क्वथनांक में उन्नयन निर्धारण की एक प्रायोगिक विधि का नाम लिखिए। - kvathanaank mein unnayan nirdhaaran kee ek praayogik vidhi ka naam likhie.

इस लेख में हमलोग क्वथनांक क्या है (boiling point in hindi)  क्वथनांक में उन्नयन क्या है, क्वथनांक में उन्नयन के कारण, क्वथनांक में उन्नयन का सूत्र, क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक की परिभाषा तथा संबंधित प्रश्नों के बारे में पढने वाले है.

क्वथनांक की परिभाषा क्या है (boiling point definition in hindi)

वह निश्चित ताप जिस पर किसी द्रव का वाष्प दाब वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है, द्रव का क्वथनांक(boiling point in hindi) कहलाता है

        या

वह निश्चित ताप जिस पर कोई द्रव उबलने लगता है, उस द्रव का क्वथनांक कहलाता है

उपरोक्त परिभाषा से यह स्पष्ट है कि क्वथनांक (boiling point in hindi) एक ताप है जिस पर कोई द्रव उबलने लगता है यह जिस पर द्रव का वाष्प दाब वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है।

उदाहरण के लिए जल 373.15 K (100o C) पर उबलता है क्योंकि इस ताप पर जल का वाष्प दाब वायुमंडलीय दाब 1.013 bar (1 वायुमंडलीय) हो जाता है।

जब हमलोग ऊँचे स्थानों जैसे पहाड़ो पर जाते है तब वहां पर वायुमंडलीय दाब घट जाता है जिसके कारण द्रव का क्वथनांक भी घट जाता है।

इसी प्रकार से जब प्रेशर कुकर को ढक्कन लगाकर बंद किया जाता है तब प्रेशर कुकर के अन्दर दाब काफी बढ़ जाता है जिसके फलस्वरूप द्रव का क्वथनांक भी बढ़ जाता है और भोजन जल्दी पक जाता है।

क्वथनांक में उन्नयन (elevation in boiling point in hindi)

ऐसा पाया गया है कि विलयन का क्वथनांक शुद्ध विलायक के क्वथनांक अधिक होता है। क्वथनांक में वृद्धि क्वथनांक में उन्नयन कहलाता है।

दुसरे प्रकार से इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि  शुद्ध विलायक का क्वथनांक कम होता है लेकिन जब शुद्ध विलायक में विलेय मिलाया जाता है तब बनने वाले विलयन का क्वथनांक बढ़ जाता है। कहने का अर्थ यह है कि किसी शुद्ध विलायक का क्वथनांक विलयन के क्वथनांक(boiling point in hindi) की तुलना में कम होता है।

यदि शुद्ध विलायक का क्वथनांक Tb0 हो तथा विलयन का क्वथनांक Tb हो तो Tb > Tb0  क्योंकि विलयन का क्वथनांक शुद्ध विलायक के क्वथनांक से अधिक होता है।

विलयन का क्वथनांक तथा शुद्ध विलायक के क्वथनांक के अंतर को विलयन के क्वथनांक में उन्नयन(elevation in boiling point) कहा जाता है।

इसे ΔTb से सूचित किया जाता है।

इस प्रकार

ΔTb = Tb – Tb0

उपरोक्त व्यंजक को इस प्रकार से भी लिखा जा सकता है।

Tb = Tb0 + ΔTb 

यदि हमे शुद्ध विलायक का क्वथनांक तथा क्वथनांक में उन्नयन का मान ज्ञात हो तो विलयन का क्वथनांक ज्ञात किया जा सकता है।

नोट :- क्वथनांक में उन्नयन भी एक अणुसंख्य गुणधर्म है। (ऐसा गुण जो विलयन में केवल विलेय कणों की संख्या पर निर्भर करता है उसके रासायनिक प्रकृति पर नहीं, अणुसंख्य गुणधर्म कहलाता है।)

