बच्चों में स्मार्टफोन का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है. खासकर कोरोना वायस महामारी के दौरान पढ़ाई से लेकर गेमिंग तक के लिए बच्चे स्मार्टफोन पर निर्भर हो गए थे. बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन उन्हें एक नई दुनिया से रू-ब-रू कराता है. ऐसे में बच्चों को कब और कौन सा फोन देना चाहिए, इस पर बहुत से लोग विचार करते हैं. Show
स्मार्टफोन आज के दौर की जरूरत बनता जा रहा है. इसके बहुत से फायदे तो कई नुकसान भी हैं. शुरुआत में पैरेंट्स बच्चों को उलझाए रखने के लिए स्मार्टफोन देते हैं, लेकिन बाद में बच्चों में इसकी लत एक बड़ी समस्या बन जाती है. वहीं एक सवाल ये भी आता है कि किस उम्र में बच्चों को स्मार्टफोन देना चाहिए. इंटरनेट आज के दौर में एक बड़ी जरूरत बन चुका है. स्मार्टफोन, इंटरनेट, सोशल मीडिया एक ऐसी दुनिया से आपको कनेक्ट करते हैं, जो हर तरह की जानकारियों का समुद्र है. यहां आपके सामने हर शब्द से जुड़े वीडियो, आर्टिकल और फोटोज समेत तमाम डिटेल्स आती हैं. किस उम्र में बच्चों को देना चाहिए फोन?Common Sense Media के रिसर्च के मुताबिक, 11 साल तक की उम्र के 53 परसेंट बच्चों के पास स्मार्टफोन होता है. वहीं 12 साल के उम्र में ये आंकड़ा बढ़कर 69 परसेंट हो जाता है. यानी सिर्फ एक साल की उम्र के गैप को देखकर आप समझ सकते हैं कि ज्यादातर बच्चों को स्मार्टफोन किस उम्र में मिल रहा है. साल 2015 के मुकाबले 2019 में 9 साल की उम्र के लगभग 26 परसेंट बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन होता है. क्या इन बच्चों को इंटरनेट की दुनिया में खुला छोड़ देना चाहिए. इसका फैसला बतौर पैरेंट आपको करना होगा. हालांकि, आप चाहें तो स्मार्टफोन पर पैरेंट कंट्रोल की सेटिंग ऑन करके कंटेंट पर लगाम लगा सकते हैं. क्या अल्टरनेटिव हैं आपके पास?वहीं अगर स्मार्टफोन जरूरी नहीं हो, तो आप इसके कुछ अल्टरनेटिव ट्राई कर सकते हैं. आप चाहें तो बच्चों को फीचर्ड फोन भी दे सकते हैं. वहीं मार्केट में कुछ ऐसे फोन भी आते हैं, जिन्हें खासतौर पर बच्चों के लिए डिजाइन किया जाता है. पहले फोन के रूप में आप बच्चों को ऐसे हैंडसेट भी दे सकते हैं. वहीं बच्चों को पहला स्मार्टफोन देते हुए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. साइबरबुलिंग, डिजिटल लिटरेसी, सोशल मीडिया जैसे बहुत से टॉपिक पर आपको अपने बच्चों को जानकारी देनी चाहिए. उन्हें इंटरनेट की दुनिया में भेजने से पहले तैयार करना चाहिए. अपने बच्चों को स्मार्टफोन देते हुए फोन पर पैरेंटल कंट्रोल जरूर लगाएं, जिससे उनके पास फिल्टर्ड कंटेंट पहुंचेगा. विकास और प्रौद्योगिकी के इस बदलते दौर में मोबाइल मानव जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। एक पल के लिए भी कोई इसे खुद से दूर नहीं करना चाहता है। इसी का नतीजा है कि माता-पिता की देखा-देखी आज छोटे-छोटे बच्चे भी इसके आदी हो गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाड-प्यार के कारण आपने जिस उपकरण को अपने बच्चे की जिंदगी में दाखिल किया है, आगे चलकर वह आपके बच्चे की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इसी विषय को ध्यान में रखते हुए हम मॉमजंक्शन के इस लेख में आपको बच्चों में मोबाइल की लत के कारण, इसके जोखिम कारक और इसे छुड़ाने के कुछ उपाय संबंधी जानकारी देने जा रहे हैं। अन्य विषयों के संबंध में जानकारी हासिल करने से पहले हम बच्चों में मोबाइल के प्रति आकर्षण के कारण को जान लेते हैं। क्यों बच्चे मोबाइल से इतना अट्रैक्ट होते हैं?विशेषज्ञों के मुताबिक 6 माह के नवजात तरह-तरह के चित्र और रंगों को देखकर आकर्षित होते हैं (1)। यही कारण है कि मोबाइल के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ जाता है। मोबाइल से निकलने वाली रोशनी और उस पर नजर आने वाले चित्र बच्चों को अपनी ओर खींचते हैं। साथ ही मोबाइल की आवाज भी बच्चों में उसके बारे में जानने और उसे छूने की उत्सुकता पैदा करती है। लेख के आगे के भाग में हम मोबाइल से बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानेंगे। मोबाइल का बच्चों पर पड़ता दुष्प्रभाव | Bacho Ko Mobile Se Nuksanबच्चों में मोबाइल फोन के उपयोग के कई दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं (2) (3)।
बच्चों में मोबाइल के दुष्प्रभावों को जानने के बाद हम इस लत के लगने के कारण जानेंगे। क्यों लगती है बच्चों को मोबाइल की लत?बच्चों में मोबाइल की लत लगने के कारणों को हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं।
बच्चों को मोबाइल की लत क्यों लगती है, इसके कारण जानने के बाद अब हम आपको इस लत को छुड़ाने के उपाय बताएंगे। बच्चे की मोबाइल की लत छुड़ाने के उपाय | Baccho Ka Mobile Kaise Chhudayeइन खास बातों को अपनाकर बच्चों से मोबाइल की लत छुड़ाई जा सकती है।
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लेख के आगे के भाग में हम मोबाइल फोन से होने वाले जोखिमों से बच्चों का बचाव कैसे करें इस बारे में जानेंगे। बच्चों को मोबाइल फोन के जोखिम से बचाने के लिए सुझावमोबाइल फोन के जोखिम से बच्चों को बचाने के लिए निम्न बातों को जरूर ध्यान में रखें।
हालांकि, मोबाइल आपके जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, लेकिन इसके बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लेख में आपको इसके नुकसानों के बारे में अच्छे से समझाया गया है। वहीं बच्चों को मोबाइल की लत न लगे इसके लिए भी कुछ आसान उपाय बताए गए हैं। इसके विपरीत अगर आपका बच्चा मोबाइल में चिपका रहता है, तो उसे मोबाइल से दूर करने के कुछ विकल्प भी आपको लेख के माध्यम से सुझाए गए हैं। इन्हें अपनाकर आप बच्चों को भविष्य में आने वाले बड़े जोखिमों से बचा सकती हैं। इस विषय में कोई अन्य सवाल और सुझाव हों, तो आप उन्हें नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। References:MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy. कितने साल के बच्चों को फोन मिलना चाहिए?कब जरूरी है बच्चे के लिए मोबाइल फोन
ऐसे मामले में आप अपने बच्चे को एक बेसिक सा मोबाइल फोन दे सकते हैं जिसमें सिर्फ कॉलिंग और कॉल रिसीव करने के फंक्शन हों। लेकिन ये मोबाइल फोन भी उन्हें 10 साल की उम्र के बाद ही दिया जाना चाहिए, ऐसा एक्सपर्ट्स का मानना है।
बच्चे मोबाइल मांगे तो क्या करना चाहिए?बच्चों को मोबाइल से दूर रखने का सबसे अच्छा उपाय है कि उन्हें आउटडोर गेम या एक्टिविटी में इंवॉल्व करें. आप उन्हें बाहर खेलने, साइकिल चलाने, गार्डनिंग, आदि के लिए भी मोटिवेट कर सकते हैं. बेहतर होगा कि आप बच्चों को कम उम्र में मोबाइल देने से बचें.
मोबाइल फोन रखने की सबसे अच्छी उम्र क्या है?14 साल की उम्र पर्सनल स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की अच्छी है। इस उम्र में टीनएज की शुरुआत होती है और उसमें विद्रोही व्यवहार भी डेवलप होने लगता है।
1 दिन में कितने घंटे मोबाइल चलाना चाहिए?एक व्यक्ति को एक दिन में लगभग 1 से 2 घंटे फ़ोन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मोबाइल चलाने से हमारे आखों और मानशिक में काफी तनाव पड़ता है।
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