हिंदी के इस ब्लॉग में कक्षा 10 के Netaji ka chashma Class 10 की कहानी के लेखक परिचय और NCERT की पुस्तक के अनुसार प्रश्नों के उत्तर के बारे में जानेंगे। छात्रों के लिए 10वीं क्लास सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है, इसलिए NCERT अपने सिलेबस में उन टॉपिक को जरूर कवर करती है जो परीक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होती है। चलिए विस्तार से जानते हैं Netaji ka chashma Class 10 के बारे में। Show नेताजी का चश्मा Free PDFDownload यह भी पढ़ें : CBSE Class 10 Hindi Syllabus बोर्डCBSEटेक्स्टबुकNCERTक्लासक्लास 10चैप्टरचैप्टर 10चैप्टर नामNetaji ka Chashma (नेताजी का चश्मा)विषयहिंदी क्षितिजThis Blog Includes:
पाठ सारांशNetaji ka Chashma Class 10 के लिए पाठ सारांश नीचे दिया गया है-
यह भी पढ़ें : Bade Bhai Sahab Class 10 लेखक परिचयFAQsनेताजी की मूर्ति पर दूसरी बार किस आकार का चश्मा था? दूसरी बार जब हालदार साहब आये तो उन्हें मूर्ति पर तार का फ्रेम वाले गोल चश्मा लगा था। कैप्टन क्या कार्य करता था? कैप्टन फेरी लगाकर चश्मे बेचने वाला एक मरियल और लंगड़ा-सा व्यक्ति था, जो हाथ में संदूकची और एक बांस में चश्मे के फ्रेम टाँगे घूमा करता था। हालदार साहब कैसे थे? हालदार साहब एक जिज्ञासु प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। यहाँ तक पानवाले ने चश्मे वाले कैप्टन के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार प्रकट किया तब उन्हें यह भी बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा। वह समाज के हर वर्ग तथा सभी लोगों से सभ्य व्यवहार, प्रेम तथा सद्व्यवहार की अपेक्षा करते हैं। वह स्वभाव से संदेंशील तथा भावुक हैं। Netaji ka Chashma Class 10 पाठ किसने लिखा है? इस पाठ को लिखा है भारत के लोकप्रिय लेखक स्वयं प्रकाश जी ने। उम्मीद है, netaji ka chashma class 10 पाठ है आपको समझ आया होगा। यदि आप विदेश में पढ़ना चाहते हैं तो आज ही Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ फ्री सेशन बुक सेशन करने के लिए 1800 572 000 पर कॉल करें और सही गाइडेंस पाएं। हवलदार साहब भावुक क्यों हो गए थे?उत्तर - हालदार साहब इतनी सी बात पर भावुक हो उठे क्योंकि नेताजी की मूर्ति को छोटे बच्चों के द्वारा पहनाया जाना इस बात का सबूत है कि हमारे देश के बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी महापुरुषों व शहीदों का सम्मान करते हैं । घर गृहस्थी जवान - जिंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती हैं और अपने लिए बिकने के मौके ढूंढ़ती है ।
हालदार साहब क्या देख कर दुखी हुए थे?उत्तर- हालदार साहब को बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि कैप्टन के मर जाने के बाद नेताजी की मूर्ति पर कोई चश्मा लगा सकता। वो इस बात से काफी दुखी थे लेकिन जैसे ही उन्होंने नेताजी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा देखा।
हालदार साहब को कौन सी बात अच्छी नहीं लगी और क्यों?कैप्टन के बारे में पूछने पर उसने कहा कि कैप्टन तो लँगड़ा है, वह भला फौज में क्या जाएगा! वह तो पागल है! पानवाले द्वारा एक देशभक्त का मज़ाक उड़ाया जाना हालदार साहब को अच्छा नहीं लगा क्योंकि कैप्टन देशभक्तों का सम्मान करता था।
मूर्ति के पास से गुजरते हुए अंत में हालदार साहब क्यों भावुक हो गए?हवलदार साहब उस व्यक्ति के बारे में सोचकर भावुक हो उठे होंगे जिसने नेताजी को चश्मा लगाया होगा। वह नेताजी की कुर्बानी को याद कर के भावुक हो गए होंगे।
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