क्वथनांक में उन्नयन के कारण –

हम जानते है कि विलयन का वाष्प दाब शुद्ध विलायक के वाष्प दाब से कम होता है। साथ ही जब हम ताप बढ़ाते है तब वाष्प दाब भी बढ़ता है। चूंकि विलयन का वाष्प दाब कम होता है और इसीलिए इसके वाष्प दाब को बढाकर वायुमंडलीय दाब के बराबर करने के लिए गर्म किया जाता है जिसके फलस्वरूप विलयन का क्वथनांक(boiling point in hindi) बढ़ जाता है।

क्वथनांक में उन्नयन को वाष्प दाब और ताप के बीच के आलेख के आधार पर भी समझा जा सकता है जो नीचे दिया गया है-

क्वथनांक में उन्नयन निर्धारण की एक प्रायोगिक विधि का नाम लिखिए। - kvathanaank mein unnayan nirdhaaran kee ek praayogik vidhi ka naam likhie.

ऊपर के ग्राफ में हम यह देख सकते है कि ताप अक्ष पर दायीं तरफ बढ़ने पर लाल रंग की रेखा ऊपर की ओर बढती है जो यह दर्शाती है कि ताप बढ़ाने के साथ शुद्ध विलायक का वाष्प दाब बढ़ता है। साथ ही यह भी देखा जा सकता है कि ताप बढ़ाने पर विलयन का वाष्प दाब भी बढ़ता है जिसे नीले रंग की रेखा प्रदर्शित कर रही है।

किसी भी ताप पर विलयन का वाष्प दाब विलायक के वाष्प दाब से कम होता है क्योंकि विलयन के वाष्प दाब का वक्र विलायक के वाष्प दाब के वक्र से नीचे है(किसी भी एक ताप पर नीली रेखा लाल रेखा से नीचे है।अतः विलयन का वाष्प दाब विलायक के वाष्प दाब से कम है)।

वे ताप जिस पर विलायक और विलयन का वाष्प दाब वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है क्रमशः Tb0 तथा Tb है। स्पष्ट रूप से Tb0 तथा Tb  का अंतर क्वथनांक में उन्नयन कहलाता है और इसे ΔTb = Tb – Tb0 से व्यक्त किया जाता है जो आलेख में प्रदर्शित है।

क्वथनांक में उन्नयन के लिए व्यंजक –

किसी तनु विलयन के क्वथनांक में उन्नयन( ΔTb) विलयन में उपस्थित विलेय के मोललता(m) के समानुपाती होता है।

अर्थात  ΔTb ∝ m

ΔTb = Kb ·  m

यहाँ Kb एक नियतांक है जिसे मोलल उन्नयन स्थिरांक या क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक(molal elevation constant or ebullioscopic constant) कहा जाता है तथा m विलयन में विलेय की मोललताहै।

इसे क्वथनांक में उन्नयन के लिए रॉल का नियम भी कहा जाता है।

यदि m = 1 तो

ΔTb = Kb ·  m से 

ΔTb = Kb ·  1 

ΔTb = Kb 

उपरोक्त समीकरण से मोलल उन्नयन स्थिरांक की परिभाषा दी जा सकती है-

मोलल उन्नयन स्थिरांक या क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक की परिभाषा- 

” यदि किसी विलयनमें विलेय की मोललता एक हो तो उस विलयन के क्वथनांक में उन्नयन को मोलल उन्नयन स्थिरांक कहा जाता है।”

या

” 1 kg विलयन में विलेयके एक मोल घोलने पर विलयन के क्वथनांक में होने वाला उन्नयन मोलल उन्नयन स्थिरांक कहलाता है।”

क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक की इकाई- 

हम पहले ही जान चुके है कि  ΔTb = Kb ·  m 

अर्थात   Kb = ΔTb / m

Kb की इकाई  = ताप की इकाई / मोललता की इकाई

= K kg mol-1 या  oC kg mol-1

क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक की इकाई केल्विन किलोग्राम प्रति मोल या डिग्री सेल्सियस किलोग्राम प्रति मोल होती है।

कुछ द्रवों के क्वथनांक तथा क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक –

विलायक

क्वथनांक (K) Kb (K kg mol-1)

जल (H2O)

373.15

0.52

बेंजीन (C6H6)

