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क्या आप जानते हैं जिन बालों को आप बेकार समझते हैं, उन्हीं बालों से दुनियाभर में करोड़ों रुपये का व्यापार हो रहा है. आपके बाल 100-200 रुपये किलो में नहीं, बल्कि 25 से 30 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी बिकते हैं.भारत में करोड़ों रुपये का बालों का कारोबार है. जब तक आपके सिर पर बाल रहते हैं तब तक तो आप इसकी बड़ी कद्र करते हैं. कोई शैंपू लगाता है तो कोई अलग अलग देशी नुस्खों से इन्हें हेल्दी रखने की कोशिश करता है. लेकिन, बाल झड़ने के बाद इन्हें फेंक देते हैं या कटवाकर सैलून में छोड़ आते हैं और कई लोग तो मंदिर में दान कर देते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं जिन बालों को आप बेकार समझते हैं, उन्हीं बालों से दुनियाभर में करोड़ों रुपये का व्यापार हो रहा है. जी हां, इन बालों को महंगे भाव में बेचा जाता है. आपके बाल 100-200 रुपये किलो में नहीं, बल्कि 25 से 30 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी बिकते हैं. हो सकता है कि आपके शहर में गली-गली में कोई शख्स आता होगा और बाल लेकर उसके बदले कोई बर्तन या सामान दे जाता होगा. ये शख्स करोड़ों के रुपये के बिजनेस का हिस्सा होता है, जो थोड़े बहुत पैसों में आपसे बाल खरीदकर आगे भेजता है और उन्हें विदेश में बेचा जाता है. ऐसे में जानते हैं कि किस तरह होता है बालों का बिजनेस और इससे जुड़ी कुछ खास बातें… कब से शुरू हुआ बिजनेस?वैसे एक निश्चित समय बताना मुश्किल है कि आखिर बालों का बिजनेस कब से शुरू हुआ. लेकिन, कई रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 1840 से बालों के बिजनेस होने के प्रमाण मिलते हैं. उस दौरान फ्रांस के कंट्री फेयर में बाल खरीदे जाते थे और कई मेलों में लड़कियां अपने बाल नीलाम भी करती थीं. इसके बाद धीरे-धीरे ये बिजनेस बढ़ने लगा और यूरोप में बाल की जरूरत पड़ने लगी. इसके बाद कई देशों की लड़कियों ने बाल बेचना शुरू कर दिया. इसके बाद कई देश इस व्यापार में शामिल हो गए. बता दें कि एशिया के कई देश भी इस व्यापार में शामिल है, लेकिन जापान की लड़कियों के बालों को ज्यादा पैसों में नहीं बेचा जाता है. भारत में बालों का कारोबार?भारत में करोड़ों रुपये का बालों का कारोबार है. भारत में बालों का बिजनेस आजादी के पहले से चला आ रहा है और भारतीय महिलाओं के बालों को पहले भी पसंद किया जाता था. आज भी भारतीय महिलाओं के लंबे बालों को काफी पसंद किया जाता है और इनकी कीमत भी काफी ज्यादा होती है. भारत से चीन, मलेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, बर्मा में भेजे जाते हैं. भारत में मंदिरों में दान किए गए बालों को भी बेचा जाता है और बालों के बिजनेस में बालों का काफी बड़ा हिस्सा मंदिरों से ही प्राप्त होता है. करते क्या हैं इन बालों का?मंदिर से बाल एक फैक्ट्री तक आते हैं. सबसे पहले इन्हें सुलझाया जाता है, क्योंकि हर गुच्छा उलझा हुआ होता है. इसके बाद इन्हें सुलझा करके बंडल बनाए जाते हैं. इसके बाद इन्हें धोया जाता है और उसके बाद सुखाया जाता है. इसके बाद इन बंडल को विदेशों में बेचा जाता है. विदेश में इन नैचुरल बालों का बड़ा कारोबार है और इनसे विग बनाई जाती है. इन विग को कई रईस लोग महंगे दाम में खरीदते हैं और इनसे काफी बड़ा व्यापार चलता रहता है. क्या हैं रेट?डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, अगर बालों की कीमत की बात करें तो यह बालों की साइज और क्वालिटी पर निर्भर करती हैं. नॉन कैमेकिल वाले बालों की कीमत ज्यादा होती है. इसमें औसत तौर पर 7-8 हजार रुपये किलो के हिसाब से बिल बेचे जाते हैं, लेकिन कई लंबे बालों को 25 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी बेच दिया जाता है. दरअसल, इन बालों की विग को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. माना जाता है कि दुनियाभर में बालों का 22 हजार 500 करोड़ का कुल कारोबार है और हर साल यह बढ़ता जा रहा है. ये भी पढ़ें- सबसे ज्यादा देखे गए ‘2 मिनट’ के इस वीडियो में ऐसा क्या है, जिसे 800 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया अपने सुन्दर बालों को पूरती हुई कन्या बाल (Hair) स्तनधारी प्राणियों के बाह्य चर्म का उद्वर्ध (outer growth) है। कीटों के शरीर पर जो तंतुमय उद्वर्ध होते हैं, उन्हें भी बाल कहते हैं। बाल कोमल से लेकर रुखड़ा, कड़ा (जैसे सूअर का) और नुकीला तक (जैसे साही का) होता है। प्रकृति ने ठंडे गर्म प्रभाव वाले क्षेत्रों में बसने बाले जीवों को बाल दिये हैं, जो जाडे की ॠतु में ठंड से रक्षा करते है और गर्मी में अधिक ताप से सिर की रक्षा करते हैं। जब शरीर से न सहने वाली गर्मी पडती है, तो शरीर से पसीना बहकर निकलता है, वह बालों के कारण गर्मी से जल्दी नहीं सूखता है, किसी कठोर वस्तु से अचानक हुए हमला से भी बाल बचाव करते है। बहुत से मानवेतर स्तनधारियों के शरीर पर मुलायम बाल पाये जाते हैं; इसे 'फर' कहते हैं। बाल की बनावट पक्षियों के परों या सरीसृप के शल्कों से बिल्कुल भिन्न होती है। स्तनधारियों में ह्वेल के शरीर पर सबसे कम बाल होता है। कुछ वयस्क ह्वेल के शरीर पर तो बाल बिल्कुल होता ही नहीं। मनुष्यों में सबसे घना बाल सिर पर होता है। बाल शरीर को सर्दी और गरमी से बचाता है। शरीर के अन्य भागों पर बड़े सूक्ष्म छोटे छोटे रोएँ होते है। पलकों, हथेली, तलवे तथा अँगुलियों और अँगूठों के नीचे के भाग पर बाल नहीं होते। प्रागैतिहासिक काल में मनुष्यों का शरीर झबरे बालों से ढँका रहता था। पर सभ्य मनुष्य के शरीर पर झबरे बाल नहीं होते। इसलिए वह वस्त्र धारण कर अपने शरीर की सर्दी और गरम से रक्षा करता है। मनुष्य के कुछ भागों में, हारमोन के स्राव बनने पर ही बाल उगते हैं, जैसे ओठों पर, काँखों में, लिंगोपरि भागों में इत्यादि।
बाल की संरचना[संपादित करें]शरीर पर एक बाल का योजनामूलक चित्र चमड़े के बाहर बाल का जो अंश रहता है, उसे कांड (sheft) कहते हैं। कांड के तीन भाग होते हैं : सबसे बाहर रहनेवाले भाग को क्यूटिकल (cuticle) कहते हैं। क्यूटिकल के नीचे एक कड़ा अस्तर रहता है, जिसे वल्कुट (cortex) कहते हैं तथा वल्कुट के नीचे के मध्य के भाग को मध्यांश (medulla) कहते हैं। चमड़े के अंदर रहनेवाले बाल के भाग को मूल (root) कहते है। बाल के बढ़ने से मूल धीरे धीरे कांड में बदलता जाता है। भिन्न-भिन्न जंतुओं में बाल की वृद्धि भिन्न-भिन्न दर से होती है। is ke tin bhag Dikhai date h (kutikal,kortaks,mthyans) साधारणत: कहा जा सकता है कि एक मास में बाल आधा इंच, या एक वर्ष में पाँच से छह इंच बढ़ता है। मूल एक गड्ढे में होता है, जिसे पुटक (follicle) कहते हैं। पुटक से ही बाल निकलता है। एक पुटक से एक बाल, या एक से अधिक बाल, निकल सकते हैं। पुटक नासपाती के आकार की पैपिला में बना होता है। यह पैपिला चर्म का होता है। पैपिला और पुटक के संगम पर ही बाल बनता है। पैपिला रुधिरवाहिनी से संबद्ध होता है। इसी से मूल को वे सब वस्तुएँ प्राप्त होती हैं जिनसे बाल का निर्माण और उसकी वृद्धि होती है। जब तक पैपिला और पटक नष्ट नहीं होते बाल बढ़ता रहता है। खोपड़ी के बाल दो से छह वर्षों तक जीवित रहते हैं। इसके बाद वे झड़ जाते हैं और उनके स्थान पर नए बाल जमते हैं। यह क्रम वयस्क काल तक चलता रहता है। बाल क्यों झड़ जाता