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कोपेन ने जलवायु को कितने भागों में बांटा है?इसे सुनेंरोकेंकोपेन ने जलवायु को पांच समुहों A (उष्णकटिबंधीय), B (शुष्क), C (शीतोष्ण), D (महाद्वीपीय या शीतल हिम-वन), और E (ध्रुवीय) में वर्गीकृत किया था, जिसमें चार तापमान के आधार पर जबकि एक वर्षण के आधार पर है। बड़े अक्षर A, C, D, और E आद्र जलवायु को और B शुष्क जलवायु को निरुपित करता है। प्रश्न 1 जलवायु का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंमौसम और जलवायु किसी स्थान की दिन-प्रतिदिन की वायुमंडलीय दशा को मौसम कहते हैं और मौसम के ही दीर्घकालिक औसत को जलवायु कहा जाता है। दूसरे शब्दों में मौसम अल्पकालिक वायुमंडलीय दशा को दर्शाता है और जलवायु दीर्घकालिक वायुमंडलीय दशा को दर्शाता है। जलवायु से आप क्या समझते हैं जलवायु के मुख्य तत्व कौन से हैं? इसे सुनेंरोकेंजलवायु-मौसम के प्रमुख तत्वों-वायुदाब, तापमान, आर्द्रता, वर्षा तथा सौर प्रकाश की लम्बी अवधि के औसतीकरण (30 वर्ष या अधिक) को उस स्थान की जलवायु कहते हैं, जो उस स्थान की भौगोलिक स्थिति (अक्षांश एवं ऊँचाई), सौर प्रकाश, ऊष्मा, हवाएँ, वायुराशि, जल थल के आवंटन, पर्वत, महासागरीय धाराओं, निम्न तथा उच्च दाब पट्टियों, अवदाब एवं … कोपेन द्वारा जलवायु वर्गीकरण का क्या आधार है?इसे सुनेंरोकेंकोपेन द्वारा किया गया विश्व जलवायु का वर्गीकरण सामान्यतः सरल व सबसे ज्यादा प्रभावी है। इसके जलवायु वर्गीकरण का आधार तापमान व वर्षण का मासिक व वार्षिक मान/स्थिति है। कोपेन ने जलवायु वर्गीकरण कब किया?इसे सुनेंरोकेंकोपेन का जलवायु वर्गीकरण भारत के सन्दर्भ में I Kopen’s Climate classification with reference to India. ऑस्ट्रेलिया के जलवायु वैज्ञानिक कोपन महोदय ने 1931 एवं 1936 ई. राजस्थान में कौन सी जलवायु पाई जाती है? इसे सुनेंरोकेंउत्तर-पश्चिमी भारत में राजस्थान का जलवायु आम तौर पर शुष्क या अर्ध-शुष्क है और वर्ष भर में काफी गर्म तापमान पेश करता है, साथ ही गर्मी और सर्दियों दोनों में चरम तापमान होते हैं। भारत का यह राज्य राजस्थान उत्तरी अक्षांश एवं पूर्वी देशांतर पर स्थित है। इसे सुनेंरोकेंविवरण कोपेन ने जलवायु को पांच समुहों A (उष्णकटिबंधीय), B (शुष्क), C (शीतोष्ण), D (महाद्वीपीय या शीतल हिम-वन), और E (ध्रुवीय) में वर्गीकृत किया था, जिसमें चार तापमान के आधार पर जबकि एक वर्षण के आधार पर है। गोपी ने भारत को कितने जलवायु प्रदेशों में व्यक्त किया है?इसे सुनेंरोकेंउपर्युक्त कारकों के आधार पर कोपेन ने भारत को 5 मुख्य जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया है, जो निम्न है — A, B, C, D, तथा E। कोपेन ने पुनः वर्षा एवं तापमान के वितरण प्रतिरूप में मौसमी भिन्नता के आधार पर इन 5 मुख्य प्रकारों को पुनः 9 उप-प्रकारों में विभाजित किया है। भारत में कितने प्रकार की जलवायु है?