1. संस्कार और भावना ( विष्णु प्रभाकर) Show
ये अधुनिक काल के रचनाकार हैं। इनकी रचनाओं में मानवतावादी दृष्टिकोण मुखरित हुआ है। इनके द्वारा रचित एकांकी समस्या प्रधान तथा मानव-प्रकृति से ओत-प्रोत है। रचानाएँ: प्रकाश और परछाइयाँ, दस बजे रात, ये रेखाएँ, ये दायरे, तीसरा आदमी आदि। भाषा: इन्होंने सरल भाषा क प्रयोग किया है। शब्दार्थ: १. संक्रान्ति काल- एक अवस्था से निकलकर दूसरी अवस्था में पहुँचने का काल वाक्य गठन: १. मरणासन्न- बाढ़ के कारण मुर्शिदाबाद के लोग मरणासन्न हैं। प्रश्नोत्तर प्रश्न क) प्रस्तुत पंक्तियाँ कहाँ से ली गई है तथा इसके रचनाकार कौन हैं ? प्रश्न ख) वक्ता कौन है ? उसने किसे अत्याचार कहा है ? प्रश्न ग) उस अत्याचार को दूर करने के लिए उसने किसे, क्या सुझाव दिया ? प्रश्न घ) क्या आप अविनाश की पत्नी को दोषी मानते हैं ? तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें। २. काश की मैं निर्मम हो सकती, काश कि मैं संस्कारों की दासता से मुक्त हो सकती ! हो प्रश्न क) वक्ता और श्रोता कौन है ? ‘उसने’ से किसकी ओर संकेत है ? वक्ता और ‘उसने’ का क्या _________________________________________________________________________________ 2. बहू की विदा (विनोद रस्तोगी)
भाषा: इन्होंने सरल भाषा क प्रयोग किया है। शब्दार्थ प्रश्नोत्तर १.यह क्या कह रहे हो, बेटा ? मेरे रहते विदा न हो यह कभी नहीं हो सकता। मैं माँ हूँ, माँ के दिल को समझती
हूँ। (भारी स्वर में) जिस तरह उतावली होकर मैं गौरी की राह देख रही हूँ उसी तरह तुम्हारी माँ भी कमला की राह देख रही होगी। नहीं, विदा जरूर होगी। तुम अकेले नहीं जाओगे। प्रश्न ग) मैं माँ हूँ, माँ के दिल को समझती हूँ। इस वाक्य का भाव स्पष्ट कीजिए। इस उक्ति का प्रयोग प्रश्न घ)- प्रमोद की बेचैनी का क्या कारण था ? क्या वह अपने उद्देश्य में सफल रहा ? यदि हाँ तो २. “ अगर
तुम्हारी सामर्थ्य कम थी तो अपनी बराबरी का घर देखते। झोंपड़ी में रहकर महल से प्रश्न क) उपर्युक्त वाक्य किसने, किससे कहा ? प्रश्न ख) श्रोता ने अपनी सामार्थ्य के विषय में वक्ता से क्या कहा ? प्रश्न ग) श्रोता का ऐसा कहने के पीछे क्या कारण था ? प्रश्न- घ) वक्ता किस बात पर क्रोधित हो रहा है ? ____________________________________________________________________________________ 3. मातृभूमि का मान (हरिकृष्ण प्रेमी) रचनाकार परिचय: ये आधुनिक काल के रचनाकार हैं। प्रेमी जी एक सफल नाटककार हैं। इन्होंने अपनी रचनाओं में मानवीय प्रेम, देशप्रेम, वीरता जैसे मूल्यों को स्थान दिया है। रचनाएँ: बंधन, छाया, ममता, पाताल विजय, शिवसाधना, नया समाज आदि। भाषा: भाषा सरस एवं काव्यमय होते हुए सरल है। शब्दार्थ: १. काव्यमय- कवितायुक्त, पंक्तियों पर आधारित प्रश्नोत्तर: १. “आपके विवेक पर सबको विश्वास है। मैं आपसे निवेदन करने आई हूँ कि यद्यपि समय के फेर से प्रश्न क) उपर्युक्त गद्यांश में वक्ता कौन है और उसका क्या काम है ? प्रश्न
