होम /न्यूज /व्यवसाय /क्या होता है बीमा का वेटिंग पीरियड, टर्म इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए कब होते हैं आप एलिजिबल? Show
टर्म इंश्योरेंस खरीदने के एक साल के अंदर सुसाइड के लिए राशि क्लेम नहीं की जा सकती. हेल्थ इंश्योरेंस लेने का यह मतलब नहीं होता कि आपको इंश्योरेंस खरीदने के अगले दिन से ही बीमा कवर मिलना शुरू हो जाएगा. बीमा खरीदने के बाद एक तय समय तक आप बीमा कंपनी से कोई लाभ क्लेम नहीं कर सकते हैं.
हाइलाइट्सटर्म इंश्योरेंस में सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद उसके नॉमिनी को बीमा राशि दी जाती है.वेटिंग पीरियड वह तय अवधि होती है जिससे पहले आप भुगतान क्लेम नहीं कर सकते.आमतौर पर बीमा खरीदने के बाद 15-90 दिनों का वेटिंग पीरियड होता है.नई दिल्ली. स्वास्थ्य को लेकर लोगों के बीच सजगता काफी बढ़ी है. कोविड-19 के भयावह दौर के बाद लोगों ने इंश्योरेंस को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है और अधिक-से-अधिक भारतीय इसे सब्सक्राइब कर रहे हैं. केवल स्वास्थ्य बीमा ही नहीं टर्म इंश्योरेंस के प्रति भी लोगों में जागरुकता बढ़ी है. बता दें कि टर्म इंश्योरेंस में ग्राहक की मृत्यु की स्थिति में उसके नॉमिनी या परिवार को इंश्योरेंस की रकम दी जाती है. हालांकि, किसी भी तरह का बीमा खरीदने से पहले कुछ बहुत आधारभूत बातों को समझ लेना जरूरी है. इससे आप भुगतान क्लेम करते समय किसी भी अनावश्यक परेशानी बचेंगे. ये बात टर्म इंश्योरेंस पर भी लागू होती है. कई ग्राहक अन्य इंश्योरेंस की तरह टर्म इंश्योरेंस पर वेटिंग पीरियड को लेकर असमंजस की स्थिति में रहते हैं. क्या टर्म इंश्योरेंस पर भी कोई वेटिंग पीरियड होता है? इसे जानने से पहले यह समझ लें कि वेटिंग पीरियड आखिर होता क्या है. ये भी पढ़ें- हिंदुजा ब्रदर्स का झगड़ा खत्म, सालों से चल रहा था संपत्ति विवाद क्या होता है इंश्योरेंस में वेटिंग पीरियड? ये भी पढ़ें- आर्थिक मोर्चे पर खुशखबरी, सितंबर में 3.1% बढ़ा इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन क्या टर्म इंश्योरेंस का भी है वेटिंग पीरियड? क्लेम पास करने से पहले होती है जांच ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Business news, Insurance, Life Insurance, Personal finance FIRST PUBLISHED : November 12, 2022, 07:09 IST दो तरह के होते हैं कार और बाइक के इंश्योरेंस, जानिए आपके लिए कौन सा बेहतरडेट इंश्योरेंस कवर का प्रीमियम काफी ज्यादा होता है क्योंकि इसमें गाड़ी के पार्ट्स नहीं बल्कि पूरी गाड़ी को कवर किया जाता है नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कार और बाइक की खरीद पर लाखों रुपए खर्च करने वाले आम तौर पर व्हीकल इंश्योरेंस करवाते ही हैं। लेकिन ये लोग व्हीकल इंश्योरेंस से जुड़े डेट इंश्योरेंस कवर के बारे में कम जानकारी रखते हैं। हम अपनी इस खबर में आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि यह सामान्य मोटर इंश्योरेंस कवर से कितना अलग होता हैं। जीरो डेप्रिशियएशन इंश्योरेंस कवर सामान्य मोटर इंश्योरेंस कवर से कितना अलग: ये एक विशेष प्रकार का इंश्योरेंस कवर होता है, जिसमें व्हीकल के डेप्रिसिएशन के बाद भी फुल इंश्योरेंस की सुविधा दी जाती है। इसे डेट इंश्योरेंस भी कहा जाता है। इसमें आपको सिर्फ फाइल चार्ज देना होता है। एक बार इंश्योरेंस अप्रूवल मिलने के बाद किसी भी नुकसान की पूरी भरपाई कंपनियों की ओर से की जाती है, जबकि जनरल मोटर इंश्योरेंस कवर में आपको सिर्फ व्हीकल के चुनिंदा पार्ट्स को ही कवर करने की सुविधा मिलती है। जनरल इंश्योरेंस में सिर्फ चुनिंदा पार्ट्स पर ही कवर मिलता है लिहाजा इसका प्रीमियम कम होता है जबकि डेट इंश्योरेंस कवर का प्रीमियम काफी ज्यादा होता है क्योंकि इसमें गाड़ी के पार्ट्स नहीं बल्कि पूरी गाड़ी को कवर किया जाता है। इसमें इंश्योरेंस की वैल्यू निकालते दौरान डेप्रिसिएशन को शामिल नहीं किया जाता है। क्या होती है डेप्रिसिएशन की दर? डेप्रिसिएशन का मतलब यह होता है कि एक निश्चित अवधि के दौरान व्हीकल की कीमत में नुकसान के कारण कितनी गिरावट आ चुकी है। कार के अलग अलग हिस्सों के हिसाब से डेप्रिसिएशन की दर अलग अलग होती है। यह इंश्योरेंस पॉलिसी के हिसाब से तय होती है। मानक दरें इस प्रकार से होती हैं:
