मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं, गुंज की माल गरें पहिरौंगी। Show यहाँ पर गोपियों की कृष्ण का प्रेम पाने की इच्छा और कोशिश का वर्णन किया गया है। कृष्ण गोपियों को इतने रास आते हैं कि उनके लिए वे सारे स्वांग करने को तैयार हैं। वे मोर मुकुट पहनकर, गले में माला डालकर, पीले वस्त्र धारण कर और हाथ में लाठी लेकर पूरे दिन गायों और ग्वालों के साथ घूमने को तैयार हैं। लेकिन एक शर्त है और वह यह है कि मुरलीधर के होठों से लगी बांसुरी को वे अपने होठों से लगाने को तैयार नहीं हैं। काननि दै अँगुरी रहिबो जबहीं मुरली धुनि मंद बजैहै। यहाँ पर गोपियाँ कृष्ण को रिझाने की कोशिश कर रही हैं। वे कहती हैं कि जब कृष्ण की मुरली की मधुर धुन बजेगी तो उसमें मगन होकर हो सकता है गायें भी अटारी पर चढ़कर गाने लगें, लेकिन गोपियाँ अपने कानों पर उंगली रख लेंगी ताकि उन्हें वो मधुर संगीत ना सुनाई पड़े। लेकिन गोपियों को ये भी डर है और ब्रजवासी भी कह रहे हैं कि जब कृष्ण की मुरली बजेगी तो उसकी टेर सुनकर गोपियों के मुख की मुसकान सम्हाले नहीं सम्हलेगी। उस मुसकान से पता चल जाएगा कि वे कृष्ण के प्रेम में कितनी डूबी हुई हैं। These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 11 सवैये. पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 6. प्रश्न 7. (ख) श्रीकृष्ण की मुसकान की मादकता के विषय में गोपी कहती हैं कि माई री, वह मुसकान इतना आकर्षक है कि मैं उससे बच नहीं पाऊँगी और मुझसे स्वयं को सँभाला नहीं जाएगा। प्रश्न 8. प्रश्न 9.
रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 10. प्रश्न
11. पाठेतर सक्रियता • सूरदास द्वारा रचित कृष्ण के रूप-सौंदर्य संबंधी पदों को पढ़िए। Hope given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 11 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. Learn Insta try to provide online tutoring for you. कवि कृष्ण की लाठी और कंबल के लिए क्या त्यागने को तैयार है?कवि के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं - कृष्ण | उसे कृष्ण के अतिरिक्त कुछ नहीं चाहिए । इसलिए उनकी एक - एक वस्तु उसके लिए कीमती है। उसके लिए कृष्ण से संबंधित कोई भी वस्तु कृष्ण की प्राप्ति के समान है। अतः वह कृष्ण की उत्तर : लाठी और कंबल के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार है ।
रसखान श्री कृष्ण का सानिध्य पाने के लिए क्या क्या कामना करते हैं?कवि श्रीकृष्ण का सान्निध्य पाने के लिए नाना प्रकार की सुख-सुविधाएँ त्यागने को तैयार है। वह तीनों लोकों के साम्राज्य का सुख, आठों सिद्धियों तथा नौ निधियों के वैभव तथा करोड़ों सोने के महलों का सुख त्यागने को तैयार हैं। कवि को कृष्ण और उनसे जुड़ी हर वस्तु से विशेष लगाव है। उन वस्तुओं से कृष्ण की यादें जुड़ी हुई हैं।
कवि श्री कृष्ण की लकुटी और कंबल के लिए क्या त्याग देना चाहता है?कवि श्रीकृष्ण का अनन्य भक्त है। वह कृष्ण की हर वस्तु से प्रेम करता है। श्रीकृष्ण गायों को चराते समय यह लकुटी और कामरिया (छोटा कंबल) अपने साथ रखते थे। यह लकुटी और कामरिया कोई साधारण वस्तु न होकर कृष्ण से संबंधित वस्तुएँ थीं, इसलिए कवि उन पर सब कुछ न्योछावर करने को तैयार है।
कृष्ण का सामीप्य पाने के लिए कवि क्या कामना करता है?मित्र कवि कृष्ण की भक्ति पाने के लिए मनुष्य रुप में ग्वाला, पशु रूप में गाय, पर्वत के रुप में गोवर्धन तथा वृक्ष के रुप में कदंब बनना चाहते हैं।
|