laabh aur haani likhie?

इसे सुनेंरोकेंहरित क्रांति के आर्थिक प्रभाव: हरित क्रांति से देश में खाद्यान्न उत्पादन तथा खाद्यान्न गहनता दोनों में तीव्र वृद्धि हुई और भारत अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो सका। हरित क्रांति के बाद कृषि में नवीन मशीनों जैसे- ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, ट्यूबवेल, पंप आदि का प्रयोग किया जाने लगा।

हरित क्रांति की सफलता के लिए सरकार ने क्या क्या प्रयास किये है?

इसे सुनेंरोकेंहरित क्रांति की सफलता के लिए संस्थागत सुधारों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। (4) सिंचाई के साधनों का विकास- हरित क्रांति को सफल बनाने के लिएसिंचाई का बहुत अधिक महत्व है। अधिक उपज देने वाले बीजों के प्रयोग के लिए सिंचाई अनिवार्य है। इसके लिए अधिक से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था की जानी चाहिए।

हरित क्रांति के कारण भारत में कौन सी फसल ज्यादा उगाई गई?

इसे सुनेंरोकेंइस अभियान को हरित क्रांति के रूप में जाना जाता है और पंजाब इस क्रांति का केंद्र था. पंजाब में गेहूं और धान की खेती अर्थव्यवस्था पर हावी हो गई और इनका बम्पर उत्पादन कुछ वर्षों में विकास का एक आदर्श बन गया.

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हरित क्रांति क्या थी हरित क्रांति के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकें# हरित क्रांति के सकारात्मक प्रभाव -हरित क्रांति से लाभ 1) परंपरागत कृषि से आधुनिक कृषि:– हरित क्रांति से भारतीय परंपरागत कृषि का स्वरूप बदल गया तथा आधुनिक कृषि के रूप विश्व स्तर पर भारतीय कृषि बड़ रही थी। 2) रोजगार:- हरित क्रांति कर चलते ग्रामीण रोजगार में वृद्धि हो गई थी।

बरसात के मौसम में पालमपुर में कौन सी फसल उगाई जाती है *?

इसे सुनेंरोकेंज्वार-बाजरा जैसी फसलें पैदा कर लेते हैं जो पशुओं के चारा के रूप में काम आ जाती है।

हरित क्रांति क्या है इससे किसानों को क्या लाभ पहुंचा?

इसे सुनेंरोकेंहरित क्रान्ति अथवा भारतीय कृषि में लागू की गई नई विकास विधि का सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि देश में फ़सलों के क्षेत्रफल में वृद्धि, कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि हो गई। विशेषकर गेहूँ, बाजरा, धान, मक्का तथा ज्वार के उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई। जिसके परिणाम स्वरूप खाद्यान्नों में भारत आत्मनिर्भर-सा हो गया।

इसे सुनेंरोकेंमुख्य तौर पर हरित क्रांति देश में कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिये लागू की गई एक नीति थी। इसके तहत अनाज उगाने के लिये प्रयुक्त पारंपरिक बीजों के स्थान पर उन्नत किस्म के बीजों के प्रयोग को बढ़ावा दिया गया। पारंपरिक बीजों के स्थान पर HYVs के प्रयोग में सिंचाई के लिये अधिक पानी, उर्वरक, कीटनाशक की आवश्यकता होती थी।

हरित क्रांति क्या है इसके लाभ और हानि?

इसे सुनेंरोकें1. खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि – हरित क्रांति या नई कृषि राजनीति का पहला लाभ हुआ है कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है, विशेष रुप से गेहूँ, बाजरा, चावल, मक्का, व ज्वार दालों के उत्पादन में आशतीत वृद्धि हुई। इसके परिणामस्वरूप भारत खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर सा हो गया है। प्रति हेक्टेयर उत्पादन में आशतीत वृद्धि हुई है।

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हरित क्रांति के नकारात्मक प्रभाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंहरित क्रांति के नकारात्मक परिणाम… हरित क्रांति में आधुनिक तकनीक और खाद का अधिकाधिक प्रयोग करके भूमि पर अधिक से अधिक फसलें उगाने का प्रयास किया गया । रसायनिक खाद का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने के कारण भूमि की उर्वरक क्षमता कम होती गई।

हरित क्रांति के प्रमुख उद्देश्य कौन से थे?

इसे सुनेंरोकें1967 से, हरित क्रांति का उद्देश्य एक अन्न क्रांति लाना था। खेत के उत्पादन में वृद्धि के साथ किसानों की कमाई भी बढ़ी और वे समृद्ध बन गए। यह, विशेष रूप से, 10 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले बड़े किसानों के मामले में रहा है।

हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं हरित क्रांति के आर्थिक प्रभावों का उल्लेख कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंहरित क्रांति के आर्थिक प्रभाव: हरित क्रांति से देश में खाद्यान्न उत्पादन तथा खाद्यान्न गहनता दोनों में तीव्र वृद्धि हुई और भारत अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो सका। वर्ष 1968 में गेहूँ का उत्पादन 170 लाख टन हो गया जो कि उस समय का रिकॉर्ड था तथा उसके बाद के वर्षों में यह उत्पादन लगातार बढ़ता गया।