इसे सुनेंरोकेंकोपेन के वर्गीकरण में भारत में छह प्रकार की जलवायु का निरूपण है किन्तु यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि भू-आकृति के प्रभाव में छोटे और स्थानीय स्तर पर भी जलवायु में बहुत विविधता और विशिष्टता मिलती है। भारत की जलवायु दक्षिण में उष्णकटिबंधीय है और हिमालयी क्षेत्रों में अधिक ऊँचाई के कारण अल्पाइन (ध्रुवीय जैसी)। जलवायु कितने प्रकार की है? इसे सुनेंरोकेंADVERTISEMENTS: तापमान के आधार पर पृथ्वी की जलवायु को तीन मुख्य वर्गों में रखा जा सकता है-उष्णकटिबंधीय, शीतोष्ण कटिबंधीय तथा ध्रुवीय । वर्षा के आधार पर शुष्क, आर्द्र, ऋतुवत् शुष्क तथा ऋतुवत् आर्द्र जलवायुविक प्रकारों की पहचान की जा सकती है । इसे सुनेंरोकेंकोपेन का जलवायु वर्गीकरण औसत वार्षिक एवं मासिक तापमान तथा वर्षा पर आधारित है कोपेन के अनुसार वनस्पति, जलवायु की समग्रता का सूचक है और जलवायु की सीमाएं वनस्पति की सीमाओं को ध्यान में रखकर निर्धारित की जाती है कोपेन ने वर्षा की प्रभावशीलता को महत्व दिया और बताया कि वनस्पति का विकास केवल वर्षा की मात्रा पर ही निर्भर नहीं … कोपेन की जलवायु विभाजन का मूल आधार क्या है?उत्तर प्रदेश में कितने कृषि जलवायु क्षेत्र पाए जाते हैं?इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर 3 है। इस उप-क्षेत्र में बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर, महाराजगंज, कुशीनगर और देवरिया जिले शामिल हैं। कोपेन का जलवायु वर्गीकरण : यूपीएससी के लिए भूगोल एनसीईआरटी नोट्स यहां पढ़ें!Gaurav Tripathi | Updated: अक्टूबर 26, 2022 16:45 IST This post is also available in: English (English) कोपेन का जलवायु वर्गीकरण प्रणाली (Koeppen’s climate classification system in Hindi) दुनिया में सबसे आम जलवायु वर्गीकरण प्रणालियों में से एक है। कोपेन का जलवायु वर्गीकरण प्रणाली (Koeppen’s climate classification system in Hindi) का उपयोग स्थानीय वनस्पति के आधार पर पृथ्वी पर विभिन्न जलवायु क्षेत्रों को दर्शाने के लिए किया जाता है। कोपेन का जलवायु वर्गीकरण (Koeppen’s Climate Classification in Hindi) वनस्पति-आधारित जलवायु वर्गीकरण के लिए व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली वर्गीकरण प्रणाली है। कोपेन का जलवायु वर्गीकरण (Koeppen’s Climate Classification in Hindi) प्रणाली एक जर्मन वनस्पतिशास्त्री और जलवायु विज्ञानी व्लादिमीर कोपेन द्वारा दी गई थी। इस वर्गीकरण प्रणाली के तहत, ऐसे कई सूत्र हैं जिन्हें दुनिया भर में वनस्पति क्षेत्रों या बायोम को उनकी जलवायु सीमाओं के अनुसार वर्गीकृत करने के लिए बाहर निकाला जाता है। 1990 तक, जलवायु वर्गीकरण को उपन्यास अवधारणाओं में से एक माना जाता था, लेकिन 1918 में कोपेन ने अपनी वर्गीकरण प्रणाली को संशोधित किया और पुनर्प्रकाशित किया, और 1940 में अपनी मृत्यु तक इस प्रणाली को संशोधित करना जारी रखा। इस अवधारणा को 1928 में एक मानचित्र के रूप में पेश किया गया था। सह-लेखक कोपेन के जलवायु वर्गीकरण में उनके छात्र रूडोल्फ गीगर हैं। यह लेख कोपेन का जलवायु वर्गीकरण (Koeppen’s Climate Classification) से संबंधित एनसीईआरटी नोट्स पर आधारित है जो आपकी आगामी यूपीएससी परीक्षा के लिए अतंत उपयोगी साबित हो सकता है। यूपीएससी के लिए कोपेन का जलवायु वर्गीकरण (एनसीईआरटी नोट्स): पीडीएफ के रूप में डाउनलोड करें!