353.3

2.53

एथिल अल्कोहल (C2H5OH)

351.5

1.20

कार्बन डाइसल्फाइड (CS2)

319.4

2.34

क्लोरोफॉर्म (CHCl3)

334.4

3.63

ईथर (C2H5OC2H5)

307.8

2.02

कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl4)

350.0

5.03

साइक्लोहेक्सेन (C6H12)

353.74

2.79

ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH)

391.1

2.93

माना  w2 ग्राम विलेय w1 ग्राम विलायकमें घुला हुआ है। यदि विलेय का आण्विक द्रव्यमान M2 हो तो विलयन की मोललता 

m = (w2 / M2) / (w1 /1000)

m = 1000 · w2 / M2 ·  w1

समीकरण  ΔTb = Kb ·  m से 

ΔTb = Kb ·  1000 · w2 / M2 ·  w1

M2 = Kb ·  1000 · w2 / ΔTb ·  w1

ऊपर के दो सूत्र में पहले सूत्र का प्रयोग क्वथनांक में उन्नयन (elevation in boiling point in hindi) ज्ञात करने में किया जा सकता है तथा दुसरे सूत्र का प्रयोग विलेय का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात करने में किया जा सकता है। हलांकि दोनों सूत्र एक ही है अंतर इतना है कि पहले को थोडा व्यवस्थित करके दुसरे को प्राप्त किया गया है।

क्वथनांक से संबंधित आंकिक प्रश्न  

प्रश्न – जल का क्वथनांक क्या होता है ?

(a) 0 डिग्री सेल्सियस 

(b) 100 डिग्री फारेनहाईट 

(c) 50 डिग्री सेल्सियस 

(d) 100 डिग्री सेल्सियस 

उत्तर – (d) 100 डिग्री सेल्सियस 

प्रश्न – जब दाब घटता है तो क्वथनांक में क्या होता है ?

(a) घट जाता है

(b) बढ़ जाता है

(c) पहले घटता है और उसके बाद बढ़ता है

(d) पहले बढ़ता है और उसके बाद घटता है

उत्तर – (a) घट जाता है

व्याख्या – वह ताप जिस पर किसी द्रव का वाष्प दाब वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है, क्वथनांक कहलाता है.

जब दाब घटता है तो कम ताप पर ही किसी द्रव का वाष्प दाब वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है. इसीलिए दाब के घटने से क्वथनांक घटता है.

प्रश्न – किसी विलयन के क्वथनांक में उन्नयन समानुपाती होता है-

(a)  मोलरता के 

(b) मोललता के 

(c) मोल भिन्नांक के 

(d) नॉर्मलता के 

उत्तर –  (b) मोललता के 

व्याख्या – विलयन के क्वथनांक में उन्नयन विलेय के मोललता के समानुपाती होता है

प्रश्न –  विलयन के अणु संख्य गुणधर्म का उदाहरण है-

(a) घनत्व 

(b) द्रव्यमान

(c) क्वथनांक में उन्नयन 

(d) ताप 

उत्तर – (c) क्वथनांक में उन्नयन

व्याख्या – हम जानते है कि अणुसंख्य गुणधर्म की संख्या चार है – 

(i) वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन 

(ii) क्वथनांक में उन्नयन 

(iii) हिमांक में अवनमन 

(iv) परासरणी दाब 

प्रश्न – विलायक के 1000 ग्राम में किसी पदार्थ (विलेय) का एक मोल घोलने से क्वथनांक में जो वृद्धि होती है, उसे विलायक का क्या कहा जाता है –

(a) क्वथनांक 

(b) क्वथनांक में उन्नयन

(c) मोलल उन्नयन स्थिरांक

(d) हिमांक अवनमन स्थिरांक

उत्तर – (c) मोलल उन्नयन स्थिरांक

व्याख्या – मोला उन्नयन स्थिरांक के परिभाषा से किसी  विलायक के 1000 ग्राम में किसी विलेय के एक मोल घोलने से क्वथनांक में जो वृद्धि होती है, उसे विलायक का क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक कहा जाता है।