ख) श्रोता कौन है और उनकी चिंता का कारण क्या है ? प्रश्न ग) वक्ता का चरित्र-चित्रण करें। प्रश्न घ) प्रस्तुत एकांकी का उद्देश्य लिखें। २. “नकली बूँदी भी प्राणों से अधिक प्रिय है। जिस जगह एक भी हाड़ा है, वहाँ बूँदी का अपमान प्रश्न क) ‘बूँदी का अपमान’ से क्या तात्पर्य है ? प्रश्न-ख) वक्ता कौन है ? उसके कथन का उसके साथियों पर क्या प्रभाव पड़ा ? प्रश्न घ) प्रस्तुत एकांकी के शीर्षक की सार्थकता सिद्ध करें। ______________________________________________________________________________________ 4. सूखी डाली (उपेंद्र नाथ ‘अश्क’)
ये आधुनिक काल के रचनाकार हैं। ये मुख्यत: कथाकार हैं। इनकी रचनाएँ आदर्शोन्मुख, कल्पनाप्रधान है। रचनाएँ: पहेली, गर्म राख, पत्थर अलपत्थर, अलग-अलग रास्ते, अंकुर, पिंजरा, नासुर, सितारों के खेल आदि। भाषा: इनकी रचनाओं की भाषा सरल है। शब्दार्थ: १. काव्यमय- कवितायुक्त वाक्य गठन: १. असंगठित- असंगठित होकर कोई भी परिवार खुश नहीं रह
सकता। प्रश्नोत्तर: 1. यही मेरी आकांक्षा है कि सब डालियाँ साथ-साथ फलें-फूलें, जीवन की सुखद, शीतल वायु के स्पर्श से प्रश्न क) उपर्युक्त कथन कौन, किससे, किस संदर्भ में कह रहा है ? [2] प्रश्न ख) सब डालियाँ साथ-साथ फलने-फूलने से क्या आशय है ? ‘डालियाँ’ शब्द किसके लिए प्रश्न - घ) प्रस्तुत कथन से वक्ता की किस चारित्रिक विशेषता का पता
चलता है ? [3] २. मेरे मायके में यह होता है, मेरे मायके में यह नहीं होता (हाथ मटकाकर) अपने और अपने मायके के सामने तो वह किसी को कुछ गिनती ही नहीं। हम तो उसके लिए मूर्ख, गँवार और असभ्य हैं। पृ० सं० 42 प्रश्न - क) प्रस्तुत पंक्ति का वक्ता और श्रोता कौन है तथा यहाँ किसके संदर्भ में बात हो रही है ? प्रश्न - ख) ‘सूखी डाली’ किसका प्रतीक है। डाली के द्वारा एकांकीकार क्या कहना चाहते हैं ? प्रश्न - ग) बेला का चरित्र-चित्रण करें। प्रश्न -घ) एकांकी का उद्देश्य
लिखें। ________________________________________________________________________________ 5. महाभारत की एक साँझ ( भारत भूषण अग्रवाल)
भाषा : इनकी रचनाओं की भाषा सरस तहा प्रभावशाली है। शब्दार्थ: १. कालाग्नि- मृत्यु की ज्वाला प्रश्नोत्तर: १. “अंतर्यामी जानते हैं कि मैंने कोई बुरा आचरण नहीं करना चाहा। मैंने एकमात्र अपनी प्रश्न- क) प्रस्तुत कथन के वक्ता और श्रोता का परिचय दें। प्रश्न- ख) वक्ता ने अपने
कथन के समर्थन में श्रोता को क्या तर्क दिए ? प्रश्न- ग) ‘अभिमन्यु-वध’ क्या वीरोचित था’ ?