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी बताते हैं कि जीरो डेप्रिसिएशन कवर मोटर इंश्योरेंस पर लागू होता है। दरअसल आपकी गाड़ी हर साल डेप्रिसिएट होती है, तो आप जब भी मोटर इंश्योरेंस रिन्यू करवाते हैं तो आपके इंश्योरेंस की वैल्यू डैप्रिसिएशन के हिसाब से कम हो जाती है। मान लीजिए आपने 3 से 4 लाख में कोई मारूति 800 खरीदी थी तो 10 साल बाद उसकी इंश्योरेंस वैल्यू मुश्किल से 75,000 के आसपास रह जाएगी, क्योंकि गाड़ी की कीमत तब तक काफी गिर चुकी होगी। यह लोगों के लिए घाटे की बात थी। इसीलिए कंपनियों ने जीरो डेप्रिसिएशन के साथ इंश्योरेंस कवर लेने की सुविधा दी, जिसमें एडिशनल प्रीमियम के साथ आप इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। मतलब यह हुआ कि आपकी गाड़ी के इंश्योरेंस की वैल्यू पिछले साल जितनी थी उसी कीमत पर आपको इस साल भी इंश्योरेंस कवर मिल जाएगा। जीरो डेप्रिसिएशन कवर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें इंश्योरेंस की वैल्यू निकालने के लिए डैप्रिसिएशन को नहीं जोड़ा जाता है। यानी आप समान कीमत पर हर साल इंश्योरेंस कवर प्राप्त कर सकते हैं। क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: जब मोटर वाहन से कोई दुर्घटना होती है तो कई बार इसमें बीमा कराने वाला व बीमा कंपनी के अलावा एक तीसरा पक्ष भी शामिल होता है, जो प्रभावित होता है। यह प्रावधान इसी तीसरे पक्ष यानी थर्ड पार्टी के दायित्वों को पूरा करने के लिए बनाया गया है। भारत में जब वाहन खरीदा जाता है, उसी समय वाहन डीलर बीमा कवेरज की गणना करके कीमत में जोड़ देता है। इस बीमा कवरेज में थर्ड पार्टी कवरेज का हिसाब भी होता है। थर्ड पार्टी कवरेज कुल बीमा का एक छोटा सा हिस्सा होता है। मोटर वाहन के लिए क्यों है जरूरी? आपको बता दें यह पॉलिसी बीमा कराने वाले को नहीं, बल्कि जो तीसरा पक्ष दुर्घटना से प्रभावित होता है, उसे कवरेज देती है। कई बार ऐसा होता है मोटर वाहन चलाते समय किसी दुर्घटना में सामने वाले की मृत्यु होने या उसके घायल होने का पता चलता है और आपके पास उसके इलाज के लिए इतने पैसे नहीं होते। तो सरकार ने इस स्थिति में उस इंसान के लिए इस थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान रखा है, जिसे हर मोटर वाहन के लिए कानूनी तौर पर अनिवार्य कर दिया गया है। इस थर्ड पार्टी बीमा के तहत दुर्घटना में प्रभावित सामने वाले पक्ष को मुआवजा दिया जाएगा। इसलिए हर साधारण बीमा कंपनी को इस बारे में प्रावधान करना होता है। Edited By: Praveen Dwivedi इंश्योरेंस का कितना पैसा लगता है?- नई पॉलिसी लागू होने के बाद 100सीसी वाले इंजन की कार के इंश्योरेंस के लिए 5286 रुपए चुकाना पड़ रहे हैं। - 1000-1500 सीसी वाले इंजन की कार के लिए 9534 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। - 1500 सीसी से ज्यादा कैपेसिटी वाली इंजन की गाड़ी के लिए 24305 रुपए देना पड़ रहे हैं।
इंश्योरेंस कराने से क्या फायदा होता है?कार इंश्योरेंस, ऐसी बीमा पॉलिसी होती है, जो किसी Accident या हादसे या की स्थिति में आपको होने वाले नुकसान पर मुआवजा दिलाती है। ऐसे नुकसानों में, आपकी कार को होने वाले नुकसान, आपके शरीर को होने वाले नुकसान, और आपकी कार से किसी अन्य व्यक्ति को होने वाले नुकसान का भी मुआवजा शामिल होता है।
इंश्योरेंस शब्द का अर्थ क्या है?बीमा (इंश्योरेंस) उस साधन को कहते हैं जिसके द्वारा कुछ शुल्क (जिसे प्रीमियम कहते हैं) देकर हानि का जोखिम दूसरे पक्ष (बीमाकार या बीमाकर्ता) पर डाला जा सकता है। जिस पक्ष का जोखिम बीमाकर पर डाला जाता है उसे 'बीमाकृत' कहते हैं।
इंश्योरेंस क्यों कराते हैं?पॉलिसी अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने या किसी दुर्घटना के कारण अपंग हो जाने की स्थिति में जीवन बीमा उत्पाद, एक निश्चित मात्रा में धनराशि प्रदान करते हैं। प्रमुख रूप से कोई भी ऐसा व्यक्ति, जिसके परिवार के लिए उसका सहारा आवश्यक हो तथा वह आय अर्जित करता हो, उसके लिए जीवन बीमा आवश्यक होता है।
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