प्रश्न – किसी विलायक में ठोस पदार्थ को घोलने पर उसका क्वथनांक-

(a) कम हो जाता है 

(b) बढ़ जाता है 

(c) नहीं बदलता है 

(d) उपरोक्त में से कोई नहीं 

उत्तर – (b) बढ़ जाता है 

प्रश्न – क्वथनांक उन्नयन की इकाई है – 

(a)  K kg mol-1 अथवा K (मोललता )-1

(b)  K-1 kg mol अथवा  K-1 (मोललता)

(c)  kg mol-1 K-1 अथवा  K-1 (मोललता )-1

(d)  K mol kg-1 अथवा K (मोललता )

उत्तर – (a)  K kg mol-1 अथवा K (मोललता )-1

व्याख्या – क्वथनांक उन्नयन की इकाई होती है –K kg mol-1

प्रश्न – ऊँचे स्थानों पर जल का क्वथनांक घट जाता है क्योंकि – 

(a)  वायुमंडलीय दाब अधिक हो जाता है 

(b)  ताप निम्न हो जाता है 

(c) वायुमंडलीय दाब कम हो जाता है

(d)  ताप अधिक होता है 

उत्तर – (c)  वायुमंडलीय दाब कम हो जाता है 

व्याख्या – ऊँचे स्थानों पर वायुमंडलीय दाब में कमी हो जाने से जल का क्वथनांक कम हो जाता है क्योंकि वायुमंडलीय दाब के कम होने से कम ताप पर ही द्रव का वाष्प दाब वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है।

प्रश्न – प्रेशर कुकर में भोजन जल्दी पाक जाता है क्योंकि – 

(a)  उष्मा का समान वितरण होता है 

(b)  कुकर के अन्दर जल का क्वथनांक बढ़ जाता है

(c) कुकर के अन्दर जल का क्वथनांक घट जाता है 

(d)  इनमे से कोई नहीं  

उत्तर – (b)  कुकर के अन्दर जल का क्वथनांक बढ़ जाता है

व्याख्या – कुकर के अन्दर दाब काफी अधिक होता है जिसके कारण द्रव का क्वथनांक बढ़ जाता है इसका परिणाम यह होता है कि उबलने के लिए और  अधिक उष्मा की जरूरत होती है और भोजन जल्दी पक जाता है ।

प्रश्न – किसी तनु विलयन का अणु संख्य गुणधर्म निम्नांकित में से किस पर निर्भर करता है – 

(a) विलेय की प्रकृति पर 

(b) विलायक की प्रकृति पर

(c) विलेय और विलायक कणों की आपेक्षिक संख्या पर 

(d) उपरोक्त में से कोई नहीं 

उत्तर – (c) विलेय और विलायक कणों की आपेक्षिक संख्या पर 

व्याख्या –  ऐसा गुण जो विलयन में केवल विलेय कणों की संख्या पर निर्भर करता है उसके रासायनिक प्रकृति पर नहीं, अणुसंख्य गुणधर्म कहलाता है।

अणुसंख्य गुणधर्म के परिभाषा से ही स्पष्ट है कि यह कणों की संख्या पर निर्भर करती है उसके प्रकृति पर नहीं।

प्रश्न – किस जलीय विलयन का क्वथनांक सर्वाधिक होगा ?

(a) 0.1 M KNO3

(b) 0.1 M Na3PO4

(c) 0.1 M BaCl2

(d) 0.1 M K2SO4 

उत्तर – (b) 0.1 M Na3PO4

व्याख्या – Na3PO4 के लिए van’t Hoff factor (i) का मान सबसे अधिक होगा इसीलिए इसका क्वथनांक में उन्नयन सबसे अधिक होगा।

प्रश्न – एक बर्तन में 18 ग्राम ग्लूकोस (C6 H12 O6) को 1 किलोग्राम जल में घोला गया. वायुमंडलीय दाब पर (1.013 bar दाब पर) यह जल किस ताप पर उबलेगा ? (जल के लिए Kb का मान 0.52 K kg mol-1 है)

