कान की सूजन कैसे कम करें? - kaan kee soojan kaise kam karen?

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sun, 20 Feb 2022 03:43 PM IST

कानों में दर्द की स्थिति काफी असुविधाजनक और कष्टकारक हो सकती है। इस प्रकार के दर्द के कारण रोजाना का कामकाज भी प्रभावित हो सकता है। कानों में दर्द, संक्रमण, गले-दांत में दर्द, ईयरवैक्स जमने या फिर कुछ अन्य अंतर्निहित स्थितियों के कारण हो सकता है। आमतौर कुछ दर्द निवारक दवाओं के माध्यम से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है, हालांकि यदि आपको लगातार दर्द का अनुभव होता रहता है, तो इस बारे में किसी डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक हो जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यदि आपको लगातार कानों में दर्द की दिक्कत बनी रहती है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें, यह कुछ अंतर्निहित समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। हालांकि सामान्य कान के दर्द में ओवर-द काउंटर दवाओं से ज्यादा वैकल्पिक उपचार पर ध्यान दिया जाना चाहिए। दर्द निवारक दवाओं के ज्यादा सेवन के कारण सेहत को नुकसान हो सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में ऐसे ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं जो कान के दर्द से आसानी से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं।

कानों की कीजिए सेकाई
कान में सूजन के कारण होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए गर्म सेकाई करना विशेष लाभदायक हो सकता है। इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड या हीट पैक से निकलने वाली गर्मी कान में सूजन और दर्द को कम कर सकती है। गर्म पैड को कान पर कुछ समय तक लगाएं, सर्वोत्तम परिणाम के लिए गर्दन और गले की भी सेंकाई करें। ध्यान रहे, हीटिंग पैड बहुत ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए। सामान्य दर्द की समस्या को ठीक करने में इसके लाभ हो सकते हैं। 

दर्द को ठीक करने में लहसुन के लाभ
घरेलू चिकित्सा में वर्षों से लहसुन का उपयोग किया जाता रहा है। शोध बताते हैं कि लहसुन में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो संक्रमण को ठीक करने में सहायक हैं। कान में संक्रमण के कारण होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए लहसुन के रस की कुछ बूंदे कान में डालने से राहत मिल सकता है।  इसके अलावा लौंग और लहसुन की दो-तीन कलियों को दो बड़े चम्मच सरसों या तिल के तेल में पकाएं, फिर मिश्रण को छान लें। इसकी कुछ बूंद कान में डालने से भी राहत मिलता है। 

तुलसी के पत्ते भी हैं कारगर
कान के दर्द से राहत दिलाने के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग करना भी काफी लाभदायक हो सकता है। तुलसी के पत्तों के निचोड़ कर उसकी कुछ बूंदे कान में डाल दें। ऐसा करने से दर्द में आराम मिल सकता है। तुलसी, दर्द और संक्रमण को कम करने के लिए उपयोगी मानी जाती है। तुलसी को एंटी-बायोटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-फंगल गुणों के लिए जाना जाता है, ऐसे में सूजन और दर्द से राहत दिलाने में इसके लाभ हो सकते हैं।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। बताए गए तरीके वैकल्पिक उपचार हैं, इन्हें दवाइयों का विकल्प नहीं माना जा सकता।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

कान में सूजन आने से क्या करना चाहिए?

कान में सूजन के कारण होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए गर्म सेकाई करना विशेष लाभदायक हो सकता है। इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड या हीट पैक से निकलने वाली गर्मी कान में सूजन और दर्द को कम कर सकती है। गर्म पैड को कान पर कुछ समय तक लगाएं, सर्वोत्तम परिणाम के लिए गर्दन और गले की भी सेंकाई करें।

सूजन का रामबाण इलाज क्या है?

आज हम आपको बताएंगे कैसे घरेलू उपचार (Home Remedies) से पैरों और हाथों के दर्द और सूजन से निजात पाया जा सकें..
हल्दी हल्दी यह औषधीय मसाला है जिसका उपयोग कई तरह के घरेलू उपचार में किया जाता है. ... .
सरसों का तेल सरसों का तेल को बहुत लाभदायक माना जाता है. ... .
नींबू का रस ... .
जौ का पानी ... .
सेंधा नमक ... .

कान में सूजन क्यों आ जाती है?

कारण - नाक व गले का संक्रमण कान में पहुंच सकता है। यह ज्यादातर वायरस या बैक्टेरियाजनित होता है। जुकाम रहने पर नाक से कान तक जाने वाली यूस्टेशियन ट्यूब कार्य करना बंद कर देती है, जिससे पर्दे के पीछे दबाव असामान्य हो जाता है। वहां सूजन आने लगती है।

कान के नीचे सूजन क्यों आती है?

गलसुआ या कनफेड, जिन्हें अंग्रेजी में मम्प्स कहते हैं, एक विषाणुजनित रोग है। यह पैरोटिड ग्रंथि में संक्रमण की वजह से होता है। संक्रमण की वजह से इस ग्रंथि में सूजन आ जाती है। पैरोटिड ग्रंथि कान के नीचे तक होती है और मुंह में लार और थूक बनाती है।