इस पेज पर हम प्रत्यय की जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने शब्दऔर वाक्य की जानकारी शेयर की हैं तो उन आर्टिकल्स को भी पढ़िए। चलिए इस पेज पर प्रत्यय की समस्त जानकारी उदाहरण सहित पढ़ते और समझते हैं। प्रत्यय वह शब्दांश हैं जो शब्द के अंत में जुड़कर उसके व्याकरणिक रूप या अर्थ में परिवर्तन कर देता हैं। वे अविकारी शब्दांश जो शब्दों के अंत में जुड़कर उनमें विशेषता या परिवर्तन लाते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं। प्रत्यय को परसर्ग भी कहा जाता है। जैसे :- आइन
(पण्डित + आइन = पण्डिताइन) ‘आइन’ शब्द का कोई खास अर्थ नहीं होता है, लेकिन जब यही शब्द पण्डित शब्द के पीछे लगता है तो पण्डित शब्द का अर्थ बदल देता है। तो यहाँ ‘आइन’ शब्द प्रत्यय है। उदाहरण :- संस्कृत व्याकरण में जो प्रत्यय शब्दों और मूल धातुओं से जोड़े जाते हैं वे संस्कृत के प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे :- त – आगत , विगत , कृत । प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं। 1.
क्रत प्रत्यय :- वे प्रत्यय जो क्रिया या धातु के अंत में लगकर एक नए शब्द बनाते हैं उन्हें कृत प्रत्यय कहा जाता है। कृत प्रत्यय से मिलकर जो प्रत्यय बनते है उन्हें कृदंत प्रत्यय कहते हैं। ये प्रत्यय क्रिया और धातु को नया अर्थ देते हैं। कृत प्रत्यय के योग से संज्ञा और
विशेषण भी बनाए जाते हैं। जैसे:- लिख + अकः = लेखकः कृत प्रत्यय के प्रकार 1. कर्तृवाचक कृत प्रत्यय :- जिस शब्द से किसी के कार्य को करने वाले का पता चले उसे कर्तृवाचक कृत प्रत्यय कहते हैं। जैसे :- अक = लेखक , नायक , गायक , पाठक अक्कड = भुलक्कड , घुमक्कड़ , पियक्कड़ आक = तैराक , लडाक आलू = झगड़ालू आकू = लड़ाकू , कृपालु , दयालु आड़ी = खिलाडी , अगाड़ी , अनाड़ी इअल = अडियल , मरियल , सडियल एरा = लुटेरा , बसेरा ऐया = गवैया , नचैया ओडा = भगोड़ा वाला = पढनेवाला , लिखनेवाला , रखवाला हार = होनहार , राखनहार , पालनहार ता = दाता , गाता , कर्ता , नेता , भ्राता , पिता , ज्ञाता। 2. विशेषणवाचक कृत प्रत्यय :- प्रत्यय के जिन क्रियापदों से विशेषण शब्द की रचना होती है उसे विशेषण वाचक कृत प्रत्यय कहते है । जैसे :- त = आगत , कृत तव्य = गन्तव्य , कर्तव्य य = पूज्य , खाघ अनीय =पठनीय , शोचनीय । 2. तद्धित प्रत्ययजो प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण के अंत में लगने के बाद नए शब्दों की रचना करते हैं , उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं । हिंदी में आठ प्रकार के तद्धित प्रत्यय होते हैं । उदाहरण :- वान :- यह किसी व्यक्ति की विशेषता दर्शाते समय उपयोग होता है। जैसे यह पहलवान बहुत बलवान है। धन + वान = धनवान ता ई ओं :- इसका उपयोग एकवचन शब्दों को बहुवचन शब्द बनाने के लिए किया जाता है। भाषा + ओं = भाषाओं याँ प्रत्यय के उदाहरण
प्रत्यय से सम्बंधित प्रश्न उत्तर1. रमणीय में कौन सा प्रत्यय हैं? उत्तर:- अनीय 2. इनमें से कौन शब्द य प्रत्यय से नहीं बना है? उत्तर:- पूजनीय 3. हर्षित में प्रत्यय हैं? उत्तर:- इत 4. भारतीय शब्द में प्रत्यय बताइए? उत्तर:- ईय 5. कुलीन में प्रत्यय बताइए? उत्तर:- ईन 6. राधेय में कौन सा प्रत्यय हैं? उत्तर:- एय 7. देहाती में कौन सा प्रत्यय हैं? उत्तर:- ई 8. तिहरा में कौन सा प्रत्यय हैं? उत्तर:- हरा 9. ननिआल में कौन सा प्रत्यय हैं? उत्तर:- आल 10. लघुत्व में प्रत्यय बताइए? उत्तर:- त्व 11. जो धातु या शब्द के अंत में जोड़ा जाता हैं उसे क्या कहते हैं? उत्तर:- प्रत्यय 12. निर्वासित में प्रत्यय हैं? उत्तर:- इत 13. लेखक शब्द के अंत में कौन सा प्रत्यय लगा हुआ हैं? उत्तर:- अक 14. अनुज शब्द को स्त्रीवाचक बनाने के लिए आप किस प्रत्यय का प्रयोग करेंगे? उत्तर:- आ 15. निम्नाकिंत में कौन-सा शब्द कृदन्त प्रत्यय से बना हैं? उत्तर:- बिकाऊ 16. किस शब्द में आवा प्रत्यय नहीं हैं? उत्तर:- लावा 17. इनमें कौन-सा शब्द समूहवाचक प्रत्यय नहीं हैं? उत्तर:- प्रेस 18. निम्न में से किस शब्द में प्रत्यय का प्रयोग हुआ हैं? उत्तर:- धनिक 19. कनिष्ठ शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय हैं? उत्तर:- इष्ठ 20. सावधानी शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय हैं? उत्तर:- ई 21. धुंधला शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय हैं? उत्तर:- ला 22. चिरायु शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय हैं? उत्तर:- चिर जरूर पढ़िए :
उम्मीद हैं आपको प्रत्यय की जानकारी पसंद आयी होगीं। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कीजिए धन्यवाद। कौन से शब्द में प्रत्यय नहीं है?कृत प्रत्यय के योग से संज्ञा और विशेषण भी बनाए जाते हैं । (i) लेख, पाठ, कृ, गै , धाव , सहाय , पाल + अक = लेखक , पाठक , कारक , गायक , धावक , सहायक , पालक आदि । (ii) पाल् , सह , ने , चर , मोह , झाड़ , पठ , भक्ष + अन = पालन , सहन , नयन , चरण , मोहन , झाडन , पठन , भक्षण आदि ।
प्रत्यय वाले शब्द कौन है?किसी भी धातु या शब्द के पश्चात् जुड़ने वाले शब्दांशों को प्रत्यय कहा जाता है। धातुओं में जुड़ने वाले प्रत्ययों को कृत् प्रत्यय कहते हैं। ये प्रत्यय तिङ् प्रत्ययों से भिन्न होते हैं। संज्ञा शब्दों में जुड़ने वाले प्रत्ययों को तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
प्रत्यय का उदाहरण क्या है?जैसे-मिलना-मिलनसार, होना-होनहार, आदि । धातु के बाद अक्कड़, आऊ, आक, आका, आड़ी, आलू, इयल, इया, ऊ, एरा, ऐत, ऐया, ओड़ा, कवैया इत्यादि प्रत्यय जोड़कर । जैसे-पी-पियकूड, बढ़-बढ़िया, घट-घटिया, इत्यादि ।
निम्नलिखित में कौन सा प्रत्यय?Important Points. |