पीठ के लिए योगासन (Yoga Poses For Back)1. हस्त पादासन (Hasta Padasana / Hand To Foot Pose)© Instagram / iam_yagnik Show
हस्त पादासन मध्यम कठिनाई वाला विन्यास योग की शैली का आसन है। इसे करने की अवधि 15 से 30 सेकेंड के बीच होनी चाहिए। इसमें किसी दोहराव की आवश्यकता नहीं होती है। हस्त पादासन के अभ्यास से हिप्स, हैमस्ट्रिंग, और काव्स पर खिंचाव आता है जबकि घुटने, पीठ और जांघें मजबूत हो जाते हैं। ये आसन पीठ, हिप्स, पिंडली और टखनों को अच्छा स्ट्रेच भी देता है। हस्त पादासन करने की विधि :
2. सेतु बंधासन (Setu Bandhasana / Bridge Pose)© Shutterstockसेतु बंधासन में हमारा हृदय सिर से ऊपर होता है। इससे रक्त का प्रवाह हमारे सिर की तरफ बढ़ जाता है। इससे हमें एंग्जाइटी, थकान, तनाव / टेंशन / स्ट्रेस , अनिद्रा / इंसोम्निया, सिरदर्द और हल्के डिप्रेशन से निपटने में मदद मिलती है। सेतु बंधासन के नियमित अभ्यास से दिमाग को शांति मिलती है और बल्ड प्रेशर सामान्य रहता है। ये फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने के अलावा सीने में होने वाले नसों के ब्लॉकेज को रोकने में भी मदद करता है। अस्थमा के मरीजों को भी इस आसन को रोज करने की सलाह दी जाती है। ये आसन थायरॉयड ग्रंथि में उत्तेजना बढ़ाता है और मेटाबॉलिज्म को नियमित करता है। सेतु बंधासन उन लोगों के लिए भी बेस्ट है जो दिन भर कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठकर काम करते हैं। सेतु बंधासन करने की विधि :
3. मार्जयासन (Marjaryasana / Cat Pose)© Shutterstockमार्जरी आसन आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला योग आसन है, जिससे रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव पड़ता है। यह खिंचाव आपकी रीढ़ की हड्डी को अधिक लचीला बनने में मदद करता है। इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी को फैलाने और मजबूत करने में भी मदद करता है। मार्जरी आसन करने के लिए आपको अपनी नाभि को अंदर की ओर खींचना पड़ता है, जो कि लंबे समय में आपके पेट से अनावश्यक वसा को कम करने में मदद करता है। इससे आपके पेट की चर्बी कम हो जाएगी। यह आसन धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से पेट को टोन करने में मदद करता है। मार्जयासन करने की विधि :
4. उत्कटासन (Utkatasana / Chair Pose)© Instagram / mamaberryउत्कटासन, साधारण स्तर की कठिनाई वाला विन्यास शैली का आसन है। इसे करने की अवधि 30-60 सेकेंड की बताई गई है। इस आसन को करने से कंधे और पसलियों (Thorax) में स्ट्रेच आता है। जबकि ये जांघों, पसलियों के कॉलम (Vertebral Column), एडियों और पिंडलियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। उत्कटासन करने की विधि :
5. भुजंगासन (Bhujangasana / Cobra Pose)© Gettyimagesभुजंगासन, सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से 8वां है। भुजंगासन को सर्पासन, कोबरा आसन या सर्प मुद्रा भी कहा जाता है। इस मुद्रा में शरीर सांप की आकृति बनाता है। ये आसन जमीन पर लेटकर और पीठ को मोड़कर किया जाता है। जबकि सिर सांप के उठे हुए फन की मुद्रा में होता है। भुजंगासन, योग विज्ञान के सबसे विविधतापूर्ण आसनों में से एक है। ये योग मुद्रा इतनी महत्वपूर्ण इसीलिए बताई गई है क्योंकि इसके ढेर सारे फायदे हैं। ये हमारी पीठ को मजबूत और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। ये हमारे पाचन और प्रजनन तंत्र को मजबूत बनाता है। भुजंगासन करने की विधि :
6. बिटिलासन (Bitilasana / Cow Pose)© Instagram / jevan_roopantranनियमित अभ्यास करने पर बिटिलासन रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को सुधारता है। ये शरीर में प्राण को सुधारता है और रीढ़ की हड्डी को मोड़ता है। इस आसन में लोअर बैक, मिडिल बैक, गर्दन और कंधों में टेंशन को दूर करने के गुण पाए जाते हैं। बिटिलासन कोर मसल्स को मैक्सिमम टेंशन देकर मजबूत बनाता है। ये हाथों, कंधों और कलाई को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस आसन से हिप ज्वाइंट, घुटने के ज्वाइंट, कंधों के जोड़ को मजबूत बनते हैं। ये पेट के भीतरी अंगों को मसाज देकर पाचन को भी सुधारता है। बिटिलासन करने की विधि :
7. मालासन (Malasana / Garland Pose)© Instagram / paulonia__yogaमालासन करते समय दोनों हाथ नमस्कार या प्रणाम की मुद्रा में होते हैं। इससे ये गले में पड़ी हुई माला का भ्रम देते हैं। इसीलिए इस आसन को मालासन कहा जाता है। मालासन को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। किसी जमाने में खेत काटने वाले किसान इसी मुद्रा में बैठकर काम किया करते थे। मालासन लोअर बैक के लिए अच्छा काम करता है। ये पीठ की मांसपेशियों को लचीला बनाता है। इसके नियमित अभ्यास से कमर और स्पाइन का मूवमेंट बेहतर बनता है। ये घुटने की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। मालासन न सिर्फ इनर थाइज बल्कि क्वाड्रिसेप्स, हैमस्टिंग, काव्स को टोन करता है। ये टांगों में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और साइटिका, वेरिकोज वेन की समस्या को दूर करता है। ये सीने और कंधे के मूवमेंट को बेहतर बनाता है। नियमित रूप से करने पर ये आसन कंधों को मजबूत और लचीला बनाता है। पेट की भीतरी मसल्स को अच्छी मसाज देता है। ये हिप्स को लचीला और मजबूत भी बनाता है। मालासन करने की विधि :
कौन सा आसन रीढ़ के लिए फायदेमंद है?रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ और इसमें होने वाली समस्याओं के खतरे को कम करने के लिए मत्सयासन का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है। यह रीढ़ की हड़्डी के आसपास की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को सुचारू बनाए रखने में सहायक है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर के बगल की ओर रखें।
रीढ़ की हड्डी को सीधा कैसे करें?ताड़ासन – ताड़ासन करने के लिए सबसे पहले आप खड़े हो जाएं। अब अपने कमर एवं गर्दन को सीधा रखें। अपने हाथ को सिर के ऊपर करें और सांस लेते हुए धीरे-धीरे पूरे शरीर को खींचें। खिंचाव को पैर की अंगुली से लेकर हाथ की अंगुलियों तक महसूस करें।
रीढ़ की हड्डी को मजबूत कैसे करें?कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए डाइट में दूध, दही, पनीर, बटर, छाछ आदि चीजों को जरूर शामिल करें। इन चीजों के सेवन से रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है। इसके अलावा, नारंगी, हरी सब्जियां, खट्टे फल, बीन्स और सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स का जरूर सेवन करें।
यह कौन सा आसन है जो रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है?मार्जरीसन बहुत ही अच्छा आसन हैं जिससे आपके रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव पड़ता हैं यह खिंचाव आपके रीढ़ की हड्डी को लचीला बनने में मदद करता हैं इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी को फ़ैलाने और मजबूत करने में भी मदद करता है।
|