इसे सुनेंरोकेंहरितक्रांति से अधिक कतर गेहूँ और चावल की फसल में वृद्धि हुई। देश को खाद्यानं के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई। हरित क्रांति के बहुत से अच्छे परिणाम निकले जो स्वाभाविक भी थे। भारत को खाद्यान्न के मामले में आत्म निर्भरता प्राप्त हुई और अब वह इनका आयात करने की अपेक्षा निर्यात करने की स्थिति में आ गया।

हरित क्रांति का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार, हरित क्रांति का शाब्दिक अर्थ है – कृषि क्षेत्र में होने वाला तीव्र परिवर्तन, ए कैसा परिवर्तन जिससे मैं केवल उत्पादन में वृद्धि हुई वरन् फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ हो ।

हरित क्रांति क्या थी हरित क्रांति के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावो का वर्णन कीजिए?

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हरित क्रांति क्या थी हरित क्रांति के दो सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों का उल्लेख कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंहरित क्रांति के दो सकारात्मक और दो नकारात्मक परिणामों का उल्लेख करें I. 1-हरित क्रान्ति से देश में फ़सलों के क्षेत्रफल में वृद्धि, कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि हो गई। विशेषकर गेहूँ, बाजरा, धान, मक्का तथा ज्वार के उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई। जिसके के कारण खाद्यान्नों में भारत आत्मनिर्भर-सा हो गया।

भारत में हरित क्रांति कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंयह प्रयोग सफल रहा तथा वर्ष 1966-67 में भारत में हरित क्रांति को औपचारिक तौर पर अपनाया गया। मुख्य तौर पर हरित क्रांति देश में कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिये लागू की गई एक नीति थी।

हरित क्रांति का जनक देश कौन है?

इसे सुनेंरोकेंनॉर्मन बोरलॉग को विश्व में हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है और उन्हें वर्ष 1970 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। हरित क्रांति का जन्मस्थान और कब्रगाह मेक्सिको है क्योंकि नॉर्मन बोरलॉग मेक्सिको के मूल निवासी थे। भारत में, डॉ एम एस स्वामीनाथन को हरित क्रांति के पिता के रूप में जाना जाता है।

हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं हरित क्रांति के समस्या क्षेत्रों की जांच कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंहरित क्रांति उस क्रांति को कहते हैं जिसका संबंध कृषि के उस तिव्र वृद्धि से है जिसमे रासानिक उर्वरक तथा बीज के अत्यादिक उत्पादन से है उस हरित क्रांति कहते हैंहिंदुस्तान में हरित क्रांन्ति की शुरुआत सन् (1966-1967) हुई थी। इसे प्रारम्भ करने का श्रेय प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को जाता हैं।

हरित क्रांति से क्या हानि हुई?

इसे सुनेंरोकेंश्रम-विस्थापन की समस्या- हरित क्रान्ति के अन्तर्गत प्रयुक्त कृषि यन्त्रीकरण के फलस्वरूप श्रम-विस्थापन को बढ़ावा मिला है। कृषि में प्रयुक्त यन्त्रीकरण से श्रमिकों की मांग पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अतः भारत जैसी श्रम-अतिरेक वाली अर्थव्यवस्थाओं में यन्त्रीकरण बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न कर सकता है।

हरित क्रांति क्या है लाभ और हानि?

Solution : हरित क्रांति के लाभ- <br> (1) इससे देश अन्न उत्पादन में आत्म-निर्भर हो गया है। (2) इससे अनाज का पर्याप्त सुरक्षित भंडार एकत्रित हो गया। (3) भंडार से प्राकृतिक विपदाएं आने की स्थितियों का सामना आसानी से कई बार किया जा चुका है। (4) इसने किसान की जीवन-पद्धति तथा आर्थिक स्तर को बदल दिया।

हरित क्रांति क्या है इसके हानि?

हरित क्रांति से अभिप्राय है कि सिंचित व असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक मात्रा में उपज कर संकर व बोन बीजों का इस्तेमाल करके कृषि उत्पादन में वृद्धि करना। हरित क्रांति से ही भारत में कृषि के क्षेत्र में अत्यधिक वृद्धि हुई और साथ ही कृषि में हुए सुधार के चलते देश में कृषि का उत्पादन छमता बढ़ी है।

हरित क्रांति से क्या लाभ हुए?

फसल उत्पादन में वृद्धि: इसके परिणामस्वरूप वर्ष 1978-79 में 131 मिलियन टन अनाज का उत्पादन हुआ और भारत विश्व के सबसे बड़े कृषि उत्पादक देश के रूप में स्थापित हो गया। हरित क्रांति के दौरान गेहूंँ और चावल की अधिक उपज देने वाली किस्मों के तहत फसल क्षेत्र में काफी वृद्धि हुई।

हरित क्रांति क्या है Drishti IAS?

भारत में हरित क्रांति उस अवधि को संदर्भित करती है जब भारतीय कृषि अधिक उपज देने वाले बीज की किस्मों, ट्रैक्टर, सिंचाई सुविधाओं, कीटनाशकों और उर्वरकों के उपयोग जैसे आधुनिक तरीकों एवं प्रौद्योगिकियों को अपनाने के कारण एक औद्योगिक प्रणाली में परिवर्तित हो गई थी।