Pitru Paksha 2022: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा महत्व होता है. इस बार पितृपक्ष 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर को समाप्त होगा. आइए जानें अयोध्या के ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम से पितृपक्ष, भगवान विष्णु की पूजा और पिंडदान के महत्व.अधिक पढ़ें ... Show
रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव अयोध्या. हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा महत्व है. पितृपक्ष में श्रद्धा भाव के साथ अपने पूर्वजों को याद किया जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, विधि-विधान पूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण किया जाता है, जिससे प्रसन्न होकर पूर्वज अपने कुल को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इस बार पितृपक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से शुरू होता है. यह इस बार 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर तक चलेगा. क्या आपको पता है कि, पितृपक्ष में क्यों की जाती है भगवान विष्णु की पूजा आराधना ? जानिए पितृपक्ष में क्यों करें भगवान विष्णु की पूजा? इसके साथ ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम ने बताया कि अगर व्यक्ति अकाल मृत्यु से मरता है तो नारायण बलि की पूजा होती है. उस नारायण बलि में भगवान विष्णु अधिपति हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पितृपक्ष में विष्णु लोक की अनुमति से विष्णु लोक से सारे पित्र छोड़े जाते हैं. अपने परिजनों के पास जाते हैं उनके परिजन अपने सामर्थ्य शक्ति के अनुसार पिंड दान तर्पण इत्यादि कर्म करते हैं. जानिए क्या है महत्व? (नोट: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है NEWS 18 LOCAL इसकी पुष्टि नहीं करता) ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Ayodhya News, Pitru Paksha FIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 11:26 IST Pitru Paksha 2022 Rules: साल में 15 दिन पूर्ण रूप से पितरों को समर्पित होते हैं. इस अवधि को पितृ पक्ष कहा जाता है. आइए जानते हैं पितृ पक्ष में देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए या नहींपितृ पक्ष में प्रतिदिन की तरह ही ईश्वर की पूजा कर सकते हैं. पितरों को पूजनीय जरूर माना गया है लेकिन शास्त्रों के अनुसार घर में देवी-देवताओं की पूजा के साथ पूर्वजों की उपासना नहीं की जाती है प्रभू की पूजा के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है, तभी हम आध्यात्मिक रूप से उनसे जुड़ पाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि अगर मंदिर या पूजा स्थल पर पितरों की फोटो लगाएंगे तो ध्यान भटकेगा और हम उस दुख की घड़ी को याद कर जब उन्हें खोया था. ऐसे में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होगी और ईश्वर की पूजा में मन नहीं लगेगा. वास्तु के अनुसार पितरों की तस्वीर हमेशा घर में इस तरह लगाए जहां उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे. शास्त्रों में पितरों का स्थान दक्षिण दिशा में माना गया है. ध्यान रहे कि घर में पितरों की सिर्फ एक ही तस्वीर लगाएं. शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में पूर्वजों की मृत्यु तिथि पितरों की संतुष्टि के लिए शांति से पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध, दान किए जाते हैं. मान्यता है कि पितरों की आराधना में तेज स्वर में वेद मंत्रोच्चार निषेध है. पितृ पक्ष में पूरी श्रद्धा के साथ तर्पण और श्राद्ध करें. गरीब, असहाय की मदद करना चाहिए. पीपल के पेड़ की पूजा करें. पशु-पक्षियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करें. Tags: pitru paksha 2022 Pitru Paksha 2022 Dates shradha paksha 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi क्या पितृ पक्ष में मंदिर जाना चाहिए?धार्मिक मान्यता और पौराणिक शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में सभी प्रकार के मांगलिक व शुभ कार्य वर्जित होते हैं। शास्त्रों में देवी-देवताओं की पूजा के साथ पूर्वजों की पूजा भी वर्जित मानी जाती है।
पितृ पक्ष में भगवान की पूजा कैसे करें?ऐसे में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होगी और ईश्वर की पूजा में मन नहीं लगेगा. वास्तु के अनुसार पितरों की तस्वीर हमेशा घर में इस तरह लगाए जहां उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे. शास्त्रों में पितरों का स्थान दक्षिण दिशा में माना गया है. ध्यान रहे कि घर में पितरों की सिर्फ एक ही तस्वीर लगाएं.
पितृपक्ष में कौन कौन से काम वर्जित रहते हैं?न करें लहसुन-प्याज का सेवन. मांस-मदिरा से रहें दूर पितृपक्ष में मांसाहारी भोजन और शराब का भी सेवन नहीं करना चाहिए. ... . जमीन से उगने वाली सब्जियां न खाएं पितृपक्ष के दौरान जमीन से उगने वाली सब्जियां जैसे कि मूली, अरबी आलू आदि का सेवन निषेध होता है. ... . न करें चने का सेवन ... . नहीं करना चाहिए मसूर की दाल का सेवन. क्या पितृ पक्ष में घर में पूजा करनी चाहिए?पितृपक्ष के दौरान पूजा करने की कोई विशेष विधि या कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता। आप अन्य दिनों की तरह ही श्राद्ध में भी नियमित रूप से सुबह-शाम देवी-देवताओं की पूजा कर सकते है। मान्यता है कि इस दौरान पूजा-पाठ बंद करने से पितरों के निमित्त किए गए श्राद्ध का पूर्ण फल नहीं मिलता। इसलिए पितृ पक्ष में पूजा-पाठ करते रहें।
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