है और उसके स्थान पर नया बाल क्यों नहीं उगता, इसका कारण अभी तक ठीक समझ में नहीं आया है। कुछ लोग तो खोपड़ी के रोगों के कारण गंजे हो जाते हैं। किरणन द्वारा भी कुछ लोग बहुधा अस्थायी रूप से गंजे हो जाते हैं। अंत:स्रावी ग्रंथियों के स्राव की कमी, वंशागत कारणों तथा जीर्णन से भी बाल झड़ जाते हैं। अपौष्टिक आहार के अभाव में बाल शुष्क और द्युतिहीन (dull) होकर कुछ झड़ सकते हैं, पर सामान्य गंजेपन का यह कारण नहीं है। मनुष्यों में बाल का रंग और बनावट[संपादित करें]भारतीय स्त्री के काले और लंबे बाल। वर्णकों के कारण बाल काला, भूरा, या लाल हो सकता है। यह वर्णक वल्कुट की कोशिकाओं में निक्षिप्त होता है। बाल क्यों सफेद हो जाता है, इसका कारण ज्ञात नहीं है। यह संभव है कि उम्र के बढ़ने, रुग्णता, चिंता, शोक, आघात और कुछ विटामिनों की कमी से ऐसा होता हो। डाक्टरों का मत है बाल का सफेद होना वंशागत होता है। बाल प्रधानत: निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं :
उत्तर यूरोपवालों के बालों के रंग हलके होते हैं और दक्षिण यूरोपवालों के गाढ़े। साधारणतया सीधा बाल अधिक लंबा होता है और ऊनवाला बाल सबसे कम लंबा होता है। लहरदार बालों का स्थान मध्यम है। ऑस्ट्रेलियन और टैसमैनियनों के शरीर पर सबसे अधिक बाल होते हैं। पीत जातियों के शरीर पर सबसे कम बाल होते हैं। कुछ पीत जाति के लोगों की तो दाढ़ी कदाचित् ही होती है। बालों की सुंदरता बहुत कुछ व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। शिरोवल्क (scalp) की स्वच्छता रुधिर परिसंचारण पर निर्भर करती है। यदि रुधिर परिसंचारण में कोई बाधा पहुँचती है तो बालों को पोषण नहीं मिलता। इससे बाल कमज़ोर और आभाहीन हो जाते हैं। स्वस्थ रहन सहन, बाह्य कसरत, उपयुक्त आहार तथा मानसिक सुखशांति का बालों के सौंदर्य और स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव पड़ता है। शिरोवल्क को प्रतिदिन कम से कम एक बार थपथपाकर मालिश करना अच्छा है। सिर में कंधी करने, या बुरुश से झाड़ने से भी सिर की मालिश हो जाती है। इससे शिरोवल्क में रुधिर परिसंचारण होने से बाल मुलायम और चमकदार हो जाते हैं। बालों का, विशेषत: महिलाओं के बालों का, सजाना एक कला है। कुछ जातियाँ इस कला में बड़ी निपुण हैं। सब देशों की महिलाएँ अपने अपने ढंग से अपने बालों को सजाती हैं। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]सिर के बालों से क्या बनाया जाता है?कंघी से झड़े बालों को ट्रांसप्लांट करना और इससे विग बनाना आसान होता है। इसीलिए इन बालों का कारोबार शुरू हुआ। इन झड़े बालों को साफ करके एक तरह के कैमिकल में रखा जाता है। फिर इसे सीधा कर उपयोग में लाया जाता है।
सिर के बालों की कीमत क्या है?आपके बाल 100-200 रुपये किलो में नहीं, बल्कि 25 से 30 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी बिकते हैं. भारत में करोड़ों रुपये का बालों का कारोबार है. जब तक आपके सिर पर बाल रहते हैं तब तक तो आप इसकी बड़ी कद्र करते हैं. कोई शैंपू लगाता है तो कोई अलग अलग देशी नुस्खों से इन्हें हेल्दी रखने की कोशिश करता है.
बालों की कीमत कितनी है 2022?बालों की क्वालिटी के हिसाब से दाम तय होता है। कुछ बालों को 8,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच खरीदा जाता है। वहीं कुछ बालों की अच्छी क्वालिटी होने पर 20,000 रुपये से 25,000 रुपये में आसानी से बिक जाते हैं।
झड़े हुए बाल कितने रुपए किलो बिकते हैं?क्या आप जानते हैं आपके झड़े हुए बाल मार्केट में 40₹ हज़ार KG बिकते हैं, दुनियाभर में होता है अरबों का कारोबार..
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