Kabir Das Ki Rachnaye कबीरदास जी हिन्दी साहित्य के एक प्रकंड विद्धान, महान कवि एवं एक अच्छे समाज सुधारक थे। जिन्होंने हिन्दी साहित्य को अपनी अनूठी कृतियों और रचनाओं के माध्यम से एक नई दिशा दी। उनकी गिनती भारत के महानतम कवियों में होती है। कबीरदास जी ने अपनी रचनाओं में न सिर्फ मानव जीवन के मूल्यों की व्याख्या की है बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म, भाषा आदि का भी बेहद अच्छे तरीके से वर्णन किया है। वहीं जो भी व्यक्ति कबीरदास जी के उपदेशों अथवा विचारों को अपने जीवन में उतार लेता हैं, वो निश्चय ही एक आदर्शवादी पुरुष बन सकते हैं। उनके विचार लोगों के मन में न सिर्फ जीवन के प्रति सकारात्मकता का भाव पैदा करते हैं, बल्कि उन्हें
अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देते हैं। कबीरदास जी ने अपनी अनूठी रचनाओं के माध्यम से हिन्दी साहित्य में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया, साथ ही अपने दोहों से समाज में फैली तमाम तरह की कुरोतियों को भी दूर करने की कोशिश की है। कबीरदास जी कर्मकांड, पाखंड, मूर्ति पूजा आदि के घोर विरोधी थे, जिन्हें कई अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान था। वे अक्सर ही अपने अनुभवों को व्यक्त करने के लिए लोकल भाषा का इस्तेमाल करते थे। हिन्दी साहित्य के महाज्ञानी कबीरदास जी की वाणी को साखी, सबद और रमैनी तीन अलग-अलग रुपों में लिखा गया है, जो कि बीजक नाम से मशहूर है। वहीं कबीर ग्रंथावली में उनकी रचनाओं का संग्रह देखने को मिलता है। यह राजस्थानी, पंजाबी, पूरबी, अवधी, ब्रजभाषा, खड़ी बोली समेत कई अलग-अलग भाषाओं का मिश्रण है। इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि कबीरदास जी द्धारा लिखी गईं ज्यादातर किताबें दोहा और गीतों का एक विशाल संग्रह था, जिसकी संख्या 72 थी। उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं में कबीर बीजक, सुखनिधन, होली अगम, शब्द, वसंत, साखी और रक्त शामिल हैं। हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि कबीरदास जी ने अपनी रचनाओं को बेहद सरल और आसान भाषा में लिखा है, उन्होंने अपनी कृतियों में बेबाकी से धर्म, संस्कृति एवं जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी है। उनकी रचनाओं में उनकी सहजता का भाव स्पाष्ट दिखाई देता है। उन्होंने अपने दोहों के माध्यम से भी लोगों को संसार का नियम एवं जीवन जीने का तरीके के बारे में बताया है जो कि अतुलनीय और अद्भुत है। कबीर दास जी की मुख्य रचनाएं – Kabir Poems in Hindiकबीर की साखियाँ (Kabir ki Sakhiyan) – इसमें ज्यादातर कबीर दास जी की शिक्षाओं और सिद्धांतों का उल्लेख मिलता है। सबद -कबीर दास जी की यह सर्वोत्तम रचनाओं में से एक है, इसमें उन्होंने अपने प्रेम और अंतरंग साधाना का वर्णन खूबसूरती से किया है। रमैनी- इसमें कबीरदास जी ने अपने कुछ दार्शनिक एवं रहस्यवादी विचारों की व्याख्या की है। वहीं उन्होंने अपनी इस रचना को चौपाई छंद में लिखा है। कबीर दास जी की अन्य रचनाएं:
इसके अलावा कबीर दास ने कई और महत्वपूर्ण कृतियों की रचनाएं की हैं, जिसमें उन्होंने अपने साहित्यिक ज्ञान के माध्यम से लोगों का सही मार्गदर्शन कर उन्हें अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। कबीर की दो कृतियों के नाम लिखिए?उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं में कबीर बीजक, सुखनिधन, होली अगम, शब्द, वसंत, साखी और रक्त शामिल हैं। हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि कबीरदास जी ने अपनी रचनाओं को बेहद सरल और आसान भाषा में लिखा है, उन्होंने अपनी कृतियों में बेबाकी से धर्म, संस्कृति एवं जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी है।
कबीर दास जी की कृतियाँ?कबीर की रचनाओं का संकलन 'बीजक' नाम से किया गया है, जिसके तीन भाग है- (१) साखी (२) सबद, (३) रमैनी। साखी – दोहा छन्द्र में लिखी गई है तथा कबीर की शिक्षाओं एवं सिद्धान्तों का विवेचन इसकी विषय-वस्तु में हुआ है। सबद – कबीरदास के पदो को 'सबद' कहा जाता है। ये पद गेय हैं तथा इनमें संगीतात्मकता विद्यमान है।
कबीर दास जी का कृतित्व?वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को मानते हुए धर्म एक सर्वोच्च ईश्वर में विश्वास रखते थे। उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना भी। उनके जीवनकाल के दौरान हिन्दू और मुसलमान दोनों ने उन्हें बहुत सहयोग किया। कबीर पंथ नामक सम्प्रदाय इनकी शिक्षाओं के अनुयायी हैं।
कबीर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालें?बड़ी ख़बरें. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से समाज में बड़ा बदलाव : स्मृति. भोपाल गैस त्रासदी मामले में सुधारात्मक याचिका पर आगे की सुनवाई चाहता है केंद्र. नरेंद्र मोदी उज्जैन में श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद दिल्ली रवाना. सीआईसी ने एलजी को लिखा पत्र, आरटीआई अधिनियम को लागू करने पर दिल्ली सरकार को विफल बताया. |