कौन सी पक्षी है जो पत्थर खाती है? - kaun see pakshee hai jo patthar khaatee hai?

​लाइफस्टाइल डेस्क. यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी 'शुतुरमुर्गी चरित्र'। दरअसल मुहावरे और कहावतें सदियों के अनुभव का निचोड़ होती हैं। 'गिरगिट की तरह रंग बदलना', 'डर से पीला पड़ना' और 'शर्म से लाल होना।' लेकिन कभी-कभी इसमें गलती भी हो जाती है। क्या शुतुरमुर्ग खतरे को भांपकर क्या रेत में छिपा लेता है सिर और कंकड़-पत्थर खाता है, प्रकृतिविद और लेखक डॉ. किशोर पंवार बता रहे हैं इसकी सच्चाई...

दुश्मनों को दुलत्ती मारकर करता है चित्त

- कई बार कहावतों में गलती हो जाती है। ऐसी ही गलती शुतुरमुर्ग के चरित्र को लेकर बनी कहावत के साथ हुई है। इस कहावत का मतलब है- खतरे के समय रेत में सिर छुपा लेना (बरी योर हैड इन द सैंड)। क्योंकि अब मैं किसी को नहीं देख सकता तो कोई मुझे क्या देख पाएगा। यह विचार और इससे जुड़ा अवलोकन बहुत ही पुराना है। संभवत: यह भ्रम प्रसिद्ध प्रकृति वैज्ञानिक प्लिनी के समय से चला आ रहा है।

- शायद प्लिनी ने अपने अवलोकनों में पर्याप्त सावधानी नहीं बरती, जिससे ऐसी गड़बड़ी हुई। प्लिनी ने देखा होगा कि घोंसले पर अपने अंडों को सेने के लिए बैठा शुतुरमुर्ग किसी संभावित खतरे की प्रतिक्रियास्वरूप अपना सिर नीचे झुका लेता है, ताकि झाड़ी में वह नजर ना आए। चूंकि उसका शरीर लगभग घास के रंग का होता है। इसलिए वह अपने आसपास के पर्यावरण में इस तरह घुल-मिल जाता है कि आसानी से नहीं दिखाई देता। यही देखकर प्लिनी ने सिर झुकाने वाली बात कही होगी, जो कालांतर में एक कहावत बन गई।

- शत्रु को देखकर रेत में सिर छुपाने का खिताबी वर्णन इसके शारीरिक डील-डौल के मद्देनजर भी मेल नहीं खाता। जिसके पास इतना विशालकाय शरीर हो, वह भला क्यों डरकर अपना सिर छुपाएगा? इसका प्रमुख सुरक्षा साधन इसकी दो लंबी और जानदार टांगें ही हैं।

- वह संकट के समय अपने दुश्मनों को ऐसी दुलत्ती मारता है कि वह चित्त हो जाए। इसलिए अबसे किसी के चरित्र पर शुतुरमुर्गी होने का ठप्पा लगाने के पूर्व जरा ठीक से सोच विचार कर लीजिएगा। 

65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ता है

- जीवित पक्षियों में शुतुरमुर्ग सबसे बड़े आकार की चिड़िया है, जो लगभग ऊंट के बराबर होती है (नर शुतुरमुर्ग की ऊंचाई 2 से 2.8 मीटर तो मादा की ऊंचाई 1.7 से 2 मीटर तक)। चिड़िया का यह आकार हमारी कल्पना में फिट नहीं बैठता, क्योंकि हमारी कल्पना में तो चिड़िया यानी छोटा-सा जंतु।

- शुतुरमुर्ग कहलाने को पक्षी जरूर है, यह पक्षियों के प्रमुख गुण अर्थात उड़ने से वंचित ही है। लेकिन अपने शक्तिशाली लंबे पैरों से यह 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से सरपट दौड़ लेता है। आकार, रंग-रूप और दौड़ने के इस गुण के कारण इसे 'कैमल बर्ड' भी कहा जाता है।​​

घास के मैदान में आसानी से छिप जाते हैं

- कुछ वर्षों पूर्व शुतुरमुर्ग लगभग पूरे अफ्रीका में पाए जाते थे। शिकार के चलते अब यह मध्य और दक्षिण अफ्रीका के पालन केंद्रों में ही प्रमुखता से मिलते हैं। यहां इन्हें इनके सुंदर पंखों के लिए पाला जाता है।