हल – दिया है 

ग्लूकोस का द्रव्यमान = 18 gm 

ग्लूकोस का आण्विक द्रव्यमान = 180 gm 

ग्लूकोस के मोलों की संख्या = 18 gm / 180 gm 

    = 0.1 

विलायक का द्रव्यमान = 1 kg 

विलयन में ग्लूकोस की मोललता(m) = ग्लूकोस के मोलों की संख्या / विलायक का द्रव्यमान(kg में)

= 0.1 mol / 1 kg

    = 0.1 mol /kg 

ΔTb = Kb ·  m से 

ΔTb = 0.52 K kg mol-1 · 0.1 mol /kg 

         = 0.052 K

चूंकि वायुमंडलीय दाब पर जल 373.15 K पर उबलता है।  

इसीलिए  विलयन का क्वथनांक

Tb = Tb0 + ΔTb 

= 373.15 K + 0.052 K

Tb  = 373.202 K

अतः विलयन 373.202 K ताप पर उबलेगा।

प्रश्न – बेंजीन का क्वथनांक 353.23 K है। 1.80 gm अवाष्पशील विलेय को 90 gm बेंजीन में घोलने पर विलयन का क्वथनांक बढ़कर 354.11 K हो जाता है।विलेय के मोलर द्रव्यमान की गणना करें। बेंजीन के लिए Kb का मान 2.53 K kg mol-1 है।

हल – दिया गया है 

विलेयका द्रव्यमान(w2) = 1.80 gm 

विलायकका द्रव्यमान(w1) = 90 gm 

विलायक(बेंजीन)का क्वथनांक  = 353 .23 K 

विलयन का क्वथनांक = 354.11 K

क्वथनांक में उन्नयन(ΔTb) = 354.11K- 353.23K = 0.88 K

M2 = Kb ·  1000 · w2 / ΔTb ·  w1 से

M2 = 2.53 K kg mol-1 ·  1000 · 1.80 gm / 0.88 K · 90 gm 

= 58 gm  mol-1

1 क्वथनांक के उन्नयन से आप क्या समझते हैं ?`?

किसी विलायक में कोई विलेय मिलाने पर, विलायक के क्वथनांक बढ़ जाने की प्रक्रिया क्वथनांक उन्नयन (Boiling-point elevation) कहलाती है। यह तब होता है जब कोई अवाष्पशील विलेय (जैसे, नमक) किसी शुद्ध विलायक (जैसे, जल) में मिश्रित कर दिया जाता है।

आप क्वथनांक विधि में उन्नयन द्वारा विलेय के आणविक द्रव्यमान की गणना कैसे करेंगे?

जल के मोल-अंश की गणना निम्नलिखित प्रकार से भी की जा सकती है। (vi) मोलरता एक लीटर (1 क्यूबिक डेसीमीटर) विलयन में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या को उस विलयन की मोलरता (M) कहते हैं। उदाहरणार्थ NaOH के 0.25 mol L' (0.25 M) विलयन का तात्पर्य है कि NaOH के 0.25 मोल को 1 लीटर (एक क्यूबिक डेसीमीटर) विलयन में घोला गया है।

क्वथनांक के उन्नयन के लिए राउल्ट का नियम क्या है?

Solution : विलयन के घटक का आंशिक वाष्प दबाव उसके मोल प्रभाज के समानुपाती होता है। चूंकि अवाष्‍पित विलय को शुद्ध विलायक में घुलाने से उसका क्वथनांक का उन्नयन हो जाता है जिसे राउल्ट नियम कहते हैं।

क्वथनांक का उन्नयन क्या है क्वथनांक के उन्नयन और विलेय के दाढ़ द्रव्यमान के बीच संबंध ज्ञात कीजिए?

हम जानते हैं कि क्वथनांक उन्नयन `Delta T_b) prop` मोललता (m) <br> `DeltaT_b = K_(b) m " " .... (1)` <br> जहाँ `K_b` = स्थिरांक (मोलल क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक) है। <br> हम जानते हैं कि 1000 ग्राम विलायक में उपस्थित विलेय के मोलों की संख्या उस विलयन की मोललता कहलाती है।