कोई वस्तु आवेशित कैसे होती है? - koee vastu aaveshit kaise hotee hai?

जब हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छूते हैं तो वह अपना आवेश खो देती है, व्याख्या कीजिए।


यदि हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छूते हैं तो उसका आवेश हमारे शरीरी से होकर पैरों की सहायता से पृथ्वी में चला जाता है और आवेशित वस्तु अनावेशित हो जाती है। इस प्रक्रिया को भूसम्पर्कण कहते हैं।

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मौसम विभाग यह भविष्यवाणी करता है कि किसी निश्चित दिन तड़ित झंझा की संभावना है और मान लीजिए उस दिन आपको बाहर जाना है। क्या आप छतरी लेकर जाएँगे? व्याख्या कीजिए।


यदि मौसम विभाग यह भविष्यवाणी करता है कि तड़ित झंझा की संभावना है तो उस दिन हम छतरी लेकर बाहर नहीं जाएँगे क्योंकि यह सुरक्षित नहीं है। चूँकि तड़ित झंझा एक प्रकार का विद्युत् वित्सर्जन है और छाते की डंडी धातु की बनी होती है, इसलिए तड़ित उसके पाइप पर आघात कर सकती है, जो कि खतरनाक है।

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आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे को प्रतिकर्षित करता है, जबकि अनावेशित गुब्बारा आवेशित गुब्बारे द्वारा आकर्षित किया जाता है। व्याख्या कीजिए।


सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, इसलिए आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे को प्रतिकर्षित करता है।
हम जानते हैं कि आवेशित वस्तु अनावेशित वस्तु को आकर्षित करती है, इसलिए अनावेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे द्वारा आकर्षित होता है।

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मान लीजिए आप घर से बाहर हैं तथा भूकम्प के झटके लगते हैं। आप अपने बचाव के लिए क्या सावधानियाँ बरतेंगे?


यदि हम घर से बाहर हैं और भूकम्प के झटके लगते हैं तो हम निम्न सावधानियाँ बरतेंगे-
(i) भवनों, वृक्षों तथा ऊपर जाती विद्युत् लाइनों से दूर रहेंगे और खुल स्थानों को ढूँढ धरती पर लेट जाएँगे।
(ii) यदि वाहन में होंगे तो बाहर नहीं निकलेंगे और धीरे-धीरे सुरक्षित स्थान पर पहुँचेंगे।

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भारत के उन तीन राज्यों (प्रदेशों) की सूची बनाइए जहाँ भूकम्पों के झटके अधिक संभावित हैं।


राजस्थान, कश्मीर, कच्छ का रन (गुजरात)।

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चित्र की सहायता से किसी ऐसे उपकरण का वर्णन कीजिए जिसका उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में होता है।


एक खाली बोतल को बड़े-से गत्ते से ढक दें। फिर गत्ते के बीच में छेद करें। फिर इसमें चित्रानुसार पेपर क्लिप खोलें। इसके बाद साइज़ की दो पत्तियों को पेपर क्लिप पर चित्रानुसार लटकाएँ। फिर उसे गत्ते के अंदर लम्बवत् डालें। इसके पश्चात आवेशित रिफिल को पेपर क्लिप के सिरे से स्पर्श करें। समान आवेश वाली पत्तियाँ एक दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं और फैल जाती हैं। इस प्रकार की युक्ति का उपयोग इस पीरक्षण के लिए किया जा सकता है कि कोई वस्तु आवेशित है या नहीं। इस युक्ति को विद्युतदर्शी कहते हैं।

कोई वस्तु आवेशित कैसे होती है? - koee vastu aaveshit kaise hotee hai?

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यदि कोई वस्तु धन आवेशित है तो इसका क्या तात्पर्य है?...


चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

यह कोई वस्तु धरा अच्छी तरह से क्या तात्पर्य है फिर कोई वसुधन आरक्षित है जिसका अर्थ होता है कि उसे उसे खुशीराम बाहर चले गए हैं यह थानों की कमी को धन आवेश कहा जाता है

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जब किसी वस्तु को आवेशित किया जाता है तो उसका द्रव्यमान में क्या प्रभाव पड़ता है?...


Ujjwal Deep

Physics Faculty, Motivational Speaker ,Career Guide, Educator at Youtube & Unacademy

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चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

आपका सवाल है कि जब किसी वस्तु को आवेशित किया जाता है तो उसका द्रव्यमान में क्या प्रभाव पड़ता है हम जब भी किसी वस्तु को आवेशित करते हैं तो उसमें दो तरह की चीजे हो सकती है या तो पॉजिटिवली आवेशित होगा या तो नेगेटिव ली अगर पॉजिटिव आवेशित होगा मतलब इलेक्ट्रॉन को छोड़ चुका है अपनी सिलेक्ट वन को त्याग कर चुका है अगर नी टीमली आवेशित हो चुका है इसका मतलब वह इलेक्ट्रॉन को ले चुका है तो इन दोनों कंडीशन में अगर मान के चलता हूं मैंने इलेक्ट्रॉन उन्होंने लिया है तो इलेक्ट्रॉन माल लिए पांच लिया तो होगा क्या उसका निर्माण ज्यादा हो जाएगा क्योंकि एक इलेक्ट्रॉन का दर मान जितना होगा उसको 5000 मल्टिप्लाई कर दे तो इस तरीके से देख सकते हैं कि दोनों कैसे उसमें निर्माण में अंतर आता है एक तरफ जहां नेगेटिव चार्ज होगा तो इलेक्ट्रॉन आ जाएगा और उसके कर अंदर मान पड़ जाएगा उसी तरह पॉजिटिव रिचार्ज होगा तो इलेक्ट्रॉन वहां से चला जाएगा और उसका बरमान घाट जाएगा ओके थैंक यू

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किसी वस्तु को कैसे आवेशित किया जाता है?

वस्तु का आवेशन : जब किसी वस्तु के परमाणुओं में इलेक्ट्रोनों की संख्या प्रोटोनों की संख्या से भिन्न हो जाती है तो वह आवेशित हो जाती है। इलेक्ट्रॉनो की कमी हो जाने पर वस्तु धनावेशित और इलेक्ट्रॉनो की अधिकता होने पर वस्तु ऋण आवेशित हो जाती है। इलेक्ट्रॉन के आवेश के परिमाण को मूल आवेश कहते है।

आवेशित वस्तु क्या होती है?

Solution : वह वस्तु जो रगड़ के पश्चात् अन्य वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण प्राप्त कर लेती है, आवेशित वस्तु कहलाती है।

आवेसन की विधि क्या है?

जब किसी उदासीन वस्तु के पास आवेशित वस्तु लेकर जाते हैं, तो इसमें परस्पर संपर्क के पश्चात इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण तब तक होता रहता है। जब तक कि दोनों वस्तुओं में आवेश का मान समान ना हो जाए तथा दोनों वस्तुओं पर समान परिमाण व समान प्रकृति का आवेश आ जाता है। इस विधि को चालन द्वारा आवेशन कहा जाता है

किसी वस्तु के आवेशित होने का मूल कारण क्या है?

Solution : एलेक्ट्रोनो का स्थानांतरण।