- नर के पंख बहुरंगी होते हैं, जबकि मादा भूरे पंखों के कारण सूखी झाड़ी जैसी दिखती है। घास के मैदानों में छिपने पर इसे आसानी से पहचाना नहीं जा सकता।

अंडे सेने की जिम्मेदारी नर शुतुरमुर्ग की भी

- नर शुतुरमुर्ग कई मादाओं से जोड़ा बनाता है। भव्य प्रदर्शन क्रियाओं के बाद समागम होता है। नर घोंसला बनाता है, जो 30 सेंटीमीटर गहरा रेत का एक बड़ा-सा गड्ढा होता है। इसमें बेतरतीब ढंग से टहनियां डाली जाती हैं।

- यहां एक रोचक बात यह है कि अंडे सेने की जिम्मेदारी केवल मादा की नहीं होती। नर और मादा दोनों मिलकर अंडे को सेते हैं। अंडा लगभग नारियल के आकार का होता है। मुर्गी के अंडे से तुलना की जाए, तो मुर्गी के करीब 24 अंडों के बराबर इसका एक अंडा होता है। अंडों से 42 से 45 दिन बाद मुर्गी के आकार के चूजे निकलते हैं। 

खाने को टुकड़ों में तोड़ने के लिए खाता है कंकड़-पत्थर

- शुतुरमुर्ग को लेकर एक भ्रम और है जिसे भी दूर करना जरूरी है। शुतुरमुर्ग के भोजन में फल, अनाज, पत्तियां, कीड़े और छिपकलियां शामिल हैं। यह यदा-कदा कंकड़-पत्थर भी निगलता रहता है। इसकी इसी आदत के चलते यह भ्रम फैल गया कि यह कुछ भी अपचनशील पदार्थ खा लेता है, कील-धातु से लेकर रेल की पटरियों तक।

- सच यह है कि अन्य पक्षियों की तरह इसके भी दांत नहीं होते। इसलिए जाहिर-सी बात है कि इसे अपना भोजन बिना चबाए ही निगलना पड़ता है। खाने को पचाने के लिए उसे चबाना जरूरी है। इसलिए यह कंकड़-पत्थर खाता है, ताकि उसका निगला हुआ खाना कंकड़-पत्थर के घर्षण से टुकड़ों में बंट सके। लेकिन कील-धातु और रेल की पटरी खाने की बात तो अतिशयोक्तिपूर्ण है।

1.प्रश्न : बताइये कौन सा पक्षी पत्थर खाता है ?
उत्तर: आमतौर पर देखा जाता है कि पक्षी दाना चुगते है। लेकिन शुतुरमुर्ग एकमात्र ऐसा पक्षी है जो पत्थर खाता है।
2.प्रश्न : किस सब्जी के पेड़ पर एक भी पत्ता नहीं होता हैं?
उत्तर : केर की

कौन सी पक्षी है जो पत्थर खाती है? - kaun see pakshee hai jo patthar khaatee hai?

3.प्रश्न : फ्लिपकार्ट किस देश की कंपनी है ?
उत्तर : फ्लिपकार्ट भारत की एक ई-कॉमर्स कम्पनी है।

शुतुरमुर्ग (Ostrich) पक्षी कंकर पत्थर खाता है। शुतुरमुर्ग के दांत नहीं होने के कारण वह अपना खाना साबुत ही निगल जाता है। लेकिन उसके पेट में पचाने के लिए कंकड पत्थर खाने पड़ते हैं ताकि खाना पेट में जाकर आसानी से पिसकर पच जाये। इस तरह एक व्यस्क शुतुरमुर्ग अपने पेट में लगभग 1 किलो कंकड़ लेकर चलता है। अफ्रीका का निवासी उड़ान रहित यह बड़ा पक्षी वैसे तो बीज, घास, छोटे पेड़-पौधे, फल और फूल खाता है, लेकिन कभी कभार यह कीट पंतगें भी खा लेता है। शुतुरमुर्ग पक्षिओं की सबसे बड़ी जीवित प्रजातियों मे से है और यह किसी भी अन्य जीवित पक्षी प्रजाति की तुलना में सबसे बड़े अंडे देता है।....अगला सवाल पढ़े

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Web Title : Kaun Sa Pakshi Kankar Pathar Khata Hai

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