आज़ादी का अमृत महोत्सव के बारे में भी जानें! जलवायु समूहों और उनकी प्रमुख विशेषताओं की सूची | List of climate groups and their major characteristics
कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार जलवायु के प्रकार | Types of Climate according to Koeppen’s classification
जोन | Zones
भारत में महारत्न कंपनियों की सूची यहां देखें! A – उष्णकटिबंधीय नम जलवायु | A – Tropical moist climate
B – शुष्क जलवायु | B – Dry Climates
यूपीएससी भूगोल सिलेबस : आईएएस प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए पीडीएफ डाउनलोड करें! C – हल्के सर्दियों के साथ नम मध्य-अक्षांश जलवायु | C – Moist Mid-Latitude Climates with Mild Winters
अनुच्छेद 356 या राष्ट्रपति शासन के बारे में हिंदी में भी पढ़ें! D – ठंडी सर्दियों के साथ नम मध्य-अक्षांश जलवायु | D – Humid mid-latitude climate with cold winters
लव वेव्स और रेले वेव्स के बारे में जानें! E – ध्रुवीय जलवायु | E – Polar Climate
H: हाइलैंड्स जलवायु | H: Highlands Climate
उष्णकटिबंधीय वर्षावन के बारे में पढ़ें! हमें उम्मीद है कि कोपेन का जलवायु वर्गीकरण प्रणाली (Koeppen’s climate classification system in Hindi) पर उपरोक्त एनसीईआरटी नोट्स आपके यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयोगी साबित होंगे। अधिक नोट्स और अद्यतन विवरण के लिए, टेस्टबुक ऐप डाउनलोड करें और कुछ ही समय में परीक्षा के लिए तैयार हो जाएं! कोपेन का जलवायु वर्गीकरण यूपीएससी एनसीईआरटी नोट्स – FAQsQ.1 बताएं कि कोपेन की जलवायु के आधार पर जलवायु का वर्गीकरण क्यों किया जाता है? Ans.1 जलवायु वर्गीकरण उनकी अक्षांशीय स्थिति, प्रत्येक क्षेत्र को प्राप्त होने वाले सौर विकिरण की मात्रा, वायु द्रव्यमान, उच्च और निम्न दबाव वाले क्षेत्रों, हवा के पैटर्न, महासागर के साथ ताप विनिमय, भूमि और समुद्र के प्रसार, स्थलाकृति, और ऊंचाई पर निर्भर करता है। Q.2 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण कितने प्रकार के होते हैं? Ans.2 कोपेन के अनुसार मुख्य रूप से छह जलवायु वर्गीकरण हैं। Q.3 जलवायु वर्गीकरण शब्द की व्याख्या करें? Ans.3 वह उपकरण जिसका उपयोग भौगोलिक क्षेत्रों के बीच जलवायु समानता और अंतर को पहचानने, स्पष्ट करने और सरल बनाने के लिए किया जाता है। इसलिए, ताकि हम पृथ्वी की जलवायु को बेहतर ढंग से समझ सकें, इसे जलवायु वर्गीकरण के रूप में जाना जाता है। यह वर्गीकरण तापमान, वर्षा और हिमपात जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जो जलवायु प्रक्रियाओं के बीच के पैटर्न और कनेक्शन को उजागर करता है। Q.4 किस श्रेणियों के आधार पर जलवायु वर्गीकरण दो प्रकार का होता है? Ans.4 आनुवंशिक और अनुभवजन्य जलवायु जैसी दो श्रेणियों के आधार पर इसे दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। Q.5 जलवायु के प्रमुख 6 कोपेन वर्गीकरण क्या हैं? Ans.5 जलवायु का प्रमुख 6 कोपेन जलवायु वर्गीकरण इस प्रकार है: A (उष्णकटिबंधीय) B (सूखा) C (समशीतोष्ण) D (महाद्वीपीय) E (ध्रुवीय) H (हाइलैंड्स)
कोपेन के जलवायु वर्गीकरण में अक्षर का अर्थ क्या है?विवरण कोपेन ने जलवायु को पांच समुहों A (उष्णकटिबंधीय), B (शुष्क), C (शीतोष्ण), D (महाद्वीपीय या शीतल हिम-वन), और E (ध्रुवीय) में वर्गीकृत किया था, जिसमें चार तापमान के आधार पर जबकि एक वर्षण के आधार पर है। बड़े अक्षर A, C, D, और E आद्र जलवायु को और B शुष्क जलवायु को निरुपित करता है।
कोपेन ने भारत की जलवायु को कितने भागों में बांटा?कोपेन के वर्गीकरण में भारत में छह प्रकार की जलवायु का निरूपण है किन्तु यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि भू-आकृति के प्रभाव में छोटे और स्थानीय स्तर पर भी जलवायु में बहुत विविधता और विशिष्टता मिलती है। भारत की जलवायु दक्षिण में उष्णकटिबंधीय है और हिमालयी क्षेत्रों में अधिक ऊँचाई के कारण अल्पाइन (ध्रुवीय जैसी)।
कोपेन जलवायु वर्गीकरण का कौन सी जलवायु भारत में पाई जाती है?उपर्युक्त कारकों के आधार पर कोपेन ने भारत को 5 मुख्य जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया है, जो निम्न है — A, B, C, D, तथा E। कोपेन ने पुनः वर्षा एवं तापमान के वितरण प्रतिरूप में मौसमी भिन्नता के आधार पर इन 5 मुख्य प्रकारों को पुनः 9 उप-प्रकारों में विभाजित किया है।
कोपेन का जलवायु वर्गीकरण के आधार पर बिहार के अधिकार भागो की जलवायु को क्या कहा जाता है?सही उत्तर Cwg है। कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, उत्तर बिहार की जलवायु को Cwg के रूप में समझाया जा सकता है। उत्तर बिहार की जलवायु गर्म और शीतोष्ण है। ग्रीष्मकाल में पर्याप्त मात्रा में वर्षा होती है जबकि सर्दियों में बहुत कम वर्षा होती है।
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