श्रोता के इस प्रश्न पर वक्ता ने क्या उत्तर दिया ? प्रश्न- घ) इस समय वक्ता किस स्थिति में है ? वक्ता के चरित्र की दो विशेषताएँ लिखिए। २. इस प्रकार महाराज ! पांडवों ने विरक्त सुयोधन को युद्ध के लिए विवश किया। पांडवोम प्रश्न- क) इस गद्यांश का वक्ता कौन है ? वह अपनी बातें किसे सुना रहा है और क्यों ? प्रश्न- ख) गदा युद्ध में दुर्योधन विजय श्री का वरण क्यों नहीं कर सका ? प्रश्न- ग) ‘महाभारत की साँझ’ एकांकी का उद्देश्य स्पष्ट करें। प्रश्न- घ) ‘महाभारत की साँझ’ एकांकी के शीर्षक की सार्थकता सिद्ध करें। 3. “ जानता हूँ, युधिष्ठिर ! भली भाँति जानता हूँ। किंतु सोच लो, मैं थककर चूर हो गया हूँ, मेरी [ महाभारत की एक साँझ - भारत भूषण अग्रवाल ] प्रश्न- क) वक्ता कौन है ? वह क्या जानता था
? [2] प्रश्न- घ) श्रोता को तेरह वर्ष का समय
क्यों दिया गया था ? [3] प्रश्न- श्रोता को जो समय दिया गया था , उसके पीछे वक्ता का क्या उद्देश्य था ? क्या वह अपने उद्देश्य नहीं वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सका _______________________________________________________________________________________ 6. दीपदान (डॉ रामकुमार वर्मा) रचनाकार परिचय : ये आधुनिक काल के रचनाकार हैं। इन्हें हिंदी नाटकों का जनक कहा जाता है। इनके अधिकांश नाटक ऐतिहासिक तथा सामाजिक समस्याओं से जुड़े रहते हैं। रचनाएँ : पृथ्वीराज की आँखें, रेशमी टाई, चित्र रेखा, जूही के फूल, जौहर आदि। शब्दार्थ : १. अंत:पुर- रनिवास (महल के अंदर का भाग जहाँ स्त्रियाँ रहती हैं।) पंक्तियों पर आधारित प्रश्नोत्तर : १. रूठ गए, कुँवर ! रूठने से राजवंश नहीं चलते। जाओ, विश्राम करो। देखो, तुम्हारे कपड़ों पर धूल छा रही है। दिन भर तुम तलवार का खेल खेलते रहे, थक गए होगे। जाओ, शैया पर सो जाओ। प्रश्न क) ‘ कुँवर ’ कौन हैं ? उनका संक्षिप्त परिचय दें। 2 प्रश्न ख) वक्ता ने ऐसा क्यों कहा कि ‘ रूठने से राजवंश नहीं चलते। ’ 2 प्रश्न ग) वक्ता का परिचय देते हुए उसका चरित्र-चित्रण करें। 3 हम कह सकते हैं कि पन्ना एक आदार्श भारतीय नारी का आदर्श उदाहरण है। प्रश्न घ) एकांकी के आधार पर बताएँ कि दीपदान उत्सव का आयोजन किसने किया था और क्यों ? 3 २. हाय ! सर्वनाश हो रहा है। क्या मेवाड़ को ऐसे ही दिन देखने थे ? क्या चित्तौड़ के साके का यही फल प्रश्न क) ‘ चित्तौड़ के साके ’ से क्या तात्पर्य है ? प्रश्न ख) ‘ तुलजा भवानी ’ कौन है ? उनके विषय में लोगों का क्या मानना है ? प्रश्न ग) वक्ता कौन है ? उसका परिचय दें। उमा अविनाश की बहू के घर क्यों और कब गई थी?एक दिन जब माँ अविनाश की पत्नी से बहुत गुस्सा होकर दुखी हो रही थी तब उमा माँ कोबिना बताए अविनाश की पत्नी से मिलने उसके घर चली गई थी। दरअसल उमा लड़ने गई थी क्योंकि उनकी वजह से अविनाश ने अपनी माँ से अलग होने का फैसला लिया था जिसके कारण माँ को बहुत दुख हुआ था और वह अपने बड़े बेटे से मिलने के लिए तड़पती रहती हैं।
ख वक्ता ने किसे क्या समझाया था?घर को अलगाव से बचाने के लिए वक्ता ने घर के सभी सदस्यों को बुलाकर समझाया कि उन सभी को किस प्रकार से छोटी बहू के साथ व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने सभी को समझाया कि घर के सभी सदस्यों को छोटी बहू से ज्ञानार्जन करना चाहिए न कि उसकी बातों का मज़ाक उड़ाना चाहिए।
संस्कार और भावना के लेखक कौन है?इस इकाई में आप विष्णु प्रभाकर के एकांकी 'संस्कार और भावना' का वाचन और विश्लेषण करेंगे।
संस्कार और भावना एकांकी से हमें क्या संदेश दिया गया है?संस्कार और भावना में विष्णु प्रभाकर जी ने मानवीय भावनाओं के बीच के द्वंद्व को बहुत मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है। वे इस एकांकी के माध्यम से यह सन्देश देते हैं कि लोग पारंपरिक रुढ़िवादी संस्कारों की रक्षा करना अपना कर्तव्य समझते है। इसके कारण वे अपने निकट संबंधियों से भी रिश्ता तोड़ देते हैं।
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