कौन सी बीमारी में घी नहीं खाना चाहिए? - kaun see beemaaree mein ghee nahin khaana chaahie?

Ghee Side Effects घी सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है इस बारे में आपने खूब सुना होगा। यह न सिर्फ एंटी-एजिंग होता है बल्कि दिल और दिमाग की सेहत को भी कई तरह से फायदा पहुंचाने का काम करता है। लेकिन घी हर किसी के लिए नहीं है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Ghee Side Effects: भारत में घी एक पॉपुलर चीज़ है, जिसे काफी लोग अपनी रोज़ की डाइट में शामिल भी करते हैं। घी का इस्तेमाल भी काफी आसान है। इसे रोटी में लगाया जाता है, सब्ज़ी और दाल में डाला जाता है और आयुर्वेद में इसका सेवन सीधे भी किया जाता है।

घी स्वस्थ फैट्स का अच्छा स्त्रोत है और आपकी दिल की सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है। खाली पेट घी खाने के भी कई फायदे हैं, क्योंकि यह पाचन क्रिया को साफ कर कब्ज़ से निजात दिलाता है।

घी में एंटी-एजिंग और दिल को स्वस्थ रखने वाले गुण होते हैं, यह आंखों की सेहत के लिए अच्छा साबित होता है। इसके अलावा घी दिमाग, याददाश्त, पाचन को बढ़ावा देने, त्वचा आदि के लिए लाभदायक होता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स की मानें तो घी सबके लिए फायदेमंद नहीं हो सकता है और कई लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

हर चीज़ जिसे हेल्दी माना जाता है, ज़रूरी नहीं कि आपको सूट करे। इस बात पर ध्यान देना भी ज़रूरी है कि यह आपकी बॉडी को सूट कर रहा है या नहीं।

तो आइए जानें कि घी का सेवन किन लोगों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

  1. घी हमारी पाचन क्रिया के लिए पचाना मुश्किल होता है। अगर आप अक्सर पाचन और पेट की समस्याओं से जूझते हैं, तो घी का सेवन न करें।
  2. लीवर सिरोसिस, स्प्लेनोमेगाली, हेपेटोमेगाली, हेपेटाइटिस आदि जैसे लिवर और प्लीहा के रोगों में घी खाने से बचना चाहिए।
  3. प्रेग्नेंसी के दौरान घी का सेवन करते वक्त दुगनी सावधानी बरतनी चाहिए। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपका वज़न काफी बढ़ जाता है, तो फिर घी बिल्कुल न खाएं।
  4. बुखार में घी न खाएं, खासतौर पर मौसम में बदलाव के वक्त होने वाले बुखार में।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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Edited By: Ruhee Parvez

कौन सी बीमारी में घी नहीं खाना चाहिए? - kaun see beemaaree mein ghee nahin khaana chaahie?

घी सदियों से भारतीय खानपान का हिस्सा रहा है। हम सभी घी का सेवन कई तरह से करते हैं चाहे वह रोटी या पराठों पर घी लगाने की बात हो, या दाल और पकवानों में घी डालने की। यह एक बेहतरीन सुपर फूड है, जो आपको कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यहां तक कि आयुर्वेद की मानें तो पारंपरिक चिकित्सा में सदियों से घी का इस्तेमाल हर्बल दवाओं के साथ किया जाता है, क्योंकि घी में औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसके साथ ही घी विटामिन ए, सी, डी, के जैसे कई पोषक तत्व और मिनरल्स का एक बेहतरीन स्रोत है, जो आपको सेहतमंद रखने में मदद करते हैं। लेकिन क्या घी सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद होता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा नहीं है।

आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. रेखा राधामोनी की मानें तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि घी खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। लेकिन यह सभी के लिए फायदेमंद नहीं होता है, बल्कि कुछ लोगों के लिए घी का सेवन करना परेशानी का सबब बन सकता है। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है। इस लेख में हम आपको घी के फायदे (Ghee Benefits In Hindi) के साथ ही यह बता रहे हैं कि किन लोगों को घी का सेवन नहीं करना चाहिए (Who should not eat ghee in hindi)।

कौन सी बीमारी में घी नहीं खाना चाहिए? - kaun see beemaaree mein ghee nahin khaana chaahie?
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आइए पहले जानते हैं घी के स्वास्थ्य लाभ (Ghee Health Benefits In Hindi)

घी में भरपूर मात्रा में विटामिन ई मौजूद होता है। विटामिन ई शरीर में एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। यह कैंसर, गठिया और मोतियाबिंद जैसे रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। साथ ही हृदय रोग के जोखिमको कम करता है। डॉ. रेखा की मानें तो आयुर्वेद के अनुसार घी रोजाना खाए जाने वाले सबसे हेल्दी फूड्स में से एक है। इसके अद्भुत फायदे हैं जैसे:

  • घी में एंटी-एजिंग गुण होते हैं जो स्किन से बुढ़ापे के लक्षणों को कम करते हैं।
  • घी आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
  • घी खाने से आपका दिमाग तेज होता है और मेमोरी में सुधार होता है
  • आपके पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है
  • यह आपके शरीर को बलवान और हृष्ट-पुष्ट बनाता है।
  • घी त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है और आपको एक दमकती त्वचा प्रदान करता है।

किन लोगों को घी का सेवन नहीं करना चाहिए? (Who should not eat ghee in hindi)

डॉ. रेखा की मानें तो भले ही घी आपको अद्भुत लाभ प्रदान करता है लेकिन यह सभी के लिए समान रूप से काम नहीं करता है। कुछ स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों में घी का सेवन करने से यह फायदे से अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। जैसे:

1. अगर आप पेट की समस्या से पीड़ित हैं

जबकि घी आपके पाचन को दुरुस्त करने में मदद करता है, लेकिन अगर आप पहले से अपच और पेट की समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको इसका सेवन बहुत सीमित मात्रा में करना चाहिए। क्योंकि ज्यादा घी खाने से आपके पेट संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।

2. सर्दी-खांसी या बुखार से पीड़ित हैं

घी का सेवन सेवन करने से शरीर में कफ बढ़ता है। जिससे कि अगर आप सर्दी और खांसी या बुखार के दौरान घी का सेवन करते हैं तो इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ घी खाने से बचने की सलाह देते हैं।

3. प्रेगनेंट महिलाएं

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो वैसे तो घी में कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो मां के साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन अगर कोई गर्भवती महिला सर्दी या पेट खराब होने जैसी समस्याओं का अनुभव करती है, तो उन्हें घी का सेवन नहीं करना चाहिए।

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4. अगर आपको लिवर और तिल्ली (प्लीहा) संबंधित संबंधित रोग हैं

डॉ. रेखा राधामोनी की मानें बताती हैं कि जो लोग लिवर संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, या तिल्ली (प्लीहा) से संबंधित रोग हैं उन्हें घी का सेवन करने से बचना चाहिए। इससे उनकी स्थिति बिगड़ सकती है।

अगर आप इस तरह की स्थितियों का सामना कर रहे हैं तो बेहतर है कि घी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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घी कब नहीं खाना चाहिए?

घी हमारी पाचन क्रिया के लिए पचाना मुश्किल होता है। अगर आप अक्सर पाचन और पेट की समस्याओं से जूझते हैं, तो घी का सेवन न करें। लीवर सिरोसिस, स्प्लेनोमेगाली, हेपेटोमेगाली, हेपेटाइटिस आदि जैसे लिवर और प्लीहा के रोगों में घी खाने से बचना चाहिए

ज्यादा घी खाने से कौन सी बीमारी होती है?

घी का बहुत अधिक सेवन हार्ट के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि ये संतृप्त वसा से भरपूर होता है. क्लेरिफाइड बटर में फैट डेंस कंपोजिशन होता है, जो मोटापे के खतरे को बढ़ाता है और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को ट्रिगर कर सकता है.

घी की तासीर क्या होती है?

घी की तासीर गर्म होती है।

घी खाने से गैस बनती है क्या?

घी खाने से गैस बनती है क्या? आयुर्वेद के अनुसार, देसी घी छोटी आंतों की अवशोषण क्षमता में सुधार करता है और हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के अम्लीय पीएच को कम करता है। इसलिए कब्ज, गैस, मुंह के छाले आदि में देसी घी का प्रयोग कर